सुविचार 4347
उम्मीदें जब सीमा से अधिक बढ़ जाएंगी, तो वो कष्टों को आमंत्रित कर जाएंगी.
जान-बूझकर दूसरों को कष्ट पहुंचाकर व्यक्ति अपनी चालों से कुछ समय के लिए खुश हो सकता है, लेकिन वह खुशी स्थायी नहीं होती है.
_आज नहीं तो कल उसको दुगुना मिलता है, और इसका भुगतान व्यक्ति को आगे के समय में करना पड़ सकता है…!