सुविचार 4614
कोई कितना भी झूठा या कपटी हो आपके साथ, आप तब भी सच्चे बने रहिए,
क्योंकि किसी बीमार को देखकर स्वयं को बीमार कर लेना_ यह समझदारी नहीं मूर्खता है..
क्योंकि किसी बीमार को देखकर स्वयं को बीमार कर लेना_ यह समझदारी नहीं मूर्खता है..
तब हमारे लिए भी कुछ अच्छा हो रहा होता है.
लेकिन हमारे कर्मों के सिर्फ़ हम ही उत्तराधिकारी हैं.