सुविचार – आंसू – आँसू – रोना – 126

13487404485_692ca62207

#अगर आप रोना भूल गए हैं,🥕🥕🥕🌷💁 तो शायद आप जीना भूल गए, 🥕🥕

☺️आंसू अगर सच्चे हैं ,,🥕🥕🥕🥕🥕🥕🫂🥰 गहराई से आ रहे हैं,🥕🥕🥕

💁 तो आप को सुंदर कर जाएंगे..🥕

दुःख में स्वयं की एक उंगली आंसू पोंछती है, और सुख में दसों उंगलियां ताली बजाती है ;

_जब स्वयं का शरीर ही ऐसा करता है तो दुनिया से क्या गिला – शिकवा करना…

हम जीतकर रो क्यों देते हैं.

_ वह आंखे,जो हमेशा लक्ष्य पर टिकी होती हैं..
_ जब लक्ष्य को प्राप्त करती हैं, तो छलक पड़ती हैं..
_ इन आंसुओं में गूंथे उसके संघर्ष रहते हैं,
_ उसने अपने लक्ष्य को पाने के लिए क्या क्या नही किया होगा..
_ ज़िन्दगी का सारा संघर्ष, इन आँसुओं के साथ बह उठता है..
_ जब कोई जीतकर रोता है, तब उसकी जीत में छिपी सच्चाई सामने आकर, उसकी गवाही देती है..
_ ये जीत.. उसके ख़ुद के सपनो की जीत है..
_ वह सपना, जो उसने ख़ुद देखा था..
_ जिस काम को पूरा करने में आपकी आंखों में आँसू आ जाए, वह काम सफ़लता है..
_ बहते आंसू तो काम एक सा करते हैं..
_ आपको थोड़ा हल्का कर देते हैं…!!

Submit a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected