सुविचार 4377
दुःखी रहना है तो ये सोचो कौन है कहां है – क्यों और कब है, और
आनंदित रहना है तो ये सोचो ” रब है तो सब है “
आनंदित रहना है तो ये सोचो ” रब है तो सब है “
दूसरे की जीत से ज्यादा आपकी हार के चर्चे हों..
उस तालाब की तरह होता है, जो कालांतर में सड़ने लगता है.
जो सबसे सरल दान है, यदि आप बुद्धिजीवी हैं तो.
वो दूसरों को भी ह्रदय से अच्छे होने का विश्वास कर बैठते हैं.