सुविचार 176

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किसी की करुणा व पीड़ा देख कर मोम की तरह पिघलने वाला ह्रदय तो रखो, परन्तु विपत्ति की आँच आने पर कष्ट और प्रतिकूलताओं के थपेड़े खाने की स्थिति में चट्टान की तरह दृढ व ठोस बने रहो.

 

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