सुविचार 4649

*अच्छे के साथ अच्छे बनें *पर बुरे के साथ बुरे नहीं।*

*….क्योंकि -**हीरे से हीरा तो तराशा जा सकता है लेकिन कीचड़ से*

*कीचड़ साफ नहीं किया जा सकता*

सुविचार 4647

लोगों की बातों से क्यों परेशान होते हो, लोग तो कुछ भी बोल कर निकल जाते हैं ;

जब हालात बदलते हैं, तो लोगों के बोल बदल जाते हैं.

सुविचार 4646

जिन्दगी से यही सीखा है हमने कि मेहनत करो, रुकना नहीं,

हालात कैसे भी हों, किसी के सामने झुकना नहीं..

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