सुविचार – व्यवहार – आचरण – 093 | Mar 15, 2014 | सुविचार | 0 comments व्यवहार …… उस चिराग की तरह बनिए जो गरीब के झोपड़े में भी उतना ही उजाला करता है जितना एक राजा के महल में रौशनी देता है ! _ सबके साथ समान और सम्मान से व्यवहार करिए ! अच्छा व्यवहार लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है, _ जबकि बुरा व्यवहार लोगों को पीछे हटा देता है. किसी व्यक्ति के बारे में कोई एक निश्चित राय नहीं बनानी चाहिए, _ क्योंकि लोग अलग अलग जगह अलग अलग तरह का व्यवहार करते हैं..!! अपने व्यवहार को सच्चा रखो और बदनामी की परवा न करो. गंदगी मिट्टी की दीवार पर लग सकती है, पौलिश किए हुए संगमरमर पर नहीं. कभी-कभी अपने ही कुछ लोगों का व्यवहार इतना निकृष्ट कोटि का होता है कि _उनका जिक्र करना भी अपनी ही इंसल्ट लगती है..!! किसी के भी व्यवहार को देख कर जल्दबाजी में कोई प्रतिक्रिया न किया करें. _ बस जो हो रहा है.. उसे देखते रहो.. उसका आनंद लेते रहो.!! _ क्यों हो रहा है कैसे हो रहा है कब से हो रहा है हो ही क्यों रहा है _ इस चक़्कर में न ही फंसे तो हमारे लिए अच्छा होगा.!! जो सबकी हां में हां मिलाते हैं और ये जताते हैं कि उनका सबसे व्यवहार अच्छा है, _असल में उनका किसी से व्यवहार होता ही नहीं है.. _ वो तो बस हां में हां मिलाकर अपना उल्लू सीधा करते हैं.. _ और जो सबकी हां में हां नहीं मिलाते.. वो हर किसी को हज़म नहीं होते.. _ अतः व्यवहार बनाए रखना और व्यवहार का दिखावा करना.. _ ये दोनों अलग अलग बातें हैं..!! अधिकांश लोग यह सोचते हैं कि अगर किसी का फ़ोन एक बार में उठा लेंगे या किसी के मैसेज का उत्तर समय से दे देंगे तो उनकी वैल्यू कम हो जायेगी. _ उन्हें लगता है कि तीन चार बार इग्नोर करने के बाद फोन उठायेंगे या मैसेज का रिप्लाई थोड़ा इग्नोर करने के बाद देंगे तो ऐसा करने से उनकी वैल्यू बढ़ेगी और सामने वाला उन्हें बहुत बड़ा इंसान समझेगा. _ यह भी एक प्रकार की मानसिक बीमारी ही है.. जिसमें लोग अपनी ही काल्पनिक दुनिया में जी रहे होते हैं. _ जबकि बाहर लोगों में इनकी वैल्यू तो ख़ैर नहीं बढ़ती है.. मगर इनके इस व्यवहार के चलते लोग इन्हें ज़रूर किनारे कर देते हैं.!! आप किसी से बातचीत में शालीनता बरतेंगे या आदर में उनके खराब व्यवहार पर भी जवाब नहीं देंगे तो.. सामने वाला अपने को सुपीरियर समझ कर आप पर चढ़ बैठेगा..!! कोई अच्छा इंसान भी एक वक्त तक ही अच्छा रह सकता है, _ उसके बाद वो लोगों से वैसा ही व्यवहार रखने लगता है, जैसा लोग उसके साथ रखते हैं.!! सबके साथ बराबर व्यवहार रखें बिना किसी व्यक्ति विशेष की तरफ झुकाव रख के, _ अर्थात चाटुकारिता को बढ़ावा ना दें..!! आप यह नियंत्रित नहीं कर सकते कि दूसरे लोग कैसा व्यवहार करते हैं ; _लेकिन आप यह नियंत्रित कर सकते हैं कि आप इस सब पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं. _आपकी प्रतिक्रिया में आपकी शक्ति है. You can’t control how other people behave. But you can control how you respond to it all. In your response is your power. Submit a Comment Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ