A liar will not be believed, even when he speaks the truth. You will never be free until you free yourself from the prison of your own false thoughts. __ झूठ आखिर झूठ ही रहता है ..!! _शुरू में चलता है ..फिर भसक जाता है..!! _यह ब्याज [ Interest ] सहित आपके पास वापस आएगा.!! और __ झूठ बोले बिना किसी कि _ तारीफ़ ही नहीं होती है ,, अब कोई करे भी तो क्या करे !!! ऐसा नहीं है कि हम उन्हें सच समझने की भूल करेंगे. वास्तविक ख़तरा यह है कि, यदि हम पर्याप्त झूठ सुनते हैं, तो हम सत्य को बिल्कुल भी नहीं पहचान पाते हैं. इस तरह हम अपनी ही ग़लत छवि के साथ जीने लगते हैं. _ जो लोग सच के साथ जीते हैं, वे कहते हैं, ‘ जीभ जली तो क्या हुआ ‘, स्वयं का स्वाद तो पाया !!! _ यह सिर्फ हमें यह स्मरण दिलाती है कि हम कितने दुखी हैं. _ और झूठ बोले बिना किसी की प्रशंसा नहीं होती.. यदि हम जीवन में झूठ का सहारा लेते हैं तो यह मानसिक तनाव का कारण बनकर हमारे जीवन की सरलता को समाप्त कर देता है॥ अधिकांश समय, इस प्रकार से बोला गया झूठ बाद में, जब पलट कर आप पर वापस आता है तो आपको अपमानित होना पड़ता है. सच पवित्र होता है, जो सीधे दिल से आता है. लेकिन समझदार लोग आपसे जरूर दूरी बना लेंगें. _ चिल्लाते वे लोग हैं जिनके पास कोई नई बात नहीं होती, _ अपनी बात नहीं होती, तर्क नहीं होते, ऑथेंटिसिटी नहीं होती. _ जिसकी गहराई कभी नहीं नापी जा सकती. _ पर कल तो बिलकुल नहीं .. …तो सब कुछ खत्म कर जाता है… क्योंकि सच आज नहीं तो कल ” सामने आ ही जाता है “ लेकिन दूसरे को तकलीफ ना हो इसलिए सच नहीं कहते. _ परंतु सच्चे व्यक्ति का मौन, झूठे व्यक्ति की जड़ें हिला देता है. ..#रो कर अपने को निर्दोष दिखाने मे सबसे अधिक निपुर्ण होते हैं. _ आप बहुत सच बोलते हो ..आप को पछताना पड़ेगा !! _ बस देखना चाहते थे कि लोग झूठ कहां तक बोल सकते हैं .. _ ” किताबें ” कम ” चेहरे ” ज्यादा पढ़े हैं मैंने.. _ थोड़ी सी सच्चाई कह देने से आजकल अपने ही रूठ जाते हैं. _ भ्रम में ही रहें कि सब अपने हैं !! _शुरू में चलता है फिर भसक जाता है..!! _ बस किसी अपने का भरोसा खो देते हैं .. _तो मैं आपको कभी भी उस नजर से नहीं देखूंगा..!! _ लेकिन झूठे लोगों को सच का पता हमेशा होता है. _ अक्सर वो सबसे बड़ा झूठ° होता है. लेकिन सच बोलने के लिए आपको सहज होना पड़ता है, सच पवित्र होता है, जो सीधे दिल से आता है. _ और आपको सच पता हो….. _ झूठा दिलासा देने वालों से लाख गुना अच्छे होते हैं.. _ और सच चिल्लाने पर भी कोई नहीं सुनता.. _ कड़वे सच ने हमसे न जाने कितने लोग छीन लिए.. _ तब तक ..झूठ. आधी दुनिया घूम लेता है.. _ झूठ, फ़िक्र, धोखे और फरेब भी थका देते हैं जिंदगी में.. _ जब वह कुबूल कर लेता है उसके भीतर एक झूठ बोलने वाला आदमी भी है. _ ऐसा लगता है कि वे नसीबवादी और भाग्यवादी हो गये हैं..!! _आज उनका भी भ्रम टूट रहा है..!! _ क्योंकि हम उन चीजों को कल्पनाओं में जीते हैं, जैसा कभी नहीं हो सकता.!! वे झूठ बोल सकते हैं, धोखा दे सकते हैं, आपके साथ बुरा बर्ताव कर सकते हैं और किसी तरह सब कुछ आपकी गलती की तरह दिखा सकते हैं. इसके लिए मत गिरो, बस यही वे करते हैं. Some people are truly great manipulators.
They can lie, cheat, treat you badly and somehow manage to make it all seem like your fault.
Don’t fall for it, that’s just what they do. _जब उसके मन में किसी के लिए कोई सम्मान नहीं होता है, तो वह प्यार नहीं कर पाता है, और, खुद को भटकाने के लिए, उसके अंदर कोई प्यार नहीं होता है, वह अपने आवेगों के आगे झुक जाता है, निम्नतम प्रकार के आनंद में लिप्त हो जाता है, और अंत में एक जानवर की तरह व्यवहार करता है. _और यह सब झूठ बोलने से आता है – दूसरों से और खुद से झूठ बोलना. -Fyodor Dostoevsky
सुविचार – झूठ – मिथ्या – भ्रम – भरम – कल्पना – 008
झूठ बोलने वाला शुरू में प्रभाव जमा लेगा, मगर बाद में विश्वास खो देगा.
झूठ बोलने वाले पर तब भी विश्वास नहीं किया जाएगा, जब वह सच भी बोले.
जब तक आप स्वयं को अपने झूठे विचारों की जेल से मुक्त नहीं कर लेते तब तक आप कभी भी स्वतंत्र नहीं होंगे.
कोई कितना भी जोर लगा ले, _ गलत को सही साबित नही कर सकता _
झूठ को सच समझने वाली दुनिया में झूठ चलाया जा रहा है,
जब झूठ बोलकर किसी का बुरा करो तो, उसे कर्ज [ Loan ] समझो,
तारीफ किये बिना कोई इंसान ख़ुश ही नहीं होता है,
झूठ की कीमत क्या है ?
अधिकतर लोग झूठी दुनिया में जीते हैं, _सच को भी समझना चाहिए.. .
सच बोलूं तो दुनिया में सबसे अधिक, _ झूठ ही पसंद किया जाता है.
झूठ बोलना पहली बार आसान हो सकता है, पर बाद में सिर्फ परेशानी देता है.
मीठे झूठ का स्वाद हम लोगों को इतना भाता है कि कड़वे सच से दूरियां बना लेते हैं…
मुस्कुराहटें झूठी भी हुआ करती हैं, _ इंसान को देखना नहीं बस समझना सीखो..
अक्सर झूठे इंसान की बातें मीठी होती हैं _ और सच्चे इंसान की बातें कड़वी होती हैं..
ये वो दुनिया है जहां झूठ से तो सबको नफ़रत है, पर सच कोई नहीं बोलता है..
हमारा दिल कभी झूठ नहीं बोलता, _ वो काम तो दिमाग करता है.
झूठ की चमक आज नहीं तो कल फीकी पड़ ही जाती है.
जब हम बार- बार झूठ बोलते हैं, तो खुद ही भीतर ही भीतर इसे सच मानने लगते हैं.
जो लोग झूठ बोलकर बदनाम होते हैं, वे कहते हैं, ‘ जीभ भी जली और स्वाद भी न मिला,
एक झूठी मुस्कराहट बहुत पीड़ा दे जाती है … यह हमें प्रसन्न नहीं करती, _
आजकल के दौर में प्रशंसा किए बिना कोई खुश नहीं होता, _
झूठ को आप जितनी बार दोहराते हैं उतनी ही बार उसका अर्थ बदल जाता है.
अगर आपको कोई चीज़ पसंद न हो तो अन्य लोगों को विनम्रतापूर्वक बताएं, लेकिन इस पर झूठ की चादर न डालें,
जब आप अपने झूठ से किसी की ज़िंदगी तबाह करते हो तो.. इसे किसी क़र्ज़ की तरह समझो, जो आपके पास सूद समैत वापस आएगा.!!
झूठ बोलने के लिए आपको बहुत रचनात्मक होना पड़ता है, लेकिन सच बोलने के लिए आपको सहज होना पड़ता है ;
झूठ बोल कर अपनी बड़ाई करने से कुछ मूर्ख लोग भले ही आपकी हाँ में हाँ मिला लें,
झूठ की रफ्तार भले ही बहुत तेज होती है, _ लेकिन मंजिल तक सच ही पहुंचता है…
झूठा इंसान- अंत में- अपने सिवाय किसी को धोखा नहीं दे सकता.
सत्य कहो, स्पष्ट कहो, कहो ना सुंदर झूठ, _ चाहे कोई खुश रहे, चाहे जाए रुठ…
वे लोग जो झूठ में जी रहे हैं ; _वे ही लोग _सच बोलने के लिए आपसे नाराज़ हैं.!!
झूठ को अच्छे लहजे की ज़रूरत है, _ _सच तो हर लहजे में कड़वा ही होता है.
यकीन तो सबको झूठ पर ही होता है, _ सच तो अकसर साबित करना पड़ता है.
किसी से झूठे वादे करने से अच्छा है कि, _ आप उससे कोई वादा ही ना करो.
जो चाहे वो करना जिंदगी में, _ लेकिन कभी अधूरी बात व झूठ मत बोलना.
चिल्लाने से ‘ झूठ ‘ कभी ‘ सच ‘ नहीं हो जाता.
हरेक झूठ, चाहे वह छोटा हो या बड़ा, एक ऐसी खाई का किनारा होता है, _
झूठ का कोई भविष्य नहीं,, वह आप का आज शायद सुखद कर दे _
झूठ कभी-कभी तो काम आता है, लेकिन जब पकड़ में आता है..
झूठ किसी भी संबंध का अंत करने में अहम भूमिका निभाता है,
बड़े ही बेबस होते हैं वो लोग जो झूठे नहीं होते,
झूठे व्यक्ति की ऊँची आवाज सच्चे व्यक्ति को चुप करा देती है,
झूठे व बेईमान लोग ..
झूठे मांगे गवाही, सच को हकलाना पड़ेगा ;
सच तो हम बहुत पहले से जानते थे, _
मेरे सामने खड़े हो कर, झूठ बोलना आसान नहीं ;
दुनिया को झूठे लोग ही पसंद आते हैं, _
हकीकत जानेंगे तो सब पराये हो जायेंगे,
झूठ को सच समझने वाली दुनिया में झूठ चलाया जा रहा है,
लोगों को क्या मिलता है झूठ बोलने से ??_
अगर आपने मुझसे झूठ बोला और मुझे सच्चाई पता चल गई,
सच्चे लोगों को शायद झूठ का पता ना हो, _
” आमतौर पर जो ख़्याल ” ज्यादातर लोगों को अच्छा लगता है,
झूठ बोलने के लिए आपको बहुत रचनात्मक होना पड़ता है,
कितना गुस्सा आता है ना उस वक़्त जब कोई आपसे झूठ बोले,
कड़वी सच्चाई बोल देने वाले लोग _
आज की दुनिया में झूठ धीरे से बोलोगे तो भी सब सुन लेंगे,_
सीख नहीं पा रहा हूँ, मीठे झूठ बोलने का हुनर. _
जब तक ..सत्य .घर से बाहर निकलता है _
जरुरी नहीं कि काम से ही इंसान थक जाए, _
एक इंसान उस वक़्त सबसे अच्छा होता है, _
जीवन में कभी भी पूर्ण संतुष्टि नहीं होगी, संतुष्टि केवल एक भ्रम है.
अधिकांश लोग अपना पूरा जीवन झूठ और भ्रम में जीते हैं ;
जो सोचते थे उनके इशारे पर सब चलता था,
भ्रम में हर कोई फंस जाता है, क्योंकि यहां हर चीज बेहतरीन तरीके से परोसी जाती है.
भ्रम कोई समाधान नहीं है, हमें वास्तविकताओं को स्वीकार करना होगा और चुनौतियों से बचने और भ्रम में रहने के बजाय चुनौतियों का सामना करने का साहस रखना होगा !!
हम सबसे ज्यादा अपने मन की कल्पनाओं से धोखा खाते हैं,
इंसान इतनी आपा धापी में लगा हुआ है, बस कुछ पल का सुकून मिल जाए कहीं से..
_ पर अगले ही पल वो फिर कमर कस लेता है, भागता दौड़ता रहता है..
_ बस एक भ्रम में कि सब कुछ उसे ही करना है..
_ वो नहीं करेगा तो कौन करेगा..!!
_ इंसानों में इतना भय है कि हम हर चीज को पकड़कर रखते हैं.
_ एक छूटा तो हमने दूसरा पकड़ लिया, रिश्तों में भी ऐसे..!!
_ यह विचार नहीं आता कि क्या हम कठपुतली तो नहीं बन रहे.
_ हम किसी पर इतने निर्भर क्यों हैं ?
_ भय लगता है कि सब छूट गया तो क्या जिंदगी रहेगी..
_ जब तक भय है तब तक आपको कुछ भी पता नहीं चल सकेगा..
_ न ही आपके मन का ये डर ख़त्म होगा, जिसने आपको कठपुतली बना दिया है.
_ इंसान अपना पूरा जीवन भय में निकाल देता है.!!
कुछ लोग वास्तव में महान जोड़तोड़ करने वाले होते हैं.
जब हम झूठ बोलते हैं तो हमें बुरा लगता है और जब हम झूठ को स्वीकार करते हैं तो हमें हल्का महसूस होता है.
_ जब हम झूठ बोलते हैं तो हमें बुरा क्यों लगता है और जब हम कबूल करते हैं तो हल्का क्यों महसूस करते हैं ?
_ क्या आपने कभी इस बारे में सोचा है ?
_ हम जीवन का विश्लेषण क्यों नहीं करते ?
_ जब हम सच बोलते हैं तो हमें अच्छा क्यों लगता है ?
_ मेरे पास जितने भी संपर्क और अनुभव थे, उन सभी के माध्यम से मेरे पास उत्तर आया, — ” स्वभाव से, हम अच्छे इंसान हैं ” हम सामान्य परिस्थितियों में अच्छे लोग हैं.
_ हम अच्छे पैदा होते हैं और सभी गलत चीजें को हमने समय के साथ जमा किया है.
एक व्यक्ति जो खुद से झूठ बोलता है, और अपने झूठ पर विश्वास करता है, वह खुद में या किसी और में सच्चाई को पहचानने में असमर्थ हो जाता है, और वह खुद के लिए और दूसरों के लिए सम्मान खो देता है.