हममे से ज्यादातर लोग जितना सपने में भी नहीं सोच सकते, उससे कहीं अधिक साहस रखते है.
दुनिया में ज्यादातर महत्वपूर्ण चीजें, उन लोगों द्वारा प्राप्त की गयी हैं, जो कोई उम्मीद ना होने के बावजूद अपने प्रयास में लगे रहे.
उत्साहित होने का नाटक कीजिए और आप उत्साहित हो जायेंगे.
पहले कठिन काम पूरे कीजिए, आसान काम खुद- बखुद पूरे हो जायेंगें.
डर कहीं और नहीं, बस आपके दिमाग में होता है.
उनसे मत डरिये जो बहस करते हैं बल्कि उनसे डरिये जो छल करते हैं.
तुम जो कर रहे हो, यदि तुम उसमें विश्वास रखते हो तो किसी भी चीज को अपने काम को रोकने मत दो, दुनिया के ज्यादातर बेहतरीन काम असम्भव लगने के बावजूद किए गए हैं, जरुरी है कि काम पूरा हो.
पहले स्वयं से पूछिए ; सबसे बुरा क्या हो सकता है ? फिर उसे स्वीकार करने के लिए तैयार रहिए, और उसके बाद उस बुरे को कम बुरा करने के लिए प्रयास करें.
जो चाहा वो मिल जाना सफलता है, जो मिला उसको चाहना प्रसन्नता है.
लोगों के साथ सलूक करते वक़्त, याद रखिये कि आप तर्कशील प्राणियों के साथ नहीं, बल्कि भावनात्मक प्राणियों के साथ काम कर रहे हैं.
किसी बहस का सबसे अधिक लाभ उठाने का एक ही तरीका है कि उसे टाल दें.
किसी आदमी के दिल तक जाने का सही रास्ता है, उससे उस चीज के बारे में बात करना, जिसे वह सबसे ज्यादा चाहता है.
अक्सर हमें थकान, काम के कारण नहीं बल्कि चिन्ता, निराशा और असंतोष के कारण होती है
खुद के लिए और अपनी मौजूदा स्थिति के लिए अफ़सोस करना, ना केवल ऊर्जा की बर्बादी है बल्कि शायद ये सबसे बुरी आदत है, जो आप के अन्दर हो सकती है.
अपने जीवन की कमियों और परेशानियों को याद करने के बजाय अपनी नेमतों और खुशियों को याद कीजिए. इससे आपके मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जो आपको स्वस्थ और दीर्घायु बनाता है.
निष्क्रियता, सन्देह और भय को जन्म देती है.
कार्रवाई, विश्वास और साहस को.
अगर आप शहद इकट्ठा करना चाहते हैं तो, छत्ते पर लात मत मारिए.
उपकारों को भूलना मनुष्य का स्वभाव है, अतः यदि हम दूसरों से कृतघ्नता की आशा करेंगे तो हमें व्यर्थ ही सिरदर्द मोल लेना पडेगा.