सुविचार – ग़लती – गलती – ग़लत – गलत – भूल – मिस्टेक – 004

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आगे बढ़ने के लिए यह जरुरी है कि हम गलतियों को दोहराएं नहीं. उनसे सबक लें

और खुद से वादा करें कि यह गलती दोबारा बिल्कुल नहीं होगी.

अपने द्वारा की गई गलतियों के लिए स्वयं को क्षमा करें ; _ कल की असफलताओं और निराशाओं को जाने दें और नई और नई शुरुआत करें.

” आप कहाँ जा रहे हैं यह कहीं अधिक महत्वपूर्ण है न कि आप कहाँ थे.”

Forgive yourself for the mistakes you’ve made. Let go of the setbacks and disappointments of yesterday and start fresh and new. Where you’re going is much more important than where you’ve been.

गलतियाँ मानव विकास के विस्तार का आधार हैं, गलतियों के बिना हम कभी महसूस नहीं कर पाएंगे कि हम वास्तव में कौन हैं ; _ अगर हमें गलत होने का हुनर ​​नहीं दिया गया होता, तो हम जीवन की अनंत संभावनाओं को कभी महसूस नहीं कर पाते.

हम सही और गलत विकल्पों के बीच चयन करके अपने तरीके से सोचते हैं, और गलत विकल्पों को उतनी ही बार बनाना पड़ता है जितनी बार सही विकल्प. हम जीवन में इस तरह से साथ चलते हैं ;

हम गलतियाँ करने के लिए बने हैं, एक तरह से गलतियाँ करने और असफल होने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं.

हम सीखते हैं, जैसा कि हम कहते हैं, “परीक्षण और त्रुटि” से अपनी गलतियों को सही ठहराने के लिए, हम अपनी और दूसरों की गलतियों को खुले तौर पर स्वीकार क्यों नहीं कर सकते.

_ अगर हम अपनी (अपनी या आपकी ) गलतियों को उसी सम्मान के साथ स्वीकार करना सीख लें, तो शायद हम एक ऐसी दुनिया बना सकते हैं, जहां ज्यादा से ज्यादा लोगों में वह जीने का साहस हो, जो उनका दिल उन्हें बताता है.

Mistakes are at the very base of expansion of human growth, without mistakes we will never realise who we really are. If we were not provided with the knack of being wrong, we could never realise the infinite possibilities of life.

We think our way along by choosing between right and wrong alternatives, and the wrong choices have to be made as frequently as the right ones. We get along in life this way.
We are built to make mistakes, in a way, designed to commit errors and fail.
We learn, as we say, by “trial and error”to justify our mistakes, Why we cannot openly accept ours and others mistakes.
Only if we learn to accept mistakes (mine or yours) with the same reverence, then maybe, we might create a world where more people have the courage to live what their heart tells them to.
अब अपने साथ ग़लतियों का बोझ लेकर घूमना छोड़ दीजिए, _ गुज़रे हुए वक्त की गलतियों के लिए बार-बार अफसोस करना बंद कीजिए, _

_ जिसके लिए आपको अभी भी अफ़सोस है, शायद पहले आप इतना अनुभवी और परिपक्व नहीं थे.

” हमेशा याद रखें कि _ इस तरह से बोलना असंभव है कि आपको गलत न समझा जाए : हमेशा कुछ ऐसे होंगे जो _ आप को गलत समझेंगे ही “
जब लोग आपको गलत बोलते हैं तब परेशान होने की जरूरत नहीं ;

_ वास्तव में आप परेशान तो तब हो, _ जब लोग आपको देख ही न रहे हों ;

क्योंकि आज नही कल आप गलतियां तो सुधार ही लेंगे..!!

उन लोगों से दूरी बनाए रखें, जो कभी स्वीकार नहीं करते कि वे गलत हैं ; और

हमेशा आप को यह महसूस कराने की कोशिश करते हैं कि यह सब आप की गलती है.

उन गलतियों की कोई माफ़ी नहीं होती, जहां आप जानते हैं,

क्या सही है ; क्या गलत है ; लेकिन जान- बूझकर गलत का चुनाव करे.

समझदार इनसान तो वही है, जो दूसरों की गलती से भी सबक ले ले.

जरुरी नहीं कि सुधार के लिए खुद ही गलतियां की जाएं.

अपनी गलती मानना अच्छी बात है. लेकिन उतना ही जरुरी है खुद को जल्दी से माफ़ कर देना.

गलती से सीख ले कर उसे भूल जाना सही है.

सही और गलत की असली परीक्षा आपके मन के भीतर होती है.

_ आप मन में खूब जानते हैं कि आप जो कर रहे हैं वो सही है या गलत ?

_आज आप किसी के आदेश पर गलत कर रहे हैं तो _मन की आवाज़ एक बार ज़रूर सुनें..

आजकल लोग गलत काम करने पर माफ़ी नहीं मांगते, बल्कि हम कैसे प्रतिक्रिया करते हैं, इसके लिए वे हमें दोषी ठहराते हैं.
अपनी ग़लतियों को दूसरों पर न थोपें, इस तरह आप खुद के साथ धोखा करते हैं और दूसरों का विश्वास भी खोते हैं.
परिस्थितियां कैसी भी हों, तुरन्त प्रतिक्रिया न दें. आपकी जल्दबाजी, गलत निर्णय करवाती है.

खुद को कुछ समय अकेला छोड़ दें और चिंतन करें.

गलती कौन नहीं करता है. जो व्यक्ति काम करता है, वही गलतियां भी करता है.

इसलिए खुद पर विश्वास बनाये रखें और सतर्क रहें.

यदि आप किसी को गलत समझने की इच्छा रखते हैं, तो आप उन्हें गलत समझने के हजारों तरीके ढूंढ लेंगे.!!
अपने बीते हुए कल की गलतियां जानकार उनमें सुधार करें, फिर उस पर कफन ओढ़ा दें;

क्योंकि भूतकाल बुरा नहीं है बल्कि वह मर चुका है.

दूसरों की गलतियाँ माफ़ करने से कभी पोछे नहीं हटना, यह आपके बड़प्पन की निशानी है

किन्तु अपनी गलतियों को कभी छमा नहीं करना, यह भी बड़प्पन की निशानी है.

इंसान वही होता है जो खुद की गलती माने और सुधारें,_ गलती न मानने वाला इंसान,

_ चाहे हमारा कितना भी करीबी और खास क्याें न हो, _ दिल से दूर चला ही जाता है.

कितने अजीब होते हैं लोग, गलत साबित होने पर माफ़ी नहीं मांगते ;

_ बल्कि आप को गलत साबित करने में अपनी पूरी ताकत लगा देते हैं !!

हमें अपनी गलतियों की सज़ा भले ही तुरंत न मिले,

परंतु समय के साथ कभी न कभी सज़ा अवश्य मिलती है.

जो शख्श गलती करके उसका अहसास कर लेता है और भविष्य में गलती ना करने का निर्णय कर लेता है,

वह जीवन में बुलंदियों को छूता है.

सुधर वही सकता है, जिसे पता है कि वह गलत कहाँ है ;_ यही कारण है की लोग माफ़ी भी मांगते हैं,

गलती न करने के वादे भी करते हैं और फिर भी वही गलतियां दुहराते हैं.

किसी कि कही हुई बातों पर पूरा भरोसा मत करो ; अपनी बुद्धि का भी प्रयोग करो.

क्यूंकि कोई भी व्यक्ति आपको वह कहानी नहीं सुनाएगा, जिसमें वह खुद गलत हो !!

जब हम सही करते हैं तो कोई याद नहीं रखता ;

_ जब हम गलत करते हैं तो कोई नहीं भूलता.!!

कोई व्यक्ति ,,,एक बार गलती करे तो – कोई बात नहीं !!

दो बार गलती करे तो – होता है, इंसान है !!

तीसरी बार गलती करे तो – इनसे दूर ही रहना !!

क्योंकि ये उसकी गलती नहीं आदत है !

अगर तुम्हे किसी की कोई बात गलत लगती है तो तुरन्त प्रतिक्रिया दो _

_ क्योंकि उस समय का मौन बाद का पछतावा या कुण्ठा बनता है..

भूल जाना भी ग़र कोई हुनर होता …

_ ख़ुदा क़सम उससे हुनरमंद दुनिया में कोई होता ही नहीं !

गलत जानकारी को मन में बिठा कर जीवन जीना गलत है..

_जीवन में सच अवश्य जानना चाहिए..!!

आप अपनी गलतियों को सुधारने के लिए कितनी मेहनत करते हैं,

_इससे आपके बारे में पता चलता है.

सब कुछ जानते हुए भी _ अगर आप _ गलत को गलत नहीं कह सकते तो ; आप भी गलत हो..
होते वक़्त गलतियाँ कष्टकारी होती है, लेकिन सालों बाद इन्हीं गलतियों के संग्रह को हम अनुभव कहते हैं !!
” हो जाती हैं गलतियां,” पता चल जाये तो सुधार लेना चाहिए, _ जीवन फिर से सहज़ जीने के लिए..
यदि आप गलतियां नहीं कर रहे हैं तो इसका मतलब है आप शत- प्रतिशत प्रयास नहीं कर रहे हैं.
आप चाहे जितने भी होशियार हो. आप गलतियाँ करेगे हीं. _ और इससे आप बेहतर हीं बनेंगे.
गलतियां हमेशा छमा की जा सकती हैं, यदि आपके पास उन्हें स्वीकारने का साहस हो.
जो लोग हमेशा अपनी गलतियों पर ध्यान देते हैं, एक दिन वे ही बुद्धिमान कहलाते हैं..
ग़लती करने के बाद ही खुद को सुधारने और अधिक बेहतर करने की प्रेरणा मिलती है.
गलतियां कीजिए वो तो सबसे होती है,,,,पर कभी किसी के साथ गलत ना कीजिए.
गलतियां करना गलत नहीं है; _ लेकिन किसी के साथ गलत करना; बहुत गलत है..
आप हज़ार गलतियां कीजिये.._ पर ध्यान रहे किसी के साथ गलत मत कीजिये…
कहा गया है कि _ गलतियों से मत घबराइए, गलती वही करेगा जो काम करेगा …
अगर आप अपनी गलतियों से सीख़ लेते हैं तो गलतियाँ आपके लिए सीढ़ी है.
इन्सान अपने को चाहे कितना ही समझदार क्यों न कहे, पर गलतियाँ तो करता ही है.
विवेकशील मनुष्य दूसरों की ग़लतियों से अपनी गलतियाँ सुधारते रहते हैं.
भूल भी ठीक की तरफ ले जाने का मार्ग है ;_ इसलिए भूल करने से डरना नहीं चाहिए.
अपनी ग़लतियों को इसलिए बताएँ ताकि होश सँभालने वाले लोग उन ग़लतियों से कुछ सबक लें.
दूसरों की भूलों से बुद्धिमान लोग अपनी भूलें सुधारते हैं.

होती हैं गलतियां हर एक से मगर, _ कुछ जानते नहीं, कुछ मानते नहीं.

गलतियां सबूत हैं इस बात की, आप ने जीतने की कोशिश ख़ूब की है..
” गलती को स्वीकारना, आदमी को दोबारा गलती करने से रोकता है,”
ग़लतियों से सीख लें और उसी के अनुसार आगे का रास्ता प्लान करें.
ग़लती होने के डर से अपने कदम आगे नहीं बढ़ाना – समझदारी नहीं.
गलत होते देख कर बर्दाश्त नहीं करना, यह एक स्वभाव होता है.
गलत की हिमायत अज्ञानी या गलत इंसान ही कर सकता है.
जो लोग अपनी गलती खुद नहीं मानते, _ वक़्त मनवा लेता है.
गलतियां होती रहती है, बस इरादे गलत नहीं होने चाहिए..!!
दूसरों को ग़लत कहने से पहले आपका सही होना ज़रूरी है.
गलती करना बुरा नहीं है, _ गलती से सीख ना लेना बुरा है.!
स्वीकार की हुई गलती एक विजय है ….!

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