सुविचार 3999
एक दीप को हम केवल अपने लिए जला सकते हैं, _ लेकिन उसकी रोशनी से नहीं कह सकते कि ” तुझे केवल मेरे लिए जलना होगा “
_यहां मैं भी मतलबी हूं, और तू भी मतलबी है..
लेकिन उनके बुरे बर्ताव के बाद आप में आए बदलाव के लिए आप को दोष जरूर देंगे.
यदि आप दूसरों के नकारात्मक व्यवहार से जुड़ते हैं तो यह आपको उनके स्तर तक नीचे ले आता है.
_अन्तर्मन को सुन्दर बनाकर देखें, बाहर सब- कुछ सुन्दर दिखाई देगा.
_वो गुनाह करने वाले से भी बडा़ गुनाहगार है, “
जिससे भविष्य अतीत से बेहतर हो सके.
_अगर अहमियत होगी तो लोग खुद याद कर लेंगे..
ताकतवर से सभी संधि चाहते हैं, यही दुनिया का रिवाज़ है “