सुविचार 4371
जब किसी की नज़रअंदाज़ करने की हद,
हद पार कर जाये तो अजनबी बन जाना ही मुनासिब होता है.
हद पार कर जाये तो अजनबी बन जाना ही मुनासिब होता है.
क्योकि हर फल का स्वाद अलग अलग होता है.
ये हमारी भावनाओं पर निर्भर करता है.
लेकिन जब कोई अपनों से धोखा खाता है तो मौन हो जाता है..
उसकी नजरों में आपका कोई महत्व ही नहीं है.
समझ लें हमारा खानदान बरबाद हो चुका है.