सुविचार – 2025 नया साल – 4397
_ आराम से सुकून से इत्मीनान से सलीके से होशो हवास में नए साल में जाएं.!!
_ आराम से सुकून से इत्मीनान से सलीके से होशो हवास में नए साल में जाएं.!!
_ कुछ लोग बदल गए.. तो कोई हमें बदल गया..!!
_ हर किसी ने अपना अपना रंग दिखाया..!!
_ जीवन का इक और सुनहरा साल चला गया !!
_ चला भी नहीं और चला भी गया !!
_ अपने और गैरों में भेद समझा गया..!
_ और सारे हादसों का इल्ज़ाम अकेला दिसंबर ढ़ोता है !!
_ जीवन तो अपने ही ढंग से चलता है.
चिंता के साथ सोचना सबसे खराब संयोजन है !!!
तो ये संभव ही नहीं कि आपको ये दुनिया प्यारी न लगे.
दोनों परिस्थितियां आपको सही निर्णय लेने नहीं देती.
उसने ये डर ख़त्म कर दिया मुझे छोड़कर.
_ मगर क्यों पहचानते हैं इसका महत्व है.
_ क्योंकि वे अपनी पहचान से डरते हैं.!