सुविचार – किताबें – 002

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बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा पुस्तकों से प्रेम करते हैं.
पुस्तक एक बगीचा है, जिसे जेब में रखा जा सकता है.
मैं एक ऐसा व्यक्ति हूँ जिसे दोस्त की नहीं, पुस्तकों की आवश्यकता है…!!!
सर्वश्रेष्ठ किताबें वही बातें बताती हैं _ जो आप पहले से जानते हैं.
जो बहुमूल्य ज्ञान किताबें हमें देती हैं, _ नयी दुनिया के दरवाज़े खोल देती हैं ..
किताबें दुनिया की बेशकीमती दौलत हैं और ये पीढ़ियों और देशों की विरासत संजोए हुए हैं.
जिस व्यक्ति के हाथों में एक अच्छी किताब है, तुम उस से जीत नहीं सकते .. _

_ अगर फ़िर भी जीतना चाहते हो तो _ अपने हाथों में उस से बेहतर किताब रखो ..

हर किसी की जिंदगी में कुछ अच्छी किताबों का होना जरुरी है. किताबें सिर्फ मनोरंजन या परीछाएं पास करने के लिए नहीं होतीं, जिंदगी के रास्ते बनाने के लिए होती हैं. किताबें पढ़ कर ही हम उन बातों को जानते हैं, जो दूसरों ने कहीं हैं, उनमें कई बातें हमारी जिंदगी के लिए बहुत लाभदायक होती हैं.
किताबें उन अनुभवों को समेट कर रखती हैं जो हमारे नहीं हो सकते, सबके अनुभव अलग होते हैं और वक़्त आने पर एक-दूसरे के काम आते हैं, किताबें ज़रूरी हैं ताकि हम अपने अनुभव के आकाश को और बड़ा बना सकें, जीवन को एक नया विस्तार दे सकें, पढ़ना ज़रूरी है..
किताबें हमें मानसिक रूप से सन्तुलित रखती है, इसलिए सभी को किताबों से दोस्ती करनी चाहिए,

क्योंकि यह न सिर्फ हमें कल्पनाशील बनाती हैं बल्कि हमारे ज्ञान में भी वृद्धि करती हैं.

सुबह जागकर कुछ पन्ने अच्छी किताब के पढ़ लेने मात्र से ही जीवन का बदलना शुरू हो सकता है…!!!
यह संसार एक सुन्दर पुस्तक है, परन्तु जो इसे नहीं पढ़ सकता, उस के लिए व्यर्थ है.
अच्छी किताबें हमारी सोच को विकसित करती हैं और ज़िन्दगी को बेहतरी की ओर मोड़ने का माद्दा रखती हैं.
यदि कोई ऐसी पुस्तक है, जिसे आप पढ़ने के अत्यन्त इच्छुक हों, लेकिन वह लिखी नहीं गयी हो,

तो ऐसी पुस्तक को आपको स्वयं ही लिखना होगा.

पुस्तकों से विहीन घर, खिड़की विहीन घर के समान है.
साफसुथरी मनोरंजन वाली किताबें अपने पास अवश्य रखें.

मन में निराशा पैदा होते ही तत्काल चुटकुले की या मनोरंजन वाली किताब पढ़ें.

दुनिया, जहां, प्रेम, परिवार सबसे दिल लगा कर देख लिया _

_ परंतु जो सुकून पुस्तकों के साथ मिला … वह कहीं नहीं मिला …!!!!

जो व्यक्ति अच्छी किताबें नहीं पढ़ता, वह उस व्यक्ति से _

_ किसी मायने में अलग नहीं है, जो कि पढ़ नहीं सकता ..

पुस्तकों में खोए रहने से एक फ़ायदा यह होता है कि फालतू के विचारों एवम फालतू के लोगों से छुटकारा मिल जाता है…!!!
अच्छी पुस्तकों के सम्पर्क में रह कर मनुष्य का मन, ऎसा सुन्दर हो जाता है कि उसकी सुगन्ध हर तरफ फ़ैल जाती है.
किताबें ऐसी शिछक हैं, जो बिना कष्ट दिए, बिना आलोचना किए और बिना परीछा लिए, हमें शिछा देती हैं.
किताबों ने कहा, हमें पढ़ो ; ताकि तुम्हारे भीतर चीज़ों को बदलने की बैचेनी पैदा हो सके..
ज़िन्दगी तो सभी के लिए वही रंगीन किताब है, फर्क सिर्फ इतना है, कोई हर पन्ने को

दिल से पढ़ रहा है और कोई दिल रखने के लिए केवल पन्ने पलट रहा है.

सही किताब वह नहीं है, जिसे हम पढ़ते हैं. सही किताब वह है, जो हमें पढ़ती है,
एक अच्छी पुस्तक एक महान व्यक्ति के जीवन का निचोड़ होती है,

जो दूसरों के लिए बहोत मेहनत से लिखी जाती है.

अच्छी किताब एक जादुई कालीन की तरह है जो आहिस्ते से हमें उस दुनिया की सैर कराती है,

जहाँ दूसरी किसी चीज़ के ज़रिए हम प्रवेश नहीं कर सकते.

पैसे की तरह किताबें भी लगातार चलती रहनी चाहिए… किताब सिर्फ दोस्त नहीं होती, _ ये आपके लिए दोस्त भी बनाती है ;

जब आपके पास मन और आत्मा के साथ एक किताब होती है, तो आप समृद्ध होते हैं ; लेकिन जब आप इसे आगे बढ़ाते हैं तो आप तीन गुना समृद्ध हो जाते हैं.
— किताबें सिर्फ समझदार लोग ही पढ़ सकते हैं ; _ छोटे – मोटे पाठक के तो सिर के ऊपर से गुजर जाएंगी.
किताबें पढ़ना न केवल मस्तिष्क को विचार और उक्त “ज्ञान” प्रदान करता है,
_ बल्कि यह किसी के मस्तिष्क के ऊतकों और तंत्रिकाओं में दबे हुए बुद्धिजीवियों को जगाता है.
किसी को समझना हो तो उसकी शेल्फ में लगी किताबों को देख लेना चाहिए,

_ किसी की आत्मा को समझना हो तो उन किताबों में लगी अंडर लाइन को पढ़ना चाहिए..

कभी – कभी हम अपने बहुत करीबी, लोगों की भावनाओं को समझ नहीं पाते हैं..!

_ क्योंकि आँख के एकदम पास रखकर, किताब को पढ़ना बड़ा कठिन होता है..!

जो लोग किताबों को बहुमूल्य मानते हैं, वे उन्हें किसी दोस्त की तरह समझते हैं,

उनसे तरह- तरह की बातें सीखते हैं.

किताबों से तो अपना गहरा नाता है जनाब, _

_ हर मर्ज़ का मरहम बिना पूछे इससे मिला है ..!!

किताबो की दोस्ती बड़ी ही अच्छी होती है, वो हमसे बातें तो नहीं करती,

लेकिन अनजाने में बहुत कुछ सिखा जाती हैं !!

ज़्यादा लिखा मैंने अगर तो बनकर किताब रह जाऊँगा,

आया नहीं हूँ हाथ अब तक फिर एक बार मैं आ जाऊँगा..

किताबों की अहमियत अपनी जगह है जनाब, _

_ सबको वही याद रहता है, जो वक़्त और लोग सिखाते है ..!!

किताबों से दिल लगाकर रखिए, यकीन मानिए जिन्दगी में ठोकर नहीं खानी पड़ेगी..
दर्पण में नहीं पुस्तकों में खुद को देखिए… जिंदगी की तस्वीर बदल जाएगी…!!!
किताबें भी बिल्कुल मेरी तरह हैं, अल्फ़ाज़ से भरपूर मगर ख़ामोश.
जो किताबें दोस्त नहीं बन पाती वे आपका साथ छोड़ जाती हैं.
दुनियां की सबसे अच्छी किताब हम स्वयं है, खुद को समझ लीजिए ;

सब समस्याओं का समाधान हो जाएगा..

कभी ख़ुद भी निकल घर से _ खपा ना सर किताबों में,

क़िताबों का तजुर्बा तो _ तजुर्बा दूसरों का है..

किताबों के दौर से _ बाहर आ गये हैं _ ज़नाब ;

अब हमें _ ज़िन्दगी पढ़ाती है ,,,,!!

मेरे कमरे को सजाने की तमन्ना है तुम्हें

मेरे कमरे में किताबों के सिवा कुछ भी नहीं. — जौन एलिया

जिनके घर किताबों से भरी अलमारियाँ हैं, _ उनसे ज्यादा रईस कोई नहीं—- मैत्रेयी पुष्पा

कारण ; क्यों आपको एक किताब पढ़ने वाला / वाली होना चाहिए..

वे बुद्धिमान होते हैं, जितनी अधिक किताबें पढ़ते हैं , उतना ही वह दुनिया के बारे में जानते हैं. _साथ ही, वह अपने दिमाग को रोजाना एक अच्छी कसरत देते हैं, जो उसे तेज रखने में मदद करता है. निरंतर पढ़ने को शब्दावली और लेखन कौशल में सुधार के लिए भी जाना जाता है. वे अच्छा बोलते हैं, चूँकि पढ़ने से शब्दावली में सुधार होता है.

यह देखा गया है कि जो लोग पढ़ते हैं उनमें मजबूत विश्लेषणात्मक कौशल होते हैं ; इसलिए, कठिन निर्णयों और जीवन योजनाओं के बारे में बात करने के लिए वह एक बेहतरीन व्यक्ति होंगे.

वे जिज्ञासु होते हैं, वे दुनिया और उसमें मौजूद लोगों और चीजों के बारे में उत्सुक हैं. _ जो किताबें पढ़ते हैं उनके पास आमतौर पर विभिन्न विषयों पर पुस्तकों का संग्रह होता है और वे नई चीजें सीखने के लिए उत्सुक रहते हैं.

जैसे-जैसे वह किताबें इकट्ठा करते हैं, वैसे-वैसे वह तथ्यों को भी इकट्ठा करेंगे, उनमें से कई पूरी तरह से यादृच्छिक [ Random ] हैं.

वे कम रखरखाव वाले होते हैं [ low-maintenance ], वे एक कप चाय और एक अच्छी किताब के साथ बिस्तर में दुबकने की आदी हैं, इसलिए वह जानते हैं कि कैसे आराम करना है.

वे एक विशेषज्ञ संवादी [ expert conversationalist ] होते हैं, चूँकि वे किताबों और पत्रिकाओं को पढ़ने से बहुत कुछ जानते हैं, इसलिए उनके पास बात करने के लिए बहुत सारे विषय होंगे _और आप जो कह रहे हैं उससे संबंधित तरीके खोज सकते हैं, _ और जैसा कि वे चुप रहने और जानकारी लेने के आदी हैं, वह शायद एक अच्छा श्रोता भी होंगे.

वे अधिक अंतरंग [ intimate ] होते हैं ; पढ़ना अपने आप में एक अंतरंग [ intimate ] क्रिया है. वे जो किताबें पढ़ते हैं _वे जानते हैं कि कैसे अपना पूरा ध्यान उसके सामने देना है और सभी विकर्षणों को दूर करना है.

“उनके पास एक बड़ी कल्पना होती है” : कहानी को सजीव बनाने के लिए बहुत कल्पनाशक्ति की जरूरत होती है. _ जैसे-जैसे वह पढ़ते हैं, वे लगातार पात्रों, रंगों और परिदृश्यों की कल्पना कर रहे होते हैं.

वे अविश्वसनीय रूप से महत्वाकांक्षी होते हैं [ incredibly ambitious ],: – किसी किताब को लेने और उसे पढ़ने के साथ आगे बढ़ने के लिए थोड़ी महत्वाकांक्षा की जरूरत होती है. _ जब किताब मुश्किल हो जाती है या 200 से अधिक पृष्ठ होते हैं तब भी वह पढ़ने के लिए खुद को आगे बढ़ाते हैं. _ वे सीखना और बढ़ना चाहते हैं, आमतौर पर अपने जीवन के एक से अधिक पहलुओं में..!

वे एक अच्छी किताब के साथ अकेले रहना पसंद करते हैं और पढ़ने के क्षेत्र में परेशान होना पसंद नहीं करते, _ऐसे लोग को दूसरों से चिपकने कि आदत नहीं होगी या आप पर निर्भर नहीं होंगे..!

“वे आसानी से अपना मनोरंजन [ entertained ] करते हैं” _ उनको मनोरंजन [ entertained ] करने में ज्यादा समय नहीं लगेगा. _ जो पढ़ते हैं वे आसानी से एक अच्छी किताब के साथ एक पेड़ के नीचे बैठकर घंटों बिता सकते हैं. _ आपको उन्हें इम्प्रेस करने के लिए महंगी और लक्ज़री ट्रिप्स पर नहीं ले जाना पड़ेगा.

“वे एक अद्भुत श्रोता होते हैं” [ an amazing listener ], : वे अपनी कहानियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उपयोग की जाती है, जिसके लिए किसी भी तरह की बात करने की आवश्यकता नहीं होती है. _यह उसे एक अच्छा श्रोता बना देगा क्योंकि जब वह अपनी किताबें पढ़ते हैं तो वह बिना किसी प्रतिक्रिया [ without responding ] के जानकारी लेते हैं.

“वे औरों को भी पढ़ने के लिए प्रेरित करेंगे” _ पढ़ने के दौरान वे इतने खुश और प्रेरित दिखेंगे कि आप भी ऐसा ही करना चाहेंगे.

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