सुविचार 4564
सच और झूठ को पहचानना हो तो ध्यान से देखना,
सच अकेला ही मिलेगा और झूठ तीन चार गवाहों के साथ..
सच अकेला ही मिलेगा और झूठ तीन चार गवाहों के साथ..
हर चुभने वाली चीज का मकसद बुरा नहीं होता.
आप अपने विचार और भावना के साथ जिस पर ध्यान केंद्रित करते हैं, वही आप अपने अनुभव में आकर्षित करते हैं.
ये भी एक अंदाज़ होता है नाराज़ होने का..
बुरा नहीं हूं मैं, बस अपनों की मेहरबानी है.
गुजरी हुई बहार की एक यादगार हूँ.
_ जब तक हम उलझन को सुलझाने का प्रयास नहीं करते.