| Mar 8, 2014 | My Favourite Thoughts, सुविचार
मेरा सबसे खराब निवेश मेरा स्वास्थ रहा है, मैं हर किसी को उसमे सबसे अधिक निवेश करने की सलाह देता हूँ. – राकेश झुनझुनवाला [ stock trader ]
जब आप खुद को आवश्यक समय और देखभाल नहीं देते हैं, तो आपका शरीर बीमारी और थकावट के रूप में विद्रोह करता है.
When you don’t give yourself the time and care you need, your body rebels in the form of sickness and exhaustion. – Oprah Winfrey
जब तक बीमारी नहीं आती, तब तक स्वास्थ्य की कद्र नहीं होती..!!
Health is not valued till sickness comes. – Thomas Fuller
“” -मरीज को मुझे यह समझाना चाहिए कि उसे अपने जीवन और शरीर की जिम्मेदारी खुद लेनी होगी.
-अपने शरीर को डॉक्टर के पास इस तरह न ले जाएं _जैसे कि वह कोई रिपेयर की दुकान हो.”” –
Quentin Regestein
पाल ले इक रोग नादाँ इस सफ़र के वास्ते,
सिर्फ़ सेहत के सहारे ज़िन्दगी कटती नहीं. ~ फ़िराक़
यदि आप अपने शरीर का ख्याल रखेंगे तो यह आपका ख्याल रखेगा.
If you take care of your body, it’ll take care of you.
कभी भी जीना अच्छा ना लगे तो हॉस्पिटल जा कर देखना..
_ कि लोग जीने के लिए क्या-क्या करते हैं.!!
सभी बीमारियों के लिए दो ही दवाएं हैं : “समय और मौन”
इस सारी उथल-पुथल में शांत मन पाने का एक आम तरीका ???
ONE COMMON WAY TO GET A PEACEFUL MIND IN THIS ALL CHAOS ???
_ स्वस्थ जीवन A healthy living
– दैनिक व्यायाम, Daily exercise,
_ आप क्या खाते हैं इसके प्रति सचेत रहना, Being aware of what you eat,
_ ना ही तुरंत प्रतिक्रिया देना, Nor reacting immediately,
_ सिर्फ टाइम पास के लिए नहीं बल्कि जरूरत के लिए फोन का इस्तेमाल करना..
_ और खुद के साथ कुछ समय बिताना.. ऐसी आदतें हैं,
_ जो वास्तव में हमारे जीवन को बेहतर बना सकती हैं.
Using phone for the need and not for just time pass and spending sometime with yourself are the habits that can really enhance our living.
लाइफ़ स्टाइल से ज़्यादा ज़रूरी है हेल्थ स्टाइल,
_ स्वास्थ्य से बड़ा कुछ नहीं, उसे कभी नज़रअंदाज़ ना करें..!!
*हम जिस पर ध्यान देना छोड़ देते हैं**वह नष्ट हो ही जाती है !*
_ *भले वह स्वास्थ्य हो या व्यापार* *सम्पत्ति हो अथवा सम्बन्ध !!
स्वस्थ शरीर, शांत मन और कुछ अच्छे लोगों की ज़िंदगी में मौजूदगी..
_ इससे बड़ी दुनिया में कोई अन्य दौलत नहीं.!!
स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण की स्थिति वास्तव में बेहद चिंताजनक है.
_पिछले वर्षों में यह और बिगड़ी ही है.
_अब इसको लेकर दोषारोपण का कोई फायदा नहीं.
_ क्योकि अधिकांश लोगों के एजेंडे में ही यह विषय नहीं हैं.
_ नैतिक शिक्षा की सभी को बहुत आवश्यकता है.
अपने स्वास्थ का ध्यान रखें, पहला सुख निरोगी काया यूँही नहीं कहा गया है.!!
_ जीवन में स्वस्थ रहना, चलना – फिरना, बोलना, समझना, याद रखना, खान – पान बनाए रखना, पाँचों इंद्रियों का इस्तेमाल कर जीवन गुजारना कितना महत्वपूर्ण है,
_ वरना लाखों रुपया खर्च कर आप किसी पर बोझ बनकर किसी के हाथ से पानी पी रहे हैं..
_ या दैनिक क्रिया कलापों के लिए दूसरों पर ही निर्भर हैं तो कितना मुश्किल हो जाता है यह जीवन, इसकी कल्पना ही वीभत्स है..
_ मैं अपनी सारी उम्र भर की दुआएँ उन सभी को देता हूँ कि किसी के यहाँ भी बीमारी का साया ना पड़े.!!
पूरी दुनिया के वैज्ञानिक इस रिसर्च में जुटे हैं कि क्या अच्छे और बुरे रिश्तों का आदमी की सेहत से कोई वास्ता है ?
_ अब कुछ वैज्ञानिक सामने ला रहे हैं कि ..जो लोग अच्छे रिश्तों में होते हैं,
_ वो जल्दी बूढ़े नहीं होते, उनकी उम्र भी लंबी होती है..!!
_ वैज्ञानिकों ने रिसर्च करके बताया है कि मजबूत सामाजिक संबंध का लंबे जीवन से सीधा नाता है.
_ वैज्ञानिकों ने तो यहां तक निष्कर्ष निकाला है कि जो लोग अच्छे रिश्तों में होते हैं, उन्हें सर्दी तक कम लगती है.__ है न कमाल ?
_ ये कमाल है रिश्तों का, _ अच्छे रिश्तों का..!!
_ ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में स्वास्थ्य और रिश्तों की विशेषज्ञ डॉ. जेनिस किकोल्ट-ग्लेसर ने कई परीक्षण के बाद ये निष्कर्ष निकाला है.
_ डॉक्ट ग्लेसर ने अपने रिसर्च में ये भी लिखा है कि..
_ आपकी ज़िंदगी में अगर एक भी बुरा रिश्ता हो तो _ उससे तत्काल दूर हो जाइए..!!
__ बुरे रिश्ते आपके तन-मन को नुकसान पहुंचाते हैं..!!
_ हम वादा करते हैं कि हम सिर्फ अच्छे रिश्तों में रहेंगे ;
_ टॉक्सिक रिश्तों को टाटा-बाय-बाय..
__ खुशहाल एवं लम्बे जीवन का आधार रिश्ता ही है,
_ मैंने एक पुस्तक में पढा था कि जापान के एक गांव के लॊगॊ की उम्र सबसे अधिक हॊती है ;
_ यानि वे लंबे समय तक जीते है..
_ इसका कारण है ..उनका आपस का सहयॊगात्मक संबंध एंवम भाईचारा आधारित जीवनयापन शैली..!!
किसी का भी शरीर आलसी नहीं होता, शरीर में कार्य करने की अपार क्षमता होती है.
_ दरअसल शरीर मन के निर्देश पर सक्रिय होता है. जिस व्यक्ति का अपने मन पर नियंत्रण है वही अपने तन को नियंत्रित कर सकता है.
_ इसके लिए मन को स्थिर करना पड़ता है, मन को स्थिर करने के लिए मन को साधना पड़ता है, यह एक अभ्यास है जिसे सीखा जा सकता है और अपनाया जा सकता है.
_ संसार में सुनियोजित परिश्रम और सम्पूर्ण ईमानदारी का कोई विकल्प नहीं है.
_जिसने यह सूत्र समझ लिया, समझ लीजिए, वह सार्थक जीवन जीने की राह पर है.
– द्वारिका प्रसाद अग्रवाल
दुनिया की कोई भी चीज इतनी कीमती नहीं है जितना आपका शरीर और सेहत है.
There is nothing in the world so precious as your body and your health.
जीवन की अन्य सब आवश्यकताओं में स्वस्थ रहने की आवश्यकता का स्थान सर्वोपरि है.
Among all other needs of life, the need to remain healthy has the paramount place.
स्वस्थ जीवन शैली केवल आप जो खाते हैं उसके बारे में नहीं है ; _ यह वही है जो आप भावनात्मक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से उपभोग करते हैं.
healthy lifestyle is not just about what you eat. It is also what you consume emotionally, mentally and spiritually.
इस दुनिया मे सबसे खूबसूरत चीज मानव शरीर है,
__ इस दुनिया में लाखों जीव जंतु, पेड़ पौधे हैं,
_ पर मेरे हिसाब से मानव शरीर सबसे खूबसूरत है,
_ क्योंकि जिस तरह से मानव शरीर की रचना की गयी है,
_ वह सोच कर भी ताज्जुब होता है,
__ क्या कभी आपने सोचा है कि कितनी खूबसूरती से हमारे शरीर की रचना की गयी है.
वक़्त का सही उपयोग अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिये करो.
Use your time meaningfully to improve your health.
जिस व्यक्ति ने तर्कसंगत रूप से और गहराई से इस बारे में सोचा है कि शरीर कैसे काम करता है, वह स्वस्थ रहने के तरीके के बारे में बेहतर विचारों पर पहुंच सकता है.!!
जिंदगी सुखद तभी है जब हम मानसिक और शारीरिक रूप से बिल्कुल स्वस्थ हैं,
_वरना ये जीवन बहुत दुखदाई और कष्टकारी है.!!
स्वादिष्ट, ताजा और अपनी पसंद का खाइए..!!
_पसंद का खाने से सेहत बनती है और इंसान खुश रहता है..!!
संसार में सबसे बड़ा दुख शरीर का होता है,
_ अगर इंसान का शरीर स्वस्थ है तो उसे सारी दुनिया आनंदमय लगती है,
_ लेकिन अगर इंसान का शरीर स्वस्थ नहीं है, बीमार है, शरीर में कोई तकलीफ है, कोई रोग है,
_ तो उसे.. यह पूरी दुनिया, उसकी धन दौलत सब बेकार लगती है.
मानव शरीर प्रकृति की सबसे शानदार कलाकृति है ;
_जटिलता और दक्षता के मामले में कोई भी मानव निर्मित मशीन इसकी बराबरी नहीं कर सकती.
_दुर्भाग्य से, अधिकांश लोग अपने शरीर के साथ उस प्यार और सम्मान का व्यवहार नहीं करते _जिसके वह हकदार है.
_ “स्वस्थ शरीर बनाए रखना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है.
_ प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य की जिम्मेदारी लेनी चाहिए.
_ “”इच्छाशक्ति से हम अपने शरीर को स्वस्थ और मजबूत बना सकते हैं.
_मानव शरीर में स्वयं को ठीक करने की शक्ति होती है.
_ आपका शरीर अपनी दवा स्वयं बनाने में सक्षम है.
_ “”शरीर की देखभाल हमें अपने बारे में अच्छा महसूस करने में मदद करती है.””
_ अपने शरीर को अच्छा रखने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करें.
_ “”अपने प्रति दयालु बनें और अपने शरीर की देखभाल करें.”
“” – मरीज को मुझे यह समझाना चाहिए कि उसे अपने जीवन और शरीर की जिम्मेदारी खुद लेनी होगी.
-अपने शरीर को डॉक्टर के पास इस तरह न ले जाएं _जैसे कि वह कोई रिपेयर की दुकान हो.”” – Quentin Regestein
विषय आपकी बीमारी का हो या दूसरे की, चर्चा कम करिए, _ आगे के निर्देश तय करिए और आगे बढ़िए ; _
_ अधिकतर बीमारी / कमज़ोरी की चर्चा गॉसिप् होती है.
अपने शरीर को अपना मित्र बनाएँ ;
_ अगर इसका साथ हैं तो दुनिया के सारे काम चलते रहेंगे ;
__ इसका ख्याल रखो, इससे बातचीत करो, इसका हालचाल पूछो,
_ अगर इसका साथ छूट गया तो सब कुछ शून्य हो जाएगा ;
_ खुश रहें मस्त रहें स्वस्थ रहें और ख़ुशियाँ बाँटते रहें..
आपके शरीर से बेहतर दोस्त आपको कहीं नहीं मिलेगा,,
_ इसका ख्याल रखें … ये हर मुसीबत में आपका साथ देगा..
“एक फिट शरीर, एक पुरसुकून दिमाग़, प्यार से भरा घर.;
_ये चीज़ें ख़रीदी नहीं जा सकतीं – इन्हें कमाना ज़रूरी है”
जब हम शरीर को इग्नोर करते हैं,
_तो हम अधिक आसानी से इसका शिकार बन जाते हैं.
इंसान उन चीजों से कम बीमार होता है जो वो खाता है,_
_ ज्यादा बीमार वो उन चीजों से हो रहा होता है जो उसे अंदर ही अंदर खा रही होती है.
यदि आप मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं और आपके पास धन कम ही है..
_ फिर भी आपसे खुशहाल इस दुनिया में कोई नहीं है…!!!
स्वास्थ्य सभी बाहरी वस्तुओं पर हावी है _कि एक स्वस्थ भिखारी एक बीमार राजा की तुलना में अधिक खुश हो सकता है.
“स्वास्थ्य” वह मूल तत्व है जो जीवन की सारी खुशियों को जीवंत बनाता है और स्वास्थ्य के बिना वे सभी नष्ट और नीरस होती हैं.
बिना स्वास्थ्य के जीवन बेकार है, वह केवल एक पीड़ा की स्थिति और मौत की छवि के समान है.
संपूर्ण स्वास्थ्य पाने के लिए खुश रहना ही पहली शर्त है, चाहे शुरुआत में वह कठिन लगे.
मुस्कुराने का असर सेहत पर होता है, इसलिए मुस्कुराकर खुद को सेहतमंद बनाएं.
अपनी सेहत से प्रेम कीजिए, वरना आप किसी से भी प्रेम करने लायक नहीं रहेंगे.
बीमारी की कड़वाहट से व्यक्ति स्वास्थ्य की मधुरता समझ पाता है.
यदि आप अपने आप से कहते हैं कि आप ठीक महसूस करते हैं, तो आप ठीक महसूस करेंगे..!!
स्वास्थ्य ही असली धन है न कि सोने और चांदी के टुकड़े..
यदि हम स्वस्थ रहना चाहते हैं तो हमें अपने जीवन जीने का तरीका बदलना होगा.
_ सबसे पहले हमें अच्छा, संतुलित, स्थानीय, ताजा, ऋतु के अनुसार भोजन खाना होगा.
_ ऐसा क्यों ?
_ क्योंकि यह हमें उस मौसम की ऊर्जा देता है ताकि हम उस मौसम में प्रकृति के साथ एकलय हो सकें.
_ भोजन शरीर को सही संदेश देता है.
_ हमें व्यायाम करने की भी आवश्यकता है.
हाइजीन का ख़्याल रखें. ओरल से लेकर पर्सनल हाइजीन न स़िर्फ आपकी पर्सनैलिटी के लिए, _ बल्कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए भी बहुत ज़रूरी है.
बाहर का खान-पान का कल्चर सबका स्वास्थ बर्बाद कर रहा है.
_ इस पागल दुनिया में स्वस्थ रहने के लिए स्वस्थ भोजन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है.
_ स्वस्थ अच्छा क्या है ?
_ लोग इसके बारे में लगभग भूल चुके हैं.
_ मैं केवल यही प्रार्थना कर सकता हूं कि व्यक्ति इस बारे में गहराई से सोचें..
_ कि वे कैसा जीवन जीना चाहते हैं और उसके अनुसार अपने जीवन में बदलाव करें..
अच्छा तो बहुत कुछ लगता है संसार में,
_पर सब कुछ हमारी सेहत और स्वास्थ के हिसाब से अच्छा नहीं होता !!
जब भी शरीर में कमजोरी की स्थिति उत्पन्न होती है, तो यह एक महान स्मरण दिलाता है कि हमें इस जीवन का सम्मान करने की आवश्यकता है, _ जो हमें प्रदान किया गया है ;
_ हमें जिस सुंदर शरीर की पेशकश की गई है, उसका सम्मान करने की जरूरत है ; _ हमें उस सुंदर दिल का सम्मान करने की आवश्यकता है जो हमें दिया गया है _ तो हमारे पास हमेशा एक अनुशासन होगा ;_ जो हमें अपने शरीर और मन की देखभाल करने में मदद करता है.
हमें सुख के लिए ऐसे काम नहीं करने चाहिए जिससे हमें बाद में बुरा लगे ; _ एक बीमार शरीर कुछ भी करने में सक्षम नहीं होता है ; _ सबसे बुनियादी गतिविधियों पर भी इसका कोई नियंत्रण नहीं होता है.
जब हमारा अपने शरीर पर पूर्ण नियंत्रण होता है, तो यह सतर्क और जागरूक होता है ; _ एक स्वस्थ शरीर जानता है कि किसी चीज को सटीक मात्रा में पकड़ के साथ कैसे पकड़ना है.
एक स्वस्थ शरीर जानता है कि कब छोड़ना है और कब जाने देना है ; _ बीमारी में, हम कुछ करने की कोशिश करते हैं, तो यह हताशा का कार्य होता है या एक कमजोर बेकार आधा प्रयास.!!
अगर हमारा दिमाग शांत नहीं है, तो हम जो कुछ भी करने की कोशिश करते हैं, वह कभी भी उस तरह से नहीं निकलता _ जैसा हम करना चाहते हैं और फिर हम कहते हैं, मेरा इरादा अच्छा करना था.!!
इरादा अच्छी बात है लेकिन सिर्फ इरादा ही काफी नहीं है ; हम जो करना चाहते हैं उसे करने के लिए योग्यता और जागरूकता होना महत्वपूर्ण है.
स्वस्थ रहने से बड़ा कोई संकल्प नहीं हो सकता, क्योंकि हम स्वस्थ रहेंगे, तभी अपने परिवार और दोस्तों के साथ रह कर मुस्कुरा पायेंगे. संभवतः आपने भी आजतक किसी बीमार को खुश रहते नहीं देखा होगा. इसलिए यदि आप कोई चीज बदलना चाहते हैं, तो अपनी जीवनशैली की बुरी आदतों को बदलें, जिससे कि आप सदा सुखी और स्वस्थ महसूस कर सकें.
अपनी व्यस्त जिंदगी में 7 से 8 घंटे नींद जरूर लें, क्योंकि जब हम सोते हैं तब शरीर हर तरह की गंदगी को बाहर निकालने का काम करता है, जिस से त्वचा में निखार आता है.
क्या आप जानते हैं ? उदास, नेगेटिव, निराश मन बीमारियों के प्रति ग्रहणशील होता है,
खुश, उम्मीद, और आशा से भरा हुआ मन बीमारी के प्रति अग्रहणशील होता है,
इसलिए मन से खुश लोग जल्दी से बीमार नहीं पड़ते.
जब भी बीमारी की भावना महसूस हो, तुरंत स्वास्थ्य देखना शुरू करें ;
इससे स्वास्थ्य ऊर्जा आपकी ओर आकर्षित होने लगेगी.
90 प्रतिशत बीमारी केवल मानसिक होती है, जो की किसी वहम की वजह से होती है ;
_ बेवजह खुद को बीमार न मानें, आप स्वस्थ हैं.
अच्छा सोचना आपके दिमाग़ को फ्रेश करता है..
_और शारीरिक व्याधियों को भगाता है..!!
इंसान का सबसे बेहतरीन साथी उसका स्वास्थ है,
अगर उसका साथ छूट जाए तो वह हर रिश्ते के लिए बोझ बन जाता है.
शरीर के लिए सबसे अच्छा उपचार है शांत दिमाग और शांत दिमाग के लिए सबसे अच्छा उपचार है,
किसी भी बात को ह्रदय पर न लेना.
हमारे पास ऐसी कीमती चीजें हैं जिन के बारे में हम को ज्ञान नहीं है, हमारे पास चीजें हैं –
हमारा शरीर, हमारा चिंतन, हमारा वक़्त, हमारा श्रम, हमारा पसीना, हमारा आत्मविश्वास, हमारा स्वास्थ्य,
हमारा साहस, हमारा ज्ञानविज्ञान, हमारा ह्रदय, हमारा मस्तिष्क, हमारा अनुभव, हमारी भावनाएं संवेदनाएं आदि.
ये इतनी बड़ी चीजें हैं कि इन का रूपए से कोई संबंध नहीं है. रूपया तो इनके सामने धूल के बराबर है.
इन अनमोल चीजों को महान उद्देश्य के लिए इस्तेमाल करें.
रात का भी एक भार होता है… इसका भार _ वही महसूस कर सकते हैं…जिन्हें नींद की समस्या है.
अच्छी नींद लें, यह जानते हुए कि प्रत्येक रात का आराम आपको एक उज्जवल और अधिक आशाजनक भविष्य के करीब लाता है.
बहुत बड़ी होती हैं छोटीछोटी खुशियां. अंतर्मन में सकारात्मकता का संचार कर जीवन को सींचती हैं ये खुशियां.
जीवन अनमोल है, कामयाबी की भूलभुलैया में इसे न खोएं. स्वास्थ ही जीवन है, इसे भूलें नहीं.
शरीर की हिफाजत धन से भी अधिक करनी चाहिए,
क्योंकि शरीर बिगड़ने के बाद धन भी उसकी हिफाजत नहीं कर सकता है..
उम्र बढ़ने के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य को ले कर सदैव सचेत रहना चाहिए.
_ मसलन आप उतना ही खायें-पियें ..जितना आसानी से पच सके.
_ भोजन चटपटा नहीं ..स्वास्थ्य और मौसम के अनुकूल होना चाहिए.
साफ रखें …
पेट साफ़ रखे तो शरीर स्वस्थ रहेगा, और दिमाग साफ़ रखे तो चरित्र स्वस्थ रहेगा ! शरीर स्वस्थ है तो अस्पताल का क्या काम और दिमाग स्वस्थ है तो कोर्ट -कचहरी- का क्या काम ???
दोनों स्वस्थ हैं तो जीवन सुखी और सम्पन्न समझिये !!!
अच्छे जीवन के लिए शरीर को संभाले,
अच्छा जीवन पाने के लिए हमें सब से पहले हमारे शरीर को देखना होगा,
शरीर को संभालने के लिए थोड़ा सा व्यायाम, योग, प्राणायाम करना
और खाने में संयम रखना बहुत जरूरी हैं.
शरीर से कम काम भी नहीं लेना और ज्यादा काम भी नहीं लेना,
शरीर को जितनी जरूरत हैं, उतना व्यायाम तो करना ही पड़ेगा.|
प्रकृति के नियम
खाना जो हम खाते हैं, एकाध दिन के अंदर शरीर से बाहर निकल जाना चाहिए, वरना हम बीमार हो जायेंगे।
पानी जो हम पीते हैं, दो-चार घण्टे के अंदर शरीर से बाहर निकल जाना चाहिए, वरना हम बीमार हो जायेंगे।
हवा जो हम सांस लेते हैं, कुछ सेकण्ड में ही वापस बाहर निकल जानी चाहिए, वरना हम मर ही जायेंगे ।
लेकिन कुछ नकारात्मक बातें—
*जैसे कि घृणा, गुस्सा, ईर्ष्या आदि आदि।
जिनको हम अपने अंदर दिन, महीने और सालों तक रखे रहते हैं!
यदि इन नकारात्मक विचारों को समय-समय पर अपने अंदर से नहीं निकालेंगे तो एक दिन निश्चित ही हम मानसिक रोगी बन जायेंगे ।
निर्णय आपका
क्योंकि… शरीर है आपका _ स्वयं विचार करें..
*” दवाई ” केवल दवाई की बोतलें और गोलियां ही नहीं होती हैं*
*कुछ ऐसी ” दवाएं ” भी होती हैं ! जिनके उपयोग से बीमारी ही नहीं हो सकती…*
*जैसे : -*
*01) कसरत exercise एक दवाई है !*
*02) सुबह सैर करना एक दवाई है !*
*03) व्रत रखना एक दवाई है !*
*04) परिवार के संग भोजन एक दवाई है !*
*05) हंसी मजाक एक दवाई है !*
*06) गहरी नींद एक दवाई है !*
*07) अपनों संग वक्त बिताना एक दवाई है !*
*08) हमेशा खुश रहना दवाई है !*
*09) कुछ मामलों में चुप्पी भी एक दवाई है !*
*10) सबको सहयोग करना एक दवाई है !*
*11) एक अच्छा दोस्त तो दवाई की दुकान है !*
*इन सबका अनुसरण कीजिए*
*न इसमें पैसा खर्च होता हैं !* *न हीं इसके कोई साइड इफेक्ट होते हैं….
*HAPPY WORLD HEALTH DAY TO ALL…*
*_Important numbers to remember :_*
*1. Blood pressure : 120 / 80*
*2. Pulse : 70 – 100*
*3. Temperature : 36.8 – 37*
*4. Respiration : 12-16*
*Males (13.50-18)*
*Females ( 11.50 – 16)*
*6. Cholesterol : 130 – 200*
*7. Potassium : 3.50 – 5*
*8. Sodium : 135 – 145*
*9. Triglycerides : 220*
*10. Amount of blood in the body

*Pcv 30-40%*
*11. Sugar*
*Children : 70-130*
*Adults : 70 – 115*
*12. Iron : 8-15 mg*
*13. WBC : 4000 – 11000*
*14. Platelets : 150,000 – 400,000*
*15. RBC : 4.50 – 6 million*
*16. Calcium : 8.6 – 10.3 mg/dL*
*17. Vitamin D3 : 20 – 50 ng/ml*
*(nanograms/ml)*
*18. Vitamin B12 : 200 – 900 pg/ml*
*_Tips for the 60 plus_*
*First Tip:*
Always drink water even if you don’t feel thirsty!!
The biggest health problem is from the lack of water in the body!
2 litres Minimum per day (24 hours)
*पहला सुझाव:*
प्यास न लगे तो भी हमेशा पानी पिएं !!
शरीर में पानी की कमी से होती है सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्या!
2 लीटर न्यूनतम प्रति दिन (24 घंटे)
*Second Tip:*
Play sports even when you are very busy!
The body must be moved, even if only by walking or swimming or any kind of sport!.

Walking is good for a start!

दूसरा सुझाव:*
जब आप बहुत व्यस्त हों तब भी खेल खेलें !
शरीर को हिलना चाहिए, भले ही वह केवल चलने या तैरने या किसी भी प्रकार के खेल से ही क्यों न हो !.

चलना एक शुरुआत के लिए अच्छा है !
*Third Tip:*
Reduce food!
Leave excessive food cravings because it never does good!
Don’t deprive yourself but reduce the quantity!
Use more of Protein & Carbohydrates based foods.
*तीसरा सुझाव

खाना कम करो !
अत्यधिक भोजन की लालसा छोड़ दें क्योंकि यह कभी अच्छा नहीं करता है !
अपने आप को वंचित न करें लेकिन मात्रा कम करें!
प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट आधारित खाद्य पदार्थों का अधिक उपयोग करें।
*Fourth Tip*
As much as possible, do not use the car unless absolutely necessary! Try to reach on foot for what you want (grocery, visiting someone or any goal)! Climb stairs instead of using an elevator/ escalator.
*चौथा सुझाव *
जहां तक हो सके, कार का प्रयोग तब तक न करें जब तक कि अत्यंत आवश्यक न हो! आप जो चाहते हैं उसके लिए पैदल पहुंचने की कोशिश करें (किराने, किसी से मिलने या किसी लक्ष्य के लिए) ! लिफ्ट / एस्केलेटर का उपयोग करने के बजाय सीढ़ियाँ चढ़ें।
*Fifth Tip*
Let go of Anger!!
Let go of worry!!
Try to overlook things…
Do not involve yourself in situations of disturbances! They all diminish health and take away the splendor of the soul. Talk to people who are positive and listen

*पाँचवाँ सुझाव *
क्रोध छोड़ो !!
चिंता छोड़ो !!
चीजों को नजर अंदाज करने की कोशिश करें…
अशांति की स्थितियों में स्वयं को शामिल न करें ! वे सभी स्वास्थ्य को कम करते हैं और आत्मा के वैभव को छीन लेते हैं। सकारात्मक लोगों से बात करें और सुनें.
*Sixth Tip*
As the saying goes… ‘Leave your money in the sun and sit in the shade’!!
Don’t limit yourself and the people around you.
Money was made to live for it, not to live for it.
*छठा सुझाव *
जैसा कहा जाता है….’अपना पैसा धूप में छोड़ कर छांव में बैठ जाओ’!!
अपने आप को और अपने आस-पास के लोगों को सीमित न करें।
पैसा इसके जीने के लिए बनाया गया था, इसके लिए जीने के लिए नहीं।
*Seventh Tip*
Don’t make yourself feel sorry for anyone nor on something you could not achieve,
nor anything that you could not own!
Ignore it, forget it!

*सातवां सुझाव *
अपने आप को किसी के लिए खेद महसूस न करें और न ही किसी ऐसी चीज़ पर जिसे आप हासिल नहीं कर सके,
और न ही कुछ ऐसा जो आप के मालिक नहीं हो सकते !
इसे नज़रअंदाज़ करो, भूल जाओ !

*Eighth Tip*
Humility! Money, Prestige, Power and Influence are all things that are corrupted by arrogance!
Humility is what brings people closer to you with love.!

*आठवां सुझाव*
विनम्रता! धन, प्रतिष्ठा, शक्ति और प्रभाव सभी चीजें हैं जो अहंकार से भ्रष्ट हो जाती हैं !
नम्रता ही है जो लोगों को प्यार से आपके करीब लाती है.!
*Ninth Tip*
If your hair turns grey, this does not mean the end of life! It is a proof that a better life has begun !

Be optimistic, travel, enjoy yourself ! Make memories !
*नौवां सुझाव*
अगर आपके बाल सफेद हो जाते हैं, तो इसका मतलब जीवन का अंत नहीं है ! यह इस बात का प्रमाण है कि एक बेहतर जीवन की शुरुआत हो चुकी है !
आशावादी बनें, यात्रा करें, आनंद लें ! यादें बनाएं !
Wishing you a Healthy and Happy life!!
| Mar 8, 2014 | Meditation, My Favourite Thoughts, मस्त विचार, सुविचार

आनन्द का मार्ग ” ध्यान ” से होकर जाता है.
‘ध्यान’ सत्य और त्रुटि के बीच अंतर करने का एकमात्र तरीका है.
Meditation is the only way to differentiate between truth and error.
ध्यान हमारे दुख और आनंद की प्रकृति को गहराई से देखने का अभ्यास है.
Meditation is the practice of looking deeply into the nature of our suffering and joy.
ध्यान पर ध्यान देना _आपके मानसिक जीवन पर नियंत्रण रखने की कुंजी है.
ध्यान इसलिए नहीं है कि आपको दुनिया से काटने, कोने में बैठाने की कोई विधि है. ज़िन्दगी में और सफल हो सकें, ज्यादा सुखी हो सकें, ज्यादा आनन्द से रह सकें, उस स्थिति का नाम ध्यान है.
“– लोग यह कहते हैं कि उन्हें ध्यान के लिए समय नहीं मिलता ! मैं समझता हूँ और सभी अच्छी तरह जानते और समझते हैं कि उन्हें अपनी बीमारी, चिन्ता, फिक्र और अन्य भौतिक जरूरतों के लिए हमेशा काफी समय मिल जाता है ! कारण यही है कि उनकी दृष्टि में ध्यान की अपेछा इन सबका महत्व अधिक है.
अपने अन्तःकरण को कभी ध्यान की अनुभूति कराइए, उस समय देखना कि उसका स्वाद कैसा होता है, यह एक ऎसा नशा है कि इसको सच्चे ढंग से चखने के बाद आपको लगेगा कि इस नशे में डूबने का बहुत आनन्द है.
ध्यान से हम स्व में स्थित हो जाते हैं. हमारे मन में जो प्रश्नो का भण्डार होता है, हम बार- बार उलझनो में उलझे रहते हैं, उनका समाधान ध्यान से स्वयं होना शुरू हो जाता है.
जब जीवन में ध्यान के फूल खिलते हैं, एकान्त जब सुहावना लगने लगता है, तो जीवन सन्तोष और कृतार्थता से भर जाता है.
शांति पाने में कितना समय लगता है..
शास्त्रों में एक कथन है- यदि आप शांति से रहना चाहते हैं तो यहीं और अभी आप इसे हासिल कर लेंगे ;
_ कोई समय की आवश्यकता नहीं है.
सब कुछ ध्यान होना चाहिए. बैठना और ध्यान करना ठीक है _ लेकिन हमारा पूरा जीवन एक ध्यान होना चाहिए और यह शांति पाने की सच्ची इच्छा से आता है.
छोटी-सी ज़िंदगी है, इतना कर लो कि अपने भीतर ध्यान जल जाए, ध्यान की ज्योति उठ जाए, शेष सब अपने आप हो जाएगा.
फिर कितना ही कष्ट झेलना पड़े, हर कष्ट एक चुनौती होगी और हर कष्ट तुम्हारे लिए एक विकास का अवसर होगा, एक मौक़ा होगा.
जो लोग ध्यान करके अपने आप को पका लेते हैं, फिर उनके अन्दर इतनी शक्ति आ जाती है कि, फिर संसार में कैसे भी आँधी, तूफान आते रहें, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता.
ध्यान भीतर का स्नान है, जैसे शरीर ताजा हो जाता है स्नान के बाद, धूल, कूड़ा- करकट, शरीर से बह जाता है; _
ऐसी ही ध्यान भीतर का, अंतरात्मा का स्नान है, _ और भीतर जब सब ताजा हो जाता है, _ तब कैसी अशांति ! तब कैसा दुख, कैसी चिंता !
” — धीरे धीरे तो ध्यान के बाद बहुत ही ताजगी मालूम होगी ;
ताजगी कहना ही गलत है, ‘तुम ताजगी हो जाओगे’ { YOU WILL BE THE FRESHNESS }–“
“ध्यान ही एकमात्र स्वतंत्रता है क्योंकि यह मन से परे एक आयाम है ; _ सारा तनाव और संघर्ष मन का है”
Meditation is the only freedom as it is a dimension beyond the mind. All the stress and struggle are of the mind.
” ध्यान एक मौन हृदय है, एक शांत मन है जो जीवन को अधिक प्यारा, अधिक जीवंत बना सकता है “
Meditation is a silent heart, a peaceful mind which can make life more lovable, more livable.
“ध्यान कोई कृत्य नहीं है, यह एक गुण है। ध्यान कुछ ऐसा नहीं है जो आप करते हैं – यह ऐसा कुछ है जो आप बन जाते हैं”
Meditation is not an act, it is a quality. Meditation is not something you do—it is something that you become.
ध्यान के द्वारा आपकी सहन- शक्ति और मानसिक शक्ति इतनी बढ़ जाती है कि जिस पीड़ा से एक सामान्य व्यक्ति बुरी तरह व्याकुल हो जाता है, उसे आप प्रसन्नतापूर्वक सहन कर सकते हैं.
आप जब ध्यान करते हो तो पाओगे कि _आप उस आनंद से परिचित हो गए ; _जिसमें पीड़ा भी पीड़ा नहीं लगती..
ध्यान समय न मिलने की बात नहीं है, बल्कि दिल की बात है ;
_यदि आपके पास ध्यान करने का दिल है, तो आपको समय मिल जाएगा.!!
सत्य के लिए वास्तव में कौन काम कर रहा है ?
_ उत्तर स्पष्ट है.. “वह जो ध्यान करता है”, वह जो मौन में विलीन हो जाता है, वह जो स्वयं को मिटा देता है.
“मनुष्य जिस तनाव से गुजर रहा है, उससे मुक्ति का एकमात्र उपाय ध्यान है”
Meditation is the only way to freedom from all the stress that man is going through.
ध्यान करते- करते ऎसा एक गहरा स्वाद आ जाता है, जिसमे निश्चय हो जाता है कि हमारे भीतर एक अपार स्त्रोत है : सुख का.
“जैसे ही मन पूरी तरह से खाली हो जाता है, तुम्हारी पूरी ऊर्जा जागरण की एक लौ बन जाती है। यह लौ ध्यान का परिणाम है।”
ध्यान का अर्थ ही है: एक चौकन्नापन, एक ताजगी, सतत जागरूकता _ एक क्षण को भी भीतर मूर्च्छा नहीं.
“जीवन पवित्र है” ध्यान और पूर्ण विश्राम की स्थिति में प्रकृति अपने सभी रूपों में खुद को प्रकट करती है.
ध्यान वो सुलझन है _ जो _ उलझन के पहाड़ को _भेद पाने वाले _ को ही मिलती है.
ध्यान एक व्यायाम है, जिससे मन पर, विचारों पर नियन्त्रण करना सम्भव होता है.
आप किसी भी ध्यान करने वाले को देख लें _ वह अपनी उम्र से कम लगेगा.
“ध्यान अपने अस्तित्व की खूबसूरती को जानने का एक तरीका है”
“ध्यान के माध्यम से उच्च आत्म का अनुभव किया जाता है”
“ध्यान आपको अन्दर से शक्तिशाली बनाता है.”
ध्यान से ही सिर और ह्रदय में संतुलन संभव है..!!
जो ध्यान को उपलब्ध हो गया, उसके भीतर व्यर्थ चीजें नहीं आती _ ध्यान उसका रछक हो जाता है.
जो ध्यान करते हैं, उन्हें भौतिक विपदा विचलित नहीं कर पाती है, इसलिए वे सदा ही प्रसन्न रहते हैं.
ध्यान करते रहने से एक ऎसी ताकत मिल जाती है कि, बड़े से बड़ा दुःख जब सामने आएगा तो वह बड़ा दुःख लगेगा ही नहीं — सहन करने की शक्ति बड़ी भारी आ जाती है.
ध्यान ऎसी स्थिति है, जहाँ आपको स्वयं से आनन्द मिलने लगता है. यह भी एक अनोखा नशा है, इसकी मस्ती ही अलग होती है.
ध्यान जीवन जीने की एक विधि सीखाता है. एक बेहतर माहौल, तनाव रहित आवोहवा, इसी रास्ते सम्भव है.
मनुष्य अपने होने का अर्थ जाने, अधिक से अधिक ऊँचाई पर जाए, स्वस्थ शरीर और मस्तिष्क को ध्यान वगैरह की विधियों से अनुशासित कर कोई भी सामान्य इन्सान बेहतर बन सकता है.
जीवन हर छण बदलता रहता है, बहुत कम लोग इस बदलाव को महसूस कर पाते हैं, लेकिन ध्यान के द्वारा हम इसको महसूस कर सकते हैं.
ध्यान एक अमृत बून्द है, जब वह हमारे अन्दर समा जाती है, यह अमृत बून्द के अन्दर पहुँचते ही ध्यान की प्रक्रिया आरम्भ हो जाती है, ध्यान में उतरने के बाद हमारे विचार बदल जाते हैं और जीने का ढंग बदल जाता है. जीने का ढंग बदलने से हमारे व्यक्तित्व में एक अलग ही तरह का निखार आता है.
जब हम ध्यान करते हैं तो, हमारे शरीर में रासायनिक परिवर्त्तन व्यवस्थित हो जाते हैं. इस अवस्था में जो न्याय संगत है, वही करने की इच्छा होती है, यह स्वतः होता है.
ध्यान न केवल तनाव को कम करता है बल्कि यह हमारे मष्तिष्क के काम करने की क्षमता को भी बढ़ाता है.
जी हाँ, ध्यान मष्तिष्क में रक्त के प्रवाह में सुधार करता है, एकाग्रता बढ़ाता है, साथ ही याददाश्त में सुधार करता है.
ध्यान एक अमृत्त बून्द है, जब वह हमारे अन्दर समां जाती है, उसी छण से हमारे अन्दर सम्पूर्ण परिवर्त्तन की प्रक्रिया आरम्भ हो जाती है, हमारे विचार बदल जाते हैं, जीने का ढंग बदल जाता है.
“ध्यान का अर्थ है भौतिक के दायरे से परे जीवन को जानना, जीवन को न केवल सतह पर बल्कि स्रोत पर जानना और अनुभव करना”
Meditation means to know life beyond the sphere of the physical, to know and experience life not just at the surface but at the source.
जो जितना अधिक गहरा मेडीटेशन करता है उतना ही अधिक उसका रिमोट कन्ट्रोल
लोगों व घटनाओं के हाथ में न होकर उसके निजी हाथ में होता है.
ध्यान की प्रक्रिया से हमारी सोच, ” एहसास ” में परिवर्तित होने लगती है,
यह मन की जटिलताओं से ह्रदय की सरलता की यात्रा है.
ध्यान हमारी मानसिक – दैहिक सेहत ही नहीं सुधारता
बल्कि हमें बेहतर व संतुष्ट इंसान भी बनाता है.
ध्यानस्थ मन में न तो क्रोध की गर्जना सुनाई पड़ती है, न दुःख का क्रन्दन.
ध्यान का मतलब है कि आप अपनी ज़िन्दगी को जिम्मेदारी से जीयें.
ध्यान की खुशबू से अपने उजड़े हुए जीवन को सौन्दर्य से भर दो.
ध्यान का अभ्यास अंदर एक शांत संपर्क बना देता है जो हमारे बहुत करीब है और हमेशा हमारी पहुंच के अंदर है.
ध्यान योग के द्वारा मन एकाग्र होता है, एकाग्रता से भीतर का सुख मिलता है, संकल्प बल आने लगता है.
हर दिन एक नए जीवन को जीने का अवसर प्रदान करता है. हर उगते सूरज के साथ ध्यान हमें पुराने निर्मित जीवन में इस नए जीवन को
अस्तित्व में लाने की अनुमति प्रदान करता है.
हर दिन जीवन को नए तरीके से जीने का एक अवसर है. प्रत्येक सुबह का ध्यान
हमें उस नये जीवन को इसी जीवन में लाने का अवसर प्रदान करता है.
ध्यान यह परखने में हमारी मदद करता है कि हमारी सोच सही है या गलत, फायदेमन्द है या नहीं.
ध्यान का स्वाद आ जाये तो धन का स्वाद फीका हो जाता है.
ध्यान से महज तनाव ही दूर नहीं होता बल्कि व्यवहार व सोच भी बदलते हैं.
ध्यान की गहराई में हम ह्रदय में खालीपन का अहसास करते हैं.
ध्यान उसको सहज उपलब्ध होता है,
जो किसी का ध्यान नहीं चाहता.
“ध्यान का अर्थ” आँखें बंद करना नहीं है,
बल्कि खोलना है बंद तो पहले से ही है.
हम भोजन करने के पल को भी ध्यान के समान कैसे बना सकते हैं ?
अपनी थाली में भोजन होने और उसे ग्रहण कर पाने के लिए आभारी होकर.
जो शांत, मौन हो सकता है, जो ध्यान लगाना सीख जाता है,
_ वो ज़िन्दगी में कुछ भी हासिल कर सकता है.
महान पुरूषों का संग करो….. हज़ार, लाख, करोड़ काम छोड़ कर भी
_ अगर ज्ञानी, ध्यानी का संग मिले तो उसे अपना सौभाग्य जानना.
आपके घर परिवार में जब तक कोई ध्यानी व्यक्ति रहता है, तब तक आपके घर में कोई नुकसान नहीं कर सकता..* तब तक आप के घर में आनंद ही आनंद रहता है_
_ और हां, आप जो कमाई खाते हैं वह पता नहीं इसी के पुण्य के द्वारा मिल रही हो ..
“– ध्यानी व्यक्ति तो आपकी गलतियों को माफ कर देता है लेकिन उसकी ऊर्जा कभी माफ नहीं करती,
_इसलिए कोशिश करें गलती से भी ध्यानी व्यक्ति को आप की ओर से पीड़ा न पहुंचे –“
ध्यान का उद्देश्य मन को नियमित कर एक ऐसी स्थिरता पर ला देना होता है,
जिससे जीवन की अत्यंत भयंकर परिस्थितियों में भी हम थोड़ा रुक कर उसका विश्लेषण करके सही कार्यवाही कर सकें.
ध्यान करते रहने से सांसारिक परेशानियां अपने आप समाप्त हो जाती हैं,
_ मन में तो परिवर्तन होता ही है, पर जीवन में आये कठिन पल भी सहज हो जाते हैं ..
ध्यान का अभ्यास लालटेन जलाने जैसा है, ध्यान में जब हमारे अंदर आत्मज्ञान की रोशनी जगती है तब मन की कालिख यानी मन के विकार, अधूरी इच्छाएँ, वासनाएँ आदि विलीन हो जाते हैं.
जब आपके पास ध्यान करने के लिए समय न हो, तभी वह समय होता हैं, जब आपको ध्यान करने की सबसे ज्यादा ज़रूरत होती है.
ध्यान करने से चेतना आपका आईना बन जाती है और आपके सहज स्वभाव को प्रतिबिम्बित करने लगती है.
ध्यान का अर्थ है, तीन स्तरों पर साक्षीभाव: शरीर की क्रिया, मन के विचार, हृदय की भावनाएँ _
_ एक बार जब व्यक्ति को इन तीन बातों का ज्ञान हो जाता है, तो चौथा चरण अपने आप हो जाता है.
यदि ध्यान तुम्हें बेहतर, सुन्दर और सरल नहीं कर रहा है तो _ चाहे जो हो _ वह ध्यान नहीं है.
ध्यान की गुणवत्ता हमारे मनोभाव पर निर्भर करती है न कि उसकी अवधि पर.
ध्यान की दौलत से रचनात्मकता तथा कार्य करने की छमता अपने आप बढ़ती है.
जो भी काम करें, उसमें अपना प्रेम उड़ेल दें, अपना होश उसमें जोड़ दें, _ सजगता बनाए रखें.
बस पैसे के लिए काम मत करिए, _ अपने आनंद और प्रेम के लिए काम कीजिए.
यदि आपने पूरे ध्यान से काम किया तो किसी और ध्यान की जरूरत नहीं होगी, आपका काम ही ध्यान बन जाता है.
यदि आप अपने काम को ध्यान बना सको तो उससे बेहतर कोई परिस्थिति नहीं हो सकती, _ फिर आपके आन्तरिक और बाह्य जीवन में कोई विरोध नहीं होता.
ध्यान कोई अलग चीज नही है, आपके जीवन का हिस्सा है ; _ हर आती जाती श्वास की तरह ध्यान भी लगातार सहजता से चल सकता है.
बस थोडी सी बदलाहट की जरूरत है, __ इसके लिए बहुत ज्यादा कुछ करना भी नहीं है.
जो भी चीज आप बेहोशी में करते रहे हो, उन्हें जरा होश से करने लगो, _ और जब साधारणतया आप कुछ करते हो तो कुछ पाने के लिए- जैसे कि पैसा, पद, प्रतिष्ठा.
पैसा ठीक है, लेकिन उसे ही उद्देश्य मत बनाइए, बस बाइप्रोड्क्ट की तरह आने दीजिए,; _ पैसे की जरूरत है लेकिन पैसा सब कुछ नहीं है, _ आनंद और मौज के लिए काम कीजिए, _ और फिर देखिए कितनी खुशियाँ बिना मोल चली आती हैं, उनसे भला क्यों चूकना ?
काम को खेल बना लीजिए, उसे स्पोर्ट्स की तरह खेलिए और उसका मजा लीजिए, __ यह प्रयोग हर काम के लिए किया जा सकता है, __ हर काम एक चुनौती है ; उसे आनंदमय ध्यान बनाया जा सकता है.
ध्यान में मिलती हैं ताजगी,
ध्यान में मिलती हैं इंद्रियों पर पकड़,
ध्यान में मिलती हैं इंद्रियों की वो संवेदनशीलता
की आपका भोजन में स्वाद बढ़ जाता हैं, आंखों से देखने का आनंद बढ़ जाता है,
कानों से सुनने की क्षमताएं और संगीतमय स्थिति पैदा हो जाती हैं,
कुल मिलाकर ध्यान में उपलब्ध होती फूलों में खुशबू,
सूरज में तपिश, चांद में चांदनी, हवाओं की शीतलता…
ध्यान से हमें हर वो चीज उपलब्ध होती हैं
जिन चीजों के बगैर हम जीवन का आनंद नहीं ले सकते.
जैसे कि आंखे हो और शीशे पर धूल हो तो कुछ साफ दिखता नहीं,
ध्यान हैं धूल का हट जाना.
“मैं हमेशा ध्यान की कोशिश करता हूं ; ध्यान का अर्थ है हमेशा एक दिमाग रखना, न कि दिमाग हिलाना “
I always try meditation. Meditation means always keeping one mind, not-moving mind.― Seung Sahn
“वास्तविक ध्यान अभ्यास यह है कि हम किस प्रकार पल-पल अपने जीवन को जीते हैं”
The real meditation practice is how we live our lives from moment to moment to moment.― Jon Kabat-Zinn
“ध्यान ने मेरे स्वास्थ्य के कई पहलुओं को बदल दिया है कि जब मैं ऐसा नहीं करता हूं, _तो मुझे अजीब लगता है.”
Meditation has changed so many aspects of my health that when I don’t do it, I feel awful.― Beth Behrs
“ध्यान एक जिम की तरह है जिसमें आप शांत और अंतर्दृष्टि की शक्तिशाली मानसिक मांसपेशियों को विकसित करते हैं”
Meditation is like a gym in which you develop the powerful mental muscles of calm and insight.― Ajahn Brahm
“ऐसा नहीं है कि मैं इसमें कोई अच्छा हूँ, लेकिन ध्यान की सुंदरता यह है कि यह हमें अपने ही विचारों से मुक्त करता है”
Not that I’m any good at it, but the beauty of meditation is that it liberates us from our own thoughts.― Faith Salie
“ध्यान परम मोबाइल उपकरण है; आप इसे कहीं भी, कभी भी, विनीत रूप से उपयोग कर सकते हैं”
Meditation is the ultimate mobile device; you can use it anywhere, anytime, unobtrusively.― Sharon Salzberg
“सबसे अच्छा ध्यान सहज है ; _ सबसे अच्छा ध्यान एक कोमल जागरूकता है”
The best meditation is effortless. The best meditation is a gentle awareness.― Maxime Lagacé
“सोना ध्यान की तरह है, यह शरीर को आराम देने के लिए अच्छा है लेकिन मन को _ कुछ समय के लिए बंद करने के लिए भी”
Sleeping is like meditation, it’s good to rest the body but also to shut the mind down for a bit.― Anthony Joshua
“ध्यान उन तरीकों में से एक है जिससे आध्यात्मिक आदमी खुद को जागृत रखता है”
Meditation is one of the ways in which the spiritual man keeps himself awake.― Thomas Merton
“जब आप एक बच्चे होते हैं, तो आप घास में लेट जाते हैं और बादलों को देखते रहते हैं, और आपके मन में सचमुच कोई विचार नहीं होता है ; यह विशुद्ध रूप से ध्यान है, और हम इसे खो देते हैं”
When you’re a kid, you lay in the grass and watch the clouds going over, and you literally don’t have a thought in your mind. It’s purely meditation, and we lose that.― Dick Van Dyke
“जितना अधिक आप नियमित रूप से और अधिक गहराई से ध्यान करेंगे, उतनी ही जल्दी आप खुद को हमेशा शांति के केंद्र से अभिनय करते हुए पाएंगे”
The more regularly and the more deeply you meditate, the sooner you will find yourself acting always from a center of peace.― J. Donald Walters
“ध्यान से ज्यादा प्रार्थना है ; ध्यान में शक्ति का स्रोत स्वयं का है ; जब कोई प्रार्थना करता है तो वह अपने से अधिक शक्ति के स्रोत में जाता है”
Prayer is more than meditation. In meditation the source of strength is one’s self. When one prays he goes to a source of strength greater than his own.― Chiang Kai-shek
“स्थिर और गतिमान ध्यान के लंबे अंतराल के बिना कोई भी महान कार्य कभी भी निर्मित नहीं हुआ है”
No great work has ever been produced except after a long interval of still and musing meditation.― Walter Bagehot
“पक्षियों को देखना मेरे दैनिक ध्यान का हिस्सा बन गया है जो पृथ्वी शरीर से मेरे संबंध की पुष्टि करता है”
Watching birds has become part of my daily meditation affirming my connection to the earth body.― Carol P. Christ
“लेखन ध्यान का एक बहुत ही केंद्रित रूप है। कमल की मुद्रा में बैठने जैसा ही अच्छा है”
Writing is a very focused form of meditation. Just as good as sitting in a lotus position.― Alan Moore
“मेरे जीवन में बहुत ध्यान और अच्छी ऊर्जा शामिल है, इसलिए मेरा दिमाग व्यस्त रहेगा”
My life includes much meditation and good energy, so my mind will stay busy.― Walter Mercado
“संगीत मेरे लिए कोई काम नहीं है – यह ध्यान का एक रूप है, और आपको इसके लिए कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता नहीं है”
Music is not a work for me – it’s a form of meditation, and you don’t need to work hard for it.― Kailash Kher
“ध्यान इतनी अधिक महत्वपूर्ण वास्तविकता है उससे अधिक जिसे हम आम तौर पर वास्तविकता समझते हैं”
Meditation is such a more substantial reality than what we normally take to be reality.― Richard Gere
“वह आपके विचारों को नियंत्रित करने के लिए ध्यान का लक्ष्य नहीं रखता है, यह आपको उन्हें नियंत्रित करने से रोकने के लिए है “
He goal of meditation isn’t to control your thoughts, it’s to stop letting them control you .―
“ध्यान का फल विचारों की अनुपस्थिति नहीं है, लेकिन यह तथ्य कि विचार हमें नुकसान पहुंचाते हैं”
The fruit of meditation is not the absence of thoughts, but the fact that thoughts cease to harm us.― Bokar Rinpoche
“ध्यान आप विचारों से नहीं गुजर रहे हैं – यह आपके विचारों को आपके माध्यम से जाने देता है “
Meditation is not you going through thoughts – it’s letting thoughts go through you.― Naval Ravikant
“जब ध्यान में बैठे, तो कहें, यह मेरा व्यवसाय नहीं है हर उस विचार के साथ जो आता है”
When sitting in meditation, say, That’s not my business. with every thought that comes by.― Ajahn Chah
“ध्यान का अभ्यास आपको आपकी मानसिक क्षमता के बारे में अधिक बता सकता है”
The practice of meditation can reveal to you more of your mental capacity.― Betty Buckley
“अब भी जब मैं एक प्रश्न का उत्तर दे रहा हूं तो मैं अपने ध्यान की ऊंचाई पर हूं”
Even now when I am answering a question I am at the height of my own meditation.― Sri Chinmoy
“दुख हमारे भीतर की आत्मा से वियोग के कारण है ; _ ध्यान उस संबंध को स्थापित कर रहा है”
Suffering is due to our disconnection with the inner soul. Meditation is establishing that connection.― Amit Ray
“ध्यान आपके भीतर परमात्मा को पोषित करने और खिलने का एक तरीका है”
Meditation is a way for nourishing and blossoming the divine within you.― Amit Ray
“मैं बहुत सारे योग और ध्यान करता हूं ; यह मेरी नसों को शांत करता है और मुझे मेरी ऊर्जा को चैनलाइज़ करने में मदद करता है.”
I do a lot of yoga and meditation. It calms my nerves and helps me channelise my energy.― Vijender Singh
“योग बड़ी चीज है और खुद से ज्यादा जुड़े रहने के लिए ध्यान भी बड़ी चीज है”
Yoga is a great thing and meditation is also great to get connected to yourself more.― Ziggy Marley
“जहां शांति और ध्यान है, वहां न तो चिंता है और न ही संदेह”
Where there is peace and meditation, there is neither anxiety nor doubt.― Sr. Francis de Sales
“दुनिया के मामले हमेशा के लिए चले जाएंगे ; _ ध्यान के अभ्यास में देरी न करें”
The affairs of the world will go on forever. Do not delay the practice of meditation.― Milarepa
“हर सुबह, मैं 10 मिनट की माइंडफुलनेस करता हूं, जहां मैं मेडिटेशन करता हूं, और मैं प्रतिस्पर्धा और रोजमर्रा की जिंदगी में इसका इस्तेमाल करता हूं”
Every morning, I do 10 minutes of mindfulness, where I do meditation, and I use that in competition and everyday life. ― Tom Daley.―
“सकारात्मक ध्यान पर हर दिन शुरू करने के लिए सुबह का ध्यान महत्वपूर्ण है”
Morning meditation is important to start every day on a positive note.― Susan Burton
“ध्यान मन को शुद्ध करने और शांत करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है, इस प्रकार शरीर का कायाकल्प होता है”
Meditation is a vital way to purify and quiet the mind, thus rejuvenating the body.― Deepak Chopra
“लोगों को लगता है कि ध्यान एक बहुत बड़ा उपक्रम है ; ऐसा मत सोचो.”
People think meditation is a huge undertaking. Don’t think of it like that.― Deepak Chopra
“बस खुद को संतुलित रखने के लिए मैं योग और ध्यान जैसी चीजें करती हूं “
Just to keep myself balanced, I do things like yoga and meditation.― India Arie
“ध्यान ने वास्तव में मेरे लिए व्यक्तिगत और कलात्मक रूप से चमत्कार किया है”
Meditation has really done wonders for me personally and artistically.― Matt Skiba
“ध्यान के बारे में बात यह है, आप अधिक से अधिक आप बन जाते हैं”
The thing about meditation is, You become more and more you.― David Lynch
“ध्यान भटकना नहीं है, यह वास्तविकता के साथ एक शांत मुठभेड़ है”
Meditation is not evasion, it is a serene encounter with reality. –Thich Nhat Hanh
“खुशी का पहला नुस्खा है: अतीत पर बहुत लंबा ध्यान लगाने से बचें”
The first recipe for happiness is: avoid too lengthy meditation on the past.― Andre Maurois
“ध्यान किसी को चोट पहुँचाए बिना मादक होने का एक तरीका है “
Meditation is a way to be narcissistic without hurting anyone.― Nassim Nicholas Taleb
“हम इसे महसूस नहीं कर सकते हैं, लेकिन नृत्य ध्यान का एक रूप है “
We may not realise it, but dancing is a form of meditation.― Neve Campbell
“प्रार्थना तब होती है जब आप रब से बात करते हैं, ध्यान तब होता है जब आप रब को सुनते हैं”
Prayer is when you talk to God, Meditation is when you listen to God.― Diana Robinson
“मेरा मानना है कि ध्यान उच्चतम साधना है, रब तक पहुचने में “
I believe that meditation is the highest spiritual practice, the pathway to God.― Alice Coltrane
“प्रार्थना ब्रह्मांड से बात कर रही है ; _ ध्यान यह सुन रहा है “
Praying is talking to the Universe. Meditation is listening to it.― Paulo Coelho
“फोटोग्राफी एक तत्काल प्रतिक्रिया है, चित्रकारी एक ध्यान है”
Photography is an immediate reaction, drawing is a meditation.― Henri Cartier-Bresson
“ध्यान आत्मा की जीभ और हमारी आत्मा की भाषा है”
Meditation is the tongue of the soul and the language of our spirit.― Jeremy Taylor
“ध्यान जो है उसे नकारने की क्रिया है”
Meditation is the act of stopping to deny what is.― Sven Schnieders
“ध्यान आध्यात्मिक जीवन और ज्ञान में सभी वृद्धि का रहस्य है”
Meditation is the secret of all growth in spiritual life and knowledge.― James Allen
“भीतर और बाहर एक सचेत श्वास एक ध्यान है”
One conscious breath in and out is a meditation.― Eckhart Tolle
“सत्य मौन और ध्यान की संतान है”
Truth is the offspring of silence and meditation.― Isaac Newton
“मेरे लिए काम करना, ध्यान की तरह है”
Working out, for me, is sort of a meditation.― Nicole Eggert
“मेरा ध्यान सरल है ; इसके लिए किसी जटिल प्रथा की आवश्यकता नहीं है ; _ यह आसान है ; _ यह गा रहा है ; _ यह नाच रहा है ;_ यह चुपचाप बैठा है”
My meditation is simple. It does not require any complex practices. It is simple. It is singing. It is dancing. It is sitting silently.― Osho
“ध्यान एक विज्ञान है, अंधविश्वास नहीं”
Meditation is a science, not a superstition.― Osho
“ध्यान से कई लोग लाभान्वित हो सकते हैं”
Many people could benefit from meditation.― Jim Yong Kim
“ध्यान मेरे जीवन का एक अनिवार्य पहलू है”
Meditation is an essential aspect of my life.― Toni Collette
“ध्यान मुझे शांत करने में मदद करता है”
Meditation helps me to calm down.― Lady Gaga
“ध्यान का उद्देश्य व्यक्तिगत परिवर्तन है”
The Purpose Of Meditation Is Personal Transformation.― Henepola Gunaratana
“मैं ध्यान करता हूं। ध्यान मेरी मदद करता है”
I meditate. Meditation helps me.― Rick Springfield
“मैं ध्यान का बहुत बड़ा समर्थक हूं”
I’m a big advocate of meditation.― Luke Goss
“ध्यान मन के लिए भार कक्ष है”
Meditation is the weight room for the mind.― Ed Latimore
“ध्यान आत्मा का परिप्रेक्ष्य ग्लास है “
Meditation is the soul’s perspective glass.― Owen Feltham
“ध्यान का कार्य विस्तृत हो रहा है “
The act of meditation is being spacious. — Sogyal Rinpoche
ध्यान आपको अपने अदृश्य स्वरूप को जानने का अवसर देता है. _ यह आपको अपने मन की अंतहीन सक्रियता से मुक्त होने और शांति प्राप्त करने की अनुमति देता है.
_यह आपको शांतिपूर्ण रहना, तनाव दूर करना, जहां पहले भ्रम था वहां उत्तर प्राप्त करना सिखाता है.
Meditation gives you an opportunity to come to know your invisible self. It allows you to empty yourself of the endless hyperactivity of your mind, and to attain calmness. It teaches you to be peaceful, to remove stress, to receive answers where confusion previously reigned. – Wayne Dyer
1. आप बिना किसी कारण के खुश रहने लगे तो समझिए, मेडीटेशन में उन्नति हो रही है.
2. आप का गुस्सा दस ग्राम भी कम हुआ तो समझिए, मेडीटेशन में उन्नति हो रही है.
3. आपके दिखावा करने की प्रवृति कम हुई तो समझिए मेडीटेशन में उन्नति हो रही है.
4. आप भीतर की सनसनाहट, धड़कन की आवाज सुन पाते हैं तो समझिए मेडीटेशन में उन्नति हो रही है.
5. बॉलीवुड की अश्लील / हिंसक फिल्मों को देखकर मन खराब होने लगे तो समझिए मेडीटेशन में उन्नति हो रही है.
6. आपके नींद में देखे जाने वाले सपनों में नदी , गाय , ऋषि , गुरु , पुष्प आदि दिखने लगे तो समझिए मेडीटेशन में उन्नति हो रही है.
7. आपके सर्च कंटैंट में तबदीली आने लगे ( तामसिक से सात्विक ) तो समझिए मेडीटेशन में उन्नति हो रही है.
8. आपको एकांत जगह पर समय बिताना अच्छा लगने लगे तो समझिए मेडीटेशन में उन्नति हो रही है.
9. आप अपने दुश्मनों से कम घृणा और अपने परिजनों से कम मोह रखने लगे तो समझिए मेडीटेशन में उन्नति हो रही है.
10. आप भोजन में कुदरती चीजों को ज्यादा पसंद करने लगे तो समझिए मेडीटेशन में उन्नति हो रही है.
11. अगर जीव हत्या से आपका मन दुखी हो समझिए मेडीटेशन में उन्नति हो रही है.
12. अगर किसी के भला होने से आप को भी अच्छा लगे तो समझिए मेडीटेशन में उन्नति हो रही है.
13. जब आप जीवन में स्व अनुशासन संयोजन सहजता से करने लगे तो समझिए मेडीटेशन में उन्नति हो रही है.
14. जब आप ऑडी / मुंबई / बैंकॉक / अमेरिका / आईआईटी बेटा / डॉक्टर बेटी के बारे में कम सोचने लगे तो समझिए मेडीटेशन में उन्नति हो रही है.
Some Guidelines for Meditation part – 1
1. ध्यान का उद्देश्य वह अंतिम चीज़ होनी चाहिए जिसे आप प्राप्त करना चाहते हैं.
The object of the meditation should be the final thing you wish to attain.
2. आपमें से प्रत्येक को ध्यान के लिए अपनी प्रिय वस्तु चुननी होगी.
Each one of you have to choose your beloved object for meditation.
3. आपके द्वारा चुनी गई ध्यान की वस्तु के अलावा कोई अन्य विचार नहीं होना चाहिए.
There should be no other thought than the object of meditation you choose.
4. ध्यान का उद्देश्य आपका उद्देश्य होना चाहिए, तब भी जब आप ध्यान में नहीं बैठे हों.
The object of meditation should be your purpose even when you are not sitting in meditation.
5. ध्यान आरंभ में एक सचेतन प्रयास है.
यदि आप असफल भी हो जाएं तो भी प्रयास करते रहें.
Meditation is a conscious effort in the beginning,.
Even if you fail, keep on trying.
6. यहां आपका उद्देश्य क्या है, इस पर चिंतन करते रहें.
Keep on reflecting on what is your purpose here.
7. ध्यान का संपूर्ण मनोविज्ञान विचारों में त्रुटियों को ठीक करने के अलावा और कुछ नहीं है.
The entire psychology of meditation is nothing but a setting right of errors in thought.
8. उस विचार के साथ अपनी पहचान महसूस करें जिसकी कोई सीमा नहीं है.
Feel your identity with the idea that has no limits.
| Mar 2, 2014 | My Favourite Thoughts, सुविचार
“दिखावे से न्याय मत करो; एक अमीर दिल एक गरीब कोट के नीचे हो सकता है.”
“Do not judge by appearances; a rich heart may be under a poor coat.”
—Scottish Proverb
“केवल दिखावे से निर्णय न लें”
“Do not judge from mere appearances.” —Edwin Hubbel Chapin
मन जितना कम समझता है और जितनी अधिक चीजों को ग्रहण करता है, उसकी दिखावा करने की शक्ति उतनी ही अधिक होती है; और जितनी अधिक बातें वह समझता है, उतनी ही उसकी शक्ति क्षीण होती जाती है.
The less the mind understands and the more things it perceives, the greater its power of feigning is; and the more things it understands, the more that power is diminished. – Baruch Spinoza
दिखावा और दिखावटी बातों का समय गया,
_ अब वास्तविकता [Reality] को पसंद करने की आदत डालिए.!!
“दिखावा करना”
_ जब आप दिखावा करते हैं, तो आप दूसरों को दिखाने के लिए कुछ कर रहे होते हैं,
_ बस दूसरों को दिखाने के लिए कि आप क्या कर सकते हैं.
_ जब आप दिखावा करते हैं, तो आप आमतौर पर वह काम अपने लिए नहीं करते,
_ बल्कि आप दूसरों से प्रतिक्रिया पाना चाहते हैं.
इंसान दिखावा क्यों करता है ?
_ लोग दिखावा करते हैं ..क्यूंकि वो प्रसिद्ध होना चाहते हैं,
_ ..क्यूंकि वो चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग उनकी तारीफ करें,
_ ..क्यूंकि वो लोगों को यह बताना चाहते हैं कि..
_ ..उनके पास बहुत कुछ ऐसा है ..जो औरों के पास नहीं है..!!
दिखावा करने से क्या होता है ?
_ दिखावा करने से हम कुछ समय के लिए तारीफ बटोर सकते हैं..
..लेकिन ज्यादा समय तक नहीं..!!
_ क्योंकि जो हम रियल में है ..कभी ना कभी उभर कर आ ही जाता है,
_ नुकसान — अगर हम सच में भी किसी का अच्छा सोचें या कुछ अच्छा करना चाहते हैं ..तो भी लोगों को दिखावा ही लगेगा,
_ क्योंकि हमने लोगों की नजर में खुद की दिखावटी इंसान की छवि बना दी !!
क्या दिखावा करना बुरी बात है ?
_ अगर आपको किसी चीज़ पर गर्व है और वह प्रामाणिक है,
_ तो दिखावा करना बुरी बात नहीं है.
_ लेकिन अगर आप सिर्फ़ ध्यान आकर्षित करने के लिए कुछ कर रहे हैं,
_ या इससे भी बदतर, दूसरों को बुरा महसूस कराने के लिए,
_ तो दिखावा करना अच्छी बात नहीं है.!!
हम दिखावा और बनावट के लिए, अपनी आर्थिक स्थिति के विपरीत, दूसरों को खुश करने में इतना मशगूल है कि..
_ चाहे कुछ हो जाए, बेशक कर्ज ले लिया जाए, लेकिन हम नहीं सुधरेंगे.
_ नतीज़ा, मानसिक तनाव और दुष्परिणाम ;
_ बेहतर होगा कि सत्यता को स्वीकार करते हुए, अपनी हैसियत के अनुसार ही जीवन यापन करने का प्रयास करें.!!
आप देखें कि दुनियाभर में जो भी लोकप्रिय व्यक्तित्व हुए हैं,
_ सब में एक बात की समानता है और वह है उनकी सादगी.
_ उनमे किसी तरह का दिखावा नहीं है, न उन्हें अपने ज्ञान का घमंड है, न अपनी कमियों को छिपाने की चिंता.
_ उन्हें न तो अपनी ज्यादा कमाई का अभिमान है, न पैसे कम होने पर झूठ- मूठ का दिखावा है कि मेरे पास बहुत पैसे हैं.
_ यहां तक कि अपनी आर्थिक स्थिति के कमजोर पछ को बताने में उन्हें संकोच नहीं होता.
_ उनका जीवन खुली किताब की तरह होता है.
_ इसका अर्थ यह है कि आप जैसा हैं, वैसा ही दिखने का प्रयास करें.
हर खूबसूरत दिखने वाली चीज़ अच्छी नहीं होती.. हर ख़राब दिखने वाली चीज़ बुरी नहीं होती.. ज़रूरी नहीं कवर प्रभावशाली ना हो तो अंदर लिखी किताब भी प्रभावशाली ना हो.. प्रचार प्रसार दिखावे के ज़माने में मेकअप पर ना जाएं..
_ भीतर की सुंदरता अनमोल होती है क्योंकि मेकअप एक आवरण है जिसमें मौलिकता नहीं होती, वह कुछ पल बाद उतर जाता है.. भीतरी खूबसूरती आजीवन बनी रहती है..
_तय करिए आपको कौन सी खूबसूरती चाहिए क्षणिक या Long Life..
सुकून से जीना सही है..
_ या दिखावे का कवच पहनकर घुट घुट के जीना.. तय आप कर लो..!!”
_ हम ज़िंदगी नहीं एक दिखावे से भरा पैराडॉक्स [विरोधाभास] जीते हैं !;”
अपने अच्छे दिनों में दिखावाबाजी करने से बचें..
_ ताकि बुरे दिनों में आपको शर्मिंदगी महसूस न हो.!!
दिखावा, खोखलापन, छल, प्रपंच, पाखंड, टीमटाम, ढकोसला, बनावटी, ढोंग, स्वाँग, इत्यादि से दूर जाना ही जीवन का सही मतलब बता सकता है,
_ वरना बेहोशी और भ्रम में पूरी जिंदगी निकल जायेगी.. और लेशमात्र का अनुभव नहीं होगा और जीवन भर जहाँ हैं.. वहीं रह जाएंगे.
_ जागिये और सबको जगाइए.
दिखावटीपन की वजह से बेफिजूल खर्चे बढ़ गये हैं,
_ वरना इंसान रोटी कपड़ा और मकान में भी खुश रहा करते थे.!!
दिखावे का जीवन भी समस्याओं की जड़ होता है.
_ दूसरों की नकल और आमदनी से अधिक खर्च की लालसा भी कभी चैन से जीने नहीं देती.!!
सच्चाई से कोसों दूर हो कर कितना भी दिखावा कर लें,
_ पर दिखावा कभी छुपता नहीं.!!
पहले लोग जितना कमाते थे _उसी में संतुष्ट भी रहते थे, परिश्रम भी बहुत करते थे.
_लोगों की कमाई भी उनके जीवनयापन के अनुरूप ही होती थी,
_पेट काट कर कुछ बचा लिया तो बच जाता था, अन्यथा कल की चिन्ता कल पर छोड़ देते थे.
_स्त्री हो या पुरुष- वे सब दिखावे से बहुत दूर रहते थे, बिना प्रेस किए हुए कपड़े पहन कर भी उनमें हीन भावना नहीं उपजती थी.
_न जेब में बहुत पैसे हुआ करते थे, न ही असीमित जरूरतें..
_जिनकी आय अपेक्षाकृत अधिक थी, उसका उन्हें कतई अभिमान न होता था,
_बल्कि दिखावा करने में उन्हें संकोच होता था.
–तब लोग स्वाभाविक जिंदगी जीते थे और थोड़ा कुछ बचा भी लेते थे,
_आज तो दिखावे और स्टैंडर्ड मेंटेन करने का जमाना है,
_ तनखा भी खिसक जाती है और ऊपर से कर्ज और उधारी लद जाती है..
दिखावा और अक़्लमंदी साथसाथ नहीं रह सकते.
_ सूर्य उदय और अस्त होते समय बहुत सुंदर लगता है,
_ लेकिन उस का प्रकाश दोपहर को ही सब से ज्यादा होता है,
_ जब उस में कोई विशेष सौंदर्य नहीं होता.!!
दिखावे में रहने वाले को सच्चाई नहीं दिखती, उन्हें दिखावा दिखता है..
_ अगर उनके सामने आप दिखावा करेंगे तो आप उनकी नजरों में अच्छे हैं, नहीं तो आप जाहिल और अनपढ़ हैं.
_ उन्हें लगता है कि दिखावा करना.. मतलब दुनिया के साथ चल रही धाराओं में बहना..पर ऐसा नहीं है.
_ उन्हें ये सोचने की जरूरत है कि दिखावे में अपनी पहचान खो देना व्यक्तित्व नहीं है..!!
दिखावा करने वाले हमेशा अपनी अकड़ में रहते हैं,
_ क्योंकि वे ऐसा नहीं करेंगे तो उनका असली स्वरूप सामने आ जाएगा.!!
इंसानों को ऐसे इंसानों से दूर रहना चाहिए जो किसी की लग्जरी लाइफ देखकर तुरंत अट्रैक्ट हो जाते हैं…!
_ यह वह लोग हैं “जो न तो कभी खुद खुश रह सकते हैं… और ना ही आपको कभी खुश रहने दे सकते हैं…!!
आश्चर्य होता है जब लोग किसी प्रसिद्ध व्यक्ति को देखकर पागल हो जाते हैं.
_ अरे भई वे भी रोटी ही खाते हैं, पानी ही पीते हैं, हवा में सांस लेते हैं..
_ वो भी तो अपना काम कर रहे हैं, उनसे इतना चिपकने-चिल्लाने का क्या मतलब है,
_ वो किसी अन्य ग्रह से नहीं हैं, वो भी मनुष्य ही हैं..!!
केवल कुछ अपने लोगों को दिखाने और दिखावा के लिए ही हम खुद कष्ट में ही जीते हैं,
_ पर फिर भी अधूरे ही रह जाते हैं, दिखा भी नहीं पाते हैं और जाने का समय आ जाता है.
Question : सभी लोग अपनी ख़ुशी से ज़्यादा दिखावा करने पर ध्यान क्यों देते हैं ??
Answer : आप पूरी तरह से वही हैं जो आप हैं._ इसके लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है ..जो हम नहीं करना चाहते.
_ तो हम जीना कम और दिखावा ज्यादा करने लगते हैं.
क्या आपको इस बात का अंदाजा है कि खाने, लड़ने या दिखावा करने के अलावा भी जीवन में कुछ और है.!!
दिखावे से जुड़ी हर चीज़..चाहे वो रिश्तें हो…लोग हो…व्यवहार हो..स्थिर नहीं रह पाती…और एक न एक दिन अपनी असलियत ज़ाहिर कर ही देती है…
.. जबकि स्थिरता धैर्य और विश्वास के साथ एकरूप रहती हैं…उसे दिखावे की ज़रूरत नही होती…
नकली लोग आपका होने का दिखावा करेंगे..
_ लेकिन आपके जाते ही आपकी पीठ पीछे आपकी चुगली करने से भी नहीं चूकेंगे.!
आप जरूरत के हिसाब से चीजें खरीदें.
_दूसरों को चीज़ों से प्रभावित करने के बजाय _अपने जीवन से प्रभावित करने की कोशिश करें.!!
यदि वह होने का दिखावा कर रहे हैं.. जो आप नहीं हैं,
_ तो जीवन में बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा.!!
“कभी भी दूसरों का ध्यान आकर्षित करने के लिए ख़ुद का दिखावा न करें”
“झूठ और दिखावे” का सच सामने आ ही जाता है..!!
जान पहचान चाहे आपकी किसी से भी हो..!
_ लेकिन उछलना हो या दिखावा.. वो अपने दम पर हो..!!
दूसरों के दम पर उछलना और उड़ना बंद करो.!!
_ दम है तो अपने दम पर उछला करो.. किसी और के नहीं.!!
_ पंख परिंदों के ही अच्छे लगते हैं, इंसान के लगते ही बर्बादी शुरू हो जाती है.!!
कोई भी इंसान चाहे कितने भी अच्छे और उच्च गुणवत्ता वाले कपड़े क्यों न पहन ले,
_ जब तक उसका व्यक्तित्व निखारा हुआ न हो, उसके अच्छे कपड़े भी गंदे लगते हैं..
_ असली खूबसूरती व्यक्तित्व में होती है कपड़ों में नहीं.!!
बनावटी-दिखावटी बातों की दीवानी दुनिया,,असली बात जाने ना.!
_ साज सज्जा हर कोई देखे, चेहरा हृदय का पहचाने ना..!!
कमाल की बात है न..कि बिखरे हुए यहा सब अंदर से हैं..
_पर दिखाना संवारना जिस्म और कपड़े का कर रहे हैं.!
लोगो को नेक होने से ज्यादा नेक दिखना अच्छा लगता है,
_ दिखावा करना आसान होता है वाकई में कुछ अच्छा करने से..!!
क्या गजब दिखावा करते हैं लोग, जो होता ही नहीं.. वो भी दिखा देते हैं.!!
दिखावे में जिंदगी जीना सबसे व्यर्थ और निरर्थक रास्ता होता है.!!
_ लोग चमक-धमक में खुद ही खोखले हो रहे हैँ.!!
जीवन में उन सब लोगों से दूर रहना..
_ जो ऊंचे दिखते तो हैं शोहरत के साथ.. पर बुरी तरह से गिरे हुए हैं हर जगह.!!
ऊंचे सपने जरूर देखें, लेकिन अपने शौक पूरे करने और दिखावा करने के लिए कर्ज न लें..!!
जिस इंसान को भी ये लगता है कि वह कुछ है,
_ तो उसे ये भी लगता है कि कल को लोग भी समझेंगे कि _ वो कुछ है;
_ फिर वो अपना पूरा जीवन लोगों को दिखाने में बिता देता है कि_ वो कुछ है..!
_ लेकिन उन्हें बता दूँ कि ऐसे ही लोग अपनी पूरी ज़िदगी को एक तरह के दुःख में बिताते हैं :
_ और एक समय आता है जब वो जान चुके होते हैं कि जिन लोगों को दिखाने के लिए उसने पूरा जीवन बिता दिया ;
_ वो लोग तो दूर उसके घर वाले तक उसको कुछ नहीं समझते थे.!!
हमें यह दिखावा करना बंद करना होगा कि सब कुछ ठीक है..
_ जब ऐसा नहीं है और दूसरों से झूठी वाहवाही प्राप्त करने का नाटक करना बंद करें.
_ तभी हम सुख-शांति को जान सकते हैं..!
_ ऐसा होने का नाटक करना जो हम नहीं हैं, एक ऐसा जाल है..
_ जिसमें हममें से अधिकांश लोग अपने जीवन के किसी न किसी मोड़ पर फंस जाते हैं.
_ चाहे वह कम आत्मसम्मान, अनुकूल व्यवहार, या फिट न होने के डर के कारण हो.
_ सुनिश्चित करें कि आप वास्तविक जीवन में खुश हैं न कि केवल दिखावे पर..
जो दुनिया को दिखाया था, उससे हम को क्या मिला ?
_ दुनिया को भी और हमें भी ?
_ दिखावा से क्या मिलता है ?
_ जबकि हम अंदर से खोखले हैं..
>>लेकिन फिर भी, दिखावा तो करना ही है,
_ क्योंकि प्रतिस्पर्धा है, चलन है, मजबूरी है..!!
ध्यान रखें कि _ दिखावा वास्तविकता नहीं है.!!
_ हमारा मन हमें कई अलग-अलग “पोशाक और ड्रेस ” पहनने के लिए प्रेरित करता है ;
_ हालाँकि, इनमें से कुछ हमारी भलाई और प्रगति के लिए हानिकारक हैं;
_ वे हमारे ऊपर बोझ डालते हैं,
_ हमारे वास्तविक स्वरूप की रोशनी को धुंधला कर देते हैं.!!
_ समाज अक्सर हम पर दिखावा करने के लिए दबाव डालता है, एक ऐसा मुखौटा जो हमारी असलियत को छुपाता है.
_ यह मुखौटा एक ऐसा व्यक्तित्व दिखा सकता है _ जिसे हम मानते हैं कि अन्य लोग देखना चाहते हैं.
_ लेकिन आप को उस सार को गले लगाना हैं जो आपको, आप बनाता है.
_दिखावा का मुखौटा उतारें और इसे दोबारा कभी न पहनें.
_ इस बोझ को छोड़ें और अपनी सफलता और खुशी को परिभाषित करना चुनें.
_जीवन नामक इस यात्रा के दौरान, हम अक्सर ऐसी चीजें उठाते और पहनते हैं..
_जो फायदे से ज्यादा नुकसान करती हैं,
_हमारी क्षमता और वास्तविक खुशी में बाधा डालती है.!!
“यदि आप अपने से ऊँचे स्तर के लोगों के लिए दिखावा करने की कोशिश कर रहे हैं, तो इसे भूल जाइए ;
_ वे किसी भी तरह आपको नीची दृष्टि से देखेंगे.!!
_ और यदि आप निचले स्तर के लोगों के लिए दिखावा करने का प्रयास कर रहे हैं, तो इसे भूल जाइए ;
_वे आपसे केवल ईर्ष्या करेंगे..!!
_स्टेटस आपको कहीं नहीं ले जाएगा.
_केवल एक खुला दिल ही _आपको सभी के बीच समान रूप से रहने की अनुमति देगा.”
दूसरों की राय को महत्व क्यों देना चाहिए ?
_ यदि आप कुछ खरीद सकते हैं और यह आपको खुशी देता है, तो इसे खरीदें.!!
_ लेकिन यदि आप लोगों को संतुष्ट करने के लिए और दिखावा करने के लिए खरीद रहे हैं,
_ तो आपको अपनी प्राथमिकताओं की फिर से जांच करने की आवश्यकता है.
दिखावा ना करना.. साधारण कपड़े पहनना.. दाल रोटी खाना..
_ आज के शोर से भरे संगीत के गानों से कहीं ज्यादा.. पुराने संगीत को पसंद करना..
_ अपना काम बनवाने के लिए किसी को ना छलना..
_ दिखावे का चाल ढाल ना करना..
_ जरूरत से ज्यादा बड़ी-बड़ी बोली ना बोलना..
_ अगर इन सबका मतलब कोई समझे.. हम पुराने ख्यालातों के हैं.. तो हां ऐसा ही समझो.. हमें कोई दिक्कत नहीं है..!
_ हमारी नज़र में नए जमाने का अर्थ यह भी नहीं कि.. हर वक्त नकाब में और नकली जीवन जीते रहो..
_ हमको हमारा साधारण-सरल लहजा पसंद है..
_ इसी में सुकून मिलता है हमें..!!
हम एक दूसरे की मदद करने के बजाए एक दूसरे के समक्ष अपना रौब और वर्चस्व दिखाने में जुटे हैं..
अपने सपनों की पूर्ति के बजाए, दूसरों की देखा -देखी करने में लगे हैं… _ मेरा मानना है कि देखा देखी करने और दिखाने से बर्बादी निश्चित है…!!
लोग दिखावा करते हैं !____________
ब्रांड के नाम पर दिखावा-
_ ब्रांडेड कपड़े, जूते, चश्में और डीओ लगाकर खुदको नवाब समझना और बिना बात की अकड़ में रहना.
ज्ञान का दिखावा-
_ अरे अगर आपको ज्ञान हैं तो उससे अपना, अपने समाज और अपने देश का विकास करें. ज्ञान बांटने से बढ़ता है, अहंकार से नही.
किसी को नीचा दिखाना ज्ञानी की नही अज्ञानी की पहचान है.
स्टैंडर्ड का दिखावा-
अरे होंगे आप बड़े आदमी, लेकिन जन्म और मृत्यू सबकी समान होती है तो फिर आप क्यों झूठा दिखावा कर रहे हैं.
ये नही खाते, यहाँ नही जाते, वहाँ नही बैठ सकते, उससे नही बोल सकते.
प्रतिपल नष्ट होने वाले सौंदर्य का दिखावा-
_ पांच तत्वों से बना शरीर और उन्हीं में मिल जाने वाले इस शरीर का कैसा अभिमान..
अगर आप सुंदर है तब भी आपका अंत वैसा ही होगा जैसा किसी कुरूप का.
बड़ी और मेहँगी गाड़ियों का दिखावा-
बड़ी गाड़ी, मेहँगी घड़ी, ब्रांडेड जूते और चश्मे लगाकर इंसान सामने वाले को इंसान नही समझता.
जिस चीज का आपको दिखावा करना पड़े समझना आपकी नही है, स्थिर नही है.
दिखावा चाहे किसी का हो भविष्य में स्वयं के लिए ही घातक होता है,, क्योंकि ब्यक्ति एक भ्रम फैलाता है,, लोगों को दिखाने के लिए..
आप जो वास्तविक है उसे दिखाने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती है, वह तो सभी को स्वत: ही दिखाई दे जाता है (अनुभूति हो जाती है).
– Neha Chandra
“दिखावे का जीवन जीना बहुत कष्टदायक होता है ;
_ क्यूंकि इंसान कीवास्तविकता कुछ और होती है, और वो दुनिया को कुछ और दिखाना चाहता है.
_ “ये जो((( नकल )))से भरा हुआ जीवन है, जो दूसरे जैसा होने की चाहत है !
_ यही नर्क को जन्म देता है,
_ ये जो हमारा दिखावटी नकली और झूठा जीवन है,
_ यही है गुलामी, यही है.. जो हमें हमारी वास्तविकता से दूर रखता है,
_ और यही है.. जो हमारी आत्मा पर बोझ है,
_ यही है.. जो आपको आजाद और सुंदर नहीं होने देता,
_ आप कमाल हो, बस सोसाइटी ओर लोगों के (( पैरामीटर)) मापदंड से खुद को देखना बन्द करो,_,
_ फिर आप कमाल हो.. आपको किसी से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं।।
जिंदगी जीने का सबसे सरल तरीका है ; जितना आप साधरण रहोगे उतना ही सुखी रहोगे.
_ अगर दिखावे का ढोंग करोगे, _ परेशानियों से घिरे रहोगे..
जो लोग आपका अच्छा नहीं चाहते ..पर अच्छा करने का दिखावा करते हैं,
_वो लोग अभिनय और दोहरे चरित्र में माहिर होते हैं..!
कुछ लोग दिखने के लिए उतावले रहते हैं, तो कुछ लोग गायब हो जाने के लिए उतावले रहते हैं.
Some people hustle to be seen, others hustle to disappear.
संसार में पशु पक्षी जीव जंतु जानवर यहां तक कि मनुष्य भी, _इन सबकी तृप्ति सिर्फ और सिर्फ भोजन है बाकी सब दिखावा भुलावा है.
कोई तामझाम और दिखावा नहीं, केवल काम की बातें !
_ सुधार की शुरुवात हो जाए, तो बहुत बड़ी बात होगी !!
दिखावा करके खरीदी गयी फ़र्ज़ी इज्ज़त साबुन के झाग के समान है,
_ जिसे उड़ जाने में ज़रा भी वक़्त नही लगता..!!!
दिखावा कर के व्यवहार बनाने से अच्छा है, सच बोल कर दुश्मन बना लो ;
_ आप के साथ कभी विश्वासघात नहीं होगा ..
कुछ लोग बस दिखावे के लिए आपके पास होने का ढोंग करते हैं,
_ लेकिन रहना तो वो आपसे दूर ही चाहते हैं !!
हम चाहे जितना भी बुद्धिमान होने का दिखावा करें, _
_ लेकिन हमारा व्यवहार उस दिखावे से पर्दा हटा ही देता है.
मुझे दिखावा करना अच्छा नही लगता, _
_ चार पैसे कमा लिए तो खनका कर क्या बताना..
वे जो दिखावा करते हैं, मैं उससे प्रभावित नहीं होता हूं.
_ मुझे ऐसा लगता है कि कैसे चक्र में फंसे हुए हैं ये लोग..
आपका दिखावा है बस कुछ दिन का,
_ वक़्त ने कर दिया कितनों को ख़ामोश..!!
इस संसार में सम्मान से जीने का सबसे अच्छा तरीका है, _
_ हम वही बनें जो हम होने का दिखावा करते हैं.
हमें इसलिए दुख होता है, क्योंकि हम गलत को सही समझते हैं.
_ और बाहर खुश दिखने के लिए.. दिखावा करना पसंद करते हैं..!!
औपचारिकता एक दिखावा मात्र होता है.
_ सबसे महान और सफल कार्य अनौपचारिक हो कर ही किए जा सकते हैं..!!
ये दिखावा और ये नशा दौलत का..
_ सब किरायेदार हैं ..घर बदलते रहते हैं..!!
लोग वस्तुओं और चीजों का एक बड़ा समूह जमा करने और दिखाने में सफल हो गए हैं, _लेकिन खुशी कम हो गई है..!!
दूसरों को दिखावा करके प्रभावित करने की कोशिश, आधी परेशानियों का कारण बनती है.
लोग बाहरी दिखावे के चक्कर में _ अपना आंतरिक संतोष खोए जा रहे हैं.
” दिखावा सबसे हीन प्रवृत्ति है तो, दिखावे से प्रभावित होना, सबसे दीन प्रवृति है,”
दिखावा करने से बेहतर है, आप अच्छे और सच्चे बनें, _ बहुत सुकून मिलता है…
होड़ हमेशा दिखावा करती है, _ और दिखावा कभी सच्चाई तक नहीं पहुंच पाता.
हीन भावना से ग्रस्त आदमी, _ अपनी सारी जिंदगी दिखावे में बर्बाद कर देता है..
#दिखावा कुछ और नही आप का अपने प्रति हीनता ओर खुद का अनादर है.
दिखावे के खेल में मत उलझो, क्योंकि इस खेल का कहीं कोई अंत नहीं…!
जो सच्चा होता है, उसे किसी भी तरह के दिखावे की ज़रूरत नहीं होती है !!
दूसरों को दिखाने के चक्कर में, हम अपनें व्यक्तित्व को खत्म कर लेते हैं..!!
दिखावे से ज्यादा ख़ामोशी से अपना काम करना तरक्की की ओर ले जाता है !!
दिखावा और ढोंग कि ज़िन्दगी से, “ढंग” की ज़िन्दगी बेहतर है !!
व्यर्थ का आडम्बर और बेकार का दिखावा नहीं करना चाहिए.
चैन है सादगी की राहों में, घर बिक जाते हैं दिखावों में !!
आपका जीवन ज्यादा क़ीमती है, दिखावे की दुनिया से.
आपका सबसे सुंदर रूप छिपाव है __ दिखावा नहीं !!
औकात से बड़े दिखावे इंसान को डूबा देते हैं..
जो हो वही रहो, __ दिखावा मत करो..
| Dec 2, 2013 | My Favourite Thoughts, सुविचार
खामोशी की भी आवाज़ होती है और यह बोली गई आवाज़ से ज्यादा धमाकेदार होती है.!!
हौसला कम न होगा, तेरा तूफानों के सामने. _ मेहनत को इबादत में, बदल कर तो देख.
_ खुद ब खुद हल होंगी, ज़िन्दगी की मुश्किलें. _ बस खामोशी को सवालों में, बदल कर तो देख.
” ख़ामोश ” हो जाने का मतलब ” दब जाना ” या ” डर जाना ” नहीं होता,
बल्कि ” कुछ लोग ” हमारी प्रतिक्रिया के योग्य भी नहीं होते..
कुछ लोगों को लगता है उनकी चालाकियाँ मुझे समझ नहीं आती,
मैं बड़ी खामोशी से देखता हूँ…उनको अपनी नजरों से गिरते हुए.
अगर आप एक खामोश बुत भी बन जाएं,
_तब भी लोग आप को नहीं छोड़ेंगे !!
लफ़्ज़ों के बोझ से थक जाती है…’ज़ुबान’ कभी कभी…
_ पता नहीं खामोशी …’मज़बूरी’ है.. या समझदारी…!!
मुँह की बात सुने हर कोई दिल के दर्द को जाने कौन …
_ आवाज़ों के बाज़ारों में खामोशी पहचाने कौन ..!
असलियत तो ख़ामोशी बयां करती है, _
_ अक्सर इंसानों को देख कर अल्फाजों को बदलते देखा है..
ख़ामोशी का मतलब लिहाज़ भी हो सकता है,
_ इसे किसी की कमज़ोरी समझने की भूल ना करें.
दस्तक और आवाज़ तो कानों के लिए है _
_ जो दिल को सुनाई दे, उसे ख़ामोशी कहते हैं !!!
ख़ामोशी में बड़ी राहत है, _
_ लफ़्ज़ों का सफर इंसान को थका देता है ..
जुबान बोले न भी बोले, तो मुश्किल नहीं,_
_ मुश्किलें तब होती हैं, जब खामोशी, भी बोलना छोड़ दे…
कुछ ही देर की खामोशी है…. फिर कानों में शोर आएगा…
तुम्हारा तो सिर्फ वक्त है…. हमारा दौर आएगा..
मोहब्बत में नुमाइश की ज़रूरत नही होती……
ये वो ज़ज़्बा है जिसमे ख़ामोशी भी गुनगुनाती है……..
मेरी खामोशी से उसे कभी कोई फर्क नहीं पड़ता,
शिकायत में दो लफ़्ज कह दूं तो चुभ जाते हैं…..!!
मेरे रूठ जाने से अब उनको फर्क नहीं पड़ता,
बैचेन कर देती थी, कभी जिनको खामोशी मेरी.
रुतबा तो खामोशियों का होता है ; अल्फ़ाज़ों का क्या है,
वो तो मुकर जाते हैं हालात देख कर..
ख़ामोशी ख़ुद अपनी ज़ुबाँ हो, ऐसा भी हो सकता है ;
सन्नाटा ही गूंज रहा हो, ऐसा भी हो सकता है.
एक नया व्यापार करता हूं ;
_ ख़ामोशी बेच कर _ सकून खरीदता हूं ..
बेवकूफ की सब से बड़ी अक्लमंदी ख़ामोशी है. _
_ अक्लमंद का ज्यादा देर तक खामोश रहना बेवकूफी है…
जितना हो सके ख़ामोश रहना ही अच्छा है, _
_ क्योंकि सबसे ज़्यादा गुनाह इंसान से जुबान ही करवाती है….
हम पर लगे इल्ज़ामों के, जवाब तो बहुत थे ! _
_ मगर खत्म हुए किस्सों की, हमें ख़ामोशी ही बेहतर लगी !!
अच्छी लगने लगी है ये ख़ामोशियाँ भी, _
_ अब हर किसी को जवाब देने का सिलसिला ख़त्म हो गया..!
कुछ दर्द ऐसे भी होते हैं, _जिन्हे बयान करने के लिए शब्द नहीं, _
_ बस एक खामोशी ही काफी होती है.
अपने खिलाफ बातें मैं अक्सर ख़ामोशी से सुनता हूँ. _
_ जवाब देने का हक मैंने वक्त को दे रखा है….
जब गिला शिकवा अपनों से हो तो ख़ामोशी भली, _
_ अब हर बात पर जंग हो जरूरी तो नहीं !!!!
चुप थे तो चल रही थी जिंदगी लाजवाब… _
_ खामोशियाँ बोलने लगीं…तो बवाल हो गया…!!
खामोशी की तह में छुपा लो सारी उलझनें, _
_ शोर कभी मुश्किलों को आसान नहीं करता….!!
रिश्तों में शिकायते कर के क्यों घटाया जाए रूतबा अपना;
_ करने दीजिए खामोशियों को खामोशी से काम अपना !!
एक ग़लतफ़हमी है कि खामोश चेहरों को शिकार बनाना आसान है,
_ लेकिन याद रखें कि जब खामोश चेहरे चक्रव्यूह रचते हैं तो कहीं का नहीं छोड़ते.!!
खामोशियाँ इस कदर बढ़ गयी है की, अब जाने पहचाने लोग भी ..!!_
_ अनजाने से लगते हैं …!!
वक़्त रहते सीख ले ख़ामोश रहने का फ़न,
_ एक दिन वरना जुबां की ज़द में सर आ जायेगा.
लाखों हैं मेरे अल्फाज के दीवाने, _
_ मेरी खामोशी सुनने वाला कोई होता तो क्या बात होती.
मेरी खामोशी हज़ारों जवाबों से बेहतर है, _
_ क्योंकि ये अनगिनत सवालों की इज्जत रखती है.
तूने मेरा तकाजा देखा है कभी सब्र देख..
_ मैं इतना खामोश हो जाऊँगा कि तू चिल्ला उठेगा..!!
खामोशी को हमेशा दर्द से जोड़ कर ना देखो, _
_ खामोशी सुकून का दूसरा रूप भी होती है.
ख़ामोशी ग़लत फ़ैसला कर देगी,,
_ जहां जरुरत है वहां बोलिए.. वरना मसला हो जाएगा.!!
हम अपने आसपास चहकते-खिलखिलाते लोगों की ख़ामोशी को नोटिस क्यों नहीं करते…
खामोशियों में रहने का शौक नहीं ! कुछ ऐसी वजह होती !! जो खामोश कर देती है ..!!!
बेवजह शोर मचाने से सुर्खियां नहीं मिलती, _ कर्म करो ख़ामोशी भी अखबारों में छपेगी.
आवाज़ की पहुंच तो बस होती है कान तक, ख़ामोशी पहुंच जाती है दूर आसमान तक..
ख़ामोशी में चाहे जितना बेगानापन हो, _ लेकिन इक आहट जानी-पहचानी होती है…
मेरी ख़ामोशी को मेरी हार मत समझना, _ मैं कुछ फैसले ऊपर वाले पर छोड़ देता हूँ..
*खामोशी से बनाते रहो पहचान अपनी* __ *हवाएँ ख़ुद गुनगुनाएँगी नाम तुम्हारा*..
कुछ बातों का जवाब सिर्फ ख़ामोशी होती है और ख़ामोशी बहुत ख़ूबसूरत जवाब है !
खामोशी का मतलब लिहाज भी होता है, पर कुछ लोग इसे कमजोरी समझ लेते हैं !!
लोग कहते हैं ज्यादा बोलता नहीं मैं, _ पर कहूं ऐसा क्या जो खामोशी से बेहतर हो.
खामोशियाँ भी सुनाई पड़ती है साहब _ बस कान से नहीं दिल से सुनकर देखिये..!!
खामोशी इतनी गहरी होनी चाहिए कि _ बेकद्री करने वालों की चीखें निकल पड़े !!
हजार जवाबों से अच्छी है खामोशी, _ ना जाने कितने सवालों की आबरू रखती है.
रुतबा तो.. ख़ामोशीयों का होता है, _ अलफ़ाज़ तो बदल जाते हैं लोग देखकर.
खामोशी ….कभी खाली नहीं होती _ यह ढेरों जवाबों से लबालब होती है…..!!
जितना ही खामोश रह सकोगे, _ उतना ही तुम सुनने में ज्यादा सछम हो सकोगे.
खामोश जिंदगी जो बसर कर रहे हैं हम, _ गहरे समुन्द्रों में सफर कर रहे हैं हम…
खामोशी का अपना अलग ही मजा है, _ पेड़ों की जड़े फड़फड़ाया नही करती.!
जिन्हें बात करने का सलीका होता है, _ उन्हें खामोशिया ज्यादा पसंद होती हैं.
कोई सुनता नहीं किसी की यहाँ _ अपना खामोश रहना ही बेहतर है यहाँ_.!
जब कोई आपकी बात का यकीन ना करे, तो खामोश रहना बेहतर है..
ख़ामोशी बहुत कुछ कहती है, _ कान लगाकर नहीं, दिल लगाकर सुनो !!
छोड़ दिया सबसे बात करना, _अब खामोश रहना ही अच्छा लगता है…
जिन्हे वाकई बात करना आता है, _ वो लोग अक्सर ख़ामोश रहते हैं…
सम्मान कीजिए हमारी ख़ामोशी का, ..आपकी औकात छुपाए बैठे हैं.!!
एक ख़ामोशी में मिल गई हज़ार खुशियाँ, थक गया था मैं शोर कर कर के !!
जब बाहर शोर हो तो अपने भीतर की खामोशी की शरण लेनी चाहिए.
ख़ामोशी छुपाती है ऐब और हुनर, शख्सियत का अंदाज़ा गुफ़्तगू से होता है.
हर खामोशी अहंकार नहीं होती, कुछ खामोशी सब्र भी होती है.!!
मेरी ख़ामोशी एक दिन शोर… मचाएगी _ आज अकेला हूँ तो क्या…
जिन्हें एक बार खामोशियाँ रास आ जाएँ, फिर वे बोला नहीं करते !!
ये जो तुम मुझ में ख़ामोशी देख रहे हो, दरअसल ये मेरा सुकून है.
मेहनत इतनी खामोशी से करो की _ कामयाबी शोर मचा दे…..
बढ़ती हुई समझदारी, _ जीवन को मौन की तरफ ले जाती है.!!
खामोशियां जिसे अच्छी लग जाएं, वो फ़िर बोला नहीं करते.!!
उनकी खामोशी बता रही है कि … अब उनको बात नहीं करनी !
लफ्ज़ अब बड़े महँगे हो गए, आओ ख़ामोशी का सौदा करें…
खामोशी जरा देर से सुनाई देती है, लेकिन असरदार होती है..
कभी- कभी खामोशी से बेहतर, और कोई जवाब नहीं होता.
शोर की तो उम्र होती है, _ खामोशी तो सदाबहार होती है..
खामोशी की चीख़… चिल्लाने से भी अधिक होती है….!!!
कानों के पर्दे फट जायें, ख़ामोशी में वो धमाका होता है..!!
ख़ामोशी तुम समझ नहीं रहे, _ अल्फ़ाज़ अब बचे नहीं.
शोर की उम्र होती है, ख़ामोशी सदाबहार है..!!
एक शोर है मुझमें, _ जो खामोश बहुत है..
| Nov 21, 2013 | My Favourite Thoughts, सुविचार
मौन को उसकी ताकत के साथ अपनाएं, अपनी कमजोरी न बनने दें.
_ उसे इस तरह न अपनाएं कि वह आपको दीमक की तरह भीतर ही भीतर खाने लगे और भावनात्मक रूप से खोखला कर दे.
_ बेवजह के टकराव से बचने के लिए चुप्पी एक सटीक तरीका है,
_ लेकिन अगर कोई आप पर प्रहार कर रहा हो, तो उस पर चुप रहने को समझदारी नहीं माना जाएगा.
_ इसलिए मौन को कमजोरी कतई न बनने दें.
हर ताने का जवाब देने में जो खुद को उलझाओगे,
_ तो कैसे “मौन की गूंज” अनंत तक पहुंचाओगे..!
तुम्हारे पास लफ्ज थे, सोच थी.. आवाज़ थी..!
_ तुमने मौन रहने के लिए कितना संघर्ष किया होगा..!!
“मौन” कभी हमें विनाश से बचाता है तो कभी विनाश का कारण बनता है,
_ हमें यह समझना होगा कि इसका उपयोग कब, कहां और कितना करना है…
_कई बार खामोशी ही अफसोस होती है.
मौन में बड़ी ताकत होती है इसलिए हमें मौन ही रहना चाहिए..
_ और जहां हमें बोलने की आवश्यकता न हो, वहां तो विशेष रूप से चुप रहना ही बेहतर होता है.
_ और वैसे भी ज़िन्दगी में कई ऐसे मोड़ आते हैं, जब हमें मौन रहना ही पड़ता है.
_ जब हम मौन रहते हैं तो अपनी क्षमता से अधिक सोच सकते हैं,
_ जिससे न होने वाले काम भी आसानी से हो जाते हैं.,
— चुप रहना एक ऐसी शक्ति है, जो हमें किसी भी बात को गहराई से समझने की एवं काम करने की ऊर्जा प्रदान करती है.
_ मौन रहने से हमारा मस्तिष्क ज़्यादा काम करता है और हम सही समय पर सही निर्णय लेने में भी सफल होते हैं.
_ जितना हम स्वयं को मौन रख पाते हैं उतना ही हमारा दिल अंदर से अपने को खुश महसूस करता है और यह ख़ुशी ही हमारे जीवन की वास्तविक ख़ुशी होती है.
— किसी भी विवादित स्थान पर चुप रहना हमें विजय दिला सकता है बशर्ते हम मौन रहें.
_यह हमारी मनोवैज्ञानिक शक्तियों को भी मजबूत करता है.
_ मौन हमारे कार्य में एकाग्रता लाता है जिसकी वजह से हम अधिक सोच पाते है.
_ इसलिए हमें अधिक से अधिक मौन रहने का संकल्प लेना चाहिए तथा आवश्यक हो तभी बात करनी चाहिए.
— इस दुनिया में वही व्यक्ति सबसे अधिक सुखी और समृद्ध है, जो क्रोध आने पर भी स्वयं को मौन रखता है.
_ हालांकि मौन रहना कोई आसान कार्य नहीं है,
_ इसके लिए भी साहस और धैर्य की आवश्यकता होती है.
_ यदि हम यही सीख लें कि कब और कहां मौन रहना है,
_ तो हमारे जीवन की आधी समस्याएं स्वतः ही खत्म हो सकती हैं.
जो आदमी मौन रहने में असमर्थ है, उसे जानना चाहिए कि उसके भीतर कुछ न कुछ पागलपन है ;
_ जो आदमी बिना बात किए रहने में असमर्थ है, जानना चाहिए, उसके भीतर कोई रोग है ;
_ सारी दुनिया बात कर रही है, सुबह से शाम तक बात कर रही है,कौन सी बातें हैं ? _शायद हमने कभी खयाल भी न किया हो कि कौन सी बातें कर रहे हैं ! – ओशो
बोलना कम करो, ज्यादा बोलने से एनर्जी और दिमाग दोनों खराब होते हैं,_
_ कोई आप को शांति नहीं दे सकता _ सिवाय आप के दिमाग के..
क्या बोलना है इंसान को ये भले न पता हो,_ लेकिन ये अच्छे से पता होना चाहिए कि क्या नहीं बोलना है.
अफ़सोस ये कि ज्यादातर लोगों ने चुप रहना नहीं सीखा है ; _हर मामले में बोला नहीं जाता है.
शायद चुप्पी हमें अपनी आंतरिक आवाज सुनने को मजबूर करती है, _जिससे हममें से ज्यादातर लोग डरते हैं _और इसलिए हम शोर को अपनाना पसंद करते हैं.
“शांत समय वास्तव में हमारे स्वास्थ्य और विवेक के लिए महत्वपूर्ण है.”
लोग बहुत बोलते हैं.
_ यहां खूबसूरत पेड़ हैं, पहाड़ हैं, जंगलों का सन्नाटा है, पक्षियों की आवाजें हैं, धरती की फुसफुसाहट है और उनकी अपनी आवाज है.
_ लेकिन लोग इतना बोलते हैं.
_ मैं चाहता हूं कि एक बार लोग मौन में चल सकें और एक बार इस जादू को महसूस कर सकें.
People speak a lot.
There are beautiful trees, mountains, the silence of forests, the voices of birds, the whisper of earth, and their own voice.
But people speak so much. I wish for once people can walk in silence and feel the magic for once.
एक बार जब आप परिपक्व हो जाते हैं तो आपको एहसास होता है कि किसी बात को साबित करने की तुलना में चुप्पी अधिक शक्तिशाली है.
Once you mature you realize that silence is more powerful than proving a point.
व्यक्ति शब्दों के जाल में फंसा हुआ है.
_ वह दूसरों को भी इस जाल में फंसाने की कोशिश करता है.
_ वह अपना बहुमूल्य समय व्यर्थ की बातों को सोच कर नष्ट कर देता है.
_ किसने किससे क्या कहा ? किस बारे में कहा ? ऐसा क्यों कहा होगा ? आदि.
_ आपको ध्यान रखना है कि आप स्वयं को इस प्रकार की उलझनों से दूर रखें.
_ अपनी ऊर्जा का उपयोग अनावश्यक बातों अथवा वार्तालाप में न गंवाएं.
_ स्वयं को मौन में जाने का अवसर दें.
_ उतना ही बोलें जितने की जरुरत हो.
_ मौन की गहराई ही आपको सही और गलत को पहचानने में मदद करेगी.
ख़ामोशी की ताकत से अनभिज्ञ हम एक वाचाल दुनिया में रहते हैं.
_ बहुत से लोग खामोशी को अकेलेपन और बोरियत से जोड़ कर देखते हैं,
_ लेकिन हकीकत यह है कि हम अगर दूसरों की नकारात्मकता को लेना नहीं चाहते, तो चुप रहना ही सबसे सही नीति है.
_ दिन में कम- से- कम कुछ देर अपनी खामोशी के साथ रह कर देखें,
_ बेवजह बोलते रहने से बचें, क्रोध के छणों में चुप रहें,
_ आपको कुछ समय बाद जिन्दगी में कई तरह के सकारात्मक बदलाव दिखाई देंगे.
आप बोल कर भी कई बार सामने वाले व्यक्ति को अपनी बात नहीं समझा पाते.
_ लिख कर बताना भी जब असफल रहता है तब मौन रहने का विकल्प बचता है..
_ और अक्सर खामोशी कारगर जरिया साबित होती है.
_ आप चुप रह कर समय देते हैं लोगों को आपकी बात समझ पाने का.
जिसने मौन को साध लिया, उसने धैर्य को पा लिया.
_ बोलने से जीवन की कई मुश्किलें हल हो जाती हैं, मन भी हल्का हो जाता है.
_ लेकिन बिना सोचे- समझे जल्दीबाजी में बोल कर प्रतिक्रिया दे देना उग्रता की निशानी है.
_ अगर आप ऐसी स्थितियों से खामोशी से गुजर जाने की कला सीख जाते हैं,
_ तो आप अपने भीतर धैर्य का गुण विकसित कर पाएंगे,
_ जो कि आपकी जिन्दगी में बहुत काम आएगा.
हम सुबह जागते ही एक शोर भरी दुनिया में प्रवेश कर जाते हैं.
_ घर में सब बोलना शुरू कर देते हैं,
_ टीवी या रेडियो चल पड़ता है,
_ घर से निकलते ही वाहनों के शोर से घिर जाते हैं.
_ इस शोर से हमारी सोचने की छमता प्रभावित ही नहीं होती, कई बार खत्म भी होने लगती है और नये विचारों के आने का क्रम टूट जाता है.
_ अगर आप अपनी दिनचर्या में से थोड़ा सा वक़्त नीरवता के साथ बिताते हैं,
_ तो आपका मौन आपको नये विचारों तक ले जाएगा.
कम से कम बोलें—इतना कम, जितना जरूरी हो— टेलीग्रैफिक.
_ जैसे तारघर में टेलीग्राम करने जाते हैं तो देख लेते हैं कि अब दस अक्षर से ज्यादा नहीं.
_ अब तो आठ से भी ज्यादा नहीं.. तो एक दो अक्षर और काट देते हैं, आठ पर बिठा देते हैं.
_ तो टेलीग्रैफिक !
_ खयाल रखें कि एक—एक शब्द की कीमत चुकानी पड़ रही है.
_ इसलिए एक—एक शब्द बहुत महंगा है; सच में महंगा है.
_इसलिए कम से कम शब्द का उपयोग करें;
_ जो बिलकुल मौन न रह सकें वे कम से कम शब्द का उपयोग करें.
परिपक्वता मौन की ओर ले जाती है..
_ जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है हम मितभाषी बनते जाते हैं..
_ हम बाहरी भावों को नियंत्रण करना सीख लेते हैं…
_ किसी भी बात का फर्क पड़ना बन्द हो जाता है… आँसुओ को पीने लगते हैं,
_ सामयिक लोगों को अपनी जिंदगी से दूर फेंक देते है और सुकून की तलाश में रहते हैं.
मछली पर एक कहावत है..”ना खोलती मुंह, ना होती ये हालत”
_ अनावश्यक अधिक बोलना स्वयं के भेद खोलना है, शत्रु को हावी होने देना होता है.!!
जब तक किसी बात की पूरी जानकारी ना हो, तब तक मौन ही रहना चाहिए..
_क्योंकि अधूरा सत्य पूर्ण झूठ से कई गुना ज्यादा खतरनाक होता है.!
बोलना तभी होना चाहिए.. जब बोलने की आवश्यकता हो.
_ मौन तो बड़ी खूबसूरत अनुभूति है,
_ जहां अनावश्यक बोलने से समस्या जन्म लेती है, वहीं मौन समस्या को अजन्मा रहने देता है.
खयाल रखें कि एक एक शब्द की कीमत चुकानी पड़ रही है, इसलिए एक एक शब्द बहुत महंगा है ;
इसलिए कम से कम शब्दों का उपयोग करें ; जो बिलकुल मौन न रह सकें, वे कम से कम शब्दों का उपयोग करें.
“लोगों को तर्क से कभी मत जीतो, बल्कि अपनी चुप्पी से उन्हें हराओ… क्योंकि जो लोग
हमेशा आपसे बहस करना चाहते हैं, वे आपकी चुप्पी बर्दाश्त नहीं कर सकते…”चुप रहो, समझदार बनो”
चुप्पी हमेशा कायरता नहीं होती है. यह तो भावनाओं की भाषा होती है, जो आप शब्दों से नहीं बोल सकते, वह आप अपने मौन से बोल सकते हैं.
वैसे भी जब मौन बोलता है, तो उसकी आवाज भले ही देर में सुनायी दे, पर बहुत दूर तक सुनायी देती है.
जीभ में कोई हड्डी ना होकर भी यह बहुत कुछ तोड़ने की क्षमता रखती है,
_ इसलिए शब्दों का इस्तेमाल बहुत सोच-समझकर करना चाहिए.!!
इतना मत बोलिए, की लोग चुप होने का इंतजार करें,_ बल्कि इतना बोल कर चुप हो जाइए की लोग आपके दोबारा बोलने का इंतज़ार करें..
जरुरत से ज्यादा बोलने वालों के साथ _ जरुरत से कम सम्बन्ध रखना ही उचित समझदारी है..!!
आप जितना कम बात करेंगे, लोग आपकी बातों के बारे में उतना ही अधिक सोचेंगे.
The less you talk the more people think about your words.
मौन का अर्थ यह नहीं होता की हम केवल बाहरी दिखावे के लिए चुप रहें..
..हमे अंतर्मन को भी खामोश करना पड़ता है…!!!
जहां बात सुनी न जाए, सुन के भी समझी न जाए, वहां चुप रहना ही बेहतर है..!!
हर व्यक्ति अपनी स्थिति में संघर्ष कर रहा है,
_ इसीलिए हर मौन अहंकार नहीं है.!!
“मुंह से कुछ ना बोलना ही मौन नहीं है,
भीतर से भी कुछ ना बोला जाए, उसे मौन कहते हैं, “
जो घड़ा आधा भरा होता है, वह ज्यादा बजता है.
जो पूर्णता भरा होता है, वह मौन रहता है..!!
दुखी होने पर हम रोते हैं, ज्यादा दुखी होने पर ज्यादा रोते हैं !
_ पर जब दुःख सीमा लांघ दे, हम चुप हो जाते हैं !!
सुकून, खुशी व जीवन आपके अंदर छिपा है, दुसरो में केवल उलझने ही मिलेंगी,
इसलिए मौन होकर खुद को जानो…
बीज बिना किसी आवाज के बढ़ता है, लेकिन एक पेड़ भारी शोर के साथ गिरता है.
विनाश शोर करता है, लेकिन बढ़ने वाला मौन रहता है, यह मौन की शक्ति है !
हमेशा चुप रहना तो कोई हल नहीं है !
_ अपने मन की बात और सही बात कहना भी उतना ही जरूरी है ;
_ क्योंकि अगर आप हमेशा चुप रहेंगे तो गलत चीजें सिर्फ बढ़ती हैं..!
— मैं ऐसे बहुत से लोगों को जानता हूं जिन्हें जब खुल कर बोलना था, तब उन्होंने चुप्पी का दामन थाम लिया..
_ क्योंकि जिसके खिलाफ बोलना था, उसने उन्हें कुछ ऐसा पकड़ा दिया कि उनकी बोलती बंद हो गई.!!
_ चुप्पियाँ बढ़ती जा रही हैं उन सारी जगहों पर, जहाँ बोलना जरुरी था !!
कुछ लोग जरूरत से ज्यादा बोलते हैं. कुछ लोग जरूरत से कम..!
_ दोनों ही स्थितियां ठीक नहीं हैं.
_ अगर आप चाहते हैं कि आपकी बात सही मायनों में सुनी जाए और असर करे, तो उसे टू द प्वाइंट और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करना आना चाहिए.
_ टू द प्वाइंट का यह महत्व हमें रोज़मर्रा की ज़िंदगी से लेकर गंभीर मुद्दों तक हर जगह दिखाई देता है.
_ इसीलिए, संचार में सबसे अहम है – टू द प्वॉइंट रहना..
_ जब आप अपनी बात कहने में बहुत ज्यादा बोलते हैं, तो असली संदेश अक्सर इधर-उधर की बातों में खो जाता है.
_ टू द पॉइंट अपनी बात जो नहीं कह रहे हैं, वास्तव में ये अपने ही व्यक्तित्व का उलझाव होता है.
_ बात बस इतनी सी है, की आपको अपनी बात कहनी आनी चाहिए, और यह तभी हो सकता है, जब आप ही अपने लिए क्लियर कट हो,
_ जो जरा जरा से निर्णय भी पूछ पूछ कर लेते हैं, वह अपनी बात कैसे कह सकते हैं.
_ मुझे भी क्लियर कट अपनी बात रखनी अच्छी लगती है, बहुत कम शब्दों में..!!
किसी बात को ठीक से समझने के लिए सुनने का धैर्य विकसित करना बहुत ज़रूरी है.
_ चुप रहकर सुनना बहुत कठिन होता है, क्योंकि हमारे बोलने का उतावलापन बाधक बन जाता है.
_ सच तो यह है कि मौन ही वह ज़रिया है.. जिससे हम दूसरे व्यक्ति की बात को ठीक से समझ सकते हैं और यह मौन ही खुद को जानने का ज़रिया भी है.!!
कमज़ोर परिस्थितियों में मौन रहना सीख लो और सही वक्त आने पर दुनिया को दिखा दो की तुममें कितनी गर्जना है…!!!
कभी-कभी आपको चुप रहना चाहिए_और लोगों को देखने देना चाहिए कि आप कौन हैं..
.. क्योंकि कार्य शब्दों से अधिक जोर से बोलते हैं..!!
ह्रदय से जो दिया जा सकता है वो हाथों से नहीं, _ और जो मौन से कहा जा सकता है वो शब्दों से नहीं.
कई बार निःशब्द [ मौन ] होना शब्दों से कहीं आगे का संवाद होता है,
_ जीवन के महत्वपूर्ण पड़ावों पर शायद हम निःशब्द [ मौन ] ही संवाद करते हैं..!!
मैं अगर कभी कुछ बना पाया तो ऐसी लिपि बनाऊँगा, _ जिसमें लोगों का मौन पढ़ा जा सके.!
“मौन और चुप्पियों को पढ़ना हर किसी को नहीं आता !!”
मुझे बहुत ज्यादा बोलने वाले लोग पसंद नहीं हैं,
_ मतलब लोगों को समझ ही नहीं आता कि ..कुछ देर चुप रह लूँ,
_ ऐसी बातें करेंगे ..जिसका कोई अर्थ भी नहीं है, बेबुनियाद बात करेंगे,
_ अब तो ऐसा लगता है कि ..जो ज्यादा बोलता है ..वो बकलोल है !!
भीतर खामोशी इतनी बढ़ी कि बाहर शब्दों का समुद्र उमड़ आया.
_ यूँ मैं बचा मौन के आघात से..!!
अब चुप रहना ही सही लगता है, क्योंकि समझने वाला कोई नहीं है,
_ और जो समझने वाले हैं, वो बातों का अलग मतलब निकाल लेते हैं ..!!
_ अब मैं सिर्फ खामोशी से भरा होता हूँ, कुछ कहने को नहीं, कुछ सुनने को नहीं.. “बस शुद्ध मौन”
मौन स्वयं से खाली होने की प्रक्रिया है.
_ समुद्र जितना गहरा होता है उतना ही शांत होता है.
_ गहरे पानी की तरह रहिए “साफ और चुप”
हर ताने का जवाब देने में जो खुद को उलझाओगे,
_ तो कैसे ‘मौन की गूंज’ अनंत तक पहुंचाओगे.!!
कुछ भी सुनने और समझने के लिए, _ ” मन ” का मौन रहना आवश्यक है !!
मौन होना रूठना नहीं होता _ जैसे नहीं होता _ ढ़ेर सारी बातें करने का अर्थ संवाद …
मै चुप नही हूं, मेरा “मौन” बहुत कुछ कह रहा है, तुम सुन पाने में असमर्थ हो !
मौन एक मित्र है, जिसका साथ आपको पछतावे की आग में कभी जलने नहीं देगा…
मैं केवल इतना समझ पाया हूँ, _ मौन शब्दों से ज्यादा सार्थक है.
” संवाद तो मौन में भी हो जाता है बस, दिल के तार जुड़ना जरूरी है,”
मौन का अर्थ है बाहर से भी चुप हो जाना और भीतर से भी चुप हो जाना.
मौन को सुनने वाले कान नहीं मिलते, इसलिए शब्दों से परोसता हूं.
अक्सर बढ़ती हुई समझ…..जीवन को मौन की ओर ले जाती है…
मौन की भाषा वाणी की भाषा की अपेछा अधिक बलवती होती है.
आदमी चुप रहना सीख जाए तो अधिकांश शिकायतें खत्म हो जाएं.
महान लोग प्रायः चुप रहते हैं, बुद्धिमान बोलते हैं, मूर्ख बहस करते हैं.
किसी व्यक्ति को उसकी ऊँची आवाज़ से नहीं, बल्कि उसके मौन की गहराई से जानें.
जो आवश्यकता से ज्यादा बोलता है, उसका कभी मूल्य नहीं बढ़ता.
बात कहने के सौ तरीक़े हैं, कुछ न कहना भी एक तरीका है.!!
वाणी का अफसोस अनेक बार होता है मौन का कभी नहीं.
मौन एक ऐसी भाषा है जो बिना आवाज के ही बोलती है.
चुप्पी साध लेना…दुनिया की सबसे बड़ी साधना है.
अप्रिय शब्द बोलने से मौन रहना अच्छा है.
‘जो मौन है’ वो पहले बोल चुका है.!!
दूसरों को चुप करने के लिए, पहले स्वयं चुप हो जाओ.
हर एक शब्दों का तोड़ है, पर मौन का कोई तोड़ नहीं
बेवजह के सवालों का सबसे बड़ा उत्तर है … ” मौन “
कुछ पल मौन रह कर आत्म- निरिछण करना चाहिए.
कभी- कभी मौन रह जाना सबसे कटु आलोचना है.
जब आपका वक्त बुरा चल रहा हो..तो मौन हो जाने से सुंदर और कुछ नहीं..!!!
खुश रहना है तो मौन रहना सीखो, _ क्योंकि खुशियों को शोर पसंद नहीं है.
मौन सबसे कठोर तर्क है, जो आप कभी- कभी अपने शत्रु को देते हैं.
कहने को तो बहुत-सी बातें हैं पर.. चुप रहने में ही सुकून है !!
मौन रहना अच्छा है, परंतु जब अन्याय हो, तब नहीं…
“मौन” क्रोध की सर्वोत्तम चिकित्सा है…!
मूर्ख की बात का उत्तर मौन है.
जब आपके पास कहने को कुछ न हो, तब कुछ मत कहो.
दूरदर्शी व्यक्ति हमेशा मौन की शक्ति धारण कर सकता है.
बोलने लायक हो कुछ तो ही बोलो, _ नहीं तो मौन बहुत सुंदर है.
मौन रहना एक साधना है _ पर सोच समझ कर बोलना एक कला है.
मौन हो जाओ, बहुत कुछ सुनाई देगा और दिखाई भी देगा !!
जुबान का ज्यादा चलना.. अक़्ल कम होने की निशानी है.!
मौन आपको दूसरों को ध्यान से सुनने की छमता देता है..!
शब्द तो छलावा है, पढ़ना है तो किसी का मौन पढ़ो..!!
मौन भी कई मौकों पर संवाद का माध्यम बन जाता है.!
मौन ही बेहतर है, क्योँकि बातों से ही बातें बिगड़ती हैं !
मौन वो मरहम है, जो शोर से उपजे घाव को भरता है..!
मौन के आगे क्रोध की शक्ति असफल हो जाती है..
गहरी पीड़ा आँसू नहीं केवल मौन देकर जाती है.
कम बोलने और ज्यादा समझने में ही भलाई है.
कुछ स्थितियों में चुप रहना ही बेहतर होता है..
In some situations it’s better to remain silent..
मौन मन और शरीर दोनों को आराम देता है..
गहरे दुःख हमेशा निःशब्द और मौन होते हैं.!
मौन बात – चीत की एक महान कला है.!!
बहुत अच्छा नहीं कह सकते तो, चुप रहें.
मौन खाली नहीं है, _ यह उत्तरों से भरा है..
मन की वृत्तियों को रोकने का नाम मौन है.!
गहरे पानी की तरह रहिए_ साफ़ और चुप.!
झूठे आरोपों का सर्वोत्तम उत्तर मौन है.
मौन सबसे शक्तिशाली चीख है, _
_ Silence is the most powerful scream.
एक समझदार आदमी तब बोलता है,
_ जब दूसरे अपने शब्दों का इस्तेमाल कर चुके होते हैं.
अगर आप मौन का अभ्यास शुरू करेंगे _
_ तो पाएंगे कि इसमें मानसिक विकारों को समाप्त करने की शक्ति भी मौजूद है.
मौन भी एक प्रकार का संवाद है, _
_ जो ये जान गया, उसके लिए बोलने या चुप रहने का भेद मिट जाता है.
हर किसी के सामने अपने शब्दों को फ़िज़ूल जाया मत करिए, _
_ मौन रह कर भी आप जवाब दे सकते हैं ..!!!!
चुप रहना ही सही लगता है, क्योंकि समझने वाला कोई नहीं है ;
_और जो समझने वाले हैं, वो बातों का अलग ही मतलब निकाल लेते हैं..!!
एक दिन आपको अपने बोले हुए शब्दों का अफ़सोस हो सकता है..
_______लेकिन चुप रहने का कभी नहीं ..!
हजारों खोखले शब्दों से बड़ा एक मौन होता है,
क्योंकि वह अपने साथ शांति लेकर आता है.
शब्द तो यदा- कदा चुभते ही रहते हैं,
पर किसी का मौन चुभ जाए तो संभल जाना..
सारा दिन मुँह नहीं चलाना चाहिए, बोलने पर नियंत्रण जरुरी है.
_ ज्यादा बोलने से समस्याएं बढ़ती हैं.
जहां अपने शब्दों का कोई महत्व नहीं, _
_ वहां मौन से अच्छा कोई विकल्प नहीं..
व्यक्ति जब मौन को प्राथमिकता देने लग जाता है, _
_ तब उसका एक अलग व्यक्तित्व का निर्माण होता है .!!!
जिस तरह घोंसला सोती हुई चिड़ियों को आश्रय देता है,
_ उसी तरह मौन तुम्हारी वाणी को आश्रय देता है.
कभी – कभी अच्छा लगता है कि किसी से कुछ भी बात न करें…
Sometimes it feels better not to talk at all…about anything, to anyone.
मौन का अर्थ है वाणी की पूर्ण शान्ति.
_ मौन का अर्थ केवल चुप रहना नहीं है.
_ मौन एक गहरी साधना है, जिसके माध्यम से मनुष्य अपने भीतर की परतों को हटाकर अपने वास्तविक स्व रूप का परिचय प्राप्त करता है.
_मौन अपने भीतर के सौन्दर्य और गहराई को निहारने की एक अनूठी प्रक्रिया है.
_ वाणी ही एक ऐसा माध्यम है जिससे मनुष्य अपने आप को संसार से योग करके रखता है.
_ जितना ही वह संसार में लिप्त होता है उतना ही वह स्वयं से दूर हटने लगता है.
_ ज्यों ही हम वाणी को विराम देते है, अहिस्ता -अहिस्ता अपने ही समीप पहुँचने लगते हैं और अपनी पहचान प्राप्त करते हैं.
_ मौन में वह शक्ति है जो प्राणों की ऊर्जा के अपव्यय का समापन करती है.
_ मनुष्य अपनी प्रचण्ड ऊर्जा को अनर्गल बोलकर शब्दों के माध्यम से ह्रास कराता है.
_ इसी ऊर्जा को मौन धारण करके एकत्रित किया जा सकता है.
— नब्बे प्रतिशत मुसीबतें संसार से कम हो जायें, यदि लोग थोडा कम बोलें,
_ लेकिन होता यह है कि मनुष अपने भीतर बैठे हर मनोविकार को वाणी के द्वारा बाहर प्रवाहित करता है और तदनुरूप अपने परिवेश का सृजन कर लेता है.
_ जो विषम परिस्थिति जिह्वा उत्पन्न कर सकती है, वैसा तलवार के माध्यम से भी होना कठिन है.
_ जिह्वा द्वारा दिया गया घाव कभी नहीं भरता..
_ आध्यत्मिक जीवन में जिसने भी ऊँचाइयों को छुआ है, उसने मौन का सहारा अवश्य लिया है.
_ महावीर स्वामी ने बारह वर्ष तक मौन रखा और गौतम बुद्ध ने छ:वर्ष तक, जिसके पश्चात उनकी वाणी दिव्य हो गई.
_ हमारे मन में हर पल विचारों का मेला लगा रहता है.
_ हर क्षण एक नये विचार का उदय होता है.
_ ऐसी स्थिति में मौन का पूरा लाभ नहीं लिया जा सकता.
_ बाहर के साथ-साथ अन्दर से मौन रहना कहीं अधिक आवश्यक है.
— इसलिये संसार के कुतूहल से जब मन अत्यधिक विचलित हो जाये,
_ तो प्रयास करना चाहिए कि लोगों के भीड से दूर प्रकृति के बीच में जाकर बैठे.
_ हर समय प्रकृति एक नया सन्देश देती है.
_ उसके कण कण में एक दिव्य संगीत की धुन सुनाई देती है.
_ जितना ही हम भीतर से शान्त होते जाते है, उतना ही हम प्रकृति के हर शब्द को अपने भीतर अनुभव करते हैँ.
_ भ्रमरों के गुंजार में हमें अनन्त की ध्वनि सुनाई देने लगती है.
_ डालों पर बैठे पक्षियों के चहचहाने में हमें राग दीपक या भैरवी के स्वरों का आभास होता है.
_ प्रकृति को यदि समझना है तो अपने भीतर के सुनहरे मौन को जाग्रत करना आवश्यक है.
— मौन वास्तव में वह संजीवनी शक्ति है जिससे व्यक्ति के प्राणों की ऊर्जा का पुन:विकास एवं उत्थान होता है.
_ नित्यप्रति तीन या चार घंटे का मौन रखना अत्यन्त लाभदायक है.
_ मौन के निरन्तर अभ्यास से वाणी पवित्र होने लगती है और उसमें सत्यता जाग्रत होती है.
_ ऐसा व्यक्ति वाणी से जो भी बोलता है, वह सच होने लगता है.
_ उसके व्यक्तित्व में गंभीरता आने लगती है और मन एकाग्रता की ओर वढता है.
— मौन जब पूर्ण रूप से सिद्ध हो जाये तो मन का लय हो जाता है जैसे कोई विचार है ही नहीं है.
_ क्या आपने शान्त सागर को ध्यान से देखा है ?
_ उसमें कभी कोई लहरे नहीं उठती.
_ वह एक रस में बहता चला जाता है.
_ मौन में लहरों की भांति उठने वाले विचार विलीन हो जाते हैं.
_ व्यक्ति को अहसास होता है कि जो ‘मै’ था वह केवल जड की अनुभूति थी.
_ अब मैं एक चेतना का सागर हूँ,
_ परिपूर्ण मौन शान्ति के जल में मन की आहूति है.
‘मौन शान्ति का सन्देश है’
___ यह स्वयं को रब से जुडने का सबसे सरल उपाय है.
_ इसलिए जहाँ भी आप हों जो भी आप कार्य करतें हों,
_ प्रयास कीजिये कि अपने व्यस्त दिनचर्या में से कुछ क्षण निकालकर संकल्पबद्ध होकर मौन में उतरकर परम शान्ति का अनुभव करें.
कब मौन रहना बहुत जरूरी होता है ?
1 😷 मौन रहे — जब तक आप के पास प्रमाण न हो.
2 😷 मौन रहें — जब आप को लगता है कि आप बिना चीखे
कुछ बात नहीं बोल सकते.
3 😷 मौन रहें — अगर आप के शब्दों से, वाणी से त्रुटि पूर्ण भावों का प्रचार प्रसार हो रहा हो.
4 😷 मौन रहें — अगर आप आक्रोश के आवेग में आ रहे हो.
5 😷 मौन रहें — जब आप को लगता है कि कोई महत्वपूर्ण दोस्ती आपके बोलने की वज़ह से टूट सकतीं हैं.
6 😷 मौन रहें — जब आप को लगता है कि किसी व्यक्ति को आपके शब्द चुभेगे.
7 😷 मौन रहें — अगर आप को लगे कि मुझे ऐसा नहीं बोलना चाहिए था.
8 😷 मौन रहें — जब आप को स्वयं के प्रति आत्म ग्लानि से भरे हुए हो.
9 😷 मौन रहें — जब श्रवण का समय हो.
10 😷 मौन रहें — तब जब आपको लगता है कि निरर्थक शब्दों के उपयोग से बचना ही उचित है.
सब तरफ शोर ही शोर
उठता और चारों ओर पसरता शोर.
आपस में हो रही बातों का शोर
मशीनों के चलने का शोर
दो-पहियों और चार-पहियों के आवागमन का शोर
ऊपर से उनकी हार्न की अनवरत टें-टें
गाजे-बाजे का शोर
उस पर डीजे की कान फोड़ू ध्वनि
कैसे रोकूँ इन्हें ?
किसी को कहो तो सुनता नहीं
सुनता है तो मानता नहीं
बहस में उतारू हो जाता है
कैसे रोकूँ इन्हें ?
क्या करूँ ?
अपने कान में रुई ठूँस लूँ
या कान के परदे फाड़ लूँ
क्या करूं?
या, मौन धारण कर लूँ
जिसमें बाहरी ध्वनियाँ स्वयं मौन हो जाती हैं
केवल अंतर्मन की आवाज़ सुनाई पड़ती है.
चुप रहो
——–
चुप रहने से घुटन हो तो हो
लेकिन टूटन बच जाती है
मुरझाते रिश्ते फिर पनप जाते हैं
इसलिए चुप रहो।
मालूम है?
छुपाना जरूरी है
क्योंकि खुले घाव से बदबू फैलती है
खुला घाव सबको दिखेगा
सब जान जाएंगे
कहेंगे, कुछ करते क्यों नहीं?
घाव अंदर फैलता है तो फैलता रहे
दिखेगा तो कुछ करना होगा
हम कुछ कर नहीं सकते
इसलिए चुप रहो।
लेकिन उसने कुछ नहीं कहा
बस, चुप रह गया
क्योंकि यह उसका खुद का फैसला था
कि किसी से कुछ मत कहो
चुप रहो।
| Jan 1, 2013 | MAHAK