सुविचार 4614
कोई कितना भी झूठा या कपटी हो आपके साथ, आप तब भी सच्चे बने रहिए,
क्योंकि किसी बीमार को देखकर स्वयं को बीमार कर लेना_ यह समझदारी नहीं मूर्खता है..
क्योंकि किसी बीमार को देखकर स्वयं को बीमार कर लेना_ यह समझदारी नहीं मूर्खता है..
लम्हे थे____गुजर गए…
हम खुश हैं, अपनी तकलीफों के साथ..!!
आपका भाग्य आपके हाथों में है, आपके विचारों और आपकी भावनाओं के माध्यम से..
क्योंकि फिक्र दिल में होती है शब्दों में नहीं और गुस्सा शब्दों में होता है दिल में नहीं..
तब हमारे लिए भी कुछ अच्छा हो रहा होता है.
अच्छा होना भी बुरी बात है इस दुनिया में..
लेकिन हमारे कर्मों के सिर्फ़ हम ही उत्तराधिकारी हैं.