सुविचार 4691
आपकी “अच्छाइयां”…बेशक अदृश्य हो सकती हैं..
लेकिन इनकी छाप…हमेशा दूसरों के हृदय में विराजमान रहती है..
लेकिन इनकी छाप…हमेशा दूसरों के हृदय में विराजमान रहती है..
जब ये बात हम सभी जानते हैं__ तो फिर मानते क्यों नहीं ..?
उसी प्रकार वर्तमान में किए गए हर छोटे प्रयास भविष्य में बड़े परिवर्तन की ओर ले जाते हैं.