पिता के ऐसा करने की दार्शनिक व्याख्या है कि “हर पिता अपनी संतान को अपनी दुनिया से ’बड़ी दुनिया’ दिखाना चाहता है, और इसके लिए आवश्यक ’सहारा’ और ’त्याग’ भी करता है.
लेकिन इसके लिए जरूरी है कि “पिता को पता होना चाहिए कि ’मुझसे बड़ी दुनिया’ है, जिसे वह स्वयं नहीं देख सकता या देख सका, लेकिन उसकी संतान के पास वो ’दृष्टि’ (vision) है, यह विश्वास भी होना चाहिए.
_ और दिल में पाव भर का भरोसा कि “जो होगा ठीक ही होगा”; वही बाप है..
_ आप को अहसास होगा कि यह आदमी बहुत कुछ पाने का हक़दार है..!!
मेरे बच्चे मुझसे भी ज्यादा कामयाब हों.
_ जहाँ वो पांव रखना भी पसंद नहीं करता है !!
कितना प्यार करता है तुम्हें, ये कभी जताएगा नहीं,
जिम्मेदारियों को उससे अच्छे से, और कोई निभाएगा नहीं,
पिता से महान शख्स इस जन्म में, तुम्हें कभी मिल पाएगा नहीं ..
हम पर आने से पहले दुःख पापा आप सह लेते हो,,,,,
_ सिर्फ एक ही इंसान होते हैं और वो आपके पिता होते हैं.
_ उसी पिता के कई ” सपने ” बुढ़ापे में ” लावारिस ” हो जाते हैं !!
_एक ऐसा फरिश्ता देखा हैं मैंने पिता के रुप में !!
_ पर बिन कहे हमारी हर ज़रूरत पिता निभा देता है ..
_ औलाद पालने मे अपना पूरा जीवन जला देता है..!!
_ कंधा बाप का है साहेब बड़ा मज़बूत होता है..
_ सर पर साया जब तलक पिता का होता है.
_बाप है मियां, परेशानी मेँ भी हंसता बहुत है..
उसके न रहने पर उसके बच्चों का क्या होगा.
किसी शख़्स के वजूद की ” पिता ” ही पहली पहचान है.
सिर्फ़ अपनी औलाद की खुशी खरीदने के लिए..
_ वो शर्म खो देते है तुम्हारी अच्छी ज़िंदगी बनाने के लिए…
_ गहराई होती बहुत है लेकिन दिखाई नहीं देती..
खुद लाठी टेकने लगता है, मगर आपको अपने पाँव पर खड़ा कर जाता है..
अगर बाप जिंदा हो तो एक काँटा भी नहीं चुभने देता…!!
सूरज गर्म जरूर होता है लेकिन अगर न हो तो अंधेरा छा जाता है.
सिर्फ एक दिन अंगूठे बिना सिर्फ उंगलियों से अपने सारे काम करके देखें,
“पिता की कीमत पता चल जाएगी”
_ उसी पिता के कई सपने बुढ़ापे में लावारिस हो जाते हैं.
और उनके चले जाने से अक्सर घर पर वीरान हवाओं की एक लहर आ जाती है !!
_ वे एक इस तरह के व्यक्ति हैं जो जीवन में आपका समर्थन करेंगे और आपको ताकत देंगे.
_ और जब तक औलाद को समझ में आता है, तब तक बाप रहता नहीं !!
_ एक ” पिता ” अपनी सारी उम्र गुज़ार देता है !!
जो तमाम उम्र…अपने परिवार की जिम्मेदारी को उठता है…
-“मैं जलूंगा तो मेरे घर में रोशनी होगी”
_ हर लड़के का हौसला सौ गुना बढ़ा देता है.
खुशियां सबकी मांगता, बन कर पिता फ़कीर ..
_ बस इसी की वजह से हमारे घर में उजाले हैं ..
शान से जीना सिखाया जिसने, “पापा” उनका नाम है।।
पिता रूह की ठंडक, पिता ज़िंदगी का साज़ है..!!
_ इनके रहते किसी बात की चिंता नहीं करनी पड़ती..!!
जिसके लिए वो झुकता भी है और टूटता भी है.
पिता के घुटने इसी में जवाब दे गये.
पिता से मां की बिंदी और सुहाग है.
वो तो फ़िक्रमन्द है आकाश में बाज़ बहुत हैं.
_ पिता अपने बच्चों से भले ज्यादा बातें न करे, पर वो उन्हें चाहता बहोत है..!!
_ लेकिन बच्चे पिता के साथ धीमा नहीं चल सकते..!!
_ एक समय के बाद पिता बिना कुछ कहे कमरे में झाँक कर आगे बढ़ जाते हैं, किसी भी चीज में ज़बरदस्ती नहीं करते..!!
One father is more than a hundred schoolmasters. – George Herbert
_ उसकी एक बूंद नहीं पड़ने देते हैं वो..
_ दिन-रात बचत में लगे रहता है कि आगे उनके लिए कुछ छोड़ कर जाना है..!!
_ जैसे यही अब उसका एकमात्र लक्ष्य रह गया हो..!!
जिसके पसीने की एक बूंद की कीमत भी औलाद अदा नहीं कर सकती.
पिता अपने मन की आँखों से भी पुत्र जो देख रहा होता है, उसे देखने की कोशिश करता है.
बुढ़ापे में पिता- पुत्र के पास बैठकर अधिक सुख पाता है.
ऐसा होता है “पिता”
_ सुना है बाप जिंदा हो तो कांटे भी नही चुभते..
पर पिता से ज्यादा प्यार कोई नहीं करता..
उसे पिता मानसिक रूप से अपने पास रखता है.
अपने बच्चे की ख्वाइश पूरी करने के लिए जी जान लगा देता है.
खिलौनों की ज़िद में एक बच्चा ही नहीं रोता है,_ न दिला पाने की मज़बूरी में उसका बाप भी रोता है.
यह सब पिता की दुआओं और आशीषों का असर है,
कि धरती फ़तेह करने निकले हैं हम और कदमों में हमारे आसमाँ झुकता है.
” जो किरदार बाप पूरी जिंदगी निभाता है “
_ पिता से महान इंसान भला कहां कोई और होता है ..
_ मेरे बच्चे मुझे बूढ़ा नहीं होने देते ..!!
अगर बाप जिंदा हो तो, एक कंकड़ भी नही चुभता….
एक फरिश्ता देखा है मैंने, अपने पापा के रूप में..
जिसके पास ये है_वह सबसे अमीर है..
कहने को सब ऊपर वाला देता है
पर खुदा का ही एक रूप_ _ पिता का शरीर है.
जिंदगी को तरस के खुदा ने ये तस्वीर बनाई है,
हर दुख वो बच्चों का खुद पर सह लेते हैं,
उस खुदा की जीवित प्रतिमा को हम पिता कहते हैं..
पिता सृष्टि के निर्माण की अभिव्यक्ति है.
पिता अंगुली पकड़े बच्चे का सहारा है,
पिता कभी कुछ खट्टा कभी खारा है.
पिता पालन है, पोषण है, परिवार का अनुशासन है.
पिता धौंस से चलाने वाला, प्रेम का प्रशासन है.
पिता रोटी है, कपड़ा है, मकान है,
पिता छोटे से परिन्दे का बड़ा आसमान है.
पिता अप्रदर्शित अनन्त प्यार है,
पिता है तो बच्चों को इन्तजार है.
पिता से ही बच्चों के ढेर सारे सपने हैं,
पिता है तो बाजार के सब खिलौने अपने हैं.
पिता से परिवार में हर पल राग है,
पिता से ही माँ की बिंदी और सुहाग है.
पिता अपनी इच्छाओं का हनन और परिवार की पूर्ति है,
पिता रक्त में दिये हुए संस्कारों की मूर्ति है.
पिता एक जीवन का, जीवन को दान है,
पिता दुनिया दिखाने का अहसान है.
पिता सुरछा है अगर सिर पर हाथ है,
पिता नहीं तो बचपन अनाथ है.
वो पिता👤 ही होता है
जो अपने बच्चो👦 को अच्छे
विद्यालय में पढ़ाने के लिए
दौड🏃भाग करता है…
उधार लाकर donation भरता
है, जरूरत पड़ी तो किसी के भी
हाथ🙏 पैर भी पड़ता है
……. वो पिता👤 होता है ।।
हर कॉलेज🏬 में साथ👥साथ
घूमता है, बच्चे के रहने के
लिए होस्टल🏨 ढुँढता है…
स्वतः फटे कपडे पहनता है
और बच्चे के लिए नयी जीन्स👖
टी-शर्ट👕 लाता है
………. वो पिता👤 होता है ।।
खुद खटारा फोन📞 चलाता है पर
बच्चे के लिए स्मार्ट📱 फोन लाता है…
बच्चे की एक आवाज सुनने के
लिए, उसके फोन में पैसा💰 भराता है
……. वो पिता👤 होता है ।
बच्चे के प्रेम विवाह के निर्णय पर
वो नाराज़😔 होता है और गुस्से
में कहता है सब ठीक से देख
लिया है ना, “आप कुछ
समझते भी हैं ?” यह सुन कर
बहुत रोता😢 है
…….वो पिता👤 होता है ।।
बेटी की विदाई पर दिल की
गहराई से रोता😭 है,
मेरी बेटी का ख्याल रखना हाथ
जोड़👏 कर कहता है
……… वो पिता👤 होता है ।।
पिता का प्यार दिखता नहीं है
सिर्फ महसूस किया जाता है।
वो पिता👤 ही होता है.
मेरी ताकत मेरी पूँजी मेरी पहचान है पिता,
घर की इक- इक ईंट में शामिल उनका खून- पसीना,
सारे घर की रौनक उनसे सारे घर की शान पिता,
मेरी इज्जत मेरी शोहरत मेरा रुतबा मेरा मान है पिता,
मुझको हिम्मत देने वाले मेरा अभिमान है पिता,
सारे रिश्ते उनके दम से सारे नाते उनसे है,
सारे घर के दिल की धड़कन सारे घर की जान पिता,
शायद रब ने देकर भेजा फल ये अच्छे कर्मों का,
उसकी रहमत उसकी नैमत उसका है वरदान पिता.
जब मेरे कंधे पे खड़ा हो गया
मुझी से कहने लगा
देखो पापा मैं तुमसे बड़ा हो गया
मैंने कहा, बेटा इस खूबसूरत
ग़लतफ़हमी में भले ही जकड़े रहना
मगर मेरा हाथ पकड़े रखना
जिस दिन यह हाथ छूट जाएगा
बेटा तेरा रंगीन सपना भी टूट जाएगा
दुनिया वास्तव में उतनी हसीन नहीं है
देख तेरे पाँव तले अभी जमीं नहीं है
मैं तो बाप हूँ बेटा बहुत खुश हो जाऊंगा
जिस दिन तू वास्तव में मुझसे बड़ा हो जाएगा
मगर बेटे कंधे पे नहीं…
जब तू जमीन पे खड़ा हो जाएगा
ये बाप तुझे अपना सब कुछ दे जाएगा
और तेरे कंधे पर दुनिया से चला जाएगा.
जो अपने सुख भूल जाते हैं।
जो जीवन भर कर्ज़ चुकाते हैं,
वो पापा ही तो हैं जो हर फर्ज़ निभाते हैं।
अपनी बेटी के चेहरे पर ख़ुशी देख
जो चेहरे पर मुस्कान लाते हैं,
वो पापा ही तो हैं जो हर पल साथ निभाते हैं ।
जब बेटा प्रणाम करता है,
वो पापा ही तो हैं जिन्हें सुख प्राप्त होता है।
हर पल जो अपने चेहरे पर मुस्कान रखे हुए रहते,
अपने दुख को कभी अपने चेहरे पर नहीं लाने देते,
वो पापा ही तो हैं जो बेटी की बिदाई पर आँखों में सुकून के आँसू लाते हैं।
जो बिना दिखाए भी इतना प्यार करते हैं
वो पापा ही तो है जो हमारी पहचान बनते हैं।
Written by – Ashvini Vyas
पिता की जेब में आये सिक्के, पिता ने आधे दे दिये
फिर एक दिन दुःख आए, पिता ने पूरे रख लिए
जब दुःख बांटने का समय आता है, सारे पिता स्वार्थी हो जाते हैं
तुम और मैं पति पत्नी थे, तुम माँ बन गईं मैं पिता रह गया।
सारे जहान की खुशियाँ आप पर कुर्बान करता हूँ
अपनी सारी कमाई आपने मुझे पर लगा दी है
आपने अपने लिए कहाँ आराम की ज़िन्दगी जी है
अनगिनत कुर्बानी आपने मेरे लिए दी है
बिन कहे ही मेरी हर ज़रूरत पूरी की है
आप मेरी ज़िन्दगी का नूर हो
आप मेरी ज़िन्दगी का ग़ुरूर हो
आप मेरे हर दुःख को हर लेते हो
सारे सुख मेरे आगे कर देते हो
आपसे मुझे इतना प्यार है
जान मेरी आपके लिए निसार है
दुःख आप अपना मुझे बताते नहीं हो
ख़ुद सहते हो मुझे एहसास कराते नहीं हो
हर मुश्किल में आप मेरा साथ निभाते रहे हो
ख़ुद दुःख में होने पर भी आप मुस्कुराते रहे हो
सब धन-दौलत आपके आगे व्यर्थ है
आप हो तभी मेरी ज़िन्दगी स्वर्ग है
मैं हूँ आपका अंश अभी ये भी तो आपको दिखाना है
गले लगा कर आप को अभी प्यार अपना जाताना है..
~ Imtarun
खुद के लिए बूँद नही पानी की,
मेरे लिए समुंदर ही लाते हैं पापा,
ख्वाहिशों के जाहिर होने से पहले,
मेरी गोद तक सब पहुँचाते हैं पापा,
उँगलियाँ पकड़ कर चलना सिखाते हैं पापा,
काँधे पर बिठा कर मेला घुमाते हैं पापा,
रात को जगाकर खुद हाँथ से खिलाते हैं पापा,
गोद मे सुलाकर घंटों कहानियाँ सुनाते हैं पापा,
अच्छा बुरा रास्ता सब बताते हैं पापा,
रूठ कर भी मुझसे मुझको मनाते हैं पापा,
कोई फर्ज से पहले अपना फर्ज निभाते हैं पापा,
खुद दर्द मे भी रहकर मुझको हंसाते हैं पापा,
मेरी जीत का हर जश्न मनाते हैं पापा,
मेरी हार पर सीने लगा समझाते हैं पापा,
दुनिया मे सभी है जो संग मे हैं पापा, !!
सब नजर आते हैं एक आप ही नहीं !
आज भी लगता है आप आओगे और पूछोगे “ठीक है बेटा”
पर ये शब्द कानों तक आते ही नहीं !
ज़िन्दगी में बहुत उलझनें हैं, पापा पास आप भी नहीं,
कोई नहीं है जो आकर बोले, “बेटा घबराना नहीं”
मन करता है पहले के जैसे आपसे घंटों बातें करूँ,
पर अब ये मेरी किस्मत में ही नहीं !
आप यादों में जिंदा हो पापा,
फिर भी ये दिल चुपके चुपके रोता है !
कोई नहीं है आंसू पोछने वाला, खुद ही चुप होना पड़ता है !
आज भी वो पल याद है, लगता है कल ही की बात है !!
Very good quotes , want to read more emotional ones