सुविचार 825

मनुष्य विपरीत परिस्थितियों में भी कैसे खुश रह सकता है – यह मंत्र अगर आप को आ गया, तो समझिए जीवन अनमोल है, वरना हम लोग जीवन को जहर समझ कर ही पीते रहते हैं और हर छोटी छोटी बात का रोना रोते रहते हैं. “जीवन इतना कष्टमय और दुखदायी नहीं है, जितना हम समझते हैं.”

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