मस्त विचार 4219
जान भी ले गए और जान से मारा भी नहीं..
जान भी ले गए और जान से मारा भी नहीं..
अगर स्वीकार नहीं कर सकते तो बदल दें और अगर बदल नहीं सकते तो बेहतर है, इसे रब पर छोड़ दें…
_ इसलिए परेशान होने का कोई मतलब नहीं है..!!
तकदीर जब तमाचा मारती है, तो वो मुँह पर नहीं सीधा रूह पर लगता है…
रोज ये बात, भूल जाता हूँ.
_ घमंड के लिए नहीं अपने आत्मसम्मान के लिए..!!
_ उनका अपना कुछ खास नहीं…. घमंड फ़र्जी… गुरूर दूसरे के भरोसे का.!!
_ फिर आराम के समय आराम नहीं कर पाओगे.!!
वरना जहाँ बैठते थे रौनक ला दिया करते थे.
हाय ! उन किरदारों पर क्या गुज़री होगी.
मुझसे नफरत मत करो, _ क्योंकि मैं वह नहीं था जो तुमने सोचा था कि मैं था _ या तुम मुझे क्या बनाना चाहते थे, शुरू से अंत तक तुम मुझे सही तरह से नहीं जानते थे.