मस्त विचार 4539
किसी को क्या बुरा समझना,,
बुरे तो हम हैं जो हर किसी को अच्छा समझ बैठे.
बुरे तो हम हैं जो हर किसी को अच्छा समझ बैठे.
तब भी हम उम्मीद तो कर ही सकते हैं..
किसी व्यक्ति को उसके उत्तरों के बजाय उसके प्रश्नों से आंकें..
तब थोड़ा संभलने से, संभल जाता है बहुत कुछ..
जितना आँखें बंद करके देख लेते हैं.
पर जो गिरा है उसे उठाने के लिए कोई नही झुकना चाहता.
जबकि इस भाग-दौड़ का मक़सद, एक स्थायी पते की तलाश था.