मस्त विचार 4580
एक छोटी सी लड़ाई से हम अपना प्यार ख़त्म कर लेते हैं,
इससे तो अच्छा है कि हम प्यार से अपनी लड़ाई ख़त्म कर लें.
इससे तो अच्छा है कि हम प्यार से अपनी लड़ाई ख़त्म कर लें.
ये सोच भी, आपके _ अपरिपक्व होने की निशानी है.
तकलीफ़ तब होती है जब उस दुःख में कोई साथ नहीं होता…!!
खुशी हँसाती नहीं, ग़म मुझे अब रुलाता नहीं..
अगर उसमें “सुगंध” मिला दो तो वह “गंगाजल” बन जाऐगा ।।*
आख़िर में हम ख़ामोश हो गए..
और उठा लोगे तो एकदम हल्की हो जायेंगी.