To be a visionary parent, we need to keep working on ourselves, becoming forever new and improved.
_ यह मन के भीतर घटित होने वाली घटना है.
_ अगर रब ने आपको माता-पिता बनने का मौका दिया है तो इसे एक जिम्मेदारी समझें और प्यार से निभाएं.
पिता जिसने तुम्हारी जीत के लिए सब कुछ हारा हो, _माँ जिसको तुमने हर दुःख में पुकारा हो.
_ ‘वो जिन्होंने अपने बच्चों के लिए अपने जीवन, आराम और सुख की परवाह नहीं की….
_ वो जो अपने बच्चों को unconditionally प्यार करते हैं …
_ वो जो बच्चों के बड़े हो जाने पर भी उतना ही लाड़ देते हैं जैसे कोई छोटे बच्चे को…
कभी कड़ी धूप में तुमने इनसे ही पनाह माँगी थी।”
( These lines encourage to Respect Parents in their old age )
– लेकिन जो आपको जोड़े रखते हैं ..वे आपके माता-पिता हैं और यही महत्वपूर्ण है.
माँ का रोल जीते जी समझ में आ जाता है, और पिता का रोल उनके चले जाने के बाद..
साथ केवल वही देंगे जिन्होंने आपको पैदा किया है…!!
उन्होंने अपनी जिन्दगी हार कर आपको जिताया हैं.
वो सिर्फ माँ बाप कहलाते हैं.
तब कहीं जाकर औलाद पलती है…
पर बाप के बिना पूरी जिंदगी ही बिखर जाती है.
माँ – बाप के सिवा कोई नहीं कहेगा थक गए हो आराम कर लिया करो !!!!
और पिता अपने खून और पसीने से बच्चों का लालन – पालन करता है.
_ कितने कीमती हो तुम उनके लिए, ज़रा ये भी तो देख कर जाओ तुम ..
_ उसके गुस्से से डर कर अपनी “जरूरत” बताना या “नसीहत” देना छोड़ देते हैं.
मगर माता पिता की वसीयत सबको अच्छी लगती है.
जहां हमारी हर उदासी और दर्द की दवा मिलती है.
_ उन्होंने हमें जीवन दिया है, वह जीवन जिसका हम मनचाहा उपयोग करते हैं..!!
आप कभी पिता की, आपके पीछे मेहनत और
माँ की ममता का अंदाजा नही लगा सकते.
लेकिन जिन माता पिता ने सुख के साधन जुटाए
उनकी रोज मर्रा की जरूरत भी अहसान जता कर पूरी करते हैं.
आप कभी बड़े नहीं होते और मां- बाप कभी बूढ़े नहीं होते.
और उनके जीवन को सही ढाँचे में ढालने का सुख पिता को.
लेकिन माँ बाप हमारी हज़ार गलतियों के बाद भी हमें अपना बना लेते हैं.
उनकी बात भी सही है __ आपके जमाने के हिसाब से आप !
_ बाकि लोग कभी न कभी तो जलन की भावना दिखा ही देते हैं !!
_ जब उनके बच्चे कोई उपलब्धि हासिल करते हैं तो ..उन्हें लगता है कि आज तक उन्होंने उनके लिए जो भी किया ..वह सफल हुआ,
_ यही उनकी सबसे बड़ी ख़ुशी होती है !!
_ मां बाप के सिवा कोई और हमदर्द नहीं है..
_पिता सीने पर पत्थर रखता है और माँ सीने में..!!
साथ केवल वही देंगे जिन्होंने आपको पैदा किया है…!!
एक माँ बाप ही हैं जो कभी हिसाब नहीं मांगते.
माँ बाप फिर अकेले रह गये बच्चो को पाल कर…
खुदा की नेमतों से रोशन ये जहां है.
मां के कदमों में जन्नत है तो
पिता उसका दरवाजा है.
माता- पिता साथ है जिसके
दुनिया में वह राजा है.
माता अगर अपनी संतान के लिए हर दुःख उठाने को तैयार रहती है. तो पिता सारे जीवन उन्हें पीता ही रहता है.
हम तो बस उनके किये गए कार्यों को आगे बढ़ाकर अपने हित मे काम कर रहे हैं.
आखिर हमें भी तो अपने बच्चों से वही चाहिए ना ……..!
सुबह की सैर में कभी चक्कर खा जाते है ..
सारे मौहल्ले को पता है…पर हमसे छुपाते है
दिन प्रतिदिन अपनी खुराक घटाते हैं और
तबियत ठीक होने की बात फ़ोन पे बताते है.
ढीली हो गए कपड़ों को टाइट करवाते है,
देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं..
किसी के देहांत की खबर सुन कर घबराते है,
और अपने परहेजों की संख्या बढ़ाते है,
हमारे मोटापे पे हिदायतों के ढेर लगाते है,
“रोज की वर्जिश”के फायदे गिनाते है.
‘तंदुरुस्ती हज़ार नियामत “हर दफे बताते है,
देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं..
हर साल बड़े शौक से अपने बैंक जाते है,
अपने जिन्दा होने का सबूत देकर हर्षाते है,
जरा सी बढी पेंशन पर फूले नहीं समाते है,
और FIXED DEPOSIT रिन्यू करते जाते है,
खुद के लिए नहीं हमारे लिए ही बचाते है.
देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं..
चीज़ें रख के अब अक्सर भूल जाते है,
फिर उन्हें ढूँढने में सारा घर सर पे उठाते है,
और एक दूसरे को बात बात में हड़काते है,
पर एक दूजे से अलग भी नहीं रह पाते है.
एक ही किस्से को बार बार दोहराते है,
देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं..
चश्में से भी अब ठीक से नहीं देख पाते है,
बीमारी में दवा लेने में नखरे दिखाते है,
एलोपैथी के बहुत सारे साइड इफ़ेक्ट बताते है,
और होमियोपैथी/आयुर्वेदिक की ही रट लगाते है,
ज़रूरी ऑपरेशन को भी और आगे टलवाते है.
देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं..
उड़द की दाल अब नहीं पचा पाते है,
लौकी तुरई और धुली मूंगदाल ही अधिकतर खाते है,
दांतों में अटके खाने को तिली से खुजलाते हैं,
पर डेंटिस्ट के पास जाने से कतराते हैं,
“काम चल तो रहा है” की ही धुन लगाते है.
देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं..
हर त्यौहार पर हमारे आने की बाट देखते है,
अपने पुराने घर को नई दुल्हन सा चमकाते है,
हमारी पसंदीदा चीजों के ढेर लगाते है,
हर छोटी बड़ी फरमाईश पूरी करने के लिए,
माँ रसोई और पापा बाजार दौडे चले जाते है.
पोते-पोतियों से मिलने को कितने आंसू टपकाते है,
देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते है..
देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते है..
बाकी सब कुछ दुनिया सिखा देगी !
_बाकी दुनिया सबकुछ करती है _बस प्यार ही नहीं करती _लेकिन बदले में कर्तव्यों का पहाड़ जरूर सर पर लाद देती है.
Before teaching, scolding, advising or giving opinion to children, every parent of the world should look deep into their lives and question themselves, are they really successful in their life? Is it not possible that a child, without holding the hand of his parents, has the potential to surpass them purely on the basis of his own decisions and freedom ?
बच्चों का अपना भविष्य है, _ उन्हें उनके अनुरूप बढ़ने दें, _ प्रकृति हमसे कहीं अधिक बुद्धिमान है.!!
Don’t give your rotten stinking pasts as an inheritance to your children. Children have their own future. Let them grow in their accord Nature is much more intelligent than we ever can be.
_ वो अपनी भावनात्मक जड़ों से कट कर बिलखने लगते हैं..
_’हाँ’ शारीरिक शिथिलता अन्य मजबूरी से ही वो दिल पर पत्थर रख उस स्थान को छोड़ पाते हैं.