सुविचार 4645
दूसरों की बुराई देखना और सुनना ही, बुरा बनने की शुरुआत है.
फिर भी दुआ में उसने बरसात मांगी ”
बल्कि, आपको गलत साबित करने में अपनी पूरी ताकत लगा देते हैं.
अपने आप को अपने शरीर से परिभाषित न करें .. यह अनंत है जो ब्रह्मांड में हर चीज से जुड़ा है.
अकेलेपन का मतलब ये है की आपकी परवाह करने वाला कोई नहीं.
पर वो शख्स एक याद सा हो गया पूरी ज़िन्दगी के लिए…
समझो उस दिन से आपने जिंदगी का आनंद लेना शुरू कर दिया.
याद रखें जिन तारों में करंट नहीं होता उन पर लोग कपड़े सूखा दिया करते हैं.
फिर भी ना जाने क्यों उसका इंतजार रहता है..