सुविचार 3310
कई बार, दुःख दरअसल एक धक्का होता है, जो “वक़्त” इंसान को आगे धकेलने के लिए लगाता है…
लेकिन ज़्यादातर इंसान आगे बढ़ने की बजाय इस धक्के से गिर जाता है, और फ़िर गिर कर उठने में या तो बहुत देर लगाता है, या उठता ही नहीं…..
लेकिन ज़्यादातर इंसान आगे बढ़ने की बजाय इस धक्के से गिर जाता है, और फ़िर गिर कर उठने में या तो बहुत देर लगाता है, या उठता ही नहीं…..
हम हैसियत देख कर सिर नहीं झुकाते.
जब आपके पास जो कुछ है उसके लिए आप आभारी होते हैं, तो आपको हमेशा अधिक से पुरस्कृत किया जाता है.
कि अगर दूसरे भी आपको देखे तो वो भी खुश हो जाए.
हमें हर हालत में जीने का हुनर आता है.
यकीन मानो यक़ीन नहीं होता.
क्योंकि हम यह समझ जाते हैं कि हमारी बातों को समझने वाला कोई नही है.