सुविचार 176 | May 15, 2014 | सुविचार | 0 comments किसी की करुणा व पीड़ा देख कर मोम की तरह पिघलने वाला ह्रदय तो रखो, परन्तु विपत्ति की आँच आने पर कष्ट और प्रतिकूलताओं के थपेड़े खाने की स्थिति में चट्टान की तरह दृढ व ठोस बने रहो. Submit a Comment Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ