मस्त विचार 4473
अजीब है मेरा अकेलापन,
ना खुश हूँ ना उदास हूँ, बस ख़ाली हूँ और खामोश हूँ.
ना खुश हूँ ना उदास हूँ, बस ख़ाली हूँ और खामोश हूँ.
जिनके लिए हम पूरी दुनिया को भूल जाते हैं.
हार से डरने वाला _ कभी बड़ा खिलाड़ी नहीं बन सकता.
_ जीवन इन दो सख्त नज़रियों के बीच कहीं जिया जाता है.
बिछड़ने का …कोई रिवाज़ ना हो…
जो पढ़ने के बाद आपको समझ सके.
जिंदगी को अपनों से जोड़ लो, है चार दिन की ये सोच लो..
उन्हें नहीं जो चेहरे पर शिकन पैदा करे.
*चादर बड़ी करें या,* *ख़्वाहिशे दफ़न करें !*