सुविचार 501

नरिअलवा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मेड़राय

उजे खवरी जनइबो आदित्य से
सुगा दिहन जुठियाय
उजे मरवो रे सुग्गा धनुस से, ओह पर सुगा मेड़राय
उजे खवरी जनइबो आदित्य से,
सुगा दिहन जुठियाय
उजे मरवो रे सुग्गा धनुस से, सुगा जइहें मुरझाय
अमरुधवा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मेड़राय
केलवा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मेड़राय
उजे खबरी जनयवो आदित से
मरबो रे सुगा धनुष से, सुगा जइहें मुरझाय
नरिअलवा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मेड़राय.

Submit a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected