सुविचार 3930

क्रोध को बाहर न प्रकट करें,

बल्कि स्वयं में परिवर्तन लाने के लिए अपनी ओर मोड़ दें.

सुविचार 3928

नेक दिल, उदार भावनाएँ और संतुलित मन हमारे चरित्र की बुनियाद होते हैं.

सुविचार 3926

हमेशा ईमानदारी बरतें, क्योंकि जब कभी झूठ बोलने की नौबत आयेगी

_ तो लोग आपका विश्वास करेंगे.

इस जीवन में हर किसी को ईमानदारी से जीवन जीने के लिए

_ ईमानदारी से प्रयास करने का अवसर मिले..!!

हर यात्रा अकेले शुरू होती है, और एक बार जब आप इसके प्रति ईमानदार हो जाते हैं, तो हर कोई इसमें शामिल हो जाता है…

सुविचार 3925

इन्सान हमेशा तकलीफ में ही कुछ सीखता है,

खुशी में तो वो पिछले सबक भी भूल जाता है.

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