सुविचार 4293
सार्थक हो तो ही इसे खर्च करें, अन्यथा मौन रहें,”
सार्थक हो तो ही इसे खर्च करें, अन्यथा मौन रहें,”
_ ‘सब अच्छा होगा’ बस यही आवाज़ रब की होती है.
ढूँढने वाले तूं सोच, तुझे चाहिए क्या मुझमें…..!!
बेहतर जगह पर हो जाता है,”
जो लोग ईमानदार नहीं हैं, उनके साथ भी ईमानदार रहिये,
इस तरह ही ईमानदारी सिद्ध होती है.
मुझसे इतनी दूर जा चुके हो क्या..?
हंसी उड़ाने वालों के चेहरे भी उतर जायेंगे..
मेरी खामोशी हज़ारों जवाबों से बेहतर है, क्योंकि ये अनगिनत सवालों की इज्जत रखती है.
अपनी ख़ामोशी से उन्हें भ्रमित करें, अपनी जीत से उन्हें प्रभावित करें.
जो आपको दुनिया का सामना करने के लिए चाहिए.