सुविचार 4476

जब हम अपनी पसन्द और नापसन्द से अत्यधिक प्रतिक्रिया करते हैं,

_ तब हम अपने मन पर अनचाही छापें बना लेते हैं.

सुविचार 4475

आपकी खुशी केवल इस बात पर निर्भर करती है कि आपके विचारों में कितनी पवित्रता है.
अपने विचारों को इतना तीक्ष्ण बनाओ कि वे संसार के किसी भी दुःख को भेद सके.!!

सुविचार 4474

‘कर्म” के पास न कागज़ है, न किताब है;

लेकिन फिर भी, सारे जगत का हिसाब है.

सुविचार 4473

खुद को बदलने का आसान तरीका है ” स्वीकारना “

जिस समय हम गलतियों का स्वीकार कर लेते हैं, उस समय परिवर्तन प्रारम्भ हो जाता है.

सुविचार 4471

भलाई करना एक हुनर है तो बुराई सुनना भी एक हुनर है !!
जो लोग आपसे फायदा लेकर भी ऐसा दिखाए की आपने उनके लिए कभी कुछ किया ही नहीं है,

_ ऐसे लोगों से दूर रहने में ही आपकी भलाई है.!!

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