सुविचार 4446
रायता उतना फैलाओ जितना समेट सको..
_ इतना ना फैलाओ की समेट ना पाओ और फिर वहां से भागना पड़े.!!
_ इतना ना फैलाओ की समेट ना पाओ और फिर वहां से भागना पड़े.!!
_उल्टा छींटें उड़ाने वाला खुद और ज्यादा गंदा नज़र आता है.!!
शांति और मौन आपको सही मार्ग तक पहुँचा देंगे.
और फ़सल की तरह हम बरबाद हो गए”
_ ये तो जिससे हो गया वो ही सुंदर बन जाता है.!!
अब गैरों पर भरोसा नहीं कर पाता हूँ….!!!
लोग तो पीछे तब आते हैं, जब हम कामयाब होने लगते हैं.
आप अपने बारे में क्या सोचते हैं, यह कहीं अधिक महत्वपूर्ण है, _ बजाय दूसरे आपके बारे में क्या सोचते हैं.