सुविचार 4374

बिना सोचे-समझ़े ही धारणा बना लेने वाला,

उस तालाब की तरह होता है, जो कालांतर में सड़ने लगता है.

सुविचार 4373

ज्ञान-दान से बढ़कर कोई अन्य दान नहीं है,

जो सबसे सरल दान है, यदि आप बुद्धिजीवी हैं तो.

मस्त विचार 4248

कभी कभी, कितनी बातें कहनी होती है, जब कोई सुनने वाला नहीं होता है…।
यह भी विचार कीजिए कि कोई आपकी बात कब काटता है ?

_ सीधी सी बात है — जब आप उसे बोलने का मौका नहीं देते..
_ बोलने का मौका दीजिए, कोई आपकी बात कभी नहीं काटेगा..
_ अगर कोई आपसे कुछ बोलना चाहे तो उसे बोलने दें, बोलने दें और इतना बोलने दें कि वह थक जाए..
_ जब वह चुप हो जाए तो आप बोलना शुरू कीजिए..
_ आपको हैरानी होगी यह देख कर कि आपकी बात काटना तो दूर, वह आपकी हर बात से सहमत होता जाएगा..
_ ज्यादातर लोगों को शिकायत ही यह होती है कि उनकी किसी ने सुनी नहीं ;
_ आपने सुन ली, सावन का बादल हल्का हो गया..
_ अब वह उमड़-घुमड़ कर नहीं आएगा..
_ आपने उसकी बात नहीं काटी, उसने आपकी..!!

सुविचार 4372

ह्रदय से अच्छे लोग बुद्धिमान होने के बाद भी धोखा खा जाते हैं क्योंकि

वो दूसरों को भी ह्रदय से अच्छे होने का विश्वास कर बैठते हैं.

सुविचार 4371

जब किसी की नज़रअंदाज़ करने की हद,

हद पार कर जाये तो अजनबी बन जाना ही मुनासिब होता है.

मस्त विचार 4246

परिंदों को मंजिल मिलेगी यक़ीनन, ये फैले हुए उनके पर बोलते हैं.
अक्सर वो लोग खामोश रहते हैं, ज़माने में जिनके हुनर बोलते हैं

Collection of Thought 1034

“It does not matter how slowly you go as long as you do not stop.” Never give up…

“इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितनी धीमी गति से चलते हैं, जब तक आप रुकते नहीं हैं, ” कभी हार मत मानो…

सुविचार 4370

आप जैसे है सर्वश्रेष्ठ है अपनी तुलना दूसरों से ना करें,

क्योकि हर फल का स्वाद अलग अलग होता है.

मस्त विचार 4245

क्या बेचकर हम खरीदें ” फुर्सत ऐ ” ज़िन्दगी…

_ सब कुछ तो ” गिरवी ” पड़ा है जिम्मेदारी के बाजार में..!!

‘जिम्मेदारी’ वो पिंजरा है, जहाँ इंसान आजाद होकर भी कैद है..!!
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