मस्त विचार 4226
मुझे छोड़ने की वजह तो बता देते,
मुझसे नाराज थे या मुझ जैसे हजार थे ?
मुझसे नाराज थे या मुझ जैसे हजार थे ?
तो कोई आंनद आपको सन्तुलित संतुष्टि नही दे सकता….
लेकिन अब लोग अच्छे बनते हैं …. फर्क है ना …जनाब..
कभी हार मत मानो _ शुरुआत हमेशा सबसे कठिन होती है.
ऐसा ” कर्ज ” जो आपको किसी और से अवश्य मिलेगा..
मंज़िलों की फितरत है खुद चलकर नहीं आतीं..
दूसरों को कहने से बेहतर अब चुप रहना है.