मस्त विचार 4228
छोड़ो वफा के किस्से ये उम्रों का रोना है,
पहले कौन हमारा था जो अब किसी ने होना है..
पहले कौन हमारा था जो अब किसी ने होना है..
लेकिन सब्र हमेशा के लिए ख़ुशी देता है..
मुझसे नाराज थे या मुझ जैसे हजार थे ?
तो कोई आंनद आपको सन्तुलित संतुष्टि नही दे सकता….
लेकिन अब लोग अच्छे बनते हैं …. फर्क है ना …जनाब..
कभी हार मत मानो _ शुरुआत हमेशा सबसे कठिन होती है.
ऐसा ” कर्ज ” जो आपको किसी और से अवश्य मिलेगा..