सुविचार – सत्य – सच – सच्चाई – 091

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” सत्य पर आधारित कुछ सुविचार प्रस्तुत हैं.”

1. सत्य बोलने वाला व्यक्ति मानसिक रोगों से बचा रहता है.
2. सत्य परेशान हो सकता हैं परन्तु पराजित नही हो सकता.
3. सत्य बोलने के लिए कोई तैयारी नही करनी पड़ती, वह अपने आप निकल जाता है.
4. दोपहर तक बिक गया बाज़ार का हर एक झूठ शाम तक हमें कचोटता रहता है.
5. सत्य को छुपाने का प्रयत्न निरर्थक होता है. वह कभी न कभी सामने आ ही जाता है.
6. सच बोलना कष्ट देता है पर बड़े मुसीबतों से बड़े आसानी से बचाता भी है.
7. सत्य वह दौलत हैं जिसे पहले खर्च करो और ज़िन्दगीभर आनन्द लो.
8. सत्य की विजय दीर्घकालिक होती है.
9. सत्य बोलने का सबसे बड़ा फायदा यह होता हैं कि उसे याद नही रखना पड़ता.
10. सत्य में शक्ति होती हैं जो व्यक्ति को हर मुसीबत से बचाती है.
11. मित्र के द्वारा बोला गया कड़वा सत्य सदा ही हितकर होता है.
12. जिसकी मित्रता सत्य से है उसे कोई पराजित नही कर सकता है.
13. सत्य की भूख सबको होती हैं लेकिन जब इसे परोसा जाता है तो बहुत कम लोगो को इसका स्वाद अच्छा लगता है.
14. जिस सत्य के बोलने से किसी का भला हो उसे बोलने में कभी-भी हिचकना नही चाहिए.
15. सत्य का स्वाद कड़वा होता हैं पर स्वास्थ के लिए लाभदायक होता है.
16. भरम में जीने से अच्छा है, सच का सामना किया जाए.
सत्य कोई सुने न सुने _ आप सुनते व सुनाते रहिए ; क्योंकि एक दिन यही अभ्यास आप के व्यक्तित्व को इतना निखार देगा कि बाक़ी सब लोगों के पास करतल ध्वनि करने के सिवाए और कोई विकल्प नहीं होगा.
सच्चाई का अपमान होता है, जब हम झूठ बोलते हैं और प्रत्येक झूठ सत्य का ऋणी होता है ; _ जल्दी या बाद में, उस कर्ज का भुगतान किया जाता है.
सत्य बोलने का फायदा ये होता है कि जो झूठ के आदी हैं वो आपसे दूर हो जाते हैं ;
_ सत्य कड़वा उन्ही को लगता है जो झूठ सुनने के आदी हों !!
सत्य से कभी कोई आहत नहीं हुआ; लेकिन जो अज्ञानता में बना रहता है वह घायल होता है.
” सत्य उन लोगों को घृणा जैसा लगता है _जो सत्य को संभाल नहीं सकते.!!”
” सब कुछ बीत जाता है, केवल सत्य रह जाता है.”
” सच बोलने के लिए केवल वही लोग आपसे नाराज़ हैं _जो झूठ बोल रहे हैं.”
सत्य के लिए अपने सुख को भी ठोकर मारनी पड़ती है, _

_ और हर एक में ___ इतना साहस कहाँ …

“– जो सत्य की तलाश करता है वह खुद को जोखिम में डालता है..–“

बुरा लग जाये ऐसा ” सत्य ” जरूर बोलिए,

_ परंतु ” सत्य ” लगे ऐसा ” झूठ ” कभी ना बोलिए.

कभी- कभी सच्चाई की जीत नहीं होती, प्रमाण की जीत होती है, और.. _जरूरी नहीं कि सत्य के पास प्रमाण हो..
एक सत्य यह है की :- “अगर जिन्दगी इतनी अच्छी होती तो हम इस दुनिया में रोते- रोते हुए न आते…..!!

मगर एक मीठा सत्य यह भी है की :- “अगर यह जिन्दगी बुरी होती तो जाते-जाते लोगों को रुलाकर न जाते….!!

हम झूठ बोल कर गर्व करने वाले और सच बोलकर शर्मिंदा होने वाले लोग हैं..
“सच जब भी आएगा, _अपने साथ बड़ी सरलता की खुशबू लेकर आएगा..!!
और वो जो सच की तलाश में निकले ही नहीं, _” वो झूठ के शिकार हो गए..!!”
लोग दूसरों का सच जानना चाहते हैं, पर अपने बारे में, सच सुनना पसंद नहीं करते.
“….ये दुनिया ऐसी ही है, सच को लोग पसंद करते हैं _लेकिन बर्दाश्त नहीं कर सकते..”
विश्वास सच बोलने पर बनता है, न कि लोगों को यह बताने पर कि _वे क्या सुनना चाहते हैं.
सत्य प्रतीक्षा कर सकता है, _ क्योंकि वह लंबा जीवन जीता है !!
बहुत से सत्य जानकर भी _ अनजान रहना चाहिए..!!
अगर मुझे सत्य के अलावा कुछ चाहिए _ तो मुझे केवल कुछ मिलेगा ” सत्य नहीं “
हम सही रास्ते चलते हैं, फिर भी – जीवन में समस्याएं आती हैं, लोग विघ्न डालते हैं और कोई भी साथ नहीं देता ;
_ सिर्फ याद रखना – सत्य की नाव हिलती है, डोलती है, लेकिन कभी डूबती नहीं..
कभी-कभी आपको उनको सुनने की ज़रूरत नहीं होती है, कि वे अपने लिए क्या कहते हैं,
_क्योंकि उनके कार्य पहले ही सच बोल देते हैं.!!
उसका दुर्भाग्य कम है, जिसको कोई मिला ही नहीं ऐसा जो उसे राह दिखा सके और सच बता सके !

पर जिसको कोई मिले ऐसा _ जो राह दिखा सके और सच बता सके, और वो उसको घर के दरवाज़े पर ही रोक दे,_

_ उससे बड़ा अभागा कोई दूसरा नहीं होगा..

सत्य की राह…

अगर हम तथ्य पूर्ण और सच बातों से बचते हैं और इनका सामना नहीं करना चाहते हैं तो यकीं मानिए की कहीं न कहीं हम असत्य से प्रभावित हैं या असत्य का इस्तेमाल कर रहे हैं !!

अतः सत्य को पहचानिए इसे स्वीकार करिए, और सत्य की राह पर चलिए !

_ ये थोड़ी कष्टकर जरुर है, मगर लम्बी – स्थायी और अंततः सुख शान्ति प्रदान करने वाली है.

जो गलत होते हैं, छली एवम दगाबाज़ होते हैं ; वे हमेशा तेज़ आवाज़ में बात करते हैं ; _ ताकि सामने वाले को लगे की वह झूठ नहीं बोल रहा है.

_ लेकिन कोई किसी के सामने कितना भी फ़रेब कर ले, एक समय के बाद उजागर होना लाजमी है ; _ तेज़ आवाज़ें सत्य को नहीं ढँक सकती.!!

आपके जीवन मे कौन कौन नकली है, यह पहचानना चाहते हो ?

_जो मिले उसी से सच की बात करो, जितने नकली होंगे वो भाग जाएंगे..

सत्य की सुंदरता केवल सच्चे लोग ही जानते हैं…_

_ और सच्चे होने से उनका आत्मविश्वास कभी नहीं गिरता ..!!

सत्य मौन इसलिए हो जाता है क्योंकि उसे पता है..

_ कुछ बातों का जवाब सिर्फ समय देगा..

गर हम सच के साथ हैं, तो हमारे पास असीमित शक्ति है ;

_सत्य से साथ छूटते ही, हमारी शक्ति भी हमसे कोसों दूर भाग जाती है..!

मनुष्य अनेक त्रुटियों के माध्यम से अप्राप्य सत्य तक पहुँचता है.

Man approaches the unattainable truth through a succession of errors.

सत्य की प्राप्ति की तीव्र आकांक्षा के माध्यम से संसार में जो कुछ भी आपको प्रिय था, उसे त्यागना ही त्याग है.

यह कोई ऐसी स्थिति नहीं है जो बलपूर्वक प्राप्त की जाती है, बल्कि यह केवल सत्य और सत्य को चाहने का एक सहज परिणाम है.

Renunciation is giving up what you had held dear in the world through a burning aspiration for the realisation of the truth.

It is not a state that is achieved by force but it is a spontaneous result of wanting the truth and truth alone.

कभी-कभी सबसे अच्छी चीज़ जो आप कर सकते हैं वह है अपना मुँह बंद रखना और अपनी आँखें खुली रखना. _ सत्य सदैव अंत में सामने आता है.

Sometimes the best thing you can do is keep your mouth shut and your eyes open. The truth always comes out in the end.

जब आपको किसी समस्या का कोई समाधान नहीं मिलता है, तो संभवतः यह कोई समस्या नहीं है _जिसे हल किया जाए,

_बल्कि यह एक सत्य है जिसे स्वीकार किया जाना चाहिए.

When you find no solution to a problem, it’s probably not a problem to be solved, but a truth to be accepted.

Truth is like a surgery. It hurts but cures. Lie is like a pain killer. It gives instant relief but has side effects forever.

सत्य एक सर्जरी की तरह है. दर्द होता है लेकिन ठीक हो जाता है. _झूठ एक दर्दनिवारक की तरह है.

इससे तुरंत राहत तो मिल जाती है, लेकिन इसके साइड इफेक्ट हमेशा के लिए होते हैं.

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