सुविचार 4704
सबसे तेज़ रफ़्तार होती हैं दुआओं की, जो ज़ुबाँ पर आती है उससे पहले ही ऊपर वाले तक पहुँच जाती हैं.!!
जब बिना वजह अच्छा लगने लगे तो मान लो कि कोई आपके लिए दुआ कर रहा है.!!
अगर उसमें “सुगंध” मिला दो तो वह “गंगाजल” बन जाऐगा ।।*
और उठा लोगे तो एकदम हल्की हो जायेंगी.