सुविचार – सादगी – सहज – सहजता – सरल – सरलता – सामान्य – मौलिकता – साधारण – साधारण जीवन – 045 *

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“सरल जीवन एक प्रामाणिक जीवन है.”

“The simple life is an authentic life.” – Kilroy J. Oldster

विचार जितना उच्च हो, उसको जीने के लिए उतने ही साधारण जीवन की जरुरत होती है.

_ इसीलिए ही तो कहा जाता है, ” सादा जीवन….उच्च विचार “

जागो और जीवन को देखो, सरलता अपने आप आ जायेगी.. _ इसे आयोजित न करें.

_ आयोजित सरलता…सरलता नहीं रह जाती.!!

सदा मौलिकता के साथ जीवन जीएँ,

_ क्योंकि उसके साथ आप बहुत सहजता से जी पाते हैं,
__ सहजता, मौलिकता की दोस्त है.
_ अगर कोई ईमानदारी से जीना शुरू करे और उस जीवन को जीने की कोशिश करता रहे.. जिसे वह जीना चाहता है ;
_ एक दिन, हम खुद को उस जीवन के सामने खड़ा पाएंगे, जिसे हम जीना चाहते हैं.
_ हमारा जीवन जितना सरल होगा, हमारे आसपास की दुनिया उतनी ही सरल हो जाएगी ;
_ सादगी से प्रकृति और अपने आसपास के लोगों को समझना आसान हो जाता है.
_ “दुनिया तभी जटिल है जब हम जटिल हैं”
_ “सादगी का असली उपहार यह है कि _यह हमें मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए जगह देती है.”
_ “एक सरल जीवन शरीर और दिमाग के लिए अच्छा है.”
जो लोग सच्चे और सरल जीवन की तलाश में होते हैं,

_ वो जीवन से सच्चे होकर ही उसे पा सकते हैं..!!

सादगी के गुणों को अपना कर आप यह मान सकते हैं कि..

_ आपके पास वह सब कुछ है ‘जो आप चाहते हैँ’

सामान्य जीवन जीना कोई अपराध नही है.

_ इस दुनिया में अधिकतर लोग सामान्य जीवन ही जी रहे हैं ..जिसमें कुछ भी बुराई नहीं है..!!

सबसे सुंदर चीजें हमेशा साधारण होती हैं,

_ आप साधारण चीजों से किसी को विशेष महसूस करवा सकते हैं..!!

हमारी जरूरतें बहुत ज़रा सी हैं, जीवन बहुत सहज और सरल है,

_एक बार इस सहजता और सरलता को महसूस कीजिए,
_ हवा के साथ बहना सीखिए, पंछियों के साथ गीत गाना सीखिए,
_ ज़मीन पर नंगे पाँव चलते हुए महसूस कीजिए कि आप संपूर्ण धरा हैं,
_ आप जितना हैं, उतने में स्वयं को पूरा मानना आज़ादी है,
_ आज़ादी रूह की, ” सोने के पिंजड़े से..”
एक वक्त बाद मन नही चाहता कि सबकुछ ठीक हो,

_ जो जैसा हो गया वैसा बरकरार रहे, इसमे भी मन अपनी सहजता खोज लेता है.!!

अनाज, साफ़ हवा, साफ पानी यह मनुष्य कि मूल जरुरत हैं,

_हम इनसे दूर रह कर तरक्की तो कर रहे हैं, पर अपनी जान की क़ीमत पर..

सादगी से महंगा कोई गहना नहीं शायद,

इसलिए हर किसी ने इसे पहना नहीं…

हम जीवन की सहजता की ओर नहीं,

_खोखलेपन की ओर बढ़ रहे हैं..!!

पवित्रता वा सादगी, ऐसे पंख जहान,

_ जो भरवा सकते तुम्हें, ऊंची बहुत उड़ान..

क्यों जिंदगी को इतना उलझा कर रखते हो,

सादगी में रहा करो और सादगी से जीते रहो.

सादगी में जीना और जीने में सादगी, _

_ बस यही अदा तो मुझे आपसे जोड़ती है..

कोई भी व्यक्ति बड़ा सरल, सादा जीवन जी सकता है

और उस से आनन्दित हो सकता है.

जीवन सरल भी हो सकता है और कठिन भी,

_ और यह सब खुद पर निर्भर है..!!

मकसद जीवन का स्पष्ट हो, सरल हो…

_ये ढोंग, ये आडंबर, ये कुटिलताएं, घमंड…सब धरा रह जाएगा.

जिस तरह सादगी की सुंदरता हर कोई नही समझता,

वैसे ही जिंदगी को जीने का सही तरीका हर कोई नहीं जानता.

महानता सादगी में है, जो सत्य है उसके साथ जीवन को जीना एक कला है.

_”आदमी अचंभित होता है सादगी से, प्रदर्शन से नहीं”

एक सरल आदमी व्यवस्था के अनुसार चलना पसंद करता है ;

_ और एक चतुर आदमी अपनी इच्छानुसार चलना पसंद करता है !!

दिखावा करने से भले ही शरीर की खूबसूरती बढ़ जाए,

पर सादगी में रहने से व्यक्तित्व की खूबसूरती बढ़ती है.

सरलता से ही किसी को पढ़ा और समझा जाता है,

__ जटिलता समझाती कम और उलझाती ज्यादा है..!!

“सादगी भी अजीब पर्दा है, मैं किसी को नज़र नहीं आता..!!”

_ किसी को तो रास आऊंगा मैं भी, कोई तो ” सादगी ” पसंद होगा..!!!

सोच ही इंसान की होती है सबसे कीमती,

इसलिए आपकी उस सोच में नजरिया सादगी का कुछ खास होना चाहिए.

अगर साधारण जीवन जीते हैं तो अपने ही त्रुटियाँ निकालते हैँ, _

_ अगर असाधारण जीवन जीते हैँ तो अपने ही ईर्ष्या करतें हैँ..

_”जिन्हें सादगी पसंद रही, मिले उन्हें सबसे ज्यादा दिखावटी लोग..!!”

“आप जितने सहज रहेंगे, उतने ही खुश रहेंगे”

_ आप जितना खुश रहेंगे, उतने ही स्वस्थ और सुंदर दिखेंगे.
_ अगर आप अपने दिल की सुनेंगे तो हमेशा खुश रहेंगे.
_ अगर आप अपने दिल की सुनेंगे तो रब का संदेश आप तक पहुंचता रहेगा.
_ आप प्रकृति को आत्मसात करने में सक्षम होंगे.
जीवन अपनी सादगी के कारण ही कठिन है ; _ इसमें भव्यता की कुछ ही चीजें हैं जो हमारे लिए उपयुक्त नहीं हैं.
परिपक्वता सरल होने में है, _ लेकिन दुर्भाग्य से इस दुनिया का सबसे जटिल काम सरल होना ही है..
आपके व्यवहार में जितनी सादगी और स्वालंबन होगा, लोग आप के उतने ही करीब आयेंगे.
हर समझदार, कलात्मक और बुद्धिमान व्यक्ति सादगी से ही रहना पसन्द करते हैं.
ज़िंदगी को बहुत सहज और सरल होना था, _पर रूढ़ियों ने इसे जटिल बनाकर रख दिया है..
सहज होना कठिन नहीं होता, “आसान है” _लेकिन यह बात कई लोगों को समझ में नहीं आती.
सादगी की भी अपनी जगह होती है, _ खोखले नक़ाब इसपे चढ़ते ही नहीं हैँ.
सादगी में बहुत सुंदरता है, _ जो चीज सादी है, _ वही सत्य के नजदीक है..
अगर ख़यालात में गहराई हो तो, क़िरदार में सादगी आ ही जाती है.
हमें यह नहीं मालूम कि हमारा साधारण होना, सहज होना, सरल होना, शांत होना ही अपने आप मे बहुत असाधारण है.
सहजता, सरलता और सादगी से भरा सफर तय करना है तो, कभी-कभार ठोकरों से, मुलाक़ात भी जरूरी होती है.
जो लोग सादगी में रहते है वो लोगो की बुरी बातों का भी नकारात्मक अर्थ नही निकालते,

_ बल्कि सकारात्मकता से अपने जीवन में लागू करते है और यही बात उनको सबसे बेहतर बनाती है.

यह ज़िंदगी की भागमभाग, यह उठापटक, यह महान और अमर होने की कोशिशें छोड़कर _ यदि हम बस जीवन को सहज रूप में जिएं, बाहर की ओर निहारने के बजाय भीतर में झांकें, भूत भविष्य की चिंता, दुश्चिंता के बजाय _ वर्तमान को सुंदर, क्रियाशील और सार्थक बनाएं _तो शायद जीवन ज़्यादा उपयोगी होगा…

मामूली-सरल-सहज इंसान होना, मामूली ज़िंदगी जीना और चुपचाप इस दुनिया से चले जाना _इतना भी मामूली नहीं होता जानां…

सरल जीवन जीने वाले लोगों की आवश्यकताएं सीमित होती हैं,

_ वे प्रकृति के सहयोग से अपना जीवनयापन करते हैं, मस्त रहते हैं..

.. जबकि आधुनिक दुनिया जीवन की विभिन्न समस्याओं से घिरी हुई है, त्रस्त है.!!

सादगी से जिएं ताकि अन्य लोग भी आसानी से जी सकें _और केवल वही लें _जो आपको चाहिए _और बाकी छोड़ दें.
कभी किसी की सादगी का मज़ाक ना उड़ाना,

सादगी में रहने वाले ज्यादातर लोग दिल के सच्चे होते हैं.

जीवन उलझा हुआ नहीं है, हम उलझे हुए हैं ;

सादगी से जीना ही असली जीवन है.

कोशिश किया करो खुद को दूसरों से अलग बनाने की,

तभी तो आप सादगी को अपनाने का प्रयास करोगे.

जिस दिन सादगी श्रृंगार हो जाएगी,

उस दिन आइनों की हार हो जाएगी.

सादगी जब ” सरलता ” का श्रृंगार कर लेती है,

” सहजता ” उपलब्ध हो जाती है.

सहजता सुंदर से सुंदरतम सौन्दर्य है,

सहजता में अनमोल गुणों का सामंजस्य समाहित होता है.

सरल अगर हम हैं तो कोई मुश्किल नहीं,

लेकिन अगर सरल रहने की एक्टिंग करते हैं, तो फिर बड़ी मुसीबत हो जाती है.

जिंदगी की कुछ खास बातों को आप सादगी में रह कर ही जान सकते हैं,

और उन्हीं बातों से आप अपनी एक अलग पहचान बना सकते हैं.

सादगी वो नही जो सिर्फ गरीबी में दिखाई जाए, बल्कि सादगी तो उन लोगो की होती है,

_ जो अमीर भले कितने हो जाए पर उनकी सादगी हमेशा बरकरार रहती है.

सादगी को ध्यान में रख कर अपनी दिनचर्या में शामिल करें,

यह एक सहज कदम होगा.

जिंदगी को खास बनाने की प्रेरणा अगर चाहिए तो उन लोगों से लीजिए,

जो अमीर होने के बाद भी सादगी में रहना पसंद करते हैं.

साधारण जीवन जीना असाधारण कला है, _ जो सबके बस की बात नहीं है..
एक सादगी भरा व्‍यक्‍ति जान लेता है कि ” प्रसन्‍नता ” जीवन का स्‍वभाव है.
सादगी में बहुत सुंदरता है, _ जो चीज सादी है_ वह सत्य के नजदीक है.
मशहूर मत हो गलत बोल कर _ लोग तेरी सादगी को भी पसंद करते हैं..
माना सादगी का दौर नहीं, _ मगर सादगी से अच्छा कुछ और नहीं ..!!!
सादा व सरल जीवन जीएं, जीवन में गुणवत्ता पर विश्वास रखें, दिखावे से बचें.
सादगी से जीना और कर्ज से दूर रहना, _बड़ी जिंदगी जीने और पैसा उधार लेने से बेहतर है..
तर्क आपको जटिल बनाता है, सरलता आपको भ्रम में नहीं डालती, यह आपको स्पष्ट रखती है.
इस जटिल दुनिया में सरल, सहज और ज़िम्मेदार होना इतना भी मुश्किल काम नहीं है..
कठोरता मनुष्य की शक्ति नहीं _ शक्ति तो सदा सरलता है !!
जीवन” जितना सादा रहेगा…, “तनाव” उतना ही आधा रहेगा.
सहज जीवन ही संतुलित और व्यवस्थित होता है.
महान व्यक्तित्व सादगी से भरपूर होता है.
सरल होना ” साधारण ” होना नहीं है…
सरलता प्रकृति का सार है.
सीधासादा जीवन, संतोष की प्रवृत्ति और बुद्धि के बल पर धनसंपदा की महत्वकांछा रखते हुए आगे बढ़ें, _ अवश्य सुख व समृद्धि दोनों ही मिलेंगे.
* जीवन की सारी दौड़ * * केवल अतिरिक्त के लिए है !*

* अतिरिक्त पैसा, अतिरिक्त पहचान,* *अतिरिक्त शोहरत….अतिरिक्त प्रतिष्ठा !*

*यदि यह अतिरिक्त पाने की * * लालसा ना हो तो ….जीवन * * एकदम सरल है..*

सादा जीवन, उच्च विचार और उच्च कर्म, यही जीवन मंत्र है.

आपके विचार और आपका दूसरों के प्रति बर्ताव ही _ आपको एक सही इंसान का दर्जा देता है.

मुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं, _ पर सुना है सादगी में लोग जीने नहीं देते.

लोग दीवाने हैं बनावट के, हम कहां जाए सादगी लेकर.

_ बनावट के दौर में अक्सर सादगी बदनाम होती है..!!

यदि आप सत्य को खोजना चाहते हैं, तो सरलता को खोजिए.!!
जीवन बेहतर, सुन्दर और सरल होना चाहिए..

_ सादगी और सरलता कमजोरी नहीं, ये ताकत हैं..

हमारी सादगी पर क्या गौर करते हो, हमने सोचा जिंदगी का मज़ा कुछ साधारण लोगो के बीच चलकर लेते हैं,

इसलिए सादगी में हम मजबूरी में नहीं बल्कि अपनी पसंद से रहते हैं.

यदि आपमें घमंड है, तो बहुत जल्दी आपकी किसी ऐसे व्यक्ति से मुलाक़ात होने वाली है, जो आपके घमंड को चकनाचूर कर देगा.

_ इसलिए बेहतर यह है कि अपने जीवन को स्वेच्छा से सरल बनाने के लिए हम प्रारंभ से ही सहज रहें. उसके बाद तो जीवन का उत्सव बनना तय है.

अगर रहना है ऐश ओ आराम में तो रहो इस तरह कि लोगो को महसूस ना होने पाए,

और सादगी में इस तरह रहो कि हर कोई तुम्हारे जैसा बनना चाहे.

इंसान बुरा पैसो के आने से नहीं बल्कि घमंडी होने से बनता है,

इसलिए घमंड की बदबू में रहने से बेहतर है कि आप सादगी की महक में रहें.

इतनी भी सादगी से ना मिला करो सबसे, _

_ ये दौर अलग है, अब यहाँ लोग अलग हैं..!

चालाकियां नहीं आतीं मुझे, तुझे रिझाने की,

_ मेरी सादगी पसंद आए, तो ही बात आगे बढ़ाना ….!!

मुझे.. सुंदरता नही, सहजता आकर्षित करती है.!!

_ वैसे भी सहजता ही सुंदरता है !!

ऐच्छिक सादगी से तात्पर्य कंजूसी से जीना नहीं है और न सब कुछ छोड़ कर ही जीना है, बल्कि बेकार के खर्चों पर नियंत्रण करना है. सामान कम करना है और कम करते समय स्वयं को पूछना है कि क्या इस सामान की जरुरत है ? तो ज्यादातर जवाब मिलेगा, नहीं. फिर आप बाकी बचे सामान के लिए भी सोचें कि क्या उस के बिना आप रह सकते हैं. तब आप और भी सामान कम कर पाएंगे यानी सीधा सा अर्थ है कि ऐच्छिक सादगी अनचाहे खर्चों को कम करना है.

ऐच्छिक सादगी अपनाने का अर्थ जीवन को कम से कम वस्तुओं, आवश्यकताओं के साथ व्यवस्थित करने से है.

केवल पदार्थवादी व अनआत्मवाद संबंधी जीवन जी कर हम अपने जीवन में अनावश्यक क्लेश घोलते हैं.

दुनिया में हर तरह के लोग होते है जिनके जीने का तरीका भी अलग होता है. कुछ लोग सादगी में रहना पसंद करते है कुछ दिखावा करते रहते है और कुछ ऐश ओ आराम में जीना पसंद करते है. माना की जिंदगी ऐश में अमीर लोग ही जी सकते है पर बहुत से अमीर लोग भी अपने जीवन को सादगी में जीना पसंद करते है, इसलिए आपको भी सादगी के महत्व और सुंदरता को समझना चाहिए और कैसे सादगी हमारे जीवन को और बेहतर बना सकती है ये जानना चाहिए,

यहाँ सादगी से हमारा मतलब ये नहीं कि आपको हमेशा ही, जब आप अमीर हो जाए तब भी आपको सादे कपड़े और चीज़े इस्तेमाल करनी चाहिए, बल्कि सादगी से हमारा तात्पर्य आपके स्वभाव और दयालुता से है, मतलब जिस तरह गरीबी में आप लोगो से कोमल स्वाभाव से पेश आते थे, अमीरी में भी आपको वैसे ही आना चाहिए, और अमीरी आने पर अपने अन्दर घमंड की भावना बिलकुल ना आने देना.

अगर आपको लगता है कि सादगी में रहने से दुनिया आपका मज़ाक उड़ाएगी, तो किसने कहा है कि आप उनकी बातों पर ध्यान दो,

_ लोग तो आलोचना उनकी भी करते हैं जो दुनिया में बड़े शान से रहते हैं.

अपने को साधारण आदमी मानना भी एक ताक़त है, ऐसा आदमी असाधारणता के कोई फ़ालतू सपने नहीं देखता और निराश नहीं होता, टूटता नहीं.
अगर कर ही लिया है फैसला जीवन को सादगी से जीने का तो अब बदल न जाना,

क्योंकि दुनिया में लोगो को वक़्त से तेज़ बदलते देखा है हमने..

रंग रूप देख कर इंसान की फितरत का अंदाजा मत लगाना, _

_ अच्छे लोग अक्सर सादगी में ही मिलते हैं ..

” जीने दो जो जैसे जी रहा है इस दुनिया में ” पर याद रहे कि

आपका एक अलग अंदाज़ हो, जिसमें सादगी के साथ खूबसूरती बहुत हो.

सादगी पसंद लोगों को क़ीमती होना चाहिए क्योंकि वे गहराई से प्यार करते हैं और जीवन के बारे में गहराई से सोचते हैँ, _

वे वफादार, ईमानदार और सच्चे होते हैं, साधारण चीजें अक्सर उनके लिए सबसे ज्यादा मायने रखती है, _

_ उनकी पवित्रता उन्हें बनाती है ” जो वे हैँ “

सरल मन लिए चलते रहिए.. कुछ लोगों के मैला कर देने से आपके विचार आपका स्वभाव मैला नहीं होता..

..आप अपनी जगह सरल व सही रहें, _वह लोग भी मिलेंगे _ जिन पर आप यकीन करोगे..!!

वो एक दिन भी जल्द आएगा,_ जब लोगों का झूठी चकाचौंध से मन भर जायेगा,

तब खोजने निकलेंगे ” सच्ची सादगी,!! “

सादगी और सहजता मेरे स्वयं के चुने हुए साथी हैं, और मुझे गर्व है कि _

_ मैं इस आधुनिकता के नाम पर फूहड़पन की झूठी दौड़ में शामिल नहीं हूं..

सबसे खूबसूरत लोग जिन्हें हम जानते हैं वे, वे हैं, _ जिन्होंने हार को जाना है, पीड़ा को जाना है, संघर्ष को जाना है, हानि को जाना है

_ और गहराई से बाहर निकलने का रास्ता खोज लिया है.
_ इन व्यक्तियों में जीवन के प्रति सराहना, संवेदनशीलता और समझ होती है _ जो उन्हें करुणा, सौम्यता और गहरी प्रेमपूर्ण चिंता से भर देती है ;
_ खूबसूरत लोग यूं ही नहीं बन जाते.
— लोग जो अच्छे जीवन के माप के रूप में व्यस्तता, अधिकता और बहिर्मुखता का जश्न मनाते हैं,
_ पर आप अपने घर और जीवन में शांति, सुकून और सरलता के लिए जगह बनाएं. चीज़ें वैसी ही रहें जैसी उन्हें होनी चाहिए..!!
हम अपने आप में जितना Simple जियेंगे, हम अपने आप को उतना ही Special भी महसूस करते रहेंगे ;

अगर हम अपने खर्चों पर नियंत्रण करेंगे तो हम खुश भी रहेंगे, और खुशहाल भी रहेंगे ;

वहीँ जब हम अपनी इच्छाओं को कण्ट्रोल करना सीख जाते हैं तो हमारी सेहत भी अच्छी रहती है, _

_ क्यूंकि हर सेहत के पीछे चिंता होती है और हर चिंता के पीछे इच्छाएं होती हैं.

हर किसी को अपने जीवन में सहज और सरल होना चाहिए. हाँ ये सच है कि इस रास्ते पर बहुत सी हार का सामना करना पड़ता है लेकिन यकीन मानिए कि वो सारी हार मिलकर भी, उस एक जीत के सामने छोटी साबित होती हैं, जिस जीत में ऐसे कुछ लोग हमसे आ जुड़ते हैं जो हम जैसे ही किसी सहज और सरल इंसान की तलाश में थे.

मन के सुकून के लिए हमें हजारों की जरुरत नहीं होती, मिल जाएँ तो मुठ्ठी भर लोग ही काफी हैं ; हमारे जीवन का सबसे बड़ा संघर्ष यही है कि जब तक ये सहज और सरल लोग हमें नहीं ढूंढ लेते, क्या तब तक हम सहज और सरल बने रह सकते हैं ? अपनी उस सहजता और सरलता को खो देना ही, जिसकी वजह से बाकी के सहज और सरल लोग हमसे जुड़ते, अपने दिल के सुकून को खो देना है…

प्रकृति की सादगी ही उसका आवरण बन गई है, यदि हमारी सादगी हमारा आवरण बन जाए तो हो सकता है कि हमारी दशा भी वैसी ही हो जाए और तब हम प्रकृति के साथ सामंजस्य में हो जाते हैं.

सरलता प्रकृति का सार है.

#लोग कहते हैं, हम सीधे है, इसलिए लोग हमारा फायदा उठा जाते हैं, पर सीधे सरल व्यक्ति का कोई फायदा उठा ही नहीं सकता,

फायदा सदा जटिल और चालाक लोगों का उठाया जाता है, क्योंकि वह जो कुछ करते हैं, उसकी कीमत चाहते हैं, अपेक्षा रखते हैं दूसरों से_ अपेक्षा पुरा न होने पर उन्हें लगता है, वह ठगे गए,

सीधा सरल होने का कतई मतलब बुद्धू होना नहीं होता, सीधा सरल व्यक्ति का मतलब, जो आंतरिक विवेक और बोध से भरा हुआ हो..

सीधा सरल जो भी व्यक्ति होगा, दुनिया के चालाक लोगों को वह हमेशा बुद्धू और मूर्ख ही नजर आएगा !!

साधारण जीवन जीने वाले लोगों की सबसे अच्छी बात ये होती है कि.. वे खूबसूरती की प्रतिस्पर्धा की होड़ का हिस्सा नहीं बनते,

_ आईना निहारना जैसे वक्त जाया करना लगता है, वे अपने अंदर की खूबसूरती को पहचान लेते हैँ,
_ इसलिए यकीन कीजिए शक्लों की कम खूबसूरती भी एक नेमत है…!!
यदि मैं एक साधारण जीवन जीना चाहता हूँ तो क्या होगा ?

What if I Just Want to Live a Simple Life ?
— मैं जिस किसी से भी मिलता हूं वह मॉडर्नता [ Modernata ] की ओर भाग रहा है, मैं अक्सर खुद को सोचता हुआ पाता हूं,
_”क्या होगा अगर मैं सिर्फ एक साधारण जीवन जीना चाहता हूं ?”
_मैं मॉडर्नता की चकाचौंध में डूबने वाला व्यक्ति नहीं हो सकता, जो किसी चीज़ के लिए तरस रहा हो…
_ जब भी मैं सोशल मीडिया [ Whatsapp, Face book, Twitter ] पर देखता हूँ, तो मेरे सामने उन लोगों की तस्वीरें आती हैं _जो अपनी नवीनतम लक्जरी खरीदारी या किसी अन्य प्रमोशन का जश्न मना रहे होते हैं.
_ बात स्पष्ट है: वो बता रहे हैं कि _यदि आप लगातार अधिक के लिए प्रयास नहीं कर रहे हैं तो आप पिछड़ रहे हैं..!!
_ लेकिन अगर मुझे ‘और’ नहीं चाहिए तो क्या होगा ?
_अगर मुझे ‘कम’ में संतुष्टि मिल जाए तो क्या होगा ?
_लेकिन यहाँ मैं _जिसके लिए हाँ कहूंगा वो ये है: _मैं किसी और के द्वारा बताए ढंग के लिए _अपनी शांति का बलिदान नहीं देना चाहता.!!
_साधारण चीज़ों में एक आकर्षण है – वे चीज़ें जिन्हें आधुनिक [ मॉडर्न ] लोग अक्सर नज़रअंदाज कर देता है..!
_ अलार्म की बजाय पक्षियों की धीमी चहचहाहट से जागना..
_खिड़की के पास किताब पढ़ते हुए बारिश धीरे-धीरे शीशे पर थपकी दे रही है..
_लंबी सैर, दिल से दिल की बातचीत, घर का बना खाना, परिवार की हंसी – क्या इनमें जादू नहीं है ?
_ फिर हम इन क्षणों [ Time ] को क्षणभंगुर कार्यों के लिए बदलने के लिए इतने उत्सुक क्यों हैं ?
_ शायद अच्छी तरह से जीवन जीने का मेरा सपना ब्रांडेड सामानों से भरा नहीं है, इसके बजाय, यह उन क्षणों से समृद्ध हैं [ जैसे – मैडिटेशन, संगीत सुनना ] जुड़ाव के, शांति के, वास्तविक आनंद के क्षण ; _जो मुझे मेरी मस्ती में डूबने को मजबूर कर देते हैं. _ मैं उस को संजोता हूँ ;
__ सूर्यास्त देखने का आनंद, एक खामोश रात की शांति, वाकिंग, घूमना, किताब पढ़ना, संगीत सुनना, _ ये वे खजाने हैं _जिनकी मुझे तलाश है.!!
– उनमें, मुझे वह समृद्धि दिखती है _जिसे पैसे से नहीं खरीदा जा सकता.!!!
_मैंने उन चीज़ों के लिए जगह बनाई है _जो वास्तव में मायने रखती हैं..!!
_ मैं ऐसे दिनों की चाहत रखता हूँ _जब समय मेरी उंगलियों से फिसलता नहीं है _बल्कि एक-एक क्षण में इसका आनंद लेता है..!!
_मैं अपनी शर्तों पर जीए गए जीवन की शांत संतुष्टि का आनंद लेता हूं, _जो औरों की लोकप्रिय राय से तय नहीं होता..!!!
_ ऐसा नहीं है कि मॉडर्नता की चाहत एक बुराई है, लेकिन ‘और अधिक’ की पागल दौड़ में, आइए ‘पर्याप्त’ की सुंदरता को न भूलें..
– ” सादगी में जीने के लिए काफी है ” को पहचानने और उसकी सराहना करने में एक बेजोड़ खुशी है.!!
__इसलिए, जैसे-जैसे दुनिया आगे दौड़ती जा रही है, मैं पीछे हटने का विकल्प चुनता हूँ ; वर्तमान का आनंद लेना. सादगी को संजोना.
_ सफलता को मेरी शर्तों पर परिभाषित करने के लिए ; _मैं एक ऐसे जीवन के लिए तरस रहा हूँ, _जहाँ मेरा मूल्य मेरी संपत्ति या मैं कितना कमाता हूँ से जुड़ा नहीं है, _बल्कि मेरे अनुभवों की गहराई और मेरी गुणवत्ता में निहित है.!!
– अंत में, मैं बस एक सरल, सार्थक जीवन चाहता हूँ और मैं चाहता हूं, मैं कैसे भी करूं,
_ कि दुनिया यह समझे कि यह एक विकल्प [ Option ] है, कोई समझौता नहीं !!

सरल व्यक्तित्व वाले लोगों का लोग जीना मुश्किल कर देते हैं, इसलिए जटिल बनना पड़ता है,

_ कुछ परिस्थितियां ऐसी बन जाती है कि _ हमें न चाह कर भी जटिल बनना पड़ता है,
_ लोगों के अनुभव ही हमें जटिल बनाते हैं,
_ सरल लोग ही.. सबसे ज्यादा धोखा खाते हैं..!!, जो सरल होता है _ उसका फायदा लेकर उसे अकेला तब छोड़ दिया जाता है,
_ सरल लोग धोखा खा खा कर जटिल‌ होते जाते हैं _ नहीं तो सरल एवं सहज रहते,
_ सरल एवं सहज को ही दुनिया ज्यादा धोखा देती है _फिर कोई सरल एवं सहज कैसे रह सकता है..
_ सरल हृदय के लोग ही.. सबसे ज्यादा धोखा खाते हैं..!!
_ सीधे और सरल लोगों को भले चालाकी करनी न आती हो लेकिन सामने वाले की चालाकी अच्छे से समझ आती है !!
पता नहीं हमारे समाज में दुख, दरिद्रता और संघर्ष को इतना ग्लोरीफाई [ गौरवान्वित ] क्यों किया जाता है..

_कि यदि इन सबके विपरीत कोई शांत, सुंदर, सरल, सहज जीवन जी रहा हो तो
_उसे लोग एक अपराध की तरह देखने लगते हैं..
— सही कहा जाता है कि हर चीज़ की कीमत होती है _सो शांति, सुंदरता, सहजता और सरल जीवन शैली की भी एक कीमत होती है _ जिसे लोग चुकाना नहीं चाहते..
_ नकारात्मक सोच, लोगों की दिखावा करने की आदत,
_जो आप नहीं हैं, उसे साबित करने की जद्दोजहद _अंततः आपको सहज, सरल नहीं रहने देते हैं..
— संघर्ष सबके जीवन में होता है, पर उस संघर्ष को आप कैसे जीते हैं, _कैसे उससे पार पाते हैं और कैसे _उसे व्याख्यायित करते हैं _यह आप पर निर्भर करता है..
_कोई वर्तमान में किसी दुख के न होने पर भी _अतीत के दुख, अभाव को कलेजे से लगाए रखता है..!!
_तो कोई वर्तमान में भी दुख, पीड़ा होने पर उसे मुस्कुराकर गले लगाता है.
_आर्थिक समृद्धि ज्यों ज्यों बढ़ रही _वैसे वैसे मानसिक दरिद्रता भी बढ़ रही.._एक असुरक्षा बोध लोगों को लगातार त्रस्त किए रहता है…
— पर मैं आज पूरे भरोसे से कह सकता हूं कि _स्लो लाइफ़, बिना हायतौबा वाली शांत जिन्दगी और अपना घर, किताबें, मुझे जो, _जो भी चाहिए था..
_उसे चुना और आज खुश, संतुष्ट हूं…
जीवन की “वास्तविक सहजता” यही है, लोड न लेना, किसी के दबाव व प्रभाव में न रहना,

_ अपने “मूल स्वभाव” में रहकर जीवन को “साक्षी भाव” से जीना, जीवन का “असली आनंद” भी इसी में है,
_ पर ये बोध भी आसानी से नहीं आ सकता, जीवन जब हमें गहरे कड़वे अनुभव देता है, तभी ये बोध किसी मानव चेतना में आता है.
_ जीवन में जैसे जैसे उम्र ढलती है.. ज़िंदगी समझ आने लगती है.
_ हमारी अच्छाइयां और बुराइयां हमें शून्यता की तरफ रास्ता दिखाती हैं.
_ जितनी चीज़ों से शुरू में लगाव होता है, मन में भटकाव होता है..
_ वो खत्म होती सी जाती हैं.
_ और हम हँसते हँसते सब स्वीकार करने लगते हैं..
_ जहां हमें जीवन से कुछ नहीं चाहिए होता है.
_ हम जीवन को खुद को सौंपना सीख जाते हैं और जीने लगते हैं समय के हर पल को..
_ शांत स्वभाव यूं ही नहीं उगता.. परिस्थितियां और जीवन की समझ से आता है, जो आपको परिवर्तित कर ठंडा रखती है.
_ मौसम का कोई बदलाव भी.. फिर आप पर असर नहीं करता.
_ आप हर समय में चुपचाप चलना सीखते जाते हैं.!!
आखिर इतना मुश्किल क्यों है, एक सरल सा जीवन जीना ;

_ हँसी- ख़ुशी की रोटी खाना, संतुष्टि का मीठा शरबत पीना ;
_ आखिर इतने उलझे हुए क्यों हैं, इतने सारे ये जीवन के धागे ;
_ आखिर जो है छोड़ कर उस को, क्यों औरों के पीछे भागे ;
_ आँखों से जो दिखता है, वह सच से आख़िर परे क्यों है ;
_ जीवन के सब इतने साधन, आख़िर ये धरे-के-धरे क्यों हैं ;
_ क्यों घबरा कर मुश्किल से, आसान ढूंढ़ना छोड़ दिया ;
_ पतझड़ के डर से तुमने, अपने अरमान सींचना छोड़ दिया ;
_ आखिर इतना मुश्किल क्यों है, एक सरल सा जीवन जीना..!!

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