सुविचार – दोस्ती – 001

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हमें दोस्त के अर्थ को समझना चाहिए. दोस्त का मतलब उस शख्स से है जो आप की मनोदशा जान सके, आप की परेशानी में, खुशी में आप का सहभागी बने. आप जिस से अपने मन का हाल बांट सकें, अपने मन की हर अच्छी या बुरी बात कह सकें और वह इन सब बातों पर अपनी प्रतिक्रिया भी व्यक्त करे. अगर वह आप की अच्छी बातों में आप का सहयोग करे तो बुरी बातों में आप की आलोचना भी करे, तभी वह अच्छा दोस्त होगा.
मैं अपने दोस्त के लिए सबसे ज्यादा जो कर सकता हूं वह है उसका दोस्त बनना ; __ मेरे पास उसे देने के लिए कोई धन नहीं है;  _ अगर वह जानता है कि मैं उससे प्यार करके खुश हूं, तो वह कोई और इनाम नहीं चाहेगा ; _ ” क्या इसमें मित्रता दिव्य नहीं है ?”

The most I can do for my friend is simply to be his friend. I have no wealth to bestow on him. If he knows that I am happy in loving him, he will want no other reward. Is not friendship divine in this? – Henry David Thoreau

घटिया चीजें घटित होने के बाद आपको हमेशा पता चलता है कि आपके दोस्त वास्तव में कौन थे. -Jodi Picoult

You always knew after shitty things happened, who your friends really were. _ JJodi Picoult

सबसे अच्छे दोस्त वे लोग होते हैं _ जो आपकी समस्याओं को अपनी समस्या बना लेते हैं _ ताकि आपको उनसे अकेले न जूझना पड़े.

Best friends are the people who make your problems their problems just so you don’t have to go through them alone.

मित्रता का अर्थ दूसरे पर जबरदस्ती कब्जा करना और हर वक़्त बात करना नही होता ;_मुझे बस सुकून शांति पसन्द है और वही जीवन है मेरा..!!

दोस्ती, प्रेम के नाम पर मालकियत हक जमाना ! ये बीमारी है अधिकतर लोगों की ;
_दोस्ती में हक़ या अधिकार जैसे शब्द नही होते !!
_ बस जो मिल जाए उसकी महक ही जिंदगी को चंद पल के लिए खुशनुमा बना दे, इतना ही काफी है;
न तो मैं किसी को बांधता हूं और न ही खुद को किसी से बंधने देता हूं.!!
Friendship does not mean forcibly occupying the other and talking all the time;
_I just like peace and quiet and that is my life..!!
Establishing ownership rights in the name of friendship and love! This is the disease of most people; _There are no words like right or authority in friendship!!
_ Just the smell of whatever you get makes life happy for a few moments, that much is enough;
Neither do I bind anyone nor do I allow myself to be tied to anyone.
जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, हमें एहसास होता है कि बहुत सारे दोस्त होना कम महत्वपूर्ण है, और वास्तविक दोस्त होना अधिक महत्वपूर्ण है.

As we grow up, we realize it is less important to have lots of friends, and more important to have real ones.

“सच्चे दोस्त वे हैं जो वास्तव में आपको जानते हैं लेकिन फिर भी आपसे प्यार करते हैं.”

“True friends are those who really know you but love you anyway.”- Edna Buchanan

ईमानदार होने से आपको बहुत सारे दोस्त नहीं मिलेंगे, लेकिन इससे आपको हमेशा सही दोस्त मिलेंगे..!!

Being honest may not get you many friends, but it’ll always get you the right ones.

केवल एक सच्चा दोस्त ही आपको आपके चेहरे पर बता सकता है कि दूसरे आपकी पीठ पीछे क्या कह रहे हैं.

Only a true friend will tell you to your face, what others are saying behind your back.

असली दोस्त आपके चेहरे पर बकवास बातें करते हैं, और आपकी पीठ पीछे अच्छी बातें कहते हैं.

Real friends talk shit to your face, and say nice things behind your back.

दोस्ती सबसे शुद्ध प्रेम है. वह प्रेम का सबसे उच्चतम स्वरूप है,

जहां कोई मांग नहीं होती. कोई शर्त नहीं होती, सिर्फ देने का आनंद होता है.

इसलिए इससे पहले कि आप दुनिया में सच्चे दोस्तों की कमी के बारे में शिकायत करें,

_ मैं आपसे यह पूछने की हिम्मत करता हूं कि क्या आप एक सच्चे दोस्त हैं ?

मित्रता सबसे शुद्ध प्रेम है, ; _ यह प्रेम का उच्चतम रूप है जहां कुछ भी नहीं मांगा जाता है, कोई भी शर्त नहीं है,

_ जहां हर कोई बस देने में आनंद लेता है.

हर इंसान की कुछ यादें होती हैं _जो वह हर किसी को नहीं _ बल्कि अपने दोस्तों को ही बताता है.
दोस्ती ही सबसे निर्मल प्यार है, प्यार करने का ये सबसे ऊँचा स्तर है,

जहां किसी भी परिस्थिति के लिए किसी से नहीं पूछा जाता,

सिर्फ और सिर्फ एक दूसरे को खुशी दी जाती है.

‘जिंदगी हमें खूबसूरत दोस्त देती है, लेकिन अच्छे दोस्त हमें खूबसूरत जिन्दगी देते हैं’

_ दरअसल अब दोस्त बनते नहीं, बनते हैं तो रहते नहीं, रहते हैं तो निभाते नहीं.!!

कुछ लोग बिना रिश्ते के रिश्ते निभाते हैं,,

ज़िन्दगी में शायद वो लोग ही दोस्त कहलाते हैं !!

“दोस्ती” शब्द का अर्थ बड़ा ही मस्त होता है.., [ दो + हस्ती ]

जब दो हस्ती मिलती हैं.., तब दोस्ती होती है…

सब को कहीं न कहीँ एक, बेहतरीन दोस्त की तलाश है ;_

_ तो आप दोस्त ढूंढने से पहले, किसी के बेहतर दोस्त बन जाइये..

समृद्धि मित्र बनाती है, विपत्ति उनकी परीक्षा लेती है..!!

Prosperity makes friends, adversity tests them.

एक अमीर दोस्त के साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसा आप एक गरीब दोस्त के साथ करते हैं.

Treat a rich friend just like you treat a poor friend.

सच्चे मित्र वे दुर्लभ लोग होते हैं जो आपको अंधेरी जगहों में ढूंढने आते हैं और आपको वापस रोशनी की ओर ले जाते हैं.

True friends are those rare people who come to find you in dark places and lead you back to the light.

नकली दोस्त गुप्त नफरत करने वालों की तरह होते हैं और एक बार जब आप उनसे बात करना बंद कर देते हैं तो वे आपके बारे में बात करना शुरू कर देते हैं.

Fake friends are like secret haters and once you stop talking to them they start talking about you.

आपके लगभग आधे दोस्त शायद आपको अपना दोस्त नहीं मानते..

_सामाजिक सीढ़ी पर चढ़ने से बहुत सी एकतरफा दोस्ती हो जाती है, क्योंकि सीढ़ी पर नीचे वाले लोग अक्सर ऊपर वाले लोगों के साथ दोस्ती करने का दावा करते हैं,
_जबकि शीर्ष पर रहने वाले लोग इस बारे में अधिक चयनात्मक होते हैं कि _वे अपने दायरे में किसे मानते हैं,
_मूल रूप से, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप सीढ़ी पर कहाँ पहुँचते हैं,
आप जितना सोचते हैं उससे कहीं अधिक नकली मित्रता रखते हैं.
About half of your friends probably don’t think of you as their friend.
Climbing the social ladder causes a lot of one sided friendships, because those lower on the ladder often claim to be friends with people who are higher up,
while those at the top are more selective about who they consider to be in their circle,
Basically, no matter where you land on the ladder, you have more fake friendships than you think you do.
मित्रता वही कायम रहती है, जो ह्रदय से शुरू हो………जरुरत से नहीं..
जिंदगी हमें बहुत खूबसूरत दोस्त देती है,

लेकिन अच्छे दोस्त हमें खूबसूरत जिंदगी देते है..

दोस्ती किससे कब हो जाये अंदाज़ा नहीं होता,*

*ये वो घर है जिसका कोई दरवाज़ा नहीं होता…!!

दोस्ती मजबूत रखिये जनाब…

जमाना जडे भी काट दे तो__दोस्त गिरने नहीं देते..

दोस्ती समेट लेती है, ज़माने भर के रंज -ओ- गम,

सुना है _ यार अच्छे हों तो _ दर्द भी नहीं होता !

इससे अच्छी दोस्ती और क्या हो सकती है,

की हम बहुत दिनो से मिले नहीं, फिर भी दोस्ती है.

अच्छे दोस्तों को ढूंढ़ना कठिन होता है छोड़ना और भी मुश्किल और भूल जाना नामुमकिन
दोस्त वो होता है जिसके साथ बातें खुल कर की जा सके, _ ना कि संभल कर..
हजारों दोस्त आये और गये, लेकिन वो स्कूल के दोस्त आज तक याद आते हैं..
दोस्त वो होता है, जिसके साथ बातें खुल कर की जा सकें _ ना कि संभल कर..
दोस्त:- जो लोग आपको अच्छी तरह जानते हैं, लेकिन फिर भी आपको पसंद करते हैं.
दोस्ती आम है लेकिन ए दोस्त, दोस्त मिलता है बड़ी मुश्किल से..
दोस्त बनाना अलग होता है और निभा पाना अलग.
जिंदगी में ज्यादातर रिश्ते हमें बने – बनाये ही मिलते हैं, जिसमें अपनी पसंद का कोई मतलब नहीं होता है.

लेकिन दोस्ती एक ऐसा रिश्ता होता है, जिसे हम अपने जीवन में खुद बनाते हैं.

दोस्ती यानी एक ऐसा रिश्ता है, जिसमें प्यार, तकरार, इजहार, इनकार, स्वीकार जैसे सभी भावों का मिश्रण है.

दोस्ती है ही ऐसा रिश्ता, जिसके लिए न समाज की स्वीकृति चाहिए और न ही मान्यताओं और परंपराओं का सहारा..

दोस्ती वो रिश्ता है, जो परिवार के नहीं होते हैं लेकिन परिवार से बढ़ कर होते हैं,

इनसे हम वो सब बातें share करते हैं जो हम घर वालों से नहीं कर पाते _

_ और ये ऐसे सुझाव देते हैं कि हम अपनी परेशानी भूल जाते हैं ;

Friends तो वो तोहफ़ा है जिस के बिना जिंदगी भी जिंदगी जैसी नहीं लगती !!

सच्चे मित्र मुश्किल से मिलते हैं, कठिनता से छूटतें है और भुलाए नहीं भूलते. इनसे सम्पर्क बनाएँ रखें, जीवन में यह भी आपकी एक अमूल्य पूँजी है.
अच्छे दोस्त उन सितारों की तरह होते हैं, जो भले ही रोशनी में दिखाई ना देते हों,,,

पर मुश्किल हालातों में हमेशा साथ देते हैं,,

मेरे दोस्त, मेरी उदासी में उदास होने वाले …मेरी ख़ुशी में खुश होने वाले,,,

आज तेरी कमी ने रुला दिया मुझे !!!

*#मित्रों में ऐसी #विशेषता है,* *जो #रिश्तेदारों से भी #बढ़कर है…**#मित्र सिर्फ मित्र होते हैं*

*वे #सगे, #चचेरे, #ममेरे, #फुफेरे, #मौसेरे, और #सौतेले, नहीं होते हैं*

हम बाकी सभी रिश्तों के साथ पैदा होते हैं पर दोस्ती ही एक मात्र रिश्ता है जिसे हम खुद बनाते हैं.
सच्चा दोस्त वही है जो आपकी गलतियों पर पर्दा डालने के बजाय निष्पछ रूप से अपना पछ प्रस्तुत करे, आपको आपकी बुराइयों से अवगत कराए.
एक सच्चा दोस्त साथ हो तो, _ हज़ारों बुरे हालात यूं ही कट जाते हैं.
अपने मित्र को एकान्त में भला- बुरा कहो, परन्तु उनकी प्रशंसा सबके सामने करो.
एक साल में पचास मित्र बनाना आम बात है, पचास साल तक एक ही मित्र से मित्रता निभाना ख़ास बात है.
वक़्त, दोस्त और रिश्ते — वो चीजें हैं जो हमें मुफ्त मिलती है, मगर इनकी कीमत का पता तब चलता है जब ये कहीं खो जाती हैं.
सचमुच महान दोस्त खोजना मुश्किल, छोड़ना कठिन और भूलना नामुमकिन है.
दोस्ती एक ऐसे रिश्ते का नाम है, जिसे खून के रिश्ते से भी ऊपर रखा जाता है.
मित्रता विश्वास की वह श्रृंखला है, जिस पर साधारण लोग नहीं चढ़ सकते हैं.
एक वफादार दोस्त हजार मतलबी रिश्तेदारों से बेहतर होता है.
इस दुनिया में दोस्ती भी कितना सुकून देती है.
अच्छे मित्र, अच्छी किताबें और चिन्ता मुक्त अंतःकरण, यही एक आदर्श जीवन है.
दो दोस्तों के बीच क्या ख़ूब रिश्ता था, एक के रिश्ते पूरे हुए तो एक के मतलब पूरे हुए.
मित्रता कोई स्वार्थ नहीं, बल्कि एक विश्वास है ; जहां सुख में हंसी – मज़ाक से लेकर, संकट में साथ देने की जिम्मेदारी होती है.

यहां झूठे वादे नहीं, बल्कि सच्ची कोशिशें की जाती हैं.

फर्क तो अपनी सोच में है साहब, _ वरना दोस्ती भी मोहब्बत से कम नहीं होती..
मित्रता वही कायम रहती है, जो ह्रदय से शुरू हो, ज़रूरत से नहीं.
परेशानी में आप के दोस्त भी आप के माता पिता बन सकते हैं.
दोस्ती दुनिया का सबसे पवित्र और निस्वार्थ रिश्ता है.
दोस्त मुश्किल वक़्त को भी आसान कर देते हैं ..
मतलबी लोग कभी किसी के,,,,अच्छे दोस्त नहीं होते हैं..
दोस्ती ऐसा बीज है जो नए रिश्तों को जन्म देता है.
दोस्ती की भाषा शब्द नहीं बल्कि अर्थ होती है.
दूरियाँ कभी किसी रिश्ते को नहीं तोड़ सकती हैं और, नजदीकियाँ कभी रिश्ते को नहीं बना सकती हैं. अगर भावनाएँ सच्चे ह्रदय से हो तो दोस्त दोस्त ही रहते हैं, फिर चाहे वे मीलों दूर क्यों न हों.
निस्वार्थ भाव सच्ची दोस्ती की आधारशिला है, एक दोस्त दूसरे की समस्या को जान कर बिना पूछे मदद करता है.
सच्ची मित्रता उत्तम स्वास्थ के समान है. उसका महत्व तभी ज्ञात होता है, जब हम उसे खो बैठते हैं.
उन स्वार्थी मित्रों से अधिक सम्बन्ध न रखें, जो केवल अच्छे समय में ही प्रगट होते हैं.
आपके अधिकांश ‘दोस्त’ आपको अच्छा देखना चाहते हैं, लेकिन उनसे बेहतर कभी नहीं.!
ऎसे मित्रों का संग्रह करो, जो सरल और निष्कपट हों, आपकी भावनाओं को समझने का जिनके पास सामर्थ्य हो.
मित्रता का दायरा बहुत संकुचित न रखें. कभी कभी मुसीबत में खून के रिश्ते फीके, मित्रता के मीठे साबित होते हैं.
मित्र वे दुर्लभ लोग होते हैं जो हमारा हालचाल पूछते हैं और उत्तर सुनने को रुकते भी हैं.
दोस्त उसे कहते है…जिसके पास तराज़ू ना हो…
सादगी हो लफ़्ज़ो मे तो यकीन मानिए,

इज्ज़त बेपनाह और दोस्त बेमिसाल मिल ही जाते है.

वो दोस्त मेरे लिए बहुत मायने रखते हैं,

जो सही वक्त पर मेरे सामने आईने रखते हैं !

अच्छे दोस्त टाइम मिलने पर बात नहीं करते,

बात करने के लिए टाइम निकालते है.

दोस्त कम होने पर चिंता करने की कोई जरुरत नहीं है,

क्योंकि क्वांटिटी से ज्यादा क्वालिटी अहमियत रखती है.

मित्रता सबसे शुद्ध प्रेम है, यह प्रेम का उच्चतम रूप है जहां कुछ भी नहीं मांगा जाता है.

कोई भी शर्त नहीं, जहां कोई बस देने में आनंद लेता है.

मित्रता करने में धीमे रहिये, पर जब कर लीजिये तो उसे मजबूती से निभाइए और उसपर स्थिर रहिये.
यदि दृढ मित्रता चाहते हो तो मित्र से बहस करना, उधार लेनादेना छोड़ दो. यही बातें बिगाड़ पैदा करती हैं.
गुनगुनाना तो तकदीर में लिखा के लाए थे,

खिलखिलाना दोस्तों ने तोहफे में दे दिया.

सच्चा दोस्त बातों से नहीं, दिल से बनाया जाता है.

वातावरण को जो महका दे उसे ‘इत्र’ कहते हैं,

जीवन को जो महका दे उसे ही ‘मित्र’ कहते हैं.

दोस्त आइने की तरह होना चाहिये,

अगर उनके साथ बैठो तो अपना हाल दिख जाये.

जो व्यक्ति हमारे जीवन की अच्छाइयों और बुराईयों को उजागर करे,

वही हमारा अच्छा और सच्चा दोस्त कहलाता है.

फर्क तो अपनी – अपनी सोच में है,

वरना दोस्ती भी मोहब्बत से कम नहीं होती..!!

खरीद लेंगे सबकी सारी उदासियाँ दोस्तों !

सिक्के हमारे मिजाज़ के, चलेंगे जिस रोज !!

ढल जाती है हर चीज अपने एक तय वक्त पे,

एक दोस्ती है जो कभी बूढ़ी नहीं होती….

*#मित्रों में ऐसी #विशेषता है,* *जो #रिश्तेदारों से भी #बढ़कर है…*

*#मित्र सिर्फ मित्र होते हैं* *वे #सगे, #चचेरे, #ममेरे, #फुफेरे, #मौसेरे, और #सौतेले, नहीं होते हैं*

सच्चा दोस्त वो होता है जिसमें आप से असहमत होने की हिम्मत हो _

_ और अलग राय होने के बावजूद जिसका प्यार कम न हो.

अगर आप अपने मित्र को आपकी सफलता से इर्ष्या करता हुआ पाते हैं तो,

_ समझ लें_ वह कभी भी आपका सच्चा मित्र नहीं था..!

मित्रता को धीरेधीरे बढ़ने दीजिए, बहुत तेजी से बढ़ने पर यह जल्दी ही खत्म हो सकती है.
उस ने एक बार कहा दोस्त हूँ फिर मैने कभी नहीं कहा व्यस्त हूँ.
दूरियों से फर्क नहीं पड़ता है, बात तो दिलों की नजदीकियों से होती है.

दोस्ती के रिश्ते तो किस्मत से बनते हैं, वर्ना मुलाकात तो कितनों से होती है.

दोस्त अच्छे और सोच समझ कर चुनें, सफल व्यक्ति पर उस के दोस्तों का बहुत ज्यादा प्रभाव होता है.

जाहिर है सफल व्यक्ति के दोस्त काबिल और सफल होते हैं.

हर मोड़ पर मुकाम नहीं होता, दिल के रिश्तों का कोई नाम नहीं होता,

चिराग की रौशनी से ढूँढा है आपको, आप जैसा दोस्त मिलना आसान नहीं होता !

बुरे वक़्त में लोग साथ छोड़ते हैं कि इसके पास अब कुछ बचा नही,

अच्छे वक़्त में भी लोग साथ छोड़ते हैं, जब उनसे तुम्हारी ख़ुशियाँ देखी नही जाती,

लेकिन जो दोनो वक़्त में साथ न छोड़े, वही है सच्चा दोस्त.

जो हमारा हितैषी हो, सुख- दुख में बराबर साथ निभाये, गलत राह पर जाने से रोके और अच्छे गुणों की तारीफ करे,

केवल वही व्यक्ति मित्र कहलाने योग्य है.

दोस्तों से बिछड़ कर यह हकीकत खुली…

बेशक, जैसे भी थे पर रौनक उन्ही से थी !!

एक सच्चा दोस्त सभी रिश्तेदारों पर भारी होता है…
रिश्तों का नाम भी अजीब है, वो सिर्फ दोस्त है मेरा ;

पर घर वालों से ज्यादा करीब है.

एक वफादार दोस्त, हजार रिश्तेदारों से बेहतर है !
दौलत से दोस्त बने वो दोस्त नहीं,

पर ये भी सच है कि दोस्त जैसी कोई दौलत नहीं.

खुदा ने दोस्त को दोस्त से मिलाया,

दोस्तों के लिए दोस्ती का रिश्ता बनाया,

पर कहते हैं दोस्ती रहेगी उसी की,

जिसने दोस्ती को दिल से निभाया.

उम्र भर बने रहेंगे लोग दोस्त आप के…

उम्र भर आप लोगो के काम आते रहिए…

तू गलती से भी कन्धा न देना मेरे जनाजे को ए दोस्त…

कहीं फिर जिन्दा न हो जाऊ तेरा सहारा देखकर…

मित्र के साथ बैठना बहुत आसान है,_ परन्तु खड़े रहना बहुत ही मुश्किल है.
खराब वक्त में भी एक अच्छाई होती है, जैसे ही ये आता है _ फ़ालतू के दोस्त विदा हो जाते हैं..
दोस्त बेशक एक हो लेकिन ऐसा हो, _ जो अलफ़ाज़ से ज़्यादा ख़ामोशी को समझे.
जिसके पास एक अच्छा दोस्त है, उसे किसी भी दर्पण की जरुरत नहीं है.
सच्चे दोस्त वो होते हैं, _ जिन्हें मुश्किल वक़्त में ढूंढ़ना ना पड़े ..
यारी- दोस्ती करना अच्छी बात है, पर यारी- दोस्ती जब ज्यादा और गलत लोगों से हो जायेगी, तो आपको समस्या आएगी ही.
खुदा ने दोस्त को दोस्त से मिलाया,

दोस्तों के लिए दोस्ती का रिश्ता बनाया,

पर कहते हैं दोस्ती रहेगी उसी की,

जिसने दोस्ती को दिल से निभाया.

” दोस्ती का ढंग जानने वाला, हर शख़्स मेरा दोस्त हो सकता है,

फिर वो कहां का है, और क्या है, यह मायने नहीं रखता,”

सच्चा दोस्त चाहे कितना भी नाराज हो,

पर कभी भी दुश्मनों की लाइन में खड़ा नहीं होता..

दिन रात जायेंगी सुहानी यादें बन कर, बातें रह जायेंगी बस कहानी बन कर..

पर दोस्त आप याद आते रहोगे, कभी मुस्कान तो कभी आँखों में पानी बन कर…

कभी – कभी यूं ही चले आया करो दिल की दहलीज पर…. ऐ- दोस्तो

अच्छा लगता है, यूँ तन्हाइयों में तुम्हारा दस्तक देना…

एक सच्चा मित्र वह है जिसके दिल में मेरा हित हो.
दोस्तों की दास्ताँ जब वक़्त सुनाता है,

तो हमें भी कोई दोस्त याद आता है,

भूल जाते हैं हम ज़िन्दगी के गम को,

जब आपके साथ बिताया वक़्त याद आता है.

मित्रता का मतलब है कि आपने किसी अन्य व्यक्ति को स्वयं से ज्यादा महत्वपूर्ण माना…

यह व्यापार नहीं है…..यह अपने आप में पवित्र प्रेम है..

कितने कमाल की होती है ना दोस्ती,

वजन होता है लेकिन बोझ नहीं होता.

तारीफ इतनी ही काफी है…कि वो मेरा दोस्त है…!

क्या ख़ास है उसमे…ऐसा मैंने कभी सोचा ही नहीं…!!

दोस्ती समेट लेती है ज़माने भर के रंज व ग़म, _

_ सुना है यार अच्छे हों तो कांटे भी नहीं चुभते !!

जिन्दगी हमें बहुत खूबसूरत दोस्त देती है…

लेकिन अच्छे दोस्त हमें खूबसूरत जिन्दगी देते हैं..

नाम की दोस्ती और काम की यारी,

दूसरों की तरह नहीं है आदत हमारी…

उम्र से कोई लेना देना नहीं होता,

जहां विचार मिलते हैं, वहां सच्ची दोस्ती होती है.

“प्लम्बर” कितना भी एक्सपर्ट क्यों न हो… ?

पर… वो आँखों से टपकता… पानी बंद नहीं कर सकता…

उसके लिए तो “दोस्त” ही चाहिये !

दोस्त वादे नहीं करते,

फिर भी हर मोड़ पर अपनी यारी निभाते हैं.

जिन्दगी में एक दोस्त ऐसा भी होना चाहिए,

जो बिना मतलब, हालचाल पूछता रहता हो…

इत्र की कीमत तो, उसी दिन फर्श पर आ गिरी थी..

तेरी दोस्ती की खुशबू ने, जिस दिन महकाया था मुझे…

मित्रता सम्मान की नहीं भाव की भूखी होती है….

बशर्ते लगाव दिल से होना चाहिए, दिमाग से नहीं !

निगाहें बदल गयी अपने और बेगाने की,,

तू न छोड़ना दोस्ती का हाथ कभी

वरना तमन्ना मिट जायेगी कभी दोस्त बनाने की !

“दोस्ती” रूह में उतरा हुआ मौसम है ज़नाब,

ताल्लुक कम करने से “दोस्ती” कम नहीं होती.

दोस्त भी रहो, _ और दोस्ती भी रखो.

इन के दरमियां, _ कुछ दूरी भी रखो..

हज़ारों “दोस्त” आये और हज़ारों “दोस्त” गए..

..लेकिन वो स्कूल वाले “दोस्त” आज भी याद आते हैं….

तिनके तिनके में बिछड़ते चले गये….

तनहाई की गहराइयों में उतरते चले गये…

रहता था हर शाम जिन दोस्तों के साथ…

एक एक करके सब के सब बिछड़ते चले गये….

बीत गए कितने दिन उन दोस्तों के बगैर

जिनके साथ कभी ज़माने हुआ करते थे..!!

हर कोई मेरा दोस्त नहीं,

और मेरे दोस्त जैसा कोई दोस्त नहीं..!!

“दोस्त” शब्द का अर्थ बड़ा ही मस्त होता है

हमारे “दोष” का जो “अस्त” करे वही “दोस्त” होता है.

इससे अच्छी दोस्ती क्या हो सकती है,

कि हम कभी मिले नहीं मगर यारी बेशुमार है.

तुम दोस्त हो तो बताओ खामियां मेरी,

ये तारीफों के पुल तो मतलबी लोग बांधते हैं.

दोस्ती करने वालों कि कमी नहीं है दुनिया में,

अकाल तो निभाने वालो का पड़ा है साहब !!!

जो बर्दाश्त ना कर सके,, वो दोस्त कैसा,

और जो समझ ना पाए वो रिश्ता कैसा…

सयाने लोग उम्र भर कभी ये रत्न नहीं खोते,

पुराने दोस्त यहाँ हर किसी के पास नहीं होते.

दोस्ती अपनी भी असर रखती है,

बहुत याद आएँगे ज़रा भूल कर तो देखो.

दोस्ती करने के लिये खास लोगों की जरूरत नहीं होती,

जिससे दोस्ती करते हैं वो लोग खास बन जाते हैं..!

दिल जब खुला हो तो हर कोई आपका मित्र बन जाता है.
लिख कर लाया था कोरे कागज़ पर परेशानिया ;

_ दोस्तों ने उसे पतंग बनाकर उड़ाना सीखा दिया..

आप के पास एक सच्चा दोस्त जरूर होना चाहिए, _

_ जो आप की हर बात को ध्यान से सुने, इससे आप के मन का बोझ कम रहेगा ..

दोस्ती वो नहीं होती जो जान देती है_ दोस्ती वो नहीं होती जो मुस्कान देती है.

असली दोस्ती तो वो होती है, जो समंदर में गिरा आँसू भी पहचान लेती है..

” दोस्ती भी संभल कर करना ” क्योंकि मैंने अपने सबसे अच्छे दोस्त को चंद मिनटों में अपने विश्वास को तोड़ते देखा है,

जिस पर था भरोसा आंख बंद करके, उसी को आंखों में आंसू का कारण बनते देखा है.

अगर हम कभी नहीं चाहते कि एक नेक दोस्त दुश्मन बने तो हमें कभी भी किसी दोस्त को चोट पहुँचाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.

कुछ दोस्त तो ऐसे बदले की _ यकीन मानो_ यकीन ही नही होता..!!
खुद से दोस्ती हुई तो पता चला, मुझसे बेहतर मुझे कोई नहीं जानता !
मनुष्य जीवन भर दूसरों से मित्रता करता रहता है लेकिन अपने आप से मित्रता नहीं कर पाता.

यदि हम अपने साथ मित्रता और प्रेम करना सीख जाएं तो जीवन सरल और सरस हो सकता है.

खुद को हर हाल में स्वीकार करना और स्व से प्रेम करना आत्म-सम्मान बढ़ाता है.

मित्र बनाए नहीं अर्जित किए जाते हैं!……हमारे जीवन में कुछ रिश्ते बहुत अनमोल होते हैं। मित्रता ऐसा ही रिश्ता है। कहते हैं मित्र बनाए नहीं जाते, अर्जित किए जाते हैं। ये रिश्ता हमारी पूंजी भी है, सहारा भी।

आजकल दोस्ती के मायने बदल गए हैं तो इस रिश्ते की गहराई भी कम हो गई है। इस संसार में हम अपनी मर्जी से जो सबसे पहला रिश्ता बनाते हैं, वो मित्रता का रिश्ता होता है। शेष सारे रिश्ते हमें जन्म के साथ ही मिलते हैं। मित्र हम खुद अपनी इच्छा से चुनते हैं। जो रिश्ता हम अपनी पसंद से बनाते हैं, उसे निभाने में भी उतनी ही निष्ठा और समर्पण रखना होता है।

आधुनिक युग में दोस्ती भी टाइम पीरियड का मामला हो गया है। स्कूली जीवन के दोस्त अलग, कॉलेज के अलग और व्यवसायिक जीवन के अलग। आजकल कोई भी दोस्ती लंबी नहीं चलती। जीवन के हर मुकाम पर कुछ पुराने दोस्त छूट जाते हैं, कुछ नए बन जाते हैं। दोस्ती जीवनभर की होनी चाहिए।

” दोस्तों को समर्पित “

ये मस्त उम्र फिर नहीं आएगी,
जब शनै- शनै उम्र बढ़ जाएगी,
इत्र की जगह आयोडेक्स की खुशबू आएगी,
कहता हूँ अब भी मिल लिया करो,
ये घड़ियां पलटकर नहीं आएंगी,
अभी तो आंखों में नूर है बाकी,
फिर खूबसूरती नज़र नहीं आएगी,
अभी तो यार हैं चलते अपने साथ,
फिर केवल छड़ी ही नजर आएगी,
सुन लो आवाज दोस्तों की,
फिर कानों में मशीन नज़र आएगी,
हंस लो खिलखिला कर आज,
फिर नकली बत्तीसी ही झलक दिखाएगी,
जब दोस्त बुलाएं, चले जाओ,
फिर डाक्टरों से फुर्सत न मिल पाएगी,
समझ जाओ यारों, समझ जाओ,
ये मस्त उम्र फिर नहीं आएगी..
*मित्र 😘
पड़े पीठ पे जोर की थप्पी
समझ लेना मित्र आया है…
चुपके से आ आँखें ढंक ले
समझ लेना मित्र आया है…
गले मिलने जब जो फड़के
समझ लेना मित्र आया है…
उंचे स्वर में नाम ले पुकारे
समझ लेना मित्र आया है…
बिन कहे आ जाए घर में
समझ लेना मित्र आया है…
चेहरा देख उदासी भांपले
समझ लेना मित्र आया है…
फैसले को जब टास उछले
समझ लेना मित्र आया है…
तु-तुकारे जब सुनाई दे तो
समझ लेना मित्र आया है…
जेब ढीली करने मे हों झगड़े
समझ लेना मित्र आया है…
डांट पड़े जब गलती पर
समझ लेना मित्र आया है…
भूमिका मे ही कथा पढ़ ले
समझ लेना मित्र आया है…
खुल जाएं बंद किताब के पन्ने
समझ लेना मित्र आया है…
खाते देख संग बैठ जाए
समझ लेना मित्र आया है…
रात लड़े सुबह खुद आ जाए
समझ लेना मित्र आया है…
हो सके तो किसी के अच्छे दोस्त बनिए,

किसी को सुनने का प्रयास करिए,
क्योंकि काफी लोग अकेलेपन के अवसाद से ग्रसित हैं,
कभी सोचा है क्यों ??
क्योंकि इनके पास सुनाने वाले तो बहुत हैं पर सुनने वाला कोई नहीं…!
काश मेरा भी कोई ऐसा दोस्त होता..!!
इसीलिए हो सके तो किसी के अच्छे दोस्त बनिए..
मुश्किल वक़्त में ऐसे दोस्त अक्सर ज्यादा काम आते थे,

_ जिनसे कभी कोई ख़ास नज़दीकी नहीं रही..!! – राजेश जोशी

बहुत आसान है कह देना कि ऑनलाइन वाली दोस्ती बस टाइमपास होती है..पर क्यों…??

सच में होता है किसी के पास इतना टाइम जो वो यूँ ही बर्बाद करे. _ सच तो यह है कि इस Fb की दुनिया में…मिल जाता है कोई ऐसा…जिसे आपकी परवाह हो❤जिसे फर्क पड़ता हो आपके खुश😊 होने या आंसू  बहाने से…
जहाँ सिर्फ शब्दों से महसूस कर लिया जाता है एक दूसरे की आत्मा💞 को…
जहाँ किसी के साथ दिल खोल कर हंसने का मन कर जाये…
कभी मन भारी हो तो बस कुछ शब्दों से…उसके काँधे पर सर रख के रो लिया जाये…
और उन्हीं शब्दों में लिपटा
प्यारा सा एहसास दिलाये आपको कि आप अकेले नहीं हो…
कोई है….
आपके साथ जो आपके मुस्कुराने की वजह बनना चाहता है…
कोई है..जो कुछ इमोजी के ज़रिये आपको हॅंसाना चाहता है…
कोई है…..
जिसे सोचकर आप मुस्कुरा सकते हो बेवजह की कोई है….
जिसके कुछ शब्द आपकी आँखों में मुस्कुराहट ले आते हैं …
कभी उसकी अनदेखी…दु:खा देती है दिल को….
सिर्फ शब्दों से ही..मना भी लिया जाता है, सिर्फ शब्दों का ही तो खेल है, न कभी देख सके एक दूसरे को, न छू पाने की चाह, बस भावनाओं की डोर जो बांध ली जाती है..बिन कहे ..बिन सुने बस यूँ ही अनजाने में…
सिर्फ मन का रिश्ता _ उतनी ही ख़ुशी मिलती है जितनी किसी के साथ असल में वक़्त गुज़ार कर मिलती है…
अलग होने पर दुःख💔 भी उतना ही होता है…
टूट जाता है इंसान उतना ही जब दूसरा छोड़ कर चला जाता है
ये मन के रिश्ते …नहीं समझ आएंगे….

1 Comment

  1. Thanks u for posting this

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