सुविचार 4487
*कुछ “परेशानी” अपने साथ बहुत कुछ “अच्छा” भी लाती है !*
*और “बहुत” कुछ “सिखा” कर भी “जाती” है !*
*और “बहुत” कुछ “सिखा” कर भी “जाती” है !*
_ तम से लड़ने के लिए खुद आज जलना है हमें.!!
पर जब लेना शुरू करती है, तो प्याज़ के छिलके की तरह उतार लेती है..