सुविचार 4133

आपका आगे बढ़ना उन लोगों को डराता है ;

_ जिनकी सुरक्षा की भावना आपके ठहराव पर निर्भर करती है.

“जहाँ आप लगातार अपना सब देते जाएँ और सामने वाला उसे ठुकराता जाए..
— वहाँ ठहराव नहीं, विदाई जरूरी होती है”

सुविचार 4132

सत्य सरल है सब तरह, सरल सत्य की राह ;

_ हम नहिं हो पाते सरल, इसीलिए गुमराह..

परेशान है हर कोई यहां..

_ कुछ सच में परेशान हैं तो कुछ सच से परेशान हैं..!!

सुविचार 4131

” आदमी की औकात का पता तब चलता है,

_ जब वो सकारात्मक बात पर नकारात्मक टिप्पणी कर देता है,”

सुविचार 4130

अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें,

_ क्योंकि हम अक्सर भावनाओं में बहकर ही अपने राज़ दूसरों को बता देते हैं !!

किसी को भी अपना राज़ बताने से पहले थोड़ा सोचिए,

_ जिनको आप अपने समझते हैं उनके भी होते हैं अपने कई..!!

भावनाओं को दिल की जो समझे _ उसी से अब सरोकार है,,

_ मेल न बैठे जिससे दिल का _ उससे वास्ता बेकार है..!!

सुविचार 4129

सत्संग का प्रभाव मनुष्य पर पड़ता है,

_ जैसे जिस मिट्टी में फूल खिलते है, वो भी महकने लगती है.

मन मिट्टी जैसा है, जो बोओगे वो पाओगे..!!
फूल यूँ ही नहीं खिलते, बीज को दफ़न होना पड़ता है..!!
जब समय आता है तब ही फूल खिलते हैं, और उसकी खुशबू फैलती है.
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