सुविचार 4370

आप जैसे है सर्वश्रेष्ठ है अपनी तुलना दूसरों से ना करें,

क्योकि हर फल का स्वाद अलग अलग होता है.

मस्त विचार 4245

क्या बेचकर हम खरीदें ” फुर्सत ऐ ” ज़िन्दगी…

_ सब कुछ तो ” गिरवी ” पड़ा है जिम्मेदारी के बाजार में..!!

‘जिम्मेदारी’ वो पिंजरा है, जहाँ इंसान आजाद होकर भी कैद है..!!

सुविचार 4369

नेत्र हमें केवल दृष्टि प्रदान करते हैं, परंतु हम कब- किसमें क्या देखते हैं,

_ ये हमारी भावनाओं पर निर्भर करता है.

जिन विचारों को कुछ लोग बिना पसंद किए छोड़ देते हैं,

_ वो जाने कितनों की ही भावनाएं होती हैं..!!

मस्त विचार 4244

इस भाग-दौड़ कि दुनियां में समझ नही आता की

थकने के बाद शाम होती है या शाम होने के वजह से थकान..

सुविचार 4368

जब कोई दूसरों से धोखा खाता है तो वो उनसे लड़ पड़ता है,

लेकिन जब कोई अपनों से धोखा खाता है तो मौन हो जाता है..

सुविचार 4367

दुःख तब होता है जब आपको एहसास हो कि आप जिसे महत्व दे रहे हैं

उसकी नजरों में आपका कोई महत्व ही नहीं है.

सुविचार 4366

जब घरेलू फैसला करने के लिए बाहर के बंदे की जरुरत पड़ जाये तो,

समझ लें हमारा खानदान बरबाद हो चुका है.

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