सुविचार 4571
ज़िन्दगी हमें सिखाती है कि अगर शांति चाहिए तो दूसरों की शिकायत करने से बेहतर है, खुद को बदल लो,
क्यूंकि पूरी दुनिया में कारपेट बिछाने से खुद के पैरों में चप्पल पहन लेना अधिक सरल है.
क्यूंकि पूरी दुनिया में कारपेट बिछाने से खुद के पैरों में चप्पल पहन लेना अधिक सरल है.
ये नियति का नियम है.
हर कोई अपनी तकदीर और अपनी हक़ीकत बनाने में लगा है.
और पहचान रहे हो, तो ठहर क्यूँ नहीं जाते ??
लेकिन वो ये नहीं जानते कि आगे नहीं बढ़े, बल्कि पीछे रह गए हैं,
अच्छे कर्म ही मनुष्य को ऊंचा उठाते हैं.
पर ऐसा नहीं है कि मैंने चलना छोड़ दिया है.
वो ज़िन्दगी में अपना काम बहुत जिम्मेदारी से करते हैं..