The most I can do for my friend is simply to be his friend. I have no wealth to bestow on him. If he knows that I am happy in loving him, he will want no other reward. Is not friendship divine in this? – Henry David Thoreau
You always knew after shitty things happened, who your friends really were. _ JJodi Picoult
Best friends are the people who make your problems their problems just so you don’t have to go through them alone.
As we grow up, we realize it is less important to have lots of friends, and more important to have real ones.
“True friends are those who really know you but love you anyway.”- Edna Buchanan
Being honest may not get you many friends, but it’ll always get you the right ones.
Only a true friend will tell you to your face, what others are saying behind your back.
Real friends talk shit to your face, and say nice things behind your back.
जहां कोई मांग नहीं होती. कोई शर्त नहीं होती, सिर्फ देने का आनंद होता है.
_ मैं आपसे यह पूछने की हिम्मत करता हूं कि क्या आप एक सच्चे दोस्त हैं ?
_ जहां हर कोई बस देने में आनंद लेता है.
_ दरअसल अब दोस्त बनते नहीं, बनते हैं तो रहते नहीं, रहते हैं तो निभाते नहीं.!!
_ और दोस्त के साथ कभी व्यापार मत कीजिए,
_ इस सूत्र को अपनाने वालों की दोस्ती और व्यापार दोनों ठीक चलते हैं..!!
_ वर्ना ज़िन्दगी के सौदों में नुक़सान बहुत है..!!
_ ज़िन्दगी में शायद वो लोग ही दोस्त कहलाते हैं !!
— एक अच्छा दोस्त सबसे करीबी रिश्तेदार होता है.
जब दो हस्ती मिलती हैं.., तब दोस्ती होती है…
_ तो आप दोस्त ढूंढने से पहले, किसी के बेहतर दोस्त बन जाइये..
Prosperity makes friends, adversity tests them.
Treat a rich friend just like you treat a poor friend.
True friends are those rare people who come to find you in dark places and lead you back to the light.
Fake friends are like secret haters and once you stop talking to them they start talking about you.
_ आपने जिन्हें अपना दोस्त माना वो वाकई में आपके दोस्त थे ही नहीं..!!
__ सिर्फ दोस्त बनने की एक्टिंग करते रहते हैं.!!
लेकिन अच्छे दोस्त हमें खूबसूरत जिंदगी देते है..
*ये वो घर है जिसका कोई दरवाज़ा नहीं होता…!!
जमाना जडे भी काट दे तो__दोस्त गिरने नहीं देते..
सुना है _ यार अच्छे हों तो _ दर्द भी नहीं होता !
की हम बहुत दिनो से मिले नहीं, फिर भी दोस्ती है.
पर मुश्किल हालातों में हमेशा साथ देते हैं,,
आज तेरी कमी ने रुला दिया मुझे !!!
*वे #सगे, #चचेरे, #ममेरे, #फुफेरे, #मौसेरे, और #सौतेले, नहीं होते हैं*
यहां झूठे वादे नहीं, बल्कि सच्ची कोशिशें की जाती हैं.
— दोस्त फेल हो जाए तो दुख होता है लेकिन दोस्त अगर टॉप पर आ जाए तो बहुत अधिक दुख होता है.
“यही जीवन है -यही उसका रंग है”
इज्ज़त बेपनाह और दोस्त बेमिसाल मिल ही जाते है.
जो सही वक्त पर मेरे सामने आईने रखते हैं !
बात करने के लिए टाइम निकालते है.
क्योंकि क्वांटिटी से ज्यादा क्वालिटी अहमियत रखती है.
कोई भी शर्त नहीं, जहां कोई बस देने में आनंद लेता है.
खिलखिलाना दोस्तों ने तोहफे में दे दिया.
जीवन को जो महका दे उसे ही ‘मित्र’ कहते हैं.
अगर उनके साथ बैठो तो अपना हाल दिख जाये.
वही हमारा अच्छा और सच्चा दोस्त कहलाता है.
वरना दोस्ती भी मोहब्बत से कम नहीं होती..!!
सिक्के हमारे मिजाज़ के, चलेंगे जिस रोज !!
एक दोस्ती है जो कभी बूढ़ी नहीं होती….
*#मित्र सिर्फ मित्र होते हैं* *वे #सगे, #चचेरे, #ममेरे, #फुफेरे, #मौसेरे, और #सौतेले, नहीं होते हैं*
_ और अलग राय होने के बावजूद जिसका प्यार कम न हो.
_ समझ लें_ वह कभी भी आपका सच्चा मित्र नहीं था..!
दोस्ती के रिश्ते तो किस्मत से बनते हैं, वर्ना मुलाकात तो कितनों से होती है.
जाहिर है सफल व्यक्ति के दोस्त काबिल और सफल होते हैं.
चिराग की रौशनी से ढूँढा है आपको, आप जैसा दोस्त मिलना आसान नहीं होता !
अच्छे वक़्त में भी लोग साथ छोड़ते हैं, जब उनसे तुम्हारी ख़ुशियाँ देखी नही जाती,
लेकिन जो दोनो वक़्त में साथ न छोड़े, वही है सच्चा दोस्त.
केवल वही व्यक्ति मित्र कहलाने योग्य है.
बेशक, जैसे भी थे पर रौनक उन्ही से थी !!
पर घर वालों से ज्यादा करीब है.
पर ये भी सच है कि दोस्त जैसी कोई दौलत नहीं.
दोस्तों के लिए दोस्ती का रिश्ता बनाया,
पर कहते हैं दोस्ती रहेगी उसी की,
जिसने दोस्ती को दिल से निभाया.
उम्र भर आप लोगो के काम आते रहिए…
कहीं फिर जिन्दा न हो जाऊ तेरा सहारा देखकर…
दोस्तों के लिए दोस्ती का रिश्ता बनाया,
पर कहते हैं दोस्ती रहेगी उसी की,
जिसने दोस्ती को दिल से निभाया.
फिर वो कहां का है, और क्या है, यह मायने नहीं रखता,”
पर कभी भी दुश्मनों की लाइन में खड़ा नहीं होता..
पर दोस्त आप याद आते रहोगे, कभी मुस्कान तो कभी आँखों में पानी बन कर…
अच्छा लगता है, यूँ तन्हाइयों में तुम्हारा दस्तक देना…
तो हमें भी कोई दोस्त याद आता है,
भूल जाते हैं हम ज़िन्दगी के गम को,
जब आपके साथ बिताया वक़्त याद आता है.
यह व्यापार नहीं है…..यह अपने आप में पवित्र प्रेम है..
वजन होता है लेकिन बोझ नहीं होता.
क्या ख़ास है उसमे…ऐसा मैंने कभी सोचा ही नहीं…!!
_ सुना है यार अच्छे हों तो कांटे भी नहीं चुभते !!
लेकिन अच्छे दोस्त हमें खूबसूरत जिन्दगी देते हैं..
दूसरों की तरह नहीं है आदत हमारी…
जहां विचार मिलते हैं, वहां सच्ची दोस्ती होती है.
पर… वो आँखों से टपकता… पानी बंद नहीं कर सकता…
उसके लिए तो “दोस्त” ही चाहिये !
फिर भी हर मोड़ पर अपनी यारी निभाते हैं.
जो बिना मतलब, हालचाल पूछता रहता हो…
तेरी दोस्ती की खुशबू ने, जिस दिन महकाया था मुझे…
बशर्ते लगाव दिल से होना चाहिए, दिमाग से नहीं !
तू न छोड़ना दोस्ती का हाथ कभी
वरना तमन्ना मिट जायेगी कभी दोस्त बनाने की !
ताल्लुक कम करने से “दोस्ती” कम नहीं होती.
इन के दरमियां, _ कुछ दूरी भी रखो..
..लेकिन वो स्कूल वाले “दोस्त” आज भी याद आते हैं….
तनहाई की गहराइयों में उतरते चले गये…
रहता था हर शाम जिन दोस्तों के साथ…
एक एक करके सब के सब बिछड़ते चले गये….
जिनके साथ कभी ज़माने हुआ करते थे..!!
और मेरे दोस्त जैसा कोई दोस्त नहीं..!!
हमारे “दोष” का जो “अस्त” करे वही “दोस्त” होता है.
कि हम कभी मिले नहीं मगर यारी बेशुमार है.
ये तारीफों के पुल तो मतलबी लोग बांधते हैं.
अकाल तो निभाने वालो का पड़ा है साहब !!!
और जो समझ ना पाए वो रिश्ता कैसा…
पुराने दोस्त यहाँ हर किसी के पास नहीं होते.
बहुत याद आएँगे ज़रा भूल कर तो देखो.
जिससे दोस्ती करते हैं वो लोग खास बन जाते हैं..!
_ दोस्तों ने उसे पतंग बनाकर उड़ाना सीखा दिया..
_ जो आप की हर बात को ध्यान से सुने, इससे आप के मन का बोझ कम रहेगा ..
असली दोस्ती तो वो होती है, जो समंदर में गिरा आँसू भी पहचान लेती है..
जिस पर था भरोसा आंख बंद करके, उसी को आंखों में आंसू का कारण बनते देखा है.
अगर हम कभी नहीं चाहते कि एक नेक दोस्त दुश्मन बने तो हमें कभी भी किसी दोस्त को चोट पहुँचाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.
यदि हम अपने साथ मित्रता और प्रेम करना सीख जाएं तो जीवन सरल और सरस हो सकता है.
खुद को हर हाल में स्वीकार करना और स्व से प्रेम करना आत्म-सम्मान बढ़ाता है.
आजकल दोस्ती के मायने बदल गए हैं तो इस रिश्ते की गहराई भी कम हो गई है। इस संसार में हम अपनी मर्जी से जो सबसे पहला रिश्ता बनाते हैं, वो मित्रता का रिश्ता होता है। शेष सारे रिश्ते हमें जन्म के साथ ही मिलते हैं। मित्र हम खुद अपनी इच्छा से चुनते हैं। जो रिश्ता हम अपनी पसंद से बनाते हैं, उसे निभाने में भी उतनी ही निष्ठा और समर्पण रखना होता है।
आधुनिक युग में दोस्ती भी टाइम पीरियड का मामला हो गया है। स्कूली जीवन के दोस्त अलग, कॉलेज के अलग और व्यवसायिक जीवन के अलग। आजकल कोई भी दोस्ती लंबी नहीं चलती। जीवन के हर मुकाम पर कुछ पुराने दोस्त छूट जाते हैं, कुछ नए बन जाते हैं। दोस्ती जीवनभर की होनी चाहिए।
_ जिनसे कभी कोई ख़ास नज़दीकी नहीं रही..!! – राजेश जोशी
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