सुविचार – पड़ोस – पड़ोसी – 071 | Mar 15, 2014 | सुविचार | 0 comments वो आज नाराज हैं, तो कल उन्हें मना लेंगे हम, _ _ पड़ोसियों से बोलचाल बन्द हो तो मोहल्ला नहीं बदला करते..! वह व्यक्ति वास्तव में अच्छा है, जिसका पड़ोसी उसे अच्छा मानता हो .. एक अच्छे पड़ोसी में क्या – क्या गुण होते हैं ? Answer: एक अच्छे पड़ोसी में एक दोस्त की तरह एक परिवार की तरह रहने के गुण होने चाहिए. अच्छे पड़ोसी को अपने सामने वाले पड़ोसी की मदद के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए, _ कभी भी मना नहीं करना चाहिए. पड़ोसी को हमेशा सभी त्योहार मिलकर मनाने चाहिए. आपस में ऐसे रहना चाहिए जैसे लगे एक परिवार हो. आपस में विश्वास होना भी बहुत बड़ा गुण है. एक- दूसरे के घर का ध्यान रखना चाहिए. किसी और की बातों में आ कर _ किसी का विश्वास करके _ लड़ाई नहीं करनी चाहिए. पड़ोस सामाजिक जीवन के ताने-बाने का महत्तवपूर्ण आधार है, _ दरअसल पड़ोस जितना स्वाभाविक है, हमारी सामाजिक सुरक्षा के लिए तथा सामाजिक जीवन की समस्त आनंदपूर्ण गतिविधियों के लिए वह उतना ही आवश्यक भी है, _ यह सच है कि पड़ोसी का चुनाव हमारे हाथ में नहीं होता, इसलिए पड़ोसी के साथ कुछ न कुछ सामंजस्य तो बिठाना ही पड़ता है. पड़ोसियों से हमारा रिश्ता सामान्य होता है वे न तो हमारे घनिष्ठ मित्र होते हैं और न ही शत्रु _ परंतु फिर भी वे हमारे करीबी होते हैं. _ जब आपको कोई मुसीबत होती है तो रिश्तेदार बाद में काम आते हैं सबसे पहले पड़ोसी ही काम आते हैं. किसी पड़ोसी के यहा जाएं, तो उसके घर प्रवेश करने से पहले शालीनता से अनुमति अवश्य ले लें, _ _ जबरन आ धमकने वाले बिन बुलाए मेहमानों को कोई पसंद नहीं करता,, _ जरूरत पड़ने पर अगर आपने पड़ोसी से उसकी कोई चीज मांगी है, तो वायदे के मुताबिक समय पर उसे लौटाने का ध्यान जरूर रखें. मुश्किल के समय में सबसे पहले हमारे पड़ोसी ही हमारे काम आते हैं, लेकिन ऐसा तभी होगा, जब हम पड़ोसियों के साथ सामान्य शिष्टाचारों का ध्यान रखें. अगर सबसे ज़रूरी कोई बात है तो आपस में मिलना है,_ चाहे वो दोस्त हों या पड़ोसी या कोई और लोग, _ _ दिलों में दूरियों के बढ़ने का एक ही कारण है और वो है कम मिलना या नहीं मिलना.. ” अपने पड़ोसियों से अनजान बनकर न रहें, उनसे बोलचाल रखें “ ” आपके पड़ोसी आपको तभी जानेंगे, जब आपका उनसे परिचय, बोलचाल होगा “ पड़ोसी होने से हम एक दूसरे के घरों में भी जाकर बैठ सकते हैं गली में भी चहल – पहल रहती है, _ पड़ोसी कोई भी छोटा बड़ा काम एक दूसरे के साथ मिलकर करते हैं, _ पड़ोसी होने से हमें कभी किसी प्रकार का खतरा नहीं रहता, _ वे हमारे दुःख सुख में सबसे पहले हमारे लिए खड़े होते हैं, _ _ पड़ोसी हमारी गैर मौजूदगी में हमारे घर की देखभाल भी करते हैं. पड़ोसियों की मदद के लिए खुद आगे आएं, _ ” आप उनके काम आएंगे, तो वे भी जरूरत पड़ने पर आपके साथ होंगे “ पड़ोसियों के साथ अकड़ू न बनें, न ही डींग हाकें – ” यदि आप पड़ोसियों को छोटा जताने की कोशिश करेंगे, तो वे आपको कभी पसंद नहीं करेंगे. “ घर से बाहर निकलते समय यह जरूर देख लें कि आपने आधे-अधूरे कपड़े तो नहीं पहन रखे हैं. ” इससे आपके पड़ोसियों को अटपटा लग सकता है, _ सलीके से कपड़े पहनने पर वे आपकी तारीफ करेंगे और इस आदत से आप आगे भी सम्मान पाएंगे “ भूलकर भी पड़ोसियों के बारे में कोई अंट – शट बात न कहें. ” बातें अक्सर घूम-फिरकर उसी तक पहुंच जाती हैं, जिससे संबंधित होती हैं, _ फिर सोचिए, वह आपके बारे में क्या सोचेगा ? पड़ोसियों के यहां से कोई निमंत्रण आए और आप व्यस्त न हों तो उसमें अवश्य जाएं, _ अगर किसी वजह से न जा पाएं, तो क्षमा अवश्य माग लें. ” आप ऐसा करेंगे, तो वे भी आपके निमत्रण पर सहर्ष आना पसद करेंगे “ Submit a Comment Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ