सुविचार – ईर्ष्या – द्वेष – घृणा- कुढ़ना – नफ़रत – नफरत – जलन – 015 | Feb 26, 2014 | सुविचार | 0 comments यदि आपसे कोई व्यक्ति ईर्ष्या करता है, तो उससे नफरत ना करें, क्योंकि यही लोग जानते है कि आप उनसे बेहतर हैं. दरअसल, ईर्ष्या हमारे व्यक्तित्व और स्वभाव का हिस्सा है. कम या अधिक हर किसी में ईर्ष्या विद्यमान होती है. एक कहावत है, ईर्ष्या आदमी को उसी प्रकार खा जाती है, जैसे कपड़े को कीड़ा. ईर्ष्या व्यक्ति को अशांत और क्रोधी बना देती है. इसका बोझ आपको दुनिया का सबसे दुखी व्यक्ति बना देगा. ईर्ष्या आत्म- विश्वास की कमी से पैदा होती है और आत्म- विश्वास का साथी है ज्ञान. आप अपने ज्ञान की धार मजबूत करके ईर्ष्या से मुक्ति पा सकते हैं. यदि हम अपने जीवन में ऐसा कर पाये तो कोई भी नकारात्मक शक्ति हमें अपने डगर से विचलित नहीं कर पायेगी. ईर्ष्या, राग, द्वेष जैसे कुविचारों को अपने पास फटकने न दें. किसी की उन्नति और विकास को देख कर, चिढ़ने, कुढ़ने के बजाय अपने कर्म पर भरोसा रखें. धैर्य रखें और प्रतीछा करें. अगर कोई व्यक्ति दूसरे को खाता- पीता देख कर, फलता- फूलता देख कर, सुखी होता देख कर, उन्नति करता देख कर मन में जलता हो, उसे ईर्ष्या आती हो, बुरा सोचने लगता हो.. – हम इनसान हो कर यह आदत अपनाएँ, तो हमारे लिए यह अच्छी बात नहीं है. ईर्ष्या से ग्रसित होकर किसी की निन्दा कर उसका नुकसान करने का प्रयास नहीं करना चाहिए, क्योंकि पलटवार होने पर इसका परिणाम घातक हो सकता है. किसी के लिए सारे दरवाजे बंद करने के बाद भी लोग खिड़कियों से झांकना बंद नहीं करते !! कुछ लोग दूसरों की ज़िंदगी में झांकने में ही अपना क़ीमती वक्त जाया कर देते हैं.. _ और ये ही आदत_उनकी ज़िंदगी को तबाह कर देती है, क्योंकि ये आदत ईर्ष्या की जननी है.. ..! मन में नफ़रत पालने की बजाए उन लोगों से दूरियां बना लेना ज़्यादा बेहतर है.. _ जो आपकी अहमियत नहीं समझते हैं.!! अपने मन में किसी के प्रति नफरत रखने की बजाय.. _ अपनी ज़िंदगी से उनके अस्तित्व को ख़त्म कर देना ज़्यादा बेहतर है.!! ख़तरा दुश्मनों से नहीं बल्कि अपनों से है _ वो नहीं चाहते की आपकी कीर्ति और वैभव दुनिया में बढ़े ..! ईर्ष्यालु होना ज़्यादातर लोगों की मानसिकता है ! “हम खुद को बरगद बना कर छाँव बाटते रहे, और हमारे ही हमें थोड़ा थोड़ा काटते रहे !!” ईर्ष्या और द्वेष रखना आपको मजबूत नहीं बनाता, बल्कि आपको कड़वा बनाता है. _माफ़ करना आपको कमज़ोर नहीं बनाता. यह आपको मुक्त करता है.!! “ईर्ष्यालु लोग आपको एक प्रतियोगी के रूप में देखते हैं ; _जबकि आप उन्हें परिवार या दोस्तों के रूप में देखते हैं.” बैठ कर केवल उन लोगों से ईर्ष्या न करें, जिन्होंने अपना लछ्य पा लिया हो. _ उनकी बराबरी का एक ही उपाय है, आप अपने काम में जुट जाएं. कुटिलता, चालाकी, लोभ, ईर्ष्या शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट में चार गुना से भी ज़्यादा वापसी की गारंटी देते हैं, _ इन्हें आप अपनों में, परायों में, जहां चाहें वहां बो सकते हैं ..और यह एक बार बोने पर बार बार फसल देते हैं.. मन में किसी के प्रति ईर्ष्या और द्वेष रख कर मनुष्य सफल तो हो जाता है, _ _ पर कभी सुकून से जी नहीं पाता ..!!! जब कोई आप पर अपनी मर्जी नहीं चला पाता है.. _ तब वो आपसे नफ़रत करने लगता है..!! ईर्ष्या एक ऐसी मनोस्थिति है, जिस में प्रेम, क्रोध, विद्वेष, छोभ, अपमान और कुंठा के भाव मिले जुले होते हैं. ईर्ष्या का तात्पर्य यही है कि ईर्ष्या करने वाला व्यक्ति जिस से ईर्ष्या करता है, _ _ उसे वह स्वयं बड़ा मानता है. आपको किसी व्यक्ति से ईर्ष्या हो रही हो तो समझ जाइये, _ _ आप का विचार का दायरा सीमित हो रहा है..!!! तारीफ झूठी हो सकती है, मगर ईर्ष्या कभी झूठी नहीं हो सकती.!! किसी से ईर्ष्या करके मनुष्य उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है पर अपनी नींद और सुख चैन अवश्य खो देता है. _जो ईर्ष्या करता है _ वह पहले अपना नुकसान करता है. द्वेष रखना आपको मजबूत नहीं बनाता, बल्कि आपको कड़वा बनाता है. _क्षमा करना आपको कमज़ोर नहीं बनाता, बल्कि आपको आज़ाद करता है. ज़रा सी समझ बहुत कुछ सुधार सकती है, बचा सकती है. _ नफ़रत करना बहुत आसान है ..उससे भी आसान है ..अक्ल लगाकर उस नफरत को हराना..!! लोगों से नफरत व ईर्ष्या करना चूहे से छुटकारा पाने के लिए अपने ही घर को जलाने जैसा है. मन में ईर्ष्या तभी पनपती है जब हम दूसरों को खुश नहीं देखना चाहते..!! नफ़रत भी कोई करने की चीज है, सब्र कीजिए, रहम कीजिए, माफ़ कीजिए.!! आज कल लोग होठों पर दुआ और आँखों में जलन रखते हैं..!! कभी भी उस से अपना दुख ना कहें, जो आप से ईर्ष्या करता है..!! ‘जलन और ईर्ष्या’ खुद के छोटे होने का सबूत है.!! कभी किसी से ईर्ष्या मत रखें, _क्योंकि कोई फायदा नहीं है _ इससे सिर्फ दुखी ही मिलता है और गलत विचार आते हैं बस..!! जब आपके पास कुछ नहीं होगा तब लोग आपको बेचारा समझेंगे, _ मगर जैसे ही आप उठेंगे.. लोग आपसे ईर्ष्या करने लगेंगे.!! नफरत, ईर्ष्या से सृष्टि का चक्र रुक जाता है. _ मदद कीजिए ..मदद मिलेगी ..शुरुआत करके देखिए..!! आपसे ईर्ष्या करने वाले अधिकांश लोग वही होंगे, _ जिनकी आपने कभी अपना समझ कर मदद की थी..!! मेरे लिए नफ़रत पालने वालों के लिए भी बेहतरी की दुवाएं मांगता हूं.. – उन्हें दुआओं की गठरी थमा के लौट आया, वो जो मुझको बर्बाद करना चाहते थे..!! अगर किसी के मन में दूसरों की खुशी और तरक्की देखकर ईर्ष्या की भावना है.. _ तब वह तिनका तिनका राख हो रहा है और दीमक कि तरह खोखला.. कुछ लोग आपसे नफ़रत इसलिए करते हैँ कि आपकी मौजूदगी उनके वज़ूद को बेकार बना देती है ! जीवन में इज्जत और प्रेम पाने के भूखे कभी मत रहो.. _ वरना ये दुनिया ऐसे लूटेगी कि आप इससे नफरत करने लगोगे..!! जैसे-जैसे आपकी प्रगति का स्तर बढ़ेगा, _लोगों की ईर्ष्या का स्तर भी बढ़ेगा और आप दूर से भी उनकी ईर्ष्या की तपिश को महसूस कर पाओगे. आमतौर पर देखा जाता है कि जिस इंसान में ईर्ष्या अधिक होती है.. _वह किसी भी स्थिति में अधिक ही रहती है.! अहंकार और ईर्ष्या से ग्रस्त इंसान को जीवन में कभी भी सच्ची खुशी नहीं मिलती, _ क्योंकि उनके मन में हमेशा दूसरों के प्रति ईर्ष्या और अपने आप को बड़ा दिखाने की चाह रहती है. _ ऐसे लोगों को अपने जीवन में सुधार करने के लिए प्रयास करना चाहिए और अपने अंदर के अहंकार और ईर्ष्या को दूर करना चाहिए. उन लोगों से कभी नफरत न करें जो आपसे ईर्ष्या करते हैं, _बल्कि उनकी ईर्ष्या का सम्मान करें, क्योंकि वे वही हैं जो सोचते हैं कि आप अद्भुत हैं. Never hate those people who are jealous of you, but respect their jealousy, because they are the ones who think you are amazing. Submit a Comment Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ