मस्त विचार 4541
“अनकहे” शब्दों के बोझ से थक जाता हूँ कभी…
_ ना जाने खामोश रहना समझदारी है या मजबूरी..?
_ ना जाने खामोश रहना समझदारी है या मजबूरी..?
सब से आसान काम है सब से खुश रहना.
कामयाबी उन्हीं को मिलती है ; जो खड़े रहते हैं अपने पैरों पर…
बुरे तो हम हैं जो हर किसी को अच्छा समझ बैठे.
तब भी हम उम्मीद तो कर ही सकते हैं..
किसी व्यक्ति को उसके उत्तरों के बजाय उसके प्रश्नों से आंकें..
तब थोड़ा संभलने से, संभल जाता है बहुत कुछ..