सुविचार – भोजन – खाना – आहार – Food – 042 | Mar 9, 2014 | सुविचार | 0 comments अपनी थाली में उतना ही भोजन परोसें जितना आप खा सकते हैं, _ अपनी थाली में परोसे गये हर व्यंजन को समाप्त करना जरुरी है. _ खाना बर्बाद करना असभ्य व्यवहार माना जाता है. बाहर का खाना पेट भर सकता है, पर घर का खाना दिल को भर देता है…! धीमी गति से खाने वाले आम तौर पर नियंत्रण में रहना पसंद करते हैं _ और जानते हैं कि _ जीवन की सराहना कैसे करें… … फास्ट खाने वाले महत्वाकांक्षी, लक्ष्य-उन्मुख, नए अनुभवों के लिए खुले, और अक्सर अधीर होते हैं..!! आप को जो भी भोजन परोसा जाता है, उसे बिना किसी शिकायत के स्वीकार करते हैं और उसकी तारीफ भी करते हैं, _ इसके पीछे आपका सकारात्मक और आभारपूर्ण दृष्टिकोण है. _ जब आप भोजन को बिना नखरे किए स्वीकार करते हैं और उसकी सराहना करते हैं, _तो आप कई महत्वपूर्ण गुणों को दर्शाते हैं: – कृतज्ञता: आप भोजन को भगवान का प्रसाद मानते हैं और इस बात का आभार व्यक्त करते हैं कि आपके पास भोजन है, चाहे वह कैसा भी हो. – संतोष: आप इस बात से संतुष्ट हैं कि आपके पास जो है, वह पर्याप्त है. आप अतिरिक्त मांग या नखरे करने की बजाय, जो मिला है उसी में खुश रहते हैं. – सहनशीलता: आप दूसरों की भावनाओं और परिश्रम की कद्र करते हैं. भोजन बनाने में जो मेहनत लगती है, उसकी कद्र करते हुए आप उसके स्वाद या अन्य पहलुओं पर टिप्पणी करने से बचते हैं. – सादगी: आपकी जीवनशैली में सादगी और विनम्रता है, जिससे आप हर परिस्थिति में सहज रहते हैं और भोजन के प्रति किसी प्रकार की अत्यधिक अपेक्षाएँ नहीं रखते. _ आपका यह दृष्टिकोण न केवल आपको मानसिक शांति देता है, बल्कि दूसरों के प्रति भी आपका सम्मान और स्नेह बढ़ाता है. Submit a Comment Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ