सुविचार 4447
खोये हुए हम खुद हैं और ढूंढ़ते ख़ुदा को हैं.
” चिंता कम करो, मुस्कुराओ अधिक, __ पछताओ मत, बस सीखो और बढ़ो “
थक चुका हूँ ज़िन्दगी का ये रवैया देखकर..
_ इतना ना फैलाओ की समेट ना पाओ और फिर वहां से भागना पड़े.!!
जो जलता है तरक्की देखकर लोगो की.
शांति और मौन आपको सही मार्ग तक पहुँचा देंगे.
और फ़सल की तरह हम बरबाद हो गए”
_ ये तो जिससे हो गया वो ही सुंदर बन जाता है.!!