सुविचार 4347

उम्मीदें जब सीमा से अधिक बढ़ जाएंगी, तो वो कष्टों को आमंत्रित कर जाएंगी.
जान-बूझकर दूसरों को कष्ट पहुंचाकर व्यक्ति अपनी चालों से कुछ समय के लिए खुश हो सकता है, लेकिन वह खुशी स्थायी नहीं होती है.

_आज नहीं तो कल उसको दुगुना मिलता है, और इसका भुगतान व्यक्ति को आगे के समय में करना पड़ सकता है…!

सुविचार 4346

मुश्किल समय हर एक की जिंदगी में आता है लेकिन यह आपको decide करना है कि आपको हारकर बैठना है या वापस खड़ा होना है..

सुविचार 4345

क्यों रुक जाते हो चार दिन की मेहनत के बाद,

अरे वक्त लगता है बीज को फसल बनने में !

सुविचार 4344

जीतने के बाद तो सारी दुनिया गले लगाती है,

लेकिन हारने के बाद जो गले लगाए सिर्फ वही अपना होता है.

सुविचार 4343

हर समस्या के तीन समाधान हैं, स्वीकार करें बदल दें या छोड़ दें,

अगर स्वीकार नहीं कर सकते तो बदल दें और अगर बदल नहीं सकते तो बेहतर है, इसे रब पर छोड़ दें…

हमें कुछ समाधान तो करना ही होगा,

_ इसलिए परेशान होने का कोई मतलब नहीं है..!!

सुविचार 4342

जीवन में कुछ लोगों का साथ छोड़ना पड़ता है,

_ घमंड के लिए नहीं अपने आत्मसम्मान के लिए..!!

हमारे इर्द गिर्द कुछ इंसान गुरूर में रहते हैं.

_ उनका अपना कुछ खास नहीं…. घमंड फ़र्जी… गुरूर दूसरे के भरोसे का.!!

जब तक आप दूसरों को प्रभावित करना चाहते हैं, समझो आप अहंकार में हो.!!
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