मस्त विचार 4522

“फ़कत एक चाँद गवाह था मेरी बेगुनाही का…,

और अदालत ने पेशी अमावस की रात को मुकर्रर कर दी.

सुविचार 4647

लोगों की बातों से क्यों परेशान होते हो, लोग तो कुछ भी बोल कर निकल जाते हैं ;

जब हालात बदलते हैं, तो लोगों के बोल बदल जाते हैं.

सुविचार 4646

जिन्दगी से यही सीखा है हमने कि मेहनत करो, रुकना नहीं,

हालात कैसे भी हों, किसी के सामने झुकना नहीं..

सुविचार 4644

कितने अजीब होते हैं लोग, गलत साबित होने पर माफी नहीं मांगते..

बल्कि, आपको गलत साबित करने में अपनी पूरी ताकत लगा देते हैं.

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