” सोचें ” आपके लिए क्या अच्छा है और क्या नहीं ? – 2022

हम इस दुनिया में चिंतित होने के लिए नहीं आये हैं ;

_ हमारे विचार चिंतित और तनाव का कारण बनते हैं, और हम विचार बदल सकते हैं.!!
_ “स्वस्थ सोच एक आदत है, जैसे विक्षिप्त सोच एक आदत है.!!”
_ अब बात इत्ती सी है कि धरती पर आ ही गए हैं तो.. बस जीवन ठीक ठाक गुजर जाए.
अपने दिमाग को सही “खुराक” दीजिए—अच्छे विचार, अच्छी योजनाएं और स्पष्ट लक्ष्य.

_ आपका जीवन वहीं जाएगा, जहां आप अपना ध्यान केंद्रित करेंगे.
_ सोच बदलो, ज़िंदगी बदल जाएगी.!!
जिंदगी में हार जीत हमारी सोच बनाती है..
_ जो मान लेता है वह हार जाता है, जो ठान लेता है वह जीत जाता है.!!
अगर आप लोगों के खुश होने के चक्र को रोकना चाहते हैं। । ।

_ तो आपको अपने आप को.. किसी और चीज और लोगों से ऊपर खुद को प्राथमिकता देना चाहिए.
_ दूसरों को खुद पर नियंत्रण नहीं करने देना चाहिए, और खुद की भी सुनना चाहिए.
_ क्योंकि याद रखें: आप महत्वपूर्ण भी हैं.
जिन अच्छे विचारों को हमने नहीं सुना पढा या गौर किया..

_ वो सारी की सारी चेतावनियां हीं थी हमारे लिये,
_ बाद में वो जब तक हमारे पास पहुंचते हैं.. तबतक बहोत ही देर हो चुकी होती है.!
हर व्यक्ति एक हीरा है, लेकिन दूसरे लोग हमारी कीमत उनके अपने सामर्थ्य और ज्ञान के अनुसार लगाते हैं.

_ हमें अपनी योग्यता की तुलना किसी से नहीं करनी चाहिए.
_ अपनी योग्यता की कीमत हमें स्वयं लगानी चाहिए,
_ क्योंकि कोई दूसरा व्यक्ति उसकी सही कीमत नहीं लगा पाएगा.
_ अगर कोई हमारी योग्यता की कीमत लगाएगा तो अपने सामर्थ्य के अनुसार लगाएगा.
_ हममें अद्भुत क्षमता है, अतः कभी भी स्वयं को दूसरों से कम नहीं समझें !!
अपनी कमज़ोरी दुनिया को बता कर खुद अपना तमाशा मत बनाओ,

_ अपना ग़म, अपनी परेशानी, अपनी ही होती है, खुद ही हल करना है,
_ दुनिया के सहारे मकड़ी के जालों से भी कमज़ोर होते हैं.!!
कोई भी चीज पसंदीदा तब तक ही है, जब तक जरूरत से बेहद कम मिल रही हो,

_ अधिक मिलने पर मन हर एक बात हर एक चीज से उब जाता है,
_ एक उम्र के बाद हर चीज़ ठीक-ठाक ही लगती, पसंद कोई भी मायने नही रहती..!!
यह कभी न भूलें कि आप कैसे चलते रहे;

_याद रखें कि आप इतनी दूर आ गए हैं.!!

इस दुनिया में कोई भी चीज़ आपको उतना कष्ट नहीं दे सकती..

_ जितना आपके अपने विचार..!!
_ कभी-कभी हमारी याददाश्त ही हमारी सबसे बड़ी दुश्मन होती है ;
_इसे जाने देना चाहिए.!!
लोगों से दिन के उजाले में मिलना सीखें..
_ताकि आप उनकी वास्तविक अभिव्यक्ति [ expression] और इरादे [ntention] को देख सकें.!!
दूसरे आपके बारे में क्या सोचते हैं.. उससे कई ज़्यादा आप ख़ुद के बारे में कैसी सोच रखते हैं.. यह मायने रखता है.!!
बड़ा मनुष्य वह होता है जो वैचारिक असहमति के बावजूद अपने मानवीय मूल्यों को बचाकर रखता है.
किसी व्यक्ति को जितने लोग पसंद करने वाले होते हैं,

_ उतने ही उसे नापसंद करने वाले भी होते हैं.
_ यदि किसी की नज़रों में आप अत्यंत मूल्यवान हैं, तो कई ऐसे लोग भी होंगे जिनकी नज़रों में आपका कोई मूल्य ही न हो.
_ इसलिए न किसी की तारीफ़ से खुश होना चाहिए, न किसी की निन्दा से दुखी.!!
जो आपको पसंद नहीं करते ..उन्हें सिर्फ़ अपनी वास्तविकता दिखाएँ,

_ कभी अपना विजन न दिखाएँ,
_ अपने इरादों को प्रसारित न करें,
_ चुपचाप काम करें और हासिल करते रहें,
_ आपकी उपलब्धियाँ ही आपका चेकमेट [शह और मात] हैं.
जो दूसरे कर रहे हैं, आपको भी वही करने कि ज़रूरत नहीं है ;

_ वो करिए जो आपके लिए वाकई मायने रखता है !!
_ भौतिक चीजें थोड़ी -सी हों, तो भी खुश रहना चाहिए..
__ ये ज़िन्दगी भौतिक चीजों से नहीं आपकी अंतरात्मा कि प्रसन्नता से चलती है..!!
अपने वक्त के साथ गर्मियों का मौसम चला गया, वक्त के हिसाब से सर्दी भी आ गई,

_ हमारे कर्म और भाग्य हमे धनवान और सुखी भी बना देंगे,
_ सरकारे चिकित्सा, शिछा और कानून व्यवस्था बेहतर भी कर देगी..
_ पर इनमें से कोई भी चीज अपने दिमाग की बनावट को नही बदल सकती,
_ वो हमेशा असन्तुष्ट और चिंतित ही रहेगा…!
जीवन में हमारे संघर्ष हमारी ताकत का विकास करते हैं ;

_ संघर्षों के बिना, हम कभी भी आगे नहीं बढ़ पाते हैं और न ही कभी मजबूत होते हैं,
_ इसलिए हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने दम पर चुनौतियों का सामना करें,
_ और दूसरों की मदद पर निर्भर न रहें.
जीवन में कई बार हमें सेकंड के सौवें हिस्से में जल्दबाजी में निर्णय लेना पड़ता है..

_ और फिर उसके अच्छे या बुरे परिणामों के साथ हमें पूरी जिंदगी जीना पड़ता है..
_ और फिर हम उस सही या गलत निर्णय के लिए खुद को कोसते रहते हैं, अपने आप को..
_ कि वो सही या गलत फैसला हमने क्यों लिया था….!
हम चीजों के खोने पर रोते हैं क्योंकि उनकी कीमत होती है;

_ लेकिन क्या हम जीवन की हानि पर भी रोते हैं,
_ [ जीवनयापन ] जीने का खर्च बहुत ज्यादा है,, और हमने इसकी कीमत चुकाने से इनकार कर दिया है..!!
_ काश, हम सब की ज़िन्दगी रोचक होती !!
_ हम सब मज़े से जीना चाहते हैं..
_ लेकिन आस-पास के हालात हमारी चमड़ी उधेड़ते रहते हैं..
_ और हम अपने बदन को छिला हुआ देखकर भी यह नहीं तय कर पाते कि इस पर हंसें या रोएँ !
_ “मुश्किलों का सामना करने के दो तरीके हैं ;
_ आप कठिनाइयों को बदल देते हैं या उनका सामना करने के लिए खुद को बदल लेते हैं.”
सब कुछ उस व्यक्ति के निर्णय पर निर्भर करता है, जिसे आपके साथ रहना है.

_ वह आपकी तमाम खामियों को भी नजरअंदाज करके परफेक्ट कारण बता देगा.
_ और अगर उसे नही रहना है तो राई के दाने सी बात का इश्यू बना के छोड़ जाएगा..!
आप किसी को जितना अधिक मौके देंगे, उनके मन में आपके लिए उतना ही कम सम्मान होना शुरू हो जाएगा ;

_ वे आपके द्वारा निर्धारित मानकों को नज़रअंदाज करना शुरू कर देंगे..
_ क्योंकि उन्हें पता चल जाएगा कि एक और मौका हमेशा दिया जाएगा ;
_ वे आपको खोने से नहीं डरते _क्योंकि वे जानते हैं कि चाहे कुछ भी हो जाए आप उनसे दूर नहीं जाएंगे ;
_ आपकी क्षमा के आधार पर वे सहज हो जाते हैं ;
_ कभी भी किसी व्यक्ति को आपका अनादर करने में सहज न होने दें !!
The more chances you give someone the less respect they’ll start to have for you. They’ll begin to ignore the standards that you’ve set because they’ll know another chance will always be given. They’re not afraid to lose you because they know no matter what you won’t walk away. They get comfortable with depending on your forgiveness. Never let a person get comfortable disrespecting you.
पीछे मुड़कर पछताने की अपेक्षा आगे की ओर देखकर तैयारी करना बेहतर है.

It’s better to look ahead and Prepare, than to look back and Regret.

सबसे बड़ी जागृति तब आती है जब आपको एहसास होता है कि हर कोई नहीं बदलता.!! _ कुछ लोग कभी नहीं बदलते..!!! और यही उनकी यात्रा है. _ उन्हें ठीक करने का प्रयास करना _ आपका काम नहीं है..!

One of the greatest awakenings comes when you realize that not everybody changes. Some people never change. And thats their journey. It’s not yours to try to fix for them.

हर कोई अपने जीवन में एक बिंदु पर आता है जब वे छोड़ना चाहते हैं। लेकिन उस क्षण आप क्या करते हैं यह निर्धारित करता है कि आप कौन हैं.

Everybody comes to a point in their life when they want to quit. But it’s what you do at that moment that determines who you are.

“यहाँ हर चीज़ हर चीज़ के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ी हुई है ; _यदि आप शांतिपूर्ण, सुखी जीवन जीना चाहते हैं ; _ फिर दूसरों को परेशान मत करो.”

“Everything is intimately connected with Everything here. If you want to live a peaceful, happy life. Then do not disturb the others.”

यदि आप अपने विचारों को नियंत्रित करना नहीं सीखते हैं, तो आप कभी भी अपने व्यवहार को नियंत्रित करना नहीं सीखेंगे.

If you don’t learn to control your thoughts, you will never learn how to control your behavior.

कभी-कभी आप किसी चीज़ का मूल्य तब तक नहीं जान पाएंगे जब तक कि वह एक स्मृति न बन जाए..

Sometimes you will never know the value of something, until it becomes a memory.

हममें से कुछ जल्दी परिपक्व हो गए क्योंकि जीवन ने हमें कम उम्र में दुनिया का सबसे बुरा पक्ष दिखाया.

Some of us matured early because life showed us the worst side of the world at an early age.

आपके जीवन के सबसे बुरे समय के बारे में _सबसे अच्छी बात यह है कि _आपको हर किसी का असली रंग देखने को मिलता है.

_जब आप विजेता होते हैं तो हर कोई आपसे प्यार करता है ; _लेकिन जब आप हारे हुए होते हैं, तो उतना नहीं.

The best thing about the worst time in your life, is that you get to see the true colors of everyone.
Everyone loves you when you are a winner. But when you are a loser, not so much.
समस्या यह है कि जब लोग असली होते हैं तो उनसे नफरत की जाती है और नकली होने पर प्यार किया जाता है.

The problem is people are being hated when they are real, and are being loved when they are fake.

अगर आप दूसरों से सम्मान पाना चाहते हैं, तो सबसे बड़ी बात है खुद का सम्मान करना ; _ केवल उसी से, केवल आत्म-सम्मान से ही आप दूसरों को अपना सम्मान करने के लिए बाध्य कर सकेंगे.

If you want to be respected by others, the great thing is to respect yourself. Only by that, only by self-respect will you compel others to respect you.

सबसे बड़ी गलती जो हम करते हैं, वह है दूसरों की राय को _ अपने बारे में _ अपनी राय से अधिक महत्वपूर्ण बनाना.

यदि आप उन्हें अपने आत्म-सम्मान को कमज़ोर करने की अनुमति देते हैं, तो आप अपने सम्मान के बजाय दूसरों का सम्मान चाह रहे हैं, और आप स्वयं का त्याग कर रहे हैं.

लोगों को अपने जीवन की घटनाएँ बताना, ख़ासकर बुरी घटनाएँ, खुद को चौराहे पर बेनकाब करने जैसा है.

_ अनेक तमाशबीन इकट्ठे हो जाते हैं और चटखारे लेते हैं.
_ घटनाएँ नहीं, उन घटनाओं-दुर्घटनाओं से उपजा ज्ञान लोगों में बाँटें,
_ इससे आपके दुखों का उदात्तीकरण होगा..!!
आपको निराश करने के लिए लोगों को दोष न दें ; _ उनसे बहुत अधिक अपेक्षा करने के लिए स्वयं को दोषी ठहराएँ.

Don’t blame people for disappointing you. Blame yourself for expecting too much of them.

उन लोगों से नाराज़ न हों जिनमें बदलाव की क्षमता नहीं है.

Don’t be angry with people who don’t have the capacity to change.

यह विश्लेषण करना महत्वपूर्ण है कि आप जो चाहते हैं _वह आपके लिए है _या आप इसे दूसरों की स्वीकृति के लिए चाहते हैं.!!

It’s impotant to analyze whether what you want is for yourself or if you want it for the acceptance from others.

“यदि आप जानते हैं कि लोग मृतकों को कितनी जल्दी भूल जाते हैं, तो आप लोगों को प्रभावित करने के लिए जीना बंद कर देंगे.”

“If you know how quickly people forget the dead, you will stop living to impress people.”

जहाज़ चारों ओर पानी के कारण नहीं डूबते; जहाज डूब जाते हैं क्योंकि उनमें पानी भर जाता है.

_ आपके आस-पास जो कुछ भी हो रहा है उसे अपने अंदर हावी न होने दें और आप पर दबाव न डालें.

Ships don’t sink because of the water around them; ships sink because of the water that gets in them. Don’t let what’s happening around you get inside you and weigh you down.

लोगों के इतनी जल्दी हार मानने का कारण यह है कि वे यह देखने लगते हैं कि उन्हें अभी कितनी दूर जाना है, बजाय इसके कि वे कितनी दूर आ गए हैं.

The reason why people give up so fast is because they tend to look at how far they still have to go, instead of how far they have come.

अपनी भावनाओं को कभी भी ज्यादा गहरा न होने दें, लोग किसी भी पल बदल सकते हैं.

Never let your feelings get too deep, people can change at any moment.

आप जो चाहते हैं वह आपको नहीं मिलता; आपको वही मिलता है जिसके लिए आप काम करते हैं.

You don’t get what you wish for; you get what you work for.

जो काम आपने नहीं किया, उसके न मिलने वाले परिणाम से निराश न हों.

Don’t be upset by the result you didn’t get, from the work you didn’t do.

जब आप अपने लिए कुछ अलग चाहते हैं, तो आपको अलग की ओर बढ़ना शुरू करना होगा.

_पुरानी चाबियाँ नए दरवाजे नहीं खोलतीं

When you want different for yourself, you have to start moving different. Old keys dont unlock new doors.

आप वह नहीं खो सकते जो आपके पास कभी नहीं था, आप वह नहीं रख सकते जो आपका नहीं है, _ और आप उस चीज़ को पकड़कर नहीं रख सकते _ जो आपके पास नहीं रहना चाहती.

You can’t lose what you never had, you cant keep what’s not yours, and you can’t hold on to something that doesn’t want to stay.

आज हमारी पसंद या तो हमें उस जीवन के करीब ले जा रही है _ जो हम चाहते हैं,

_ या वे हमें उसी स्थिति में फंसाए रख रहे हैं _ जिसमें हम हमेशा से रहे हैं.

Our choices today are either getting us closer to the life we desire, or they are keeping us stuck in the same exact situation we have always been in.

सच तो यह है, जब तक आप जाने नहीं देते, जब तक आप खुद को माफ नहीं करते, जब तक आप स्थिति को माफ नहीं करते, जब तक आपको यह एहसास नहीं होता कि स्थिति खत्म हो गई है, आप आगे नहीं बढ़ सकते.

The truth is, unless you let go, unless you forgive yourself, unless you forgive the situation, unless you realize that the situation is over, you cannot move forward.

ऐसा लगता है कि हर किसी को इस बात का स्पष्ट विचार है कि दूसरे लोगों को अपना जीवन कैसे जीना चाहिए, लेकिन अपने बारे में किसी को नहीं..!!

The truth is, unless you let go, unless you forgive yourself, unless you forgive the situation, unless you realize that the situation is over, you cannot move forward.

यदि आप कुछ करने जा रहे हैं, तो पूरे रास्ते जाएँ. अन्यथा, आरंभ ही न करें.

If you’re going to do something, go all the way. Otherwise, don’t even start.

आप जितने बड़े होंगे, आप उतने ही अधिक शांत हो जायेंगे.

जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, जीवन आपको गहराई से नम्र बनाता है.

_आपको एहसास होता है कि आपने कितनी बकवास में समय बर्बाद किया है.

The older you get, the more quiet you become.

Life humbles you so deeply as you age.

You realize how much nonsense you’ve wasted time on.

चीज़ों के बेहतर होने का इंतज़ार न करें. जीवन हमेशा जटिल रहेगा. अभी खुश रहना सीखें, नहीं तो आपके पास समय खत्म हो जाएगा.

Don’t wait for things to get better. Life will always be complicated. Learn to be happy right now, otherwise you’ll run out of time.

यह उम्मीद न करें कि लोग आपके लिए मौजूद रहेंगे. _ सिर्फ इसलिए कि आप हमेशा उनके लिए मौजूद हैं. _ हर किसी का दिल आपके जैसा नहीं होता.

Don’t expect people to be there for you. Just because you are always there for them. Not everyone has the same heart as you.

जिंदगी में ऐसे मौके भी आते हैं, जब आप लोगों की मदद के मोहताज होते हैं, और लोग मदद भी करना चाहते हैं,

लेकिन आपके स्वभाव और खराब आदतें देखकर, आपकी मदद नहीं कर पाते.

अपने भीतर करुणा रखिए आवेश नहीं, _ क्योंकि बादलों की वर्षा से ही पुष्प खिलते हैं उसकी गर्जना से नहीं …

_ जिदंगी जीने का सही तरीका उन्हीं को आया है, _ जिन्होंने जिदंगी में हर जगह * बादाम * नहीं बल्कि * धक्का * खाया है ..

ये दुनियादारी एक मकड़जाल है __ ज्यादा इधर उधर में रहोगे तो फंसते जाओगे__ बेहतर है खुद पर ध्यान केंद्रित करो !

_ पुरानी बातों कि उलझनों में ज्यादा देर तक उलझे रहना सही नहीं है, उस दायरे से बाहर निकल जिंदगी को रिफ्रेश करते रहो !!

जब परिस्थितियां बदल जाती हैं, तो रणनीति बदलने में कोई बुराई नहीं है ;

_ अपना सर्वश्रेष्ठ करें, वर्तमान का मजा लें और जो है उसमें खुश रहें..!

जीवन का मूल्य समझें और इस जीवन को किसी अच्छे कार्य को समर्पित करें..

_ तभी ये सुन्दर है..!!

आप जिस भी दौर से गुजर रहे हैं, चलते रहें और अपने आप को कभी न छोड़ें.

Whatever you’re going through, keep going & never give up on yourself.

किसी व्यक्ति का अंतिम माप यह नहीं है कि वह आराम और सुविधा के क्षणों में कहां खड़ा है, बल्कि यह है कि वह चुनौती और विवाद के समय कहां खड़ा है.

The ultimate measure of a man is not where he stands in moments of comfort and convenience, but where he stands at times of challenge and controversy.

अफवाहें आपको निर्दोष लोगों को नापसंद करने पर मजबूर कर सकती हैं.

_ लोगों का मूल्यांकन इस आधार पर न करें कि दूसरे उनके बारे में क्या कह रहे हैं.

_ बुद्धिमान बनें, उन्हें स्वयं जानें, फिर अपनी राय बनाएं.

_ हो सकता है कि जो लोग आपसे बात कर रहे हों, उनसे आपको दूर रहने की ज़रूरत हो.

Rumors can make you dislike innocent people. Don’t judge people off of what others are saying about them. Be wise, get to know them for yourself, then form your own opinion. The people talking to you, may be the ones you need to stay away from.

यह विश्लेषण करना महत्वपूर्ण है कि आप जो चाहते हैं वह आपके लिए है या आप इसे दूसरों की स्वीकृति के लिए चाहते हैं.

It’s important to analyze whether what you want is for yourself or if you want it for the acceptance from others.

सब कुछ वादा करने और कुछ भी न देने की तुलना में कुछ न देने का वादा करना और सब कुछ देने का प्रयास करना कहीं बेहतर है.

It is much better to promise nothing and try and give everything than promise everything and give nothing at all.

जब आप शिकायत करते हैं, तो आप स्वयं को पीड़ित बनाते हैं.

_स्थिति को छोड़ें, स्थिति को बदलें, या इसे स्वीकार करें. __बाकी सब पागलपन है.

When you complain, you make yourself a victim. Leave the situation, change the situation, or accept it. All else is madness.
यह कभी न भूलें कि जब आपको जरूरत थी तब किसने आपकी उपेक्षा की और आपके मांगने से पहले ही किसने आपकी मदद की.
Never forget who ignored you when you needed them and who helped you before you even had to ask.
लोग आते हैं और जाते हैं. _लेकिन यह ठीक है. उनके आने से आपकी कृतज्ञता बढ़े और उनका जाना आपकी ताकत बने.
People come and go. But that’s okay. Let their coming build your gratitude, and their going build your strength.
जिस क्षण आप अपने जीवन में हर चीज़ की ज़िम्मेदारी स्वीकार करते हैं, उसी क्षण आप अपने जीवन में सब कुछ बदलने की शक्ति प्राप्त कर लेते हैं.
The moment you accept responsibility for everything in your life is the moment you gain the power to change everything in your life.
अगर हम किसी दीवार पर सिर मारते हैं, अपनी चोट पर रोते हैं और दीवार पर दोष निकालते हैं, तो गनीमत है हमारी बुद्धि, हमारी समझ काम नहीं कर रही ;

लेकिन असल जीवन में भी तो हम यही करते हैं, हम दीवार की जगह किसी व्यक्ति को चुन लेते हैं, उससे भीड़ जाते हैं और उसी पर दोष लगाते चले जाते हैं ;

_ तो क्या असल जीवन में हम अपनी समझ का प्रयोग कर रहे हैं ?? यह हमें तय करना है !!

“जो लोग समझदार होते हैं, वह दूसरों से उलझने के बजाय _ खुद को सुधारने में वक्त बिताते हैं.”

इतने वर्षों के अनुभवों ने जो नहीं सिखाया, वो एक हादसे ने सीखा दिया…कि

_ दूसरों पर भरोसा करने से पहले खुद पर भरोसा करना जरूरी है _ वरना लोग भरोसा के नाम पर जीने नहीं देंगे…!!!

“– आँखों से जब भरोसे का चश्मा उतरता है,_ तब समझ में आता है कि दुनिया क्या चीज है.–“

कभी-कभी आपको लोगों में अच्छाई देखना बंद करना होगा _और वह देखना शुरू करना होगा _जो वे आपको दिखाते हैं.
कुछ चीजें और यादें ऐसी होती हैं जिन्हें आप कभी खत्म नहीं कर सकते ; _आपको ऐसी दुनिया में नहीं होना चाहिए जैसे कि चीजें आपके साथ नहीं हुई थीं.

_दु:ख एक संकेत है कि आप गहराई से परवाह करते हैं और आप प्रभावित हुए थे. _ भूलने की कोशिश किए बिना महसूस करो.

सबकुछ खोने के बाद भी; पुनः सबकुछ पा लेने की जो आस है न…यही ज़िन्दगी है..

_ हार मत मानना यारों, _ वो सबकुछ मिलेगा जिसके तुम हकदार हो, _ सही दिशा में चलते रहो…!!!

चीजें जिन्हें आप होने से नहीं रोक सकते, क्योंकि वे होने के लिए बनीं हैं ;

_ लेकिन इससे दूर भागने के बजाय आप को इसे अपनाना चाहिए,

_ इसे हल करना चाहिए और इससे सीखना चाहिए..!!

जिस तरह समुद्र में लहरे शांत हो जाये यह कल्पना गलत है, _ इसकी बजाय हम अच्छी तरह से तैरना सीखें, नाव चलाना सीखें _वो जरुरी और उपयोगी है,

_ उसी प्रकार संसार के झमेले कभी ख़त्म नहीं होते, हमे अपनी कुशलता और क्षमता में वृद्धि करना चाहिए, _ ताकि हम आराम से जीवन यापन कर सकें !!!

दुनिया से अधिक आशा रखना हमारी प्रसन्नता के लिए घातक होता है ; _कभी-कभी जीवन कम समय में बहुत सी क्रूरताएँ देख लेता है.

_ फिर वो चीख-चीखकर चिल्लाना चाहता है, _और जब वह चिल्ला नहीं पाता तो _गले‌ के ठीक नीचे _सीने के बीचोंबीच एक हूक सी उठाता है, _ एक ऐसा दर्द जिसका कोई औषधि नहीं होती..!!

“- दुनिया अजीब दोगली है” लोग इस बात की चिंता तो नहीं करते कि आप कैसे रहते हैं _लेकिन उन्हें इस बात की भरपूर चिंता रहती है कि आप करते क्या हैं ?

अपनी कीमत का पता होना बहुत जरूरी है, वरना लोग तो पहले से ही बैठें हैं आपको गिराने, नीचा दिखाने और दूसरों से तुलना करने को..!!
“जिदंगी बहुत छोटी है…उसे हर सुबह दु:ख…पछतावे…खेद के साथ जागते हुए बर्बाद न करें._

_ जो लोग आपसे अच्छा व्यवहार करते हैं, उन्हें प्यार करो ओर जो नहीं करते उनके लिए दया..सहानुभूति…रखो.”

अनजाने में ही सही लेकिन जिस इंसान का आप ने भरोसा तोड़ा हो, या आप की वजह से उस की जिंदगी में कोई दिक्कत आई हो ;

_ उस इंसान से आप कभी आँख नहीं मिला पाएंगे, इसके साथ साथ आप उससे सामना भी करने में कतराएंगे..

कुछ लोग यह कभी नहीं देखते है कि आपने उनके लिए क्या क्या किया,

_ उनका ध्यान तो बस वहीँ पर रहता है.. जो आपने उनके लिए नहीं किया.!!

जिस चीज से जितना दूर भागोगे.. वो उसी गति से आपके पीछे लग जाएगी,

_ उसे स्वीकार लोगे तो उसका प्रभाव आपके वर्तमान जीवन पर इतना नहीं पड़ेगा..
_ जितना कि उसको अस्वीकार करने से पड़ता है…!
सहानुभूति के होंठ जल्द ही आपके उपहास में बदल जाते हैं,

इसलिए, _ सहानुभति पाने के लिए अपनी समस्या सबको ना बताएं !!

आज रास्ता बना लिया है तो, कल मंजिल भी मिल जाएगी._

_ हौसलों से भरी यह कोशिश एक दिन जरूर रंग लाएगी.

जब ज़िन्दगी आपको दोबारा मौका दे, _

_ तो पुरानी गलतियों को दोहराने की गलती कभी मत करना…

परिस्थिति बदलना जब मुमकिन ना हो तो मन की स्थिति बदल लीजिए, _

_ सब कुछ अपने आप ही बदल जाएगा ..

दूसरों से यह उम्मीद रखना कि वे आपके अनुसार बदल जाएँ,

_ यह बात समरसता को बिगाड़ देती है.

लोग आप को तब ज्यादा पसंद करने लगते हैं, जब आप अपने खुद के विचार लोगों के सामने रखते हैं, _

_ बजाए दूसरों के विचारों पर हां करने के ..

कुछ लोगों को यह दिखावा करना पड़ता है कि आप बुरे व्यक्ति हैं ;

_ ताकि वे आपके साथ किए गए कार्यों के लिए दोषी महसूस न करें..!!

हमारे बीच अब दूरियां ही रहने दो, हमारी नजदीकियां अब पहले जैसी नहीं रहीं..!!
आपका कर्तव्य क्या है ? _खुश लोगों की वजह से यह विश्व चल रहा है _ और हम

इस विश्व का हिस्सा हैं, ” इसलिए खुश रहना हमारा कर्तव्य भी है और अधिकार भी “

जो भी करें, मन से करें, कर्म जब आनंद देने लगता है, _ तब मिलकर ही रहती है सफलता..

–” अच्छा सोचने वालों की दुनिया”…_ “दुनिया वालों की सोच से अलग होती है…-“

ये जरुरी नहीं कि पुनर्जन्म के लिए शरीर ही त्यागा जाए,

_ विचारों से परिवर्तन से भी पुनर्जन्म हो जाता है..!!

लोग आपको कभी ना कभी छोड़ के जायेंगे ही,

_ आपको बस उनको जाता देखने की हिम्मत रखनी होगी..!!

अवसरों को हाथ से जाने न दें और अपने भविष्य को आगे बढ़ाएं _

क्योंकि जब आप उन्हें लेना बंद कर देंगे तो जीवन आपको अवसर देना बंद कर देगा.

जब आप अपने जीवन के उज्ज्वल पक्ष को देखते हैं,_

_ तो आपके जीवन का अंधेरा अपने आप गायब हो जाता है..

जो छोटे कामों के पीछे बहुत ज्यादा पड़े रहते हैं, _

_ वे अकसर बड़े कामों के लिए नाकाबिल बन जाते हैं..

आजाद कर दो उन परिन्दों को, _ जो आपके साथ रहना खुद की तौहीन समझें,

_ सबको समेटने की जबरदस्ती, हमें मिटा देती है !

Confidence यह नहीं है कि लोग आपको पसंद करेंगे ही,

_ confidence यह है कि _ जब वो पसंद ना भी करें _ तब भी आप ठीक हो..

ज़िन्दगी ऐसे चार लोगों से भी नवाज़ती है क्या ?

_ जिनसे आप मन के छिपे कोनों के सुख-दुःख साझा कर सकें ?

ज़िन्दगी में एक बात सीख लो मेरे यार, किसी के लिए अगर आप जरुरी हो तो,_

_ कल भी उतने ही जरुरी होंगे, इसका भरोसा नहीं..

हम अपनी ज़िन्दगी की सबसे बड़ी गलती उन लोगों को एहमियत देके करते हैँ,

_ जिनकी हमारी ज़िन्दगी में कोई एहमियत ही नहीं.

जरूरत से अधिक आत्मग्लानि भी आपको पुनः उठ खड़े होने से रोकती है…

_ इसीलिए स्वयं के साथ नरमी से पेश आएं और अपने आप को माफ़ करना सीखें…!!!

सृजन कर्ता हर परिस्थिति को झेलते हुए आगे निकल जाते हैं_ और बुजदिल_

_ दुसरो को ब्लेम करने में, खुद की सफाई देने में अपना दुर्भाग्य गा रहे होते हैं.

“– समाधान खोजने से पहले अपनी समस्या को गहराई से समझिये, तभी समाधान निकलेगा.–“

कोई दूसरा आपको चोट नहीं पहुंचा सकता, _ यह आप ही हैं

_  जो खुद को चोट पहुँचा रहे हैं और हथियार आपके अपने विचार हैं..

लोग तारीफ करें और आप खुश हो जाओ, मतलब आप का सुख दुख का स्विच लोगों के हाथ में है, _

_ कोशिश करें कि ये स्विच आप के हाथ में हो, जीवन में आगे बढ़ना है तो कभी – कभी बहरे हो जाओ !!

आप जैसे हैं, यह आपके साथ हुई घटना का परिणाम नहीं है,_

_ यह इस बात का परिणाम है कि आपने अपने अंदर क्या रखने का फैसला किया है.

आप जीवन में बहुत कुछ नहीं कर सकते यदि आप केवल उन दिनों में काम करते हैं जब आप अच्छा महसूस करते हैं.

You can’t get much done in life if you only work on the days when you feel good.

” आपको वह मिलता है जिस पर आप ध्यान केंद्रित करते हैं, _

_  इसलिए उस पर ध्यान केंद्रित करें जो आप प्राप्त करना चाहते हैं “

जिस इंसान की हर बात आप को सोचने पर मजबूर कर दे, _

_ उस इंसान के साथ कभी दुश्मनी मत करना !!

” लोग आपके बारे में बहुत सी चीजों को नकारते हैं _

_ यह आपको तय करना है कि आपके लिए क्या अच्छा है और क्या नहीं “

तुम जिस बात को समझ लेते हो, वो बात तुम्हें कभी परेशान नहीं कर सकती, _ यदि फिर भी

वो बात तुम्हें परेशान करे, तो समझ लेना कि तुम्हें समझ नहीं आई _ सिर्फ तुमने सिर हिला दिया है..

कुछ समस्याएं जो हमारे पास है, उनके बारे में सोचकर दुःखी होने से अच्छा है _

_ हम ये सोचकर खुश रहें कि बहुत ऐसी समस्याएं हैं _ जो हमारे पास नहीं है.

उन चीजों के बारे में चिंता क्यों करें जिन्हें आप नियंत्रित नहीं कर सकते _

_ जब आप उन चीजों को नियंत्रित करने में खुद को व्यस्त रख सकते हैं जो आप पर निर्भर हैं ?

” कौन, किसकी मदद करता है “? आपसे कम ज्ञानी इंसान, आपसे मदद लेकर वास्तव में आपकी ही मदद करता है.

_ क्योंकि वह निम्न स्तर पर रहकर भी आपको ऊपर उठाता है.

बिना किसी स्वार्थ के न कोई बात करता है न कोई मिलना चाहता…

_ दुनिया इतनी काम्प्लेक्स हो गई है कि_ कौन भीतर से कैसा है…उसका पता लगाना भी मुश्किल है….!!!

*–रंग छोड़ते कपड़े और रंग बदलते लोग, कितना भी ब्रांडेड हों, दिल से उतर ही जाते हैं.–*

आप के अपने ही लोग आपको आगे नहीं बढ़ते देखना चाहते,

_ आप का मित्र आप से ही प्रतिस्पर्धा रखता है और आप के रिश्तेदार आप के गिरने का इंतज़ार करते हैं,

_ ये बात कोई मुहं पर नहीं बोलते, लेकिन चाहते रहते हैं कि, कहीं गलती से जीवन में ये कुछ बड़ा न कर ले !!

विश्वास करने वाले से ज्यादा बेवकूफ विश्वास तोड़ने वाला होता है,

_ क्योंकि वो सिर्फ एक छोटे से स्वार्थ के लिए एक प्यारे इंसान को खो देता है.!!

कुछ क्षणिक लोग ज़ीवन को स्थाई रूप से नरक बना कर चले जाते हैं _ और हम

_  उन बुरे अतीत से लड़ने में ही अपना वर्तमान, भविष्य सब कुछ नष्ट कर लेते हैं..

यह दुनिया है जनाब, यहां मुफ्त में मशवरे मिल जायेंगे हज़ार _

_ पर जब बात जिम्मेवारी की आएगी, _ तो कोई नही होगा तैयार ..

जो तुम्हे धोखा दे, समझना की बड़ा गरीब है, तुमसे ज्यादा गरीब है, तुमसे ज्यादा बड़ा भिखारी है, उस पर दया करना, _

_ इसलिए नहीं की तुम्हारी दया से वो बदल जायेगा _ वो बदले ना बदले लेकिन तुम बदल जाओगे.

जब कोई धोखा दे जाए तो शांत रहिएगा, क्यूँकि जिन्हें हम जवाब नहीं देते _

_ उन्हें वक़्त जवाब देता है, _ और वक़्त के फेर से कोई बच नहीं पाया है.

दूसरों की परेशानी का आनंद ना लें कहीं रब आपको वही गिफ्ट ना कर दे,

_ क्योंकि रब वही देता है जिसमें आपको आनंद मिलता है…

जिंदगी में कोई भी चीज इसलिए हासिल करने की कोशिश करें _ _ क्योंकि उससे

आपको ख़ुशी मिलेगी, इसलिए नहीं कि वो आपके दोस्त, रिश्तेदार या पड़ोसी के पास है.

उन लोगों से बचें जो आपकी आवश्यकता होने पर आपका सम्मान करते हैं और _

_ जब आपकी आवश्यकता नहीं तो आपका अनादर करते हैं..

बहुत से लोग हमें सिर्फ इसलिए छोड़ देते हैं,

_क्योंकि हम अपनी जिंदगी में बहुत अच्छा कर रहे हैं..!!

अगर आप की बहस बदतमीज इंसान से हो तो, हार मान लेनी चाहिए ; _

_ क्योंकि आपकी आवाज कितनी ही दमदार हो, आप अच्छे से भौंक नहीं सकते ..

अपनी चीज़ों से दूसरों को प्रभावित करने की कोशिश करना बंद करें

_और अपने जीवन से _उन्हें प्रेरित करने की कोशिश करना शुरू करें.

अब वो समय आ गया है _ जब आप ऐसे लोगों को इग्नोर करेंगे _

_ जैसे उन्होंने कभी आपको गंदे तरीके से इग्नोर किया था.

अपनी उत्तेजनाओं में हम उस चीज को भी जला डालते हैं,

_ जिससे हमें ख़ुशी प्राप्त होने वाली होती है.

यदि आप उदास हैं तो आप अतीत में जी रहे हैं, _

_ बीती बातों को भूलकर जीवन में आगे बढ़ें..

सच बड़ी काबिलियत से छुपाने लगे हैँ हम, _

_ हाल पूछने पर बढीया बताने लगे हैँ हम !!

जिंदगी की ठोकर बहुत निराली है, _ जब भी लगती है,

किसी की असलियत दिखा ही जाती है, या फिर कुछ ना कुछ, जरूर सिखा जाती है.

अगर देखना चाहते हो दुनिया आपके बगैर कैसी है,

_तो बस ये देख लो _ जो लोग मर गए _उनके बगैर कैसी है..

कठिन समय की सबसे अच्छी बात यह है कि _

_ आपको हर किसी के असली रंग देखने को मिलते हैं…

जरुरी नहीं कि इंसान बदला हो, क्या पता जीवन की किसी उलझन में फंसा हो _

_थोड़ा वक्त दो उसे,,!!

जिसके साथ जीवन गुज़ारना हो,

उसकी निंदा करके आप कभी भी आनंद को उपलब्ध नहीं हो सकते.

जो लोग आपको अच्छे लगते हैं,

कोशिश करें कि उनसे आपको कभी कोई काम ना पड़े..

बदल गई है रंगत जमाने की साहब,

आजकल वही अनजान बनते हैं, जो सब कुछ जानते हों..

डिप्रेशन में जाना ओवर थिंकिंग का नतीजा है, इस समय हमारा दिमाग _

_ उन प्रॉब्लम्स को क्रिएट करने लग जाता है, जिन का कोई अस्तित्व ही नहीं होता है..

अत्यधिक सोचना एक नकारात्मक कला है,

ये ऐसी समस्या को भी निर्माण करती है, _ जो वास्तविकता में नहीं है.

जिस चीज के आप हकदार नहीं थे, उसे झेलने के लिए आपको खुद से सबसे बड़ी माफी मांगनी होगी.
“बहुत सी समस्याये हैं, बहुत सी उलझने हैं लेकिन ऐसी एक भी उलझन नहीं _

_ जो मनुष्य हल करना चाहे और हल ना कर सके..

“– उचित यही है कि आती हुई समस्या का सही समय पर समाधान हो जाए वरना वह समस्या और समस्याओं को निमंत्रण देगी !–“

अगर आपका जमीर और नियत साफ है, तो इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता के आपको अच्छा कहे या बुरा,

आप अपनी नियत से जाने जायेंगे, दूसरे की सोच से नही..

किसी भी तरह की समस्या होने पर घबराएं नहीं _

_बल्कि बिना शांति खोए उसका समाधान करने का प्रयास करें.

” गज़ब का चमत्कार होगा,” सिर्फ कुछ दिनों के लिए,

अपने – आप को “होश” में पूरी तरह से महसूस करने की कोशिश करो..

कभी किसी को उसके बीते हुए कल से मत परखिए,

लोग सीखते हैं, बदलते हैं और आगे बढ़ते हैं..

” वजह ” ही तय करती है, कामयाबी का सफ़र..

वरना ज़िन्दगी का क्या है, आए – बैठे और रवाना हो गए…

जब परिस्तिथियां बदल जाये तो, _

_ रणनीति बदल देने में भी कोई बुराई नहीं है ..

आपको आगे बढ़ते रहने के लिए पिछली बातों को भूलते रहना होगा,

ये सोच कर कि बीता हुआ कल वापस नहीं आएगा.

बिता हुआ कल अगर वर्तमान पर नकारात्मक प्रभाव डालने लगे,

तो बीते हुए कल को ज़हर समझकर त्याग देना चाहिए.

दिखावे के लिए बड़े लोगों में बैठकर ख़ुद को जलील मत किया करो,

बस रहो अपनों में नवाबों की तरह…

लोगों की निंदा से परेशान होकर अपना रास्ता मत बदलना,

क्योंकि सफलता शर्म से नहीं साहस से मिलती है..

जो लोग बेहतर उपायों का विरोध करने लगें,

तो इसका मतलब है कि वो हमारे हितैषी नहीं हैं.

दिल तो रोज कहता हैं कि मुझे कोई सहारा चाहिए..

फिर दिमाग कहता है क्यों तुम्हे धोखा दोबारा चाहिए…

दुनिया में आधे लोगों को आप की मुसीबत सुनने में कोई रस नहीं,

और बाकी आधे लोगों का खयाल है कि आप इसी लायक हो.

कभी उस इंसान के लिए मत रोओ जो तुम्हे दुख दे, बस मुस्कुराओ और कहो,

“शुक्रिया” तुमसे से बेहतर किसी को खोजने का मौका देने के लिए..

कोई फायदा नहीं किसी के पीछे पीछे जाने का, हँसते हँसते खुद की Life Enjoy करो

और भूल जाओ उसे, जो तुम्हे भूल गया हो.

बात बनाने वाले अक्सर बात बनाया करते हैं,

जो खुद होते हैं झूठे यारों _ औरों को झूठा बताया करते हैं.

ज्यादा सोचने की जरुरत नहीं है, क्योंकि लोगों की तो आदत होती है,

सामने सलाम और पीठ पीछे बदनाम करने की..

“-बदनामी का डर तो सिर्फ उसे होता है _ जिसमें नाम कमाने की हिम्मत नहीं होती !!”

आप स्वयं को तब तक स्वतंत्र नहीं कह सकते ;

जब तक आप दूसरों को प्रभावित करने के लिए खुद में बदलाव लाते रहेंगे.

खुद को खोजिए _ वर्ना तुम ऐसे लोगों के हाथ की कठपुतली बन कर रह जाओगे _ जो खुद को भी नहीं जानते !
अगर लोग आप की तारीफ़ अचानक से शुरू कर रहे हैं, तो समझ जाइए की उनको कुछ काम लेना है ..
ऐसे लोगों से अवश्य संभल कर रहें, जो आप के सामने आप के साथ हैँ, _ और आप के पीछे आप के खिलाफ..
नफरत जलन होती है, असल में जब एक इंसान दूसरे इंसान से नफरत कर रहा होता है तो__ वास्तविकता में या तो वह उसे पा नहीं पाता, या वह उसके जैसा बन नहीं पाता है..
जब बराबरी की हर कोशिश नाकाम हो जाती है, _

_ तब आप से जलने वाले नफ़रत पर उतर आते हैं ..

फिक्र मत करो उनकी, वो तुम्हारी बुराई इसलिए कर रहे हैं, _ क्योंकि वो तुम्हारी बराबरी नहीं कर सकते,,,!!

” कोई दवा नहीं है उसके रोगों की, जो जलता है तरक्की देखकर लोगों की “

करने दो जो आपकी बुराई करते हैं,__

_ ऐसी छोटी – छोटी हरकतें छोटे लोग ही करते हैं.

कान के कच्चे लोग आपकी उन गलतियों के लिए नाराज़ रहते हैं, _

_ जो आपने कभी की ही नहीं…

मुर्ख होते हैं वो लोग, जो साधारण से काम को भी जबरदस्ती जटिल बना लेते हैं,

समझदार तो वो हैं, जो बड़े बड़े काम भी सरलता से कर लेते हैं.

जिंदगी के कुछ चैप्टर ऐसे होते हैं, जिन्हें आज नहीं तो कल बंद होना ही है…

इसलिए जो चीज़ें आपके लिए हैं ही नहीं, उन्हें ज़बरदस्ती पकड़ने से कोई फायदा नहीं है.

लोग इसलिए आपको रास्ते बदलने को कहते हैं, _ क्योंकि वो नहीं चाहते कि,

जो वो नहीं हासिल कर पाए, वो लछ्य आप हासिल कर लो.

कभी कभी आप बिना कुछ किए भी दुनिया को गलत लगते हैं, बुरे बन जाते हैं,

क्योंकि आप वो नहीं करते, जैसा लोग चाहते हैं कि आप करें.

उन लोगों के बारे में सोचना बंद कर दें _ जिनके लिए आप बिलकुल भी मायने नहीं रखते,

यकीन मानिए आप हर पल खुश रहेंगे..

दूसरों से प्रशंसा के कुछ शब्दों के लिए आपको कोई काम नहीं करना चाहिए, _

_ इसे हमेशा अपनी संतुष्टि के लिए करें..

जो लोग आपसे नफरत करते हैं, उनसे कभी बहस ना करें ; वे परजीवी की तरह हैं _

_ जो आप में से सभी सकारात्मक ऊर्जा को खत्म कर सकते हैं.

जब लोग बराबरी करने की स्थिति में नहीं होते तो जल कर और बुराई करके,

अपनी व्याकुलता कम करने की कोशिश करते हैँ.

जब कोई आपसे नफरत करने लग जाए, तो समझ लेना _

_ वो आपका मुकाबला नहीं कर सकता..

अगर आप किसी को बुरे लगते हैं तो उस से आप को दूर हो जाना चाहिए ;

आप की पचासों अच्छाइयां भी उस पर आप के लिए प्यार का काम नहीं कर सकती..

जब किसी इंसान को अपने अच्छे होने पर पछतावा होने लगे,

_ तब वो इंसान मतलबी होने पर मजबूर हो ही जाता है.!!

नफरत ही करते हैं ना लोग, _ और हमारा कर भी क्या सकते हैं..
उन्हें चिराग बुझाकर भी आजमाओ कभी, जो रोशनी में चमकते दिखते हैँ.
जो लोग दूसरों को निचा दिखाने में उलझे रहते हैं,

वो कभी ऊंचाइयों पर नहीं पहुंच पाते हैं..

अब इतनी ज्यादा समझ आ गयी है कि…

ना तो किसी के साथ बहस करने का मन करता है और ना ही ” समझाने का “

इश्क, वफाई, बेवफाई, रूसवाई पर अगर बात हो तो यहाँ कदरदान बहुत हैं,

_ लेकिन जब भी कुछ बातें इन सबसे हटकर हो तो लोग यहाँ अंजान बहुत हैं !!

जैसे जैसे आयु बढ़ती है ; आपको ये आभास होने लगता है कि आपने

व्यर्थ ही उन लोगों को महत्व दिया, जिनका आपके जीवन में कोई योगदान था ही नहीं.

नही मन करता अब किसी से बहस करने का, _ जो है जैसा है बस ठीक है..
मुझे हमेशा ख़ुशी होती है _जब मैं लोगों को अपनी इच्छानुसार जीवन जीने के लिए ईमानदारी से प्रयास करते हुए देखता हूँ.

_ जब मैं देखता हूं कि वे दुनिया को दोष नहीं दे रहे हैं और चुपचाप पूरे दिल से खुद को बदलने की कोशिश कर रहे हैं.
कुछ बातों से अनजान रहना ही अच्छा है, _ कभी- कभी

_ सभी कुछ जान लेना भी बहुत तकलीफ देता है…

खुद का ख्याल रखना सीख लो, नहीं तो जब कोई धोखा देगा,

_ तो कुछ करने लायक नहीं बचोगे.

बहुत कुछ है कहने को _ पर ना जाने क्यों _

_ अब कुछ ना कहना ही बेहतर होगा..

जितने दुख आपकाे मिल रहे हैं…

उसमें से निन्यानबे प्रतिशत आपके आविष्कार हैं.

बढ़ती उम्र आपको यह अवश्य बताएगी की _ कुछ लोगों को खो देना

_ वास्तव में _ बहुत कुछ पा लेने जैसा था.

यह वास्तव में मायने नहीं रखता कि पहले आप कौन थे,

_मायने यह रखता है कि अब आप कौन बन रहे हैं..!!

ह्रदय से अच्छे लोग बुद्धिमान होने के बाद भी धोखा खा जाते हैं, _

_ क्योंकि ये लोग दूसरों को भी,,,,, ह्रदय से अच्छे होने का विश्वास कर बैठते हैं ..

प्रायः शांत व्यक्ति विवाद से बचना चाहते हैं, इसलिए निर्णय भी नहीं लेना चाहते हैं,

_ जबकि वे सबसे अच्छा निर्णय ले सकते हैं..

जीवन में हम अपना काफी समय उनके लिए नष्ट कर देते हैं,

जिन्हें हमारी चिन्ता नहीं होती.

” कुछ लोगों के लिए आप महत्वपूर्ण नहीं हैं “

इस बात को स्वीकारिये और जीवन में आगे बढ़ते रहिए..

लोगों और परिस्थितियों से परेशान न हों,

क्योंकि आपकी प्रतिक्रिया के बिना दोनों ही शक्तिहीन हैं.

जब तक आप बुरे समय का अनुभव नहीं करते,

तब तक आप अपने जीवन के गौरवशाली दिनों को संजो नहीं सकते हैं.

ज़िन्दगी को खुली किताब ना बनाओ क्योंकि..

लोगों को पढ़ने में नहीं पन्ने फाड़ने में ज्यादा मजा आता है.

सफर में कहीं तो दगा खा गए हम..

जहां से चले थे फिर वहीँ आ गए हम…

पहचान बड़े लोगों से नहीं,

#समय पर #साथ देने वालों से होनी चाहिए !!

जरूरी नही गुनाहों की सज़ा में ही दर्द मिले,

कुछ ज्यादा अच्छाइयों के सिला भी दर्द में मिल जाया करता हैं.

उजालो में मिल ही जायेगा.. कोई ना कोई,

तलाश उसकी रखो, जो अन्धेरों में भी साथ दे..!!

कुछ लोगों से चाहे, कितनी ही बार मिल लीजिए, _

_ कितनी ही बातें कर लीजिए, कम ही लगती हैं !!

बताकर कुछ न कुछ कमियाँ निगाहों से गिराता है.

ज़माना नेक नीयत पर भी अब उंगली उठाता है….

कुछ बनना ही है तो समंदर बनो,

लोगों के पसीने छूट जायें, तुम्हारी औकात नापते- नापते..

छीनता हो जब तुम्हारा हक़ कोई उस वक़्त तो _

_ आंख से आंसू नहीं शोला निकलना चाहिए.

जितना दिखाते हो, उससे अधिक आपके पास होना चाहिए,

जितना जानते हो, उससे कम आपको बोलना चाहिए.

” शख़्सियत अच्छी होगी _ तभी लोग उस में बुराइयाँ खोजेंगे,

वरना बुरे की तरफ़ _ देखता ही कौन है “

आपकी बदनामी का धुंआ, वहीँ से उठता है ;

जहाँ आपके नाम से आग लग जाती है..

जिसे गुण की पहचान नहीं है, उसकी प्रशंसा से डरो ;

और जो गुण का जानकार है, उसके मौन से डरो..

निकले हैं वह लोग मेरी शख्सियत बिगाड़ने,

किरदार जिनके खुद के मरम्मत मांग रहे है.

वो ख़ुश हैं तुम्हारे बिना तो उन्हें ख़ुश रहने दो, _

_ तुम याद करोगे उन्हें, उन्हें इस भ्र्म में रहने दो ..

ख़ुद को दर्द दे कर भी _ तुमने बोलो क्या पाया !

जो भी देखता है, _ वो तुमको ही सुनाता है !!

एक गलती रोज़ कर रहे हैं हम,

जो मिल नहीं सकता, _ उसी पे मर रहे हैं हम !!

बिना फल वाले सूखे पेड़ पर_ कभी कोई पत्थर नहीं फैंकता.

पत्थर तो लोग उसी पेड़ पर मारते हैं _ जो फलों से लदा लदा होता है..

पेड़ों जैसी जिंदगी गुजर रही है,

फल भी खाते हैं लोग, हमसे तोड़ कर, और पत्थर भी मार देते हैं..

कभी उस चीज़ को मत छोड़ो,_ जो आप वास्तव मेँ चाहते हैं _

_ प्रतीछा करना कठिन है, लेकिन पछतावा करना अधिक कठिन है.

मनुष्य की आदत है जो सहज प्राप्त होता है उसकी कीमत नहीं समझता, _

_ जब जरा दूर हो जाए तब उसकी कीमत समझ में आती है.

” कोई भी चीज जब होती है तब उसकी कीमत पता नहीं चलती, _

_ खो जाने के बाद ढूंढते हैं, जो फिर कीमत देने पर भी नहीं मिलती “

यदि आप पर मुसीबत आती नहीं है, तो उस से सावधान रहें, _

_ लेकिन यदि मुसीबत आ जाती है तो, किसी भी तरह उस से छुटकारा पाएं..

सुख के लम्हों तक पहुंचते पहुंचते हम उन लोगों से जुदा हो जाते हैं ;_

_ जिनके साथ हमनें दुख झेल कर सुख का स्वप्न देखा था !!

सौम्य बातचीत, pleasing fragrance [मनभावन सुगंध], धुला हुआ चेहरा, व्यवस्थित बाल, acceptable standard के साफ कपड़े और चेहरे पर मासूमियत भरी प्यारी सी मुस्कान all – time hit होते हैं, _

_ निजी जीवन मे यही व्यवहार रखिए, __ पक्का सफल होंगे, _ कोई काम आपके मुताबिक न भी हो तब भी अपना प्यारा व्यवहार न बदलें ..

एक व्यक्ति जो दूसरों के साथ दया और ईमानदारी से व्यवहार करता है, और अपने अच्छे गुणों को अपने व्यवहार के माध्यम से दिखाता है,

_ वह लाभ की प्रतीक्षा नहीं करता है या जो वह प्रदान करता है उसके बदले में, वह अपने मानवीय गुणों की सच्चाई में दृढ़ है जिसे वह संजोता है.

दुनिया इतनी तेजी से बदल रही है कि _ अगर हम किसी एक ही नजरिए का दामन थामे रहेंगे,

_ तो आगे नहीं बढ़ सकते..

आप को क्यों लगता है कि ..हर कोई आप को अच्छा ही समझे ?

_ हर कोई आप की बात का सही मतलब ही निकाले ?

_ ये दुनिया जितनी बड़ी है, उतनी ही लोगों की सोचने-समझने की छमता भी अलग-अलग है.

_ आप मत पड़ो इस फेरे में कि कोई आप को क्या समझ रहा है,

_ जैसे हो वैसे ही ठीक हो आप..!!

वे हर चीज़ से असंतुष्ट हैं.

_ लेकिन वे चाहते सब कुछ हैं और घर बैठे..
_ कुछ पाने के लिए बहुत प्रयास करने पड़ते हैं.
_ लोगों से काम निकलवाने के लिए उनके काम भी आना पड़ता है..
_ पर यह वह नहीं कर सकते.
_ दूसरों के काम के वक़्त वे बिजी हो जाते हैं.
_ किसी को कुछ देना हो तो वे निर्धन बन जाते हैं.
_ औरों के सुख-दुःख में शरीक नहीं होंगे तो ..आपके काम कौन आएगा !
_ फिर रोयेंगे हाय !
_ ध्यान रखो कि यह दुनिया अन्योन्याश्रित [interdependent] है.
_ आप दूसरों के काम आओ ..दूसरे आपके काम आयेंगे.
_ कुछ नहीं करोगे तो ..आपकी संतान भी आपके काम नहीं आएगी..!!
अच्छे दिन के आने कि आस में ना जाने हम कितने अच्छे दिनों को गंवा बैठे हैं,

_ क्या आपने कभी महसूस किया है कि हम कभी कभी बेफिजूल के दुखी रहते हैं ?

” गुणवत्ता की कसौटी बनें ” कुछ लोंग ऐसे वातावरण के

_ अभ्यस्त नहीं होते जहां उत्कृष्टता अपेक्षित होती है ..

अव्यवस्था एक ऐसा हथियार है, _जिसका इस्तेमाल _हम खुद को नुकसान पहुंचाने के लिए करते हैं.

Clutter is a weapon we use to harm ourselves.

आप अलग तरह से चमकते हैं _ जब आपका आत्मविश्वास दूसरों से मान्यता के बजाय _ खुद पर विश्वास से भर जाता है.

You glow differently when your confidence is fuelled by belief in yourself instead of validation from others.

छह महीने की निरंतरता, व्यायाम, ध्यान, स्वस्थ भोजन करना और नए कौशल सीखना,

_ आपको मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से पूरी तरह से अलग जगह पर ले जाएगा..

Six months of consistency, exercising, meditating, eating healthily, and learning new skills, will take you to a completely different place mentally, physically and financially.

कई ऐसी आदतें हैं जो मुझे बहुत पहले छोड़ देनी चाहिए थी, पर कहते हैं ना जब तक ठोकर नहीं मिलती इंसान नहीं बदलता.

अब जब ज़िन्दगी समझ आ रही है तो ऐसी बहुत सी रोज़ की आदतें हैं जो मैंने पीछे छोड़ दी हैं.
1. ऊंची आवाज़ में बात करना।
2. बिना पूंछे अपने सुझाव देना।
3. पूरी बात सुने बिना ही जवाब देना।
4. जरूरत से ज्यादा मुंह चलाना
5. हर किसी से अपना दुख रोना।
6. बहाने बनाना।
7. अपने अफसोस।
8. दिखावा।
9. बस अपने आप को सच साबित करना।
10. बिना किसी ज्ञान के अपने आपको ज्ञानी बताना।
11. झूठा घमंड।
12. डर ( किसी जानवर से हो, या इंटरव्यू में जाने से, झूठ पकड़े जाना हो)
13. झूठ बोलना।
ये सारी आदतें पढ़ने में लगेगा, है क्या, इनको छोड़ना कौन सी बड़ी बात है, मुझे भी ऐसा ही लगा था , पर जब मैंने इन सारी आदतों को छोड़ने की कोशिश शुरू की , तब समझ में आया कि इन सारी आदतों ने मेरा बहुत कुछ सही होते हुए भी गलत करवाया है,
ये सारी आदतें छोड़ने की कोशिश करिए, आपको खुद में बदलाव समझ में आने लगेगा। भरोसा करिए। और आदतों को बदलना तभी आसान होगा जब आप खुद उन्हें बदलना चाहेंगे, वरना आदत नहीं छूटेगी आप कुछ भी कर लें।
एक बहुत बड़ी गंदी आदत है जो छोड़ना है, इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन “आलस”। आज का काम कल पर टालना। पूरी कोशिश कर रहा हूं, इसे सुधारने की.

ज्ञान कि बूंदें – 2021

ज्ञान कि बूंदें हमारे ऊपर अभी गिरनी चाहिए – अभी मतलब जब हम जवान हैं, स्वस्थ हैं और एक लम्बा जीवन हमारे सामने पड़ा है,

और यह ज्ञान बूँदों के तौर पर नहीं, बल्कि हमारे ऊपर बारिश के रूप में गिरना चाहिए.

गहरा ज्ञान समझ में परिवर्तित होकर ज्ञान बन जाता है.

_ बुद्धि (wisdom) जीवन का सार है.!!

ज्ञानी का असली नूर उसके चेहरे पर चमकता है.!!
बुद्धि और ज्ञान किसी उम्र के मोहतज नहीं.

_ यौवन और सौंदर्य ज़रूर उम्र के मोहताज हैं.!!
एक बार जो व्यक्ति ज्ञान का प्रकाश देख लेता है,

_ वह फिर कभी अंधेरों में नहीं लौटता.!!

जब आपको यह ज्ञान हो जाएगा कि भौतिकता में रमे रहना ही जीवन का लक्ष्य नहीं है,, तब आप अधिक खुश रहना सीख जाएंगे.!!
जब आप अज्ञानता की ढाल को हटा देते हैं, तो आपका जीवन बहुत अलग हो जाएगा ;

_क्योंकि आप अपने मन की क्षमता का पता लगा लेते हैं.!

_ जैसे-जैसे ज्ञान का प्रकाश आता है, अंधकार दूर हो जाता है.

जो अज्ञान के अंधकार से जाग जाता है,

_उसके लिए संसार लुप्त हो जाता है.!!

आपके शब्द आपके जीवन पर राज करते हैं;

_यदि आपका मतलब वही है _जो आपने कहा है, _तो प्रत्येक शब्द पास हो जाएगा.!!

_ आप जो कहते हैं वह आपको मिलता है..

अपने आप से वादा करें कि आप जितनी बार संभव हो सके..

_स्वास्थ्य, ज्ञान, खुशी और समृद्धि के बारे में बात करेंगे..!!

जिनके पास अपना कोई आधार नहीं होता, वे ही दूसरों के गुणों को दरकिनार कर उसकी कमजोरी को उभारते हैं, उसके जैसा बनना वे सोच भी नहीं सकते ;

_ज्ञान ही है जिससे इंसान दूसरों को मात दे सकता है..!!

ज्ञान की कोई उम्र नहीं होती, कोई 25 साल की उम्र में भी बुद्धिमान हो सकता है और कोई 50 साल की उम्र तक भी समझदार न बन सके.
ज्ञान सदैव अज्ञान में लिपटा रहता है ; _जिन शिक्षकों से हम मिलते हैं, _उनसे हम क्या सीखते हैं और क्या नहीं, _यह जानना हमारी जिम्मेदारी है..!!
थोड़ा-सा ज्ञान जो काम में आता है, वह बहुत अधिक बेकार ज्ञान से कहीं अधिक मूल्यवान है.

A little knowledge that acts is worth infinitely more than much knowledge that is idle.-Khalil Gibran

चाहे कैसा भी महसूस हो, किसी भी ज्ञान से वंचित रहना अच्छा नहीं है.

Regardless of how it feels, it’s not good to remain void of any knowledge. – Tara Westover

महान आत्मा स्वयं को ज्ञान और मित्रता में व्यस्त रखती है.

The noble soul occupies itself with wisdom and friendship.

समझ ज्ञान से गहरी होती है, _  ऐसे बहुत से लोग हैं जो आपको जानते हैं, लेकिन बहुत कम लोग हैं जो आपको समझते हैं.

Understanding is deeper than knowledge. There are many people who know you, but little people who understand you.

ज्ञान सागर से गहरा और आकाश से भी व्यापक है, ; सीखने के लिए हमेशा बहुत कुछ होता है, ; इसलिए हमेशा नई चीजें सीखने के लिए अपने दिमाग को खुला रखें और आप पाएंगे कि आप हर रोज कल से ज्यादा समझदार होते जा रहे हैं.

Knowledge is deeper than the ocean and wider than the sky. There is always so much to learn. So always keep your mind open to learn new things and you will find yourself everyday becoming wiser than yesterday.

सामान्य ज्ञान कोई उपहार नहीं है, यह एक सज़ा है. _क्योंकि आपको हर उस व्यक्ति से निपटना होगा जिसके पास यह नहीं है.

Common sense is not a gift, it’s a punishment. Because you have to deal with everyone who doesn’t have it.

जीवन में कहीं एक मोड़ आता है, जो मनुष्य को उसके सामान्य जीवन से हटा कर एक नये दृष्टिकोण, एक नयी दिशा कि ओर ले जाता है, _ चाहे वह ज्ञान के रूप में क्यों न हो.
आपके पास जितना अधिक ज्ञान है, आपको उतना ही अधिक विनम्र होना चाहिए.

_ लेकिन दुख की बात है कि आज जो लोग कम जानते हैं, वे सोचते हैं कि वे सब कुछ जानते हैं.

रीडिंग हैबिट डेवलप करें यानी रोज़ाना कोई अच्छी क़िताब, अच्छा साहित्य ज़रूर पढ़ें._

_ यह न स़िर्फ आपका ज्ञान बढ़ाएगा, बल्कि आपको सकारात्मक बनाकर रचनात्मकता भी बढ़ाएगा.

ज्ञान की जड़े कड़वी होती हैं _ लेकिन इसके फल बहुत मीठे होते हैं..

” बिना ज्ञान के जीवन _ _ एक बीमार व्यक्ति के भांति होता है..

अच्छे और भले लोग दिल को खुशी देते हैं, पर बुरे और गलत लोग दिमाग को उपजाऊ बनाते हैं.

_ खुशी पाना अच्छी बात है, लेकिन दिमाग को दौड़ाना है तो हर बुरे को अपने नज़दीक आने दो.
_ कुछ गलत लोग आपके जीवन में आएँगे, तभी न आप ज्ञानी बन पाएँगे.
सब अच्छा हों तो मैं खुश रहूँगा…
_ ज्ञानी कहते हैं.. तुम खुश रहो तो सब अच्छा होगा.!!
यदि आपके पास ज्ञान है तो उससे आप अपने पास की व्याख्या मत करिये, _

_ इससे अपना भविष्य और भी बेहतर बनाइये ..

किसी स्थिति पर ज्ञान देना बहुत आसान होता है,

_ लेकिन जिस पर बीतती है.. उसे ही असल स्थिति का अंदाजा होता है..!!

मासूमियत और अज्ञानता वरदान है.

_ सच, अज्ञानता कभी-कभी बहुत बड़ा वरदान साबित होती है.!!

गुणवानों को भी निज स्वरुप का ज्ञान दूसरे से ही होता है.

_ आँख अपनी सुन्दरता का दर्शन दर्पण में ही कर सकती है.

दूसरों को समझना बेशक बुद्धिमानी हो सकती है,

_ मगर खुद को समझना ही जिंदगी का असली ज्ञान है.

ज्ञानी अपने नकाब उतार कर खुद ही फ़ेंक देते हैं,

_ जबकि अज्ञानियों के नकाब दूसरों को उतारने पड़ते हैं..!!

ज्ञानी इंसान को पता है कि यहां स्थाई कुछ भी नहीं है,

इसलिए उसे जीवन में किसी के आने या चले जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता..!!

ज्ञान के बाद _ मौन, मेहनत दोनों ही आते हैं,,, _ किसी को समझाने से कहीं अच्छा है अपने काम पर लगो,,, वक़्त आने पर सब समझ जाते हैं.
विरोध हमेशा ज्ञानी का और सफलता का होता है, _ इसके अलावा किसी चीज का नहीं होता.
” सच्चा ज्ञान ” – जिन विचारों से आपका अन्तःकरण और आपकी बुद्धि, आपका ह्रदय पूरी तरह समर्थन देता हुआ आनन्दित होता हो.
हमारा ज्ञान इतना तो अवश्य ही होना चाहिए कि उस ज्ञान से हम एक स्वस्थ जीवन को जी सकें.

ज्ञान अपने आप में पूर्ण नहीं है, _ यह तो पूर्णता को प्राप्त करने का एक साधन मात्र है.

ज्ञान एक ऐसा निवेश है, _ इसका मुनाफा हमारे जीवन के अंत तक भी मिलता रहता है.
यदि आपका ज्ञान आपको अपनी कमजोरी और दुख से ऊपर उठकर सही रास्ते पर नहीं ले जाना सिखाता है, तो आप वास्तव में कम मूल्य के व्यक्ति हैं.
हम किसी भी व्यक्ति का मूल्यांकन _उसके बारे में हमारे पास जितना ज्ञान है _उसी से करते हैं, और हमारा ज्ञान कितना छोटा है.!!
ज्ञान का महत्व तभी हो सकता है, जब आचरण मे हो, _ अन्यथा उसका क्या महत्व.
ख़ुद को बहुत ज्ञानी साबित करने के लिए बेवजह दूसरों को सलाह न दें.
” हमारा ज्ञान अज्ञान के एक महान महासागर में एक छोटा सा द्वीप है “
जहाँ ज्ञान नहीं होगा, _वहां होंगी बचकानी बातें मूर्खता की, भ्रम की, अंधविश्वास की..!!
ज्ञानी व्यक्ति अपने निर्णय स्वयं लेता है, _अज्ञानी व्यक्ति दूसरों का अनुसरण करता है !!
ज्ञान में निवेश _ हमेशा सबसे अच्छा ब्याज देता है..
ज्ञान सभी कामों में सुधार लाना सिखाता है !!
ज्ञान जानने में नहीं, _ वैसा बनने में है..
लिखी हुई बातें आवाज नहीं करती _ पर असर बहुत करती हैं !!
अच्छा लिखना ही शानदार नहीं होता साहब, पढ़ने वाले भी समझदार होने चाहिए …!!
प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने आत्महित एवमं स्वार्थ के बारे में ही सोचता है, इसीलिए स्वयं बलवान बनें, कोई साथ नहीं देगा…!!!
जिंदगी बहुत छोटी है, _ इसलिए अपना समय उन लोगों के साथ बर्बाद न करें जो आपकी सराहना या महत्व नहीं देते हैं..
” मधुमक्खी मक्खियों को यह समझाने में अपना समय बर्बाद नहीं करती हैं कि शहद गंदगी से बेहतर है “
हमेशा नैतिकता से बात करें _ क्योंकि इंसान पर ज्यादातर मुसीबतें उसकी जुबान की वजह से आती हैं.
दिमाग में हो रही उथल पुथल _ आप के साथ भविष्य में होने वाले नुकसान का एक संकेत है.
जीवन की इस यात्रा में आपको दूसरों से ज्यादा अपने – आप की जरुरत है.
कोशिश करो और असफल हो जाओ _ लेकिन कोशिश करने से मत चूको..
अपनी कामयाबी को इससे मापो कि उसे पाने के लिए तुमने क्या खोया है !
अपने अतीत को लेकर शांत रहें _ जो हो गया सो हो गया _ अब ऐसा करें कि ” वर्तमान खराब न हो “
अगर आपके बेवजह दुश्मन हैं तो आप के पास या तो सम्पत्ति ज़्यादा है या आपका किरदार ख़ूबसूरत है.
अपनी सुविधाओं का दुरुपयोग न करें, _ क्योंकि इसका परिणाम आपको खुद भुगतना पड़ सकता है.
कुछ वक़्त अच्छा गुज़ारने के लिए _ अपनी ज़िन्दगी को दांव पर मत लगाइये..!!
जिस चीज़ को आप कमा सकते हैं, उसे मांग कर _ अपनी वैल्यू _ कम करने की _ कोई जरुरत नहीं..
व्यक्ति में इतनी ताकत हमेशा होनी चाहिए, _ कि अपने दुःख, अपने संघर्षों से अकेले जूझ सके..
“लम्बी छलांगों से कहीं बेहतर है निरन्तर कदम, _ जो एक दिन आपको मंज़िल तक ले जाएगा”
आप आज जिसकी कदर नहीं कर रहे हो,_ यकीन मानो कुछ लोग उसको दुआओं में मांग रहे हैं..
बस एक मोड़ ग़लत मुड़ गया था _ फिर ना मंज़िल मिली और ना वापिस घर आया !!
लोग पहले ___ अच्छे हुआ करते थे ; लेकिन अब लोग अच्छे बनते हैं : फर्क है ना,, जनाब..
ज़रूरत से ज़्यादा सोच कर हम ऐसी समस्याएं खड़ी कर लेते हैं _ जो असल में है भी नहीं..
जो आपको पसंद नहीं है, उसके विषय में सोच विचार कर एक पल भी नष्ट न कीजिऐ !
हारने वालों का भी अपना रुतबा होता है _ मलाल वो करे जो दौड़ में शामिल नहीं !!
ज़िंदगी में कोई न कोई हार ऐसी होती है, _ जिस के बाद कुछ भी हारने को नहीं बचता..
ज़िन्दगी की हकीकत बस इतनी सी है, _ कि इंसान पल भर में याद बन जाता है..
खुद यकीन नहीं होता जिनको अपनी मंजिल का, _ उनको राह के पत्थर रास्ते नहीं देते..
उस सुख का क्या महत्व, जो थोड़ी- बहुत वेदना का अनुभव किए बिना ही मिला हो ?
तराशने वाले पत्थरों को भी तराश देते हैं, और नासमझ हीरे को भी पत्थर करार देते हैं.
पहाड़ पर चढ़ो ताकि तुम दुनिया देख सको, इसलिए नहीं कि दुनिया तुम्हें देख सके.
लोग जो कहते हैं उस पर कम ध्यान दें _ और जो वे करते हैं उस पर अधिक ध्यान दें.
नासमझी और उतावलेपन में, उठाये कदम, कलम और कसम, तकलीफ ही देते हैं.
पहाड़ रुका रहा और नदी बह चली, _ दोनों ने कभी _ एक दूसरे की शिकायत नहीं की..
इरादे इतने भी कमजोर नहीं होने चाहिए कि _ लोगों की बातों में आ कर टूट जाए !!
दर्द को भी ताक़त बनाना पड़ता है, जब भी ज़िंदगी में कुछ हासिल करना पड़ता है.
दर्द की ज़ुबान होती तो बता देते शायद, वो ज़ख्म कैसे दिखाएं जो दिखते नहीं..
शरीफ़ व्यक्ति जब बदमाशी पर उतर जाता है ; तो फिर वो किसी से नहीं हारता..
सम्भवतः कोई नहीं देख सकेगा _ लेकिन दुःख तुम्हें _ भीतर से सुंदर कर देता है…
न अमीर खुश है न गरीब खुश है, जो रिलैक्स रहने का हुनर जानता है वही खुश है.
जब हकीकतों की हवा चलती है, तो ख़्वाबों के चिराग अक्सर बुझ जाया करते हैं.
जो आपके सुख में सुखी नहीं हुआ, वह आपके दुख में दुखी कैसे हो सकता है ?
यदि आप कुछ भी जोखिम नहीं लेते हैं, _ आप सब कुछ जोखिम में डालते हैं..
काटने जाओ तो जिंदगी बहुत लंबी है, और जो जीने जाओ तो बहुत छोटी है..
बोलने से पहले यह देख लें कि आप सिक्के के दोनों पहलू देख रहे हैं या नहीं.
सही दिशा में उठाया गया एक छोटा कदम भी बहुत बड़ा साबित होता है.!
लोगों की बातें सुनें, _ लेकिन अपने स्वतंत्र विचारों के आधार पर निर्णय लें !
अपने लक्ष्यों पर ध्यान दें, _ दूसरों के जीवन पर नहीं …
मिलती नहीं मेरी तबियत किसी से, कुसूर मेरा है…शख्स कोई बुरा नहीं..
जीवन खेल है ! जिसे समझना मुश्किल है ,,,,? और समझाना नामुमकिन !
सिर्फ़ कुछ खोकर ही _ बहुत कुछ खोने के दुःख से बचा जा सकता है.
कोई चीज अजीब तब तक है जब तक हम उसे अजीब समझें… नही तो !
बुद्धिमान के पास परेशानी नही प्लान होता है जिससे वह सफल होता है.
आप जिसे बल से नहीं हरा सकते, उसे बुद्धि से अवश्य हरा सकते हो !!
शांत मन से लिया गया हर निर्णय,_ आप को सही परिणाम देता है !
बात बस नज़रिये की है ; काफी अकेला हूँ, _ या अकेला काफी हूँ..
जिसका उदय होना निश्चित है, उसके लिए प्रकृति भी रास्ता बना देती है.
*हमारे बारे में वो लोग ज्यादा जानते हैं*, *जिने हम खुद भी नही जानते*
देर लगती है मगर समझ आ जाता है, _ कौन कैसा है नज़र आ जाता है ..
समस्याओं पर मानसिक बहस करने की बजाय समाधान पर जोर दीजिए.
अगर आप सदैव दुःखी रहते हैं तो _ वह दुःख आपका चुना हुआ होता है.
खोई हुई चीज़ को याद मत करो और जो मिला है ” उसे बर्बाद मत करो “
अगर आपके ख्वाब बड़े हैं तो _ आपके संघर्ष कैसे छोटे हो सकते हैं.
मनुष्य को अपने ऊपर ही विश्वास नहीं है कि वह सुखी जीवन जी लेगा.
दूसरों पर निर्भर रहना बंद करें, _ आत्म – विश्वसनीय होना शुरू करें !
अपने बीते हुए कल को_ _ अपने आज का ज्यादा समय न लेने दें.
लोगों को अपनी योजना न बताएं, _ उन्हें अपने परिणाम दिखाएं.
लोग जलते रहेंगे आग की तरह, _ तुम खिलते रहो गुलाब की तरह..
” मूर्ख बुद्धिमान व्यक्ति की बंधी हुई गांठ को नहीं खोल सकता “
भविष्य उनका है _ जो अपने सपनों की सुंदरता में विश्वास करते हैं.
ग़म ख़ुशी साथ साथ रहते हैं, _ हमको हर हाल ये समझना है !
वे अड़े रहे नफरत करने में, _ हम ध्यान दे रहे हैं आसमान छूने में !
लहजे कितनी देर तक मीठे रखने हैं, _ ये जरुरत तय करती है .!!
ढूंढो तो सुकून सिर्फ खुद में है, _ दूसरों में सिर्फ उलझने मिलेंगी …
रास्ता एक बार भूलने की बजाए, _ दो बार पूछकर चलना बेहतर है..
अन्तरदृष्टि रखने वाले व्यक्ति को, _ अपनी कीमत मालूम होती है.
अपनी औकात हम खुद तय करते हैं, _ लोग तो सिर्फ़ हमें बताते हैं.
किसी को बर्बाद करने की सोच _ आप की बर्बादी के लिए काफी है..
बुरे से बुरा क्या हो जायेगा _ चलो जो भी होगा _ देखा जायेगा..
किसी व्यक्ति को उसके उत्तरों के बजाय उसके प्रश्नों से आंकें..
साथ ठहरना भी आना चाहिए, चलने के लिए तो सब तैयार हैं.
संघर्ष जितना बड़ा होगा, _ समझदारी उतनी ही बेहतर होगी.
जिंदगी चैन से गुज़र जाए, अगर कुछ बातें ज़हन से उतर जाए..
खफा हैं सब मेरे लहजे से, पर मेरे हाल से वाकिफ़ कोई नहीं !
जीत कर हम वो नहीं सीख सकते, जो हार कर सिख जाते हैं..
मंज़िल को ख़बर ही नहीं, सफ़र ने क्या क्या छीना है हमसे…
जिसे हम स्वीकार कर लेते हैं, उसके हम ” पार ” हो जाते हैं.
लोगों के मुंह बंद करने से अच्छा है, अपने कान बंद कर लो.
“बल का प्रयोग करने वाला व्यक्ति तर्क करने से डरता है” !!
सकून में इसलिए हूं क्योंकि, धोखा खाया कभी दिया नहीं ..
मज़बूत किरदार के लोग, शिकायतें नहीं फैसला करते हैं..
अच्छा जरूर बनें मगर, साबित करने की कोशिश ना करें.
परेशानी हालात से कम _ ख्यालात से ज्यादा होती है !
जिनकी सबसे बनती है.. वो भरोसे लायक नहीं होते !!!
गलत लोगों से नजदीकी….कम ही रखनी चाहिए..
मतलबी लोगों से फासले ही ठीक रहते हैं ..!!
दुनिया की सबसे बड़ी संपत्ति आपकी मानसिकता है.
जो हम सोच सकते हैं, _ वह हम कर भी सकते हैं.
बड़ी मंज़िल के राहगीर, _ छोटे दिल नहीं रखते .!
दूसरों को महंगा करोगे तो खुद सस्ते हो जाओगे…
दुनिया चुप रहती कब है, कहने दो जो कहती है !
ज्यादा बात करने वाले कुछ नहीं कर पाते _ और कुछ कर दिखाने वाले ज्यादा बात नहीं करते !!
हुजूम के साथ गलत रास्ते पर चलने से बेहतर है कि दुरुस्त रास्ते पर तन्हा सफर किया जाए !!
अपने आप कुछ नहीं होगा, _ जीतने के लिए आपको थोड़ा तो लड़ना पड़ेगा..
कुछ चीजें पैसो से नहीं मिलती और मुझे उन्हीं चीजों का शौक है..
बातें मैं बहुत करता हूँ, _ मगर बहुत कम लोगों से..

  • ” लोगो से कम बात करो और सुखी रहो. “
जिंदगी काटने को निकले थे, _ जिंदगी काट खा गई हमको ..
शरारत करो साजिशें नहीं, _ हम शरीफ हैँ पर उतने नहीं .!
एक छोटे से नमूने से पूरी वस्तु की परख की जा सकती है.
बहुत कुछ हासिल करने में, _ कितना कुछ छूट जाता है..
मजबूरी की स्थिति आने से पहले परिवर्तन कर लो ..
” शौक पूरे होने चाहिए लेकिन खुद के पैसे से “
जल्दबाज़ी बंद करो, _ धैर्य रखना शुरू करें !
कर्म वो करो जो करना ही फल लगे..

मुझे जिंदा रहने दिया जाए ! – 2020

जिस तरह आप किसी मामूली चीज़ को हासिल करने के लिए कोई कीमती चीज़ जाया नहीं करते,

उसी तरह दुनिया के पीछे अपनी अहमियत को ज़ाया न करो…

कभी-कभी आपके दिल को उस चीज़ को स्वीकार करने के लिए अधिक समय की आवश्यकता होती है _जिसे आपका दिमाग पहले से जानता है..!!
उन चीजों पर ध्यान केन्द्रित न करें जिन्हें आप बदल नहीं सकते ; वह समय बेकार करने वाला काम है.

Don’t dwell on things you can’t change. Its a waste of time.

उस व्यक्ति के अतीत [ past ] को सामने न लाएँ, जो अपना भविष्य सुधारने का प्रयास कर रहा है.

Don’t bring up the past of a person who is trying to improve their future.

आखिरकार मरना ही तो है उस डर से जीना कैसे छोड़ दें ?

After all we have to die, how can we stop living with that fear ?

” यदि आप निराश है तो आप अतीत में रह रहे हैं,

अगर आप चिंतित है तो आप भविष्य में रह रहे हैं, _ यदि आप शांतचित है तो ही आप वर्तमान में रह रहे हैं !”

हताशा में कुछ न करें, __ धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करें, _ इसे आप में धीरे से बढ़ने दें..
हर वह चीज जो आप से किसी भी रूप में जुडती है वह आपको कुछ न कुछ सिख अवश्य देती है,

यह आपके ऊपर है कि आप किस चीज से क्या सीखते एवं समझते हैं.

ज़िन्दगी के 3 आसान नियम- 1. जो आप चाहते हो उसके पीछे नहीं भागोगे तो मंज़िल नहीं मिलेगी.

2. अगर आप कभी पूछोगे नहीं तो जवाब हमेशा “ना” ही रहेगा.

3. अगर आगे नहीं बढ़ोगे तो जहाँ थे, वहीँ रह जाओगे !!

हमारे जीवन में, एक समय ऐसा भी आता है _ जब हमे ये तय करना बहुत जरूरी हो जाता है कि…

अब पन्ने पलटना है या किताब बन्द करना है.

पेड़ की अपनी पीड़ा है _ पत्तो की अपनी

पेड़ से झड़ कर सूख गए पत्ते आवाज बहुत करते हैं _ उनकी पीड़ा अधिक है

_ क्योंकि वो जानते हैं पेड़ पर तो फिर से पत्ते आ जायेंगे

लेकिन सूखे पत्तों को कोई पेड़ नही अपनाता..

मुझमें और किस्मत में हर बार बस यही जंग रही,

मैं उसके फैसलों से तंग _ वो मेरे हौसले से दंग रही.

रास्ता कठिन होगा _ देखने से लगता है, _

गर करोगे हिम्मत _ तो मंज़िलें पुकारेंगी !!

थोड़ी फ़िकर … थोड़ी कदर _ कभी – कभी खेऱो – ख़बर,

इन दवाओं में होता है, बड़ा असर..

छोटी सी वार्तालाप भी एक बुद्धिमान व्यक्ति के साथ _

_ आप की कई सालों की पढ़ाई के बराबर होती है.

ख़ून जिसका भी हो रंग सबका एक ही है,_

_ कैसे पता लगाया जाये _ बेगाना कौन है और अपना कौन है…!!

जब आप जीना सीख जाते हैं, _तो आप जीने के लिए बहुत बूढ़े हो जाते हैं.

When you learn how to live, you are too old to live.

सोच कर करने वाला शोभता है, _ करने के पहले सोचने वाला बुद्धिमान है,

करने के समय सोचने वाला सतर्क है, _ करने के बाद सोचने वाला मूर्ख है.

*गप से बचना* – लोगों को गपशप के ज़रिए अपने पर हावी मत होने दीजिए,

जब तक आप उनसे छुटकारा पाएंगे, आप बहुत थक चुके होंगे

और दूसरों की चुगली-निंदा से आपके दिमाग में कहीं न कहीं ज़हर भर चुका होगा.

और जो मैंने पाया है वह यह कि बहोत बातचीत करना, बहोत गपशप करना, केवल एक बाधा है, _ लोगों को उनकी बातों के लिए याद रखना कितनी बेवकूफी लगती है, __

_ शब्दों को जानना और जो हम सुनते हैं वह अक्सर भ्रामक होता है, _ यह दूसरों को बेवकूफ बना रहा है और खुद को बेवकूफ बना रहा है.

निंदा के लायक शायद बहुत लोग हैं, पर निंदा करना अपना ही समय ख़राब करना है न ?

जितनी देर बुराई करी उतनी देर में कुछ सार्थक ही कर लिया होता,

कुछ सुंदर ही कर लिया होता, तो तुम्हारा दिन कितना अलग होता _ कभी सोचना !

कहते हैं कुछ पाने के लिए, बहुत कुछ खोना पड़ता है…

…मैंने तो बहुत कुछ पाया है ; इसलिए शायद मैंने बहुत कुछ नहीं ” सब कुछ खोया है “

माना की औरों के मुकाबले कुछ ज्यादा पाया नहीं मैंने,

पर ख़ुद गिरता – संभलता रहा, किसी को गिराया नहीं मैंने..

मायने ये नहीं कि आपके पीछे कितनी भीड़ है,

मायने तो ये है कि आप भीड़ से कितने अलग हैं…!!

जिस किसी वृछ को आकाश छुना हो,

उसकी जड़ों को पाताल छुना होता है..

कोई बेहतरीन की तलाश में है _ और कोई बेहतर पा कर भी

_ और बेहतर की तलाश में है !!

जो जहाँ है, जैसा है, अगर वहीँ सुखी नहीं है तो, तो फिर वो कहीं भी, सुखी नहीं हो सकता.

और जो जहाँ है, जैसा है, वहीँ सुखी है तो, वो कहीं भी सुखी हो सकता है.

-“प्रत्येक मनुष्य अपने दिन उसी काम में गुज़ारे जिसमें उसकी कुशलता सबसे अधिक हो.”

क्या कहूं क्या- क्या मुझे कुछ सहना पड़ा है,

रहना नहीं था साथ जिसके रहना पड़ा है..

शब्द गिरा देते हैं एहसासों की क़ीमत,

एहसासों को शब्दों में न ढाला करे कोई.

बुरे इंसान को अच्छी बातें बताने से _ आप उसकी नजर में बुरे बन जायेंगे,

इससे अच्छा है कि _ उससे बेकार बातें ही करें.

गलत सही मे बहुत मत उलझा कीजिये …

जो अच्छा लगे वही किया कीजिये…!

न शिकायत किसी से…..ना किसी से अनबन है,

बस अब जिंदगी में थोड़ा…… अकेले चलने का मन है !!

कभी कभी हमें पता नहीं होता कि दांव पर क्या लगा है,

हारने के बाद एहसास होता है कि बहुत कुछ हार गए.

कोई तो होगा इस जहां में _ जो मेरी सुने और अपनी सुनाए _

_ बीच में वो और किसी को ना लाए..

कोशिश आखिरी सांस तक करनी चाहिए, क्योंकि

मंजिल मिले या तजुर्बा दोनों ही नायाब हैं.

कुछ उलझनों के हल, वक़्त पे छोड़ देने चाहिए…!!

बेशक जवाब देर से मिलेंगे, लेकिन बेहतरीन होंगे…!!

ज़रूरी नहीं कि हमें हर बार दूसरा मौक़ा मिले ही मिले..

_ कुछ चीज़ें पहली बार में ही ख़त्म हो जाती हैं.!!

नहीं ज़रूरत है किसी के झूठे दिलासे की जनाब, _

_ कामयाबी पाने वाले खुद और खुदा पे विश्वास रखते हैं..

इतनी ठोकरे देने के लिए शुक्रिया ए-ज़िन्दगी, _

_ चलने का न सही सम्भलने का हुनर तो आ ही गया..

धूप बहुत काम आई कामयाबी के सफर में,

छाँव में अगर होते… तो सो गए होते.

अकेले ही तय करने होते हैं कुछ सफ़र,

ज़िन्दगी के हर सफ़र में हमसफ़र नहीं होते.

जितना ही लोगों के बारे में जानोगे,

उतना ही ” एकांत ” तुम्हे प्रिय लगने लगेगा.

जब आप किसी को तकलीफ़ से निकालने का प्रयास करते हैं

तो कुदरत आपकी तकलीफ़ें दूर कर देती है.

बदला मत लिया करो…

सब रब पर छोड़ दिया करो….. ज़नाब;

ये दुनिया जादू का अजब खिलौना है,

मिल जाए तो मिटटी है, खो जाए तो सोना है…

सादगी से महंगा कोई गहना नहीं शायद,

इसलिए हर किसी ने इसे पहना नहीं..

मुकद्दर को भी बड़े हल्के में लिया है लोगों ने यहां,

थकते पैर हैं लकीरें हाथों की दिखाई जाती है.

क्यों चाहते हो बनना मुक़द्दर का सिकंदर,

क्या तुमने सिकंदर का मुक़द्दर नहीं देखा..

निकले थे घर से मंज़िलो का शौक लेकर ।

ए जिन्दगी तूने तो हमे मुसाफ़िर बना दिया ।।

तहज़ीब, अदब और सलीका भी तो कुछ है..!

झुकता हुआ हर शख्स _ बेचारा नहीं होता..!!

यूं ही न अपने मिज़ाज को चिड़चिड़ा कीजिये, _

_ कोई बात छोटी करे तो दिल बड़ा कीजिये…

जिस राह पर मुश्किलों का बहाव होगा _

_ उसी राह पर चलकर _ आपकी ज़िंदगी में बदलाव होगा.

“यही जिंदगी है”

_ कभी खुशी से नींद नहीं आती, कभी गम में हम सो नही पाते,
_ कभी खुशी के मारे खाना खाया नहीं जाता, कभी दुःख से अनाज निगल नहीं पाते !!
“इसी का नाम जिंदगी है.”
कुछ ऐसे होते हैं (((( हां होते हैं )))

_ जिनके न होने से _ जीवन में कुछ कम हो जाता है..

एक खाली स्थान ………….. जिसे कोई नहीं भर सकता !!

दर्द को झेलने के तरीके दिए जाएं,

मैं अगर जिंदा हूँ तो _ मुझे जिंदा रहने दिया जाए,

मैं कौन हूँ, मैं क्यूँ हूँ की लड़ाई में _ मैं हर रोज खुद से लड़ता हूँ,

ऐ जिंदगी मुझे _ अब दो पल का सुकून दिया जाए..

मैं धीरे-धीरे सीख रहा हूँ कि…

मुझे हर उस बात पर प्रतिक्रिया नहीं देना चाहिए जो मुझे चिंतित करती है..
मैं धीरे-धीरे सीख रहा हूँ कि…
जिन्होंने मुझे चोट दी है मुझे उन्हें चोट भी नहीं देनी है..
मैं धीरे-धीरे सीख रहा हूँ कि…
शायद सबसे बड़ी समझदारी का लक्षण भिड़ जाने के बजाय अलग हट जाने में है….
मैं धीरे-धीरे ये भी सीख रहा हूँ कि…
अपने साथ हुए प्रत्येक बुरे बर्ताव पर प्रतिक्रिया करने में आपकी जो ऊर्जा खर्च होती है वह आपको खाली कर देती है और आपको दूसरी अच्छी चीजों को देखने से रोक देती है…
मैं धीरे-धीरे सीख रहा हूँ कि…
मैं हर आदमी से वैसा व्यवहार नहीं पा सकूंगा जिसकी मैं अपेक्षा करता हूँ….
मैं धीरे-धीरे सीख रहा हूँ कि..
किसी का दिल जीतने के लिए बहुत कठोर प्रयास करना समय और ऊर्जा की बर्बादी है और यह आपको कुछ नहीं देता, केवल खालीपन से भर देता है…
मैं धीरे-धीरे सीख रहा हूँ कि…
जवाब नहीं देने का अर्थ यह कदापि नहीं कि यह सब मुझे स्वीकार्य है, बल्कि यह कि मैं इससे ऊपर उठ जाना बेहतर समझता हूँ..
मैं धीरे-धीरे सीख रहा हूँ कि..
कभी-कभी कुछ नहीं कहना सब कुछ बोल देता है…
मैं धीरे-धीरे सीख रहा हूँ कि…
किसी परेशान करने वाली बात पर प्रतिक्रिया देकर आप अपनी भावनाओं पर नियंत्रण की शक्ति किसी दूसरे को दे बैठते हैं..
मैं धीरे-धीरे सीख रहा हूँ कि…
मैं कोई प्रतिक्रिया दे दूँ तो भी कुछ बदलने वाला नहीं है.. इससे लोग अचानक मुझे प्यार और सम्मान नहीं देने लगेंगे.. यह उनकी सोच में कोई जादुई बदलाव नहीं ला पायेगा..
मैं सीख चूका हूँ कि
जिंदगी तब बेहतर हो जाती है जब आप इसे अपने आसपास की घटनाओं पर केंद्रित करने के बजाय उसपर केंद्रित कर देते हैं जो आपके अंतर्मन में घटित हो रहा है…
आप अपने आप पर और अपनी आंतरिक शांति के लिए काम करिए और आपको बोध होगा कि चिंतित करने वाली हर छोटी-छोटी बात पर प्रतिक्रिया ‘नहीं’ देना एक स्वस्थ और प्रसन्न जीवन का ‘प्रथम अवयव’ है..

अपने को कैसे संभालें ? – 2019

जब हम अपने दैनिक जीवन में उपयोग की गई चीजों से निकले कचरे को नहीं संभाल सकते, तो अपने जीवन को संभालने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं ?
संभालकर रखी हुई चीज और ध्यान से सुनी हुई बातें.. कभी ना कभी काम आ ही जाती हैं.
एक बार फिर से हो सकता है कि आपने कुछ गलत निर्णय लिए हों, लेकिन आपने बहुत सारे सही निर्णय भी लिए हैं ; आप अपने अतीत की तुलना में बेहतर हैं और आपका भविष्य उज्जवल और उज्जवल हो रहा है ; अपने आप को सफल के रूप में देखें _ क्योंकि आप जिस पर अपना ध्यान केंद्रित करते हैं वह वास्तविकता बन जाएगी.

Once again you may have made some wrong decisions, but you’ve made a whole lot of right decisions, too. You’re better off than you were in your past and your future is getting brighter and brighter. See yourself as successful because what you set your focus on will become reality.

“कटुता, निराशा, ईर्ष्या, नीचता, एक कमजोर मन के परिणाम हैं जो दुनिया की वास्तविकताओं का सामना करने में असमर्थ है और सब कुछ बना-बनाया चाहता है ; _

इन बेकार चीजों के बारे में चिंता मत करो ; _ उठो और स्वयं को ढालने के काम में लग जाओ ;

_परिणाम मास्टर के हाथों में हैं” – चारीजी

“Bitterness, disappointment, jealousy, meanness are reasults of a weak mind unable to face the realities of the world and wants everything ready-made. Don’t worry about these useless things. Be up and about the job of moulding the self. The reasults are in master’s hands.”- chariji

यदि आप खुश रहना चाहते हैं और अपने रिश्तों का आनंद लेना चाहते हैं, तो यह सीखना महत्वपूर्ण है कि मतभेदों की सराहना कैसे करें और अपने जीवन में लोगों से सीखें ; हमारा काम लोगों को ठीक करना नहीं है ; _ हमारा काम लोगों से प्यार करना है.

If you’re going to be happy and enjoy your relationships, it’s important to learn how to appreciate the differences and learn from the people in your life. Our assignment is not to fix people. Our assignment is to love people.

इतने व्यस्त लोग, कहाँ जा रहे हैं ?

_ वे जहां भी जा रहे हैं.. वहां पहुंचने के बाद वे क्या करेंगे ?
_ वे सभी अपने जीवन के प्रत्येक दिन गाड़ी चला रहे होंगे.
_ लेकिन क्या वे कहीं पहुंच रहे हैं या वे सिर्फ एक निश्चित धुरी पर चक्कर लगा रहे हैं.
_ बच्चे सुबह-सुबह स्कूल भाग रहे हैं,
_ माता-पिता उनके पीछे-पीछे भाग रहे हैं.. ताकि बच्चे समय पर अपनी बसें पकड़ लें.
_ ताकि वे समय से ऑफिस- दुकान जा सकें.
_ स्कुल के छात्र कौशल, तरकीबें और “ज्ञान” हासिल करने के लिए एक कक्षा से दूसरी कक्षा में भाग रहे हैं.. ताकि वे अच्छा पैसा कमा सकें ;
_ वे सोच रहे हैं कि पैसा होने के बाद जीवन शानदार होगा ;
_सब भाग रहे हैं और कोई कहीं नहीं पहुंच रहा है.
_ वास्तव में, भ्रम से भरा जीवन जीने से मानवता केवल अपना मूल्य खो रही है..!!
_ हम सभी खुशी से जीना चाहते हैं और यहां हम खुशी हासिल करने के लिए सबसे ज्यादा क्या करते हैं; सामान खरीद रहे हैं ;
_ हम कार, घर, और बहुत सारे गैजेट्स और अन्य सामान खरीदते हैं और उम्मीद करते हैं कि हम इन भौतिक संपत्ति से खुश होंगे.
_ हम इस मूलभूत बिंदु को भूल जाते हैं..
_ कि जीवन में सबसे महत्वपूर्ण चीजें वास्तव में चीजें नहीं हैं.
_ आप लोग इस बारे में क्या सोचते हैं ?
मानव मस्तिष्क जटिल बनाने के अलावा और कुछ नहीं सोचता.

_ जैसे ही एक समस्या का समाधान हो जाता है, वह समाधान नई जटिलताएँ, अन्य समस्याएँ प्रस्तुत करता है ..जो शायद पहले मौजूद नहीं थीं..!!

कई बार लाइफ में कुछ ऐसे मोमेंट्स भी आते हैं.. जिन्हें मैं जीना चाहता हूं..!!

_ कुछ ऐसे लोग मिलते हैं.. जिन्हें मैं अपना लेना चाहता हूँ..
_ कुछ ऐसी चीजें मिलती हैं.. जिन्हें मैं पा लेना चाहता हूँ..
_ लेकिन ये सारी चीजें, पल, लोग मेरे लिये उस खूबसूरत दृश्य की तरह हैं,
_ जो ट्रेन की खिड़कियों से दिखते जरूर हैं..
_ जिन्हें देखकर मन में एक काश होता जरूर है, लेकिन आप ट्रेन से उतरकर उनके करीब जाकर नहीं देख सकते..
_ क्योंकि ऐसा करने से फिर ट्रेन छूट जाएगी,
_ छूट जाएगी आपकी सारी प्राथमिकताएं, रिस्पांसिबिलिटीस…और बहुत कुछ…
_ लाइफ की रफ्तार से अपोजिट जाना कितना मुश्किल है..
_ कितना मुश्किल है ट्रेन से उतरकर दृश्यों को देखना, उन्हें जी लेना…कितना मुश्किल !!
मैं अक्सर उन्हीं लोगों को ज़्यादा परेशान देखता हूँ,

_ जो अपने जीवन में छोटी- छोटी बातों का बुरा मान कर बैठ जाते हैं,
_ किसी ने उनका अपमान कर दिया ये तो समझ आता है..
_ लेकिन अपने किसी ने उनकी प्रशंसा नहीं कि.. वो इस बात का भी बुरा मान लेते हैं,
__ और जब वो छोटी- छोटी बातों को अपने भीतर एक कचरे की तरह इकट्ठा करते चले जाते हैं..
__ फिर वही कचरे की सड़न उनकी सोच और उनके चेहरे पर दिखाई देने लगती है.!!
आप कम बुरे को मत चुनिए, कम बुरा का मतलब है कि अधिक दिनों तक बुराई को ढोना है ; रोज- रोज के थोड़े दुःख से एक दिन का ज्यादा दुख अच्छा है.

_ बहुत बुरा को जितना नुकसान पहुंचाना होगा, एक बार में पहुंचा देगा,

_ कम बुरा तिल- तिल कर, सड़ा- सड़ा कर यातना देता है..!!

मनुष्य अपनी एक पहचान चाहता हैं, धन चाहता है, बेहतर स्वास्थ्य चाहता है, सुखी परिवार चाहता है, मस्ती का जीवन जीना चाहता है.

जीवन में सब पसंद का नहीं होता, सारी उम्मीदें भी पूरी नहीं होती, कुछ कसक सबके मन में रह जाती हैं ; _ये कसक यदि किसी ने अपने दिल में ले ली तो उसका दुखी होना तय है.

_इसलिए इन सब बातों को ध्यान में रख कर जीवन को मस्त बनायें.

आने वाले समय में हम भी वही बनेंगे, वही करेंगे जो सामने वाला हमसे करवाना चाहता है, जो वो हमें बनाना चाहता है…

_ लेकिन एक बात ऐसी भी है _ जो हम नही समझ पा रहे हैं कि _ उन जैसा होने में एक नुकसान भी है कि _ अब हमारे हिस्से भी उनके जैसा _ वही दुख, वही तकलीफ, वही दर्द आएँगे, और हमारा अहंकार हमारी सबसे बड़ी हार को भी _ हमें हमारी जीत ही दिखलाता है…
_ यह बात समझने में थोड़ा नहीं, एक लंबा वक्त लगेगा ; _ इतना लंबा की जहां से वापिस लौट पाना लगभग मुश्किल है,
_ आख़िर यही तो वो वजह है _ जिसकी वजह से लोग चाहकर भी खुद को नही बदल पाते हैं,
_ वरना इस दुनिया में ऐसा कौन है _ जो एक सुकून भरी जिंदगी नही चाहता, _ जिसे अपनों से प्यार नही है, बस ये आदतें ही तो हैं _ जो हमें इस दुनिया से किसी और दुनिया में ले जाती हैं…
जीवन में आपके द्वारा सामना किए जाने वाले सबसे कठिन निर्णयों में से एक यह चुनना है कि _उस चीज से दूर जाना है या कठिन प्रयास करना है.
जो लोग संघर्ष से गुजरे हुए होते हैं तो _ उनकी मेंटलिटी कुछ अलग ही होती है,

_ वहीं दूसरी तरफ जिनको बना बनाया सब मिला है, _ वो उतने समझदार या सहनशील नहीं हो पाते..!!

कोई धन, पद, प्रतिष्ठा में हमसे बड़ा हमसे जुड़ता है तो हम कल्पना में रहते हैं कि समय आने पर वो हमें सहयोग देगा ; _ लेकिन होता ये है कि वो पहले ही हमारा इस्तेमाल कर लेता है,

हमारा ही सब कुछ लपेट कर निकल लेता है और हम सिर्फ उसको देखते रह जाते हैं.

ज़िंदगी में कितने भी आगे निकल जाएं फिर भी सैकड़ों लोगों से पीछे रहेंगे..!!

ज़िंदगी में कितने भी पीछे रह जाएँ, फिर भी सैकड़ों लोगों से आगे होगें..!!

अपनी जगह का लुफ्त उठाएँ, आगे पीछे तो दुनिया में चलता रहेगा…

हमारे सारे फेल्योर, सारे गम और दुखों के दोषी हम अकेले खुद नहीं होते,

_बल्कि सारा सामाजिक ताना बाना और परिस्थितियां होती हैं !!
_ ” इसलिए कभी भी अपराध बोध में न रहें, जब आप अकेले ज़िम्मेदार न हों !!
So never be in guilt, when you alone are not responsible.”
लोग जीवन में अपनी परिस्थितियों के आधार पर और उस समय उनके पास जो संसाधन उपलब्ध होते हैं _ के आधार पर निर्णय लेते हैं.!!
एक स्वतंत्र विचारक बनें और जो कुछ भी आप सुनते हैं उसे सत्य के रूप में स्वीकार न करें,_

_ आलोचनात्मक बनें और मूल्यांकन करें कि आप किस पर विश्वास करते हैं…

हर किसी को मेरा एक जैसा संस्करण नहीं मिलता ; _ एक व्यक्ति आपको बता सकता है कि मैं एक अद्भुत सुंदर आत्मा हूं.

_ दूसरा व्यक्ति कहेगा कि मैं एक निर्दयी मूर्ख हूं; _उन दोनों पर विश्वास करें, मैं तदनुसार कार्य करता हूं.

Not everyone gets the same version of me. One person might tell you I’m an amazing beautiful soul. Another person will say I’m a cold hearted asshole Believe them both, I act Accordingly.

यह कभी न भूलें कि किसने आपकी मदद की जबकि बाकी सब बहाने बना रहे थे.

Never forget who helped you out while everyone else was making excuses.

कम उम्र में मिला हुआ सुख इंसान को कभी समझदार नहीं बनने देता.!!

और कम उम्र में मिला हुआ दुःख इंसान को समझदारी का उस्ताद बना देता है..!!

ज़िंदगी गुज़ारने का यह ढंग ज़्यादातर लोग अपनाया करते हैं,

पहले ज़िंदगी को खुद ही उलझाते हैं, फिर खुद की ही पीठ थपथपाते हैं, _ सुलझाते हुए..

ज़िंदगी में कुछ सीखो या ना सीखो, मग़र लोगों को पहचानना ज़रूर सीखो ;

_क्योंकि लोग जैसे दिखते हैं, वो वैसे होते नहीं हैं !!

जो कल हो चुका है उससे सीखो … आगे बढ़ें इसे दोहराएं मत ;

_ जहां से गुजर गए हो,,, वहां से गुजर ही जाओ … उसे पकड़ कर मत रखो..
— ” रुकिए, संभलिए फिर चलिए जनाब _ कब तक कहेंगे ” ज़माना है ही खराब “
उस इंसान से दूर रहें, जो आपको ऐसा महसूस कराता हो कि आप उसके पैमानों पे ठीक नही बैठते, आपके विचार या बातें सही नहीं है,

_ क्योंकि सिर्फ आप अपने हालात अपनी क्षमता, अपने संघर्ष और अपनी जीत या हार को जानते हैं,
_आपकी सोच पे केवल आप का अधिकार होना चाहिये…!!
ये जीवन का ऐसा दौर है.. जहां पर हर एक कदम पर सोच विचार कर चलना पड़ता है,

_ चाहे हमें कुछ पसंद हो या न हो,
_ हमें जीवन भर दूसरों को खुश रखने या उन्हें प्रसन्न रखने का प्रयत्न.. हमें ताउम्र करना ही पड़ता है..
_ और फिर एक वक्त के बाद हम और हमारे विचार दूसरों को प्रसन्न करने तक ही सीमित रह जाते हैं..
_ बिना अपनी प्रसन्नता और ख़ुशी का ख्याल रखते हुए..!!
इंसान इतना क्रूर हो चूका है कि अगर आप कमजोर और असहाय हैं तो.. लोग आपको कुचल देंगे और उफ़ भी नहीं करेंगे,

_ इसलिए मजबूत जिगर और नाम रखिये और जरूरत पड़ने पर सामने वाले को उसकी औकात तुरंत दिखाए,
_ यहाँ आप कमजोर होकर नहीं जी सकते.
_ फिलॉस्पी सुचिता का सब ज्ञान धाराशयी हो जाता है, जब सामने वाला आपको मारने पर उतारू हो यही असल जिंदगी है !!
_ खुद को सँभालने की जिमेदारी भी अब तुम्हारी है मित्र, हौंसला रख ,दुनियां बस मजे लेती है सहयोग नहीं करती.
“– हममें इतनी ताक़त हमेशा होनी चाहिए कि अपने दुःख, अपने संघर्षों से अकेले जूझ सकें !!–“
“–दुख की बात है कि कुछ लोग आपका महत्व_केवल आपको खोकर ही जान सकेंगे..!!–“
यदि आप एक सुखी जीवन जीना चाहते हैं, तो इसे एक लक्ष्य से बांधें, लोगों या चीजों से नहीं.

If you want to live a happy life, tie it to a goal, not to people or things.

जिनकी जड़ें मज़बूत होती हैं _वो वृक्ष ऊपर से काट दिये जाने के बाद भी दोबारा पनप जाते हैं..

_इसलिए इंसान को बाहरी उन्नति के साथ भीतरी प्रगति भी करनी चाहिए..!!

हम अक्सर अपने आस-पास के लोगों को पहचानने में धोखा खा जाते हैं.

_ रस्सी को सांप और सांप को रस्सी समझ लेते हैं.

जवाब पाने की आतुरता मन को कुंठित कर देती है,

_ और कुंठित मन सदैव ही विद्रोह पर उतारू हो जाता है..!!

आज समस्या यह है कि लोग अच्छे लोगों को महत्व नहीं देते,

_ वे उनका उपयोग करने का प्रयास करते हैं..!

खुद को खोजिए _ नहीं तो _ आपको दूसरे लोगों की

राय पर _ निर्भर रहना पड़ेगा. _ जो खुद़ को नहीं जानते..

किसी ऐसे व्यक्ति को, जिसने आपके जूते नहीं पहने हैं,

_ आपको यह न बताने दें कि आपको फीते कैसे बाँधने हैं..!!

सिर्फ उतना ही विनम्र बनो जितना जरुरी हो..

बेवजह विनम्रता दूसरों के अहम को बढ़ावा देती है..!!

सच बोलने वाले कम ही रहे हैं _ समस्या ये है कि _

_ सिर्फ मर्ज़ी का सच सुनने वालों की तादाद बढ़ गयी है..

जो लोग भविष्य में आने वाले संकटों की तैयारी पहले से नहीं करते ;

समझ लो _ वो लोग अपने लिए और संकट खड़े कर रहे हैं..

चिंता और तनाव में इंसान तभी होता है,_

_ जब वो खुद के लिए कम और दूसरों के लिए ज्यादा जीता है.

चिंता करके अपनी ऊर्जा को खत्म करने से अच्छा है,_

_ समस्या का समाधान करके _ ” चिंता को समाप्त करना “

जो आप की भावनाओं को समझ कर भी आप को तकलीफ देता हो, _

_ वो कभी भी आप का अपना नहीं हो सकता !!

लोगों को वह करने दें _जो वे करना चाहते हैं, ताकि आप देख सकें कि _उन्होंने क्या किया था.

जो आपके सभी प्रश्नों का उत्तर होगा..!!

अपने व्यक्तिगत जीवन की बातें किसी को न बताये, लोग सिर्फ मजे लेने के लिए सुनते हैं..!!!!
रोना मत कभी यार, तुम इस दुनिया के सामने…_ ये हँसाते नहीं हैं, पर हँसते बहुत हैं..।
जब भी दुनिया और लोगों के असली होने पर भरोसा जगने लगता है,

_ तभी इनकी असलियत सामने आ जाती है…

एक बार जब आप अकेले _अपने सबसे बुरे समय से गुज़रते हैं तो _आपको वास्तव में परवाह नहीं होती है कि _अब आपके जीवन में कौन रहता है..!!
दुख-मुसीबत, बिमारी-शिमारी, ये सब जीवन के साथ लगे रहते हैं.

_सबसे बड़ी बदनसीबी यह है कि दुख में आप किसी को पुकारें और कोई ‘हाँ’ कहने वाला न हो..!!
जो सच में बुद्धिमान है, वह दूसरों को विवाद करके हराने में उत्सुक नहीं होता,

जो बुद्धिहीन है, वह किसी को भी हराने में उत्सुक होता है.

किसी भी समस्या को इतना गंभीर न बनायें कि आप का जीवन उस समस्या के इर्द – गिर्द रह जाये..
” जो लोग कम जानते हैं वे आमतौर पर महान बात करने वाले होते हैं,_

_ जबकि जो लोग ज्यादा जानते हैं वे कम बोलते हैं “

अपने आप को नकारात्मक लोगों के साथ घेरना बंद करें, हम लोगों को नहीं बदल सकते हैं _

_ लेकिन हम उन लोगों को बदल सकते हैं _ जिनसे हम खुद को घेरते हैं.

मेरे अपने दिल दुखाते रहे हैं, ग़ैर हरदम फ़िक्र जताते रहे हैं _

_ मेरे अपने मुझे परेशानियों में देख कर हँसते रहे हैं, _

_ वो तो ग़ैर हैं जो मेरी मदद कर, दिल मेरा जीत जाते रहे हैं !!

छोटी- छोटी लहरों की तरह समझते हैं मेरे अपने लोग मुझे, _

_ उन्हें क्या मालूम शांत समंदर सा गहरा होता जा रहा हूँ मैं ..

किसी का बुरा कर देने क बाद _फिर उस से यह अपेछा करना कि _वह पहले जैसा हो जाये ;

_ इस बात का क्या मतलब है..??

जिस पर गुजरती है _वही जानता है,

_बहुत आसान होता है _ये कह देना कि..

..जाने दो ..जो हुआ.. सो हुआ..!!

हर मीठा बोलने वाला, अपनत्व दिखाने वाला इस काबिल नहीं होता कि उसके आगे दिल के फफोले खोले जाएं.

_ वह फफोलों पर मरहम लगाने की बजाय उनमें पिन भी चुभो सकता है.
_ योग्य व्यक्ति की पहचान करना कोई आसान काम नहीं है.
कभी-कभी जीवन हमें ऐसे मोड़ों पर ले आता है, जहाँ हमें अपने ही होने से समझौता करना पड़ता है.

_ यह वो क्षण होते हैं जब बाहरी दबाव—परिवार का, समाज का, व्यवस्था का या कभी-कभी हमारे अपने डर का—इतना भारी हो जाता है कि हम अपनी असली पहचान, अपने सपनों और अपने विचारों को एक ओर रख देते हैं.
_ हम जानते हैं कि हम कौन हैं, क्या बनना चाहते हैं, किस दिशा में जाना चाहते हैं; लेकिन जब हर ओर से अपेक्षाओं का बोझ लादा जाता है, तब अपने ही स्वर को दबा देना आसान लगने लगता है.
_ हम मुस्कुराते हैं जबकि भीतर चुप्पी गूंज रही होती है.
_ हम आगे बढ़ते हैं, पर वो रास्ता हमारा चुना हुआ नहीं होता.
_ ये समझौते हमेशा दिखाई नहीं देते, पर भीतर कहीं एक टीस छोड़ जाते हैं—एक अधूरापन, एक अनकहा विरोध..!!
जो अपने दुःख की बात नहीं करता, दुखों को बयान नहीं करता,,

_ मैंने उसी को समझदार बनते देखा है,
_ क्योंकि वो समझ जाता है कि आज जिसके साथ वह अपना दुःख बाँटेगा,
_ कल को वही लोग उसे नुकसान पहुंचा भी सकते हैं.
_ दूसरा जब वह अपने ही दुखों से रूबरू होता है तो उन सीखता है, अनुभव लेता है तो.. वे दुख भी उसकी ताकत बन जाते हैं.!
_ फिर आगे चलकर यही दुख.. उसकी सफलता की सीढ़ी भी बनते हैं.!!
हर वक्त, हर जगह, हर किसी के सामने अपना दुखड़ा का रोना करना आज ही बन्द कर दो, क्योंकि यहां समझता कोई नही है.

_ किसी को कोई फर्क भी नहीं पड़ता है कि आप किस दौर से गुजर रहे हो..
_ लोग आपका दुखड़ा सुन कर मदद नही.. बल्कि आपको हीन भावना से देखेंगे..
_ और आप मजाक के पात्र बन जाओगे.!!!
नकारात्मक लोगों से बचें, ये लोग आपके दिमाग की असली पॉवर को आपको महसूस ही नहीं होने देंगे !
ऐसे लोगो से सदैव दूर रहें _ जो आपके साथ भी रहता हो और आपके दुश्मनों के साथ भी….!!!
कोशिश करें कि आप एक हफ्ते, एक महीने, एक साल _ किसी के बारे में नेगेटिव ना बोलें ;

और देखें _ आपका जीवन दूसरों से सौ गुना जल्दी बदलता है ” आप ज्यादा स्मार्ट और ज्यादा बुद्धिमान हो जायेंगे “

बुद्धिमान व्यक्ति का मन चालाकी से नहीं जीता जा सकता,

सिर्फ सच्चाई और ईमानदारी से जीता जा सकता है.

जब कोई बोलना छोड़ कर ..सिर्फ सुनने लग जाए,

_ तो समझ लेना ..आप ने खो दिया है उस इंसान को !!

अपनी खुशियाँ संभाल के रखिये, ये उस कांच के सामान होती हैं _ जो लोगों को _ चुभती बहुत हैं.
आपके कथित चाहने वाले ही _ आपकी सफलता से _ सबसे ज्यादा जलते हैं..
असल में साथ था ही नही कोई _ बेकार में गुमान होता था अपनो पर..!!

_ सब अपने हैं, _ यही तो झूठे सपने हैं !!

लोगों के लिए आप तब तक अच्छे हो _ जब तक आप उनकी उम्मीदों को पूरा करते हो,

और आपके लिए उस समय तक सभी लोग अच्छे हैं _ जब तक आप उनसे कोई उम्मीद न रखो..

मदद करने की सबसे बड़ी बुराई ये है कि फिर ये हमेशा करनी होती है,

जब भी बंद करो _ उसी दिन _ पिछली सारी अच्छाइयां _ बुराई में बदल जाती है..

“जो दूसरों पर आश्रित होते हैं _ वो हमेशा ही पराजित होते हैं “
तुममें और मुझमें बस इतना सा ही फर्क है, तुमने वो कमाया जिसे दिखाया जा सकता है,

मैंने वो कमाया जिसे दिखाया नहीं जा सकता, मेहनत दोनों में ही है.

जब हम किसी समस्या पर बहुत ज्यादा सोचने लगते हैं तो उसे और उलझा देते हैं.

सोचना जरुरी है, लेकिन बहुत ज्यादा सोचने से बचना चाहिए.

हमारा जीवन उस दिन से समाप्त होना शुरू हो जाता है,

जिस दिन हम उन मुद्दों पर चुप्पी साध लेते हैं _ जो मायने रखते हैं.

हमारे जीवन की सबसे बड़ी समस्या अपने और अपने परिवार के जीवनयापन की ही होती है ;

बाकी सब तो खड़ा किया गया समस्याओं का पहाड़ है _

अपने मन को दुविधा जनक स्थिति में नहीं पहुँचने देना ही, जीवन की कामयाबी की दास्ताँ है.

दुनिया मेँ रहते हुए दुनिया से अलग रहने की कला सीखेँ, _

_ कमल के फूल और हर भूल से सीखेँ.

जीवन में हर तूफान नुकसान करने ही नहीं आता,

कुछ तूफान _ रास्ता साफ करने भी आते हैं..

” सलाह, साथ और समय ” यह बिना मांगे देने पर अक्सर लोग इनका मूल्य _ सस्ता ही लगा लेते हैं.
अगर कोई आपको अपनी तकलीफ बताये तो उससे अच्छे से पेश आओ,

क्यूंकि आप सिर्फ सुन रहे हो और वो महसूस कर रहा है..

“कोई साथ दे ना दे, तू चलना सीख ले;

हर आग से हो जा वाकिफ तू जलना सीख ले;

कोई रोक नहीं पायेगा बढ़ने से तुझे मंज़िल की तरफ;

हर मुश्किल का सामना करना तू सीख ले “

परेशाँ होने वाले तो राहत पा भी लेते हैं,

परेशाँ करने वालों की मगर परेशानी नही जाती..!!

किसी को छमा कर देने पर भी _ उसके व्यवहार में बदलाव न आना _

_ आपको मिलने वाले एक और धोखे का प्रमुख संदेश है..

इन्सान सख़्त मिज़ाज कब बनता है ?

जब बहुत सारे लोग उसकी नरमी का ग़लत फ़ायदा उठा चुके होते हैं.

“सबब मेरे रोने का हर कोई पूछता है , मैं कैसे सारी दुनियां को राजदां कर लूं ?”
लोगों ने….. आपके साथ छल किया, और उन्हीं कष्टों ने आपको बदल दिया..
‘दुनिया में जितनी अच्छी बातें व संदेश हैं, वे दिये जा चुके हैं, अब नया कुछ कहने व देने को बाकी नहीं रहा है. अब जरुरत है, तो केवल उस पर अमल करने की.’

“All the good thoughts and advice has already been given out in the world and there is nothing really new to say. Now the only thing we need to do is to “FOLLOW” it. ”

मुझे अब बहुत ज्ञान नही चाहिए, _ जो मिल गया है उस पे चलने का अभ्यास चाहिए !!

I don’t need much knowledge now,, I need practice to walk on what I have got.

” खाली बैठे रहना फायदेमंद हो सकता है ” :->

_ हमारी ऐसी मान्यता हो गई है, की कुछ ना कुछ करते रहना चाहिए,

_ खाली बैठे रहने से अच्छा है, की कुछ पैसे कमा लो, किसी की सेवा कर लो, या कुछ पढ़ लो,

_ पर किसी भी काम के बगैर खाली बैठे रहने पर हमारा मन शांत होता है.

पता नहीं मैं अपनी ज़िंदगी में _ जीतूँगा या हारूँगा, _ पर मेरी ज़िंदगी की कहानी के _

किसी भी पन्ने पे, _ ये नहीं लिखा होगा कि, _ ” मैंने कभी भी हार मानी ”

Happiness को बाहर ढूढेंगे तो ना जाने कितना समय लग जायेगा खुशियाँ हासिल करने में,

इसे अपने अन्दर तलाशिये, जब खुशियाँ अन्दर से बाहर आएँगी तो स्थायी होंगी.

मैं अपनी मानसिक शांति को पुनः प्राप्त करना चाहता हूँ… मैं फिर से अपनी पुरानी जिंदगी में वापस जाना चाहता हूँ जहाँ खुशियाँ थी, धैर्य था, मस्ती थी, नादानी थी…जिंदगी की कोई खोज ख़बर नहीं थी बस अपने और दोस्तों में मौज थी…अब कहाँ मैं खुद की खोज और जिंदगी की तलाश में भटक गया…!!
दूसरो की फिक्र लेने से कुछ नही होगा, दूसरो की चिंता लेने की आवश्यकता नही है, कि वे क्या कहते है, फिक्र ही लेनी है, तो बस स्वयं की, किसी और की नहीं। दूसरे तो हर काम मे बाधा बनेंगे, उन्हें क्या पता है कि मुझे क्या अच्छा लगता है, क्या मुझे सुन्दर लगता है, उन्हें क्या पता है कि मेरा आनन्द क्या है। जो मेरे लिए सुन्दर है, जो मेरी प्रसन्नता है, जो मेरी ख़ुशी है, जो मेरा आनन्द है, वही मेरे लिए सत्य है, इसके अतिरिक्त कोई सत्य नही। दूसरो के अपने अनुभव है, वे मेरे अनुभव नही हो सकते। मेरा अनुभव, मेरा अनुभव है, शुद्ध प्रमाणिक, वही मेरे लिए सत्य है। दूसरों की राय की फिक्र करी कि भटके।

जिसको भीतर का स्वाद आने लगा, और भीतर की गंध आने लगी, फिर बाहर के मूल्यो का कोई अर्थ नही रह जाता।
व्यक्ति अपने आनन्द मे जीता है, व्यक्ति जीवन के महोत्सव मे जीता है। फिर बाहर के लोग क्या कहते हैं ? कौन फिक्र करता है।अच्छा कहे तो अच्छा, बुरा कहे तो अच्छा। सम्मान दे तो ठीक, अपमान दे तो ठीक।

आनन्द, न धन में है, न बडे मकान में है, न बड़ी बड़ी कारों में है, न उच्चे पदों में है, जब तक आदमी नशे में है, बेहोश है, तब तक किसी भी चीज़ से आनन्द उपलब्ध नहीं हो सकता । ध्यानी व्यक्ति ही, यानी होशपूर्ण जागृत व्यक्ति ही आनन्दित हो सकता है, ध्यानी व्यक्ति को ही धन में, बड़े मकान में या कारों में, पदों में आनन्द आता है, जो ध्यानी नहीं, उसे कभी आनन्द उपलब्ध नहीं हो सकता, उसे पूरे विश्व की सत्ता भी मिल जाए तो भी उसे आनन्द उपलब्ध नहीं हो सकता है । आनन्द तो अन्तस की स्थिति पर निर्भर करता है, अन्तस शान्त है तो आनन्द ।- ओशो

शुभचिंतकों को मेरे नाकाम होने, फ़क़ीर हो जाने का डर है.

_ आगे का मालूम नहीं फिलहाल कुछ ना होने और चिंता मुक्त जीवन का आनंद ले रहा हूं.
_ अंजाम जो भी हो उसका ज़िम्मेदार सिर्फ और सिर्फ मैं होऊँगा,
_ ये एहसास ही मुझे आज़ादी की अनुभूति करवाता है..!!
लोग हमारी भावनाओं को नहीं समझते, उन्हें इस बात की परवाह नहीं कि आप किस दौर से गुज़र रहे हैं,

_ वे बस यही चाहते हैं कि आप हमेशा उनके लिए तैयार रहें, चाहे कुछ भी हो जाए, बस उनकी मदद करते रहें और उनके काम आते रहें..!!

मुझमें इतनी हिम्मत नहीं कि किसी में कमियां निकालूँ,

_किसी को बुरा भला कहूँ, या किसी के लिए गए फैसले को सही या गलत कहूँ.
_मुझ में इतना हौसला भी नहीं कि _मैं किसी के जीने के तरीके पर सवालिया निशान लगाऊँ.
— मुझमें ख़ुद हजार खामियां हैं, अनगिनत गलत फैसले लिए हैं और वो सब मुझे याद दिलाते हैं कि मेरी हद क्या है..
_आईना बेहतरीन सच दिखाता है, दिल उससे भी सही जवाब देता है.
_किसी को नीचा दिखाने से पहले, उसे ट्रॉल करने से पहले, मज़ाक़ बनाने से पहले अपने आप से सवाल करिए.
_अच्छा होने का दिखावा करके आप वाह-वाही ले सकते हैं, _लेकिन ख़ुद को क्या जवाब देंगे.
_हालांकि ये बातेँ उनके लिए मायने रखती हैं, जिनका, zameer हो, जिनके आंख में पानी हो.
_नफ़रत, जलन [ jealousy] सबसे बड़ा नुकसान हमारा ख़ुद का करती है.
_खुश रहिए, दूसरों के लिए दुआ करिए सुकून में रहेंगे.
अब मैं उन लोगों को क्या कहूं ..जिन्हें ये तक नहीं पता कि उनकी खुद की जिंदगी कैसी है,

_ अब वो मेरी जिंदगी को बनाने और बिगाड़ने में बड़ी भूमिका निभाना चाहते हैं.
_ खैर !…कोई हर्ज नहीं एक असफल प्रयास आप भी कर लो,
_ ताकि आपको भी पता चल सके कि आपका स्थान कितना है और कहां है…!
_ और फिर वही सवाल कि ..जाने क्यों लोग एक दूसरे के व्यक्तिगत जीवन में हस्तक्षेप किया करते हैं..!!
जिंदगी के बारे में सोचकर मेरा मन बहुत सारे सवालों और उलझनों में उलझ जाता है,

_ और मन में हजारों सवाल उठते हैं विचार आते हैं, कि जिंदगी मुझे कहां ले जा रही है, और हम कहां जा रहे हैं, क्यों जा रहे हैं, ये जो कुछ भी हो रहा है..
_ ऐसा तो मैने कभी सोचा नही था, क्या एक दिन सब कुछ ठीक हो जाएगा,
_ बस दिल और दिमाग के, इन सवालों की कश्मकस में नींद कब आ जाती है पता ही नहीं चलता है,
_ और सुबह…..फिर वही, उठो चेहरे पे झूठी मुस्कुराहट सजाओ और अपने कामों में व्यस्त हो जाओ,
_ आजकल कुछ इस तरह गुजर रही है मेरी जिंदगी, कभी कभी तो लगता है कि एक आदत सी पड़ गई है,
_ अब उलझन में जीने की इच्छाएं दबाने की मन मारने की, समझौता करने की, जो नहीं करना चाहते हैं वो करने की..!
_ पता नहीं कैसे लोग जीते है 60, 70 साल, मुझे तो इतनी छोटी सी उम्र में ही जिंदगी ने थका दिया,
_ अब तो ऐसा लगता है कि मैं जिंदगी को जी नहीं रहा बस काट रहा हूँ,
_ जिस उम्र में लोग enjoy करते हैं, उस उम्र को मैं समझौता और उलझन में गुजार रहा हूँ,
_ इन दिनों कुछ समझ में नहीं आ रहा है जिंदगी मुझे कहाँ ले जा रही है.
_ बस आंखे बंद करके सबकुछ वक्त पर छोड़कर चलता जा रहा हूँ,
_ हर कदम कदम पे समझौता करता जा रहा हूँ, मन मारते जा रहा हूँ, खुशियां, मंजिल और अपनों से दूर होता जा रहे हूँ.
_ करना कुछ चाह रहा हूँ, हो कुछ और रहा है, जो चाहता हूँ वो मिलता ही नहीं है.
_ बस ख्वाहिशों को दबाकर खुद को समझाकर चलता चला जा रहा हूँ.
_ कभी कभी तो बहुत थक जाता हूँ, सब कुछ संभालते संभालते,
_ समझ में नहीं आता क्या करूं, कैसे सबकुछ ठीक करू,
_ कभी कभी खुद की बहुत याद आती है, सोचते सोचते आंखे भी नम हो जाती है.
_ एक वक्त था जब मैं भी बहुत खुश था, मेरा मन भी बहुत चंचल हुआ करता था और आज मन हमेशा परेशान सा रहता है.
“जब तक समय है, उन लोगों को महत्व दें.. जो सच में मायने रखते हैं”

_ इस दुनिया में अनगिनत लोग आपके जीवन में आएंगे और जाएंगे और फिर उन्हें भूल भी जाएंगे.
_ लेकिन जो लोग परफेक्ट हैं—ऐसे लोग आपकी जिंदगी में शायद एक या दो बार ही आएंगे, और अक्सर, कभी नहीं.
_ जब आप ऐसे किसी परफेक्ट व्यक्ति को लापरवाही से खो देते हैं, तो जीवन में उस जैसा दूसरा कभी नहीं मिलेगा और कोई भी मुआवजा उसे कभी पूरा नहीं कर सकता.
_ यहीं से आप अपने जीवन की सबसे बड़ी हार और सबसे बड़ी हानि महसूस करेंगे.
— ” वह व्यक्ति अभी भी वहां है—लेकिन अब वह आपका नहीं है.”
_ यह हानि एक दिन आपको ऐसा महसूस कराएगी कि इस दुनिया में, जो लाखों लोग हैं, वह एक सुनसान रेगिस्तान जैसी लगेगी.
_ आपके चारों ओर अनगिनत लोग होंगे, लेकिन कोई भी ऐसा नहीं होगा जो आपका हो..
_ लाखों लोग होंगे जो आपको अपनाएंगे, लेकिन कोई ऐसा नहीं होगा.. जिसे आप सच में अपना कह सकें.
_ ऐसी विशाल हानि का जीवन में कोई मुआवजा नहीं हो सकता.
_ जब कोई ऐसा परफेक्ट व्यक्ति चला जाता है, तो उसका कोई विकल्प नहीं हो सकता.
_ यह असंभव है—पूरी तरह असंभव है.
_ एक बार ऐसा व्यक्ति खो देने पर, आप सब कुछ साफ-साफ समझ जाएंगे.
_ “इसलिए, जब तक समय है, उन लोगों को महत्व दें.. जो सच में मायने रखते हैं.”
कैसे हो ?

क्या हाल हैं तुम्हारे ?
सब ठीक है ना ?
खुश तो हो ना ?
मै हमेशा तुम्हारे साथ हुँ..
_ ये शब्द केवल शब्द नहीं बल्कि हृदय के कोने से निकली हुई भावनाएँ हैं, जो कहने वाले और सुनने वाले के बीच अटूट प्रेम को दर्शाती है.
_ जिनके जीवन में ये शब्द कहने वाले आज भी मौजूद हैं, वो लोग बड़े खुशनसीब हैं.
_ ऐसे लोगों से कभी दूर ना जाइए.!!
हमारे जीवन में संघर्ष निरंतर चलता रहता है, एक संघर्ष खत्म तो दूसरा शुरू हो जाता है…

थक कर नहीं बैठा जा सकता… अनवरत चलना पड़ता है…फिर चाहे कुछ भी आए सामने…

एक संघर्ष ऐसा भी है जो व्यर्थ ही चलता है बस मानसिक है…वो है घर और रिश्तों से…

_ आपने नौकरी छोड़ कुछ अलग करना शुरू नहीं किया की लोग नाराज ही हो जाते हैं…_

_ अरे भाई जो कर रहे हैं कर लेंगे और नहीं कर पाए तो कुछ और कर लेंगे…माथा काहे पीटना…भूखे नहीं मरेंगे…

_ कुंठित रहकर पैसे कमाते रहने से अच्छा है कि जीवन में कुछ भूचाल ही आता रहे…

_ इससे जिंदा रहने का एहसास तो बना रहेगा…नहीं तो मौत आ ही चुकी होती है…बस शरीर जिंदा रहता है…

मरहम के लालच में अपनी दुखती रग का पता लोगों को देना…….बेवकूफ़ी की आखिरी हद है..
मुझे आपके साथ संघर्ष करने में कोई आपत्ति नहीं है _लेकिन मैं आपकी वजह से संघर्ष करने से इनकार करता हूं !!
अगर सभी लोग एक ही इंसान के खिलाफ हैं तो समझ जाना चाहिए, वो इंसान बहुत काम का है.
तैरने के लिए नदी का गहरा होना भी जरुरी है,

जिससे बात करो उसका, कुछ तल होना भी जरुरी है,

हम समय बर्बाद नहीं करते, हर एक से बात नहीं करते,

कुछ तो दम हो कहने वाले में, सब से संवाद नहीं करते..

एक बार वर्तमान में जीने की कला तो सीखो; भूत, भविष्य, जीवन से चिंता, दुःख, तनाव सब गायब हो जाएंगे,

आप ऐसे आनंद में डूब जाएंगे जो अनमोल है, यही जीवन का परम सुख है..

मैं जानता हूँ कि ये बनावटी खुशियां, त्योहार खुद को बहलाने का क्षणिक तरीका है, _

_ हमेशा के लिए खुश केवल कर्म मे मन लगाकर ही रहा जा सकता है..

मैंने जीवन में कुछ गलतियाँ की है जिनमे से है –

1. नकारात्मक व्यक्तियों पर अत्यधिक वक्त न्योछावर करना.

2. गलत लोगों के बीच रहक़र उन्हें खुश रखना.

3. प्रमुख कार्यो को छोड़ अनावश्यक कार्यो में संलग्न रहना.

हमें यहाँ हर तरह के लोग मिलते हैं ..लेकिन अगर पिछे मुड़कर देखो तो ..ज्यादातर अच्छे लोग ही मिले होंगें,

_तो क्या ज़िन्दगी में मिले हर अच्छे इंसान पर भारी हैं वो कुछ लोग जो अच्छे नहीं हैं, “बिल्कुल नहीं”
— गड़बड़ तभी होती है जब हम ऐसे व्यक्ति को अपनी प्राथमिकता बना लेते हैं, जिसके लिए हम मात्र विकल्प होते हैं।
_ धीरे-धीरे समझ में आ जाता है, कौन व्यक्ति हमें कितनी तवज्जो दे रहा है.
_ इसलिए हम उसी व्यक्ति को अपनी प्राथमिकता में रखें, जिसके लिए हम भी प्रथम हों !!
” अब बस उसे ही याद करता हूँ, जो मुझे याद करता है.”

मोह, दर्द, तकलीफ, उम्मीद, बेबसी, सम्मान, अपमान, प्यार, मोहब्बत, डर, मृत्यु, जीवन एवमं रिश्तों से ऊपर उठ चुका हूँ.

मुझे रत्ती भर परवाह नही की दुनिया मुझसे क्या उम्मीद करती है और मैं उसके उम्मीदों पर कितना खरा उतरता हूँ.

_ अनगिनत चाहने वालों से, ” एक निभाने वाला बेहतर होता है “

*– इंसान सहन भी तभी तक करता है _ जब तक सहन करने की छमता होती है ;

_ उसके बाद वो ना तो रिश्तों को जरुरी समझता है और ना ही अपनों को..–*

ना कभी किसी के रास्ते का पत्थर बना, ना कभी किसी का रास्ता रोका,

_ ना किसी के पीछे चला और ना किसी जाते को पुकारा,
_ अगर किसी इंसान की कमी जीवन में हुई तो ..उसको दूसरे से पूरी नहीं की, खैर !!…
_ उस कमी को ताउम्र रखूँगा ..हर इंसान की अलग जगह थी, है और रहेगी…!
_ ना किसी से मतलब ना किसी की चाहत, ज़िन्दगी अगर ऐसी हो तो बात ही क्या है…
जीवन ऐसा ही है, कोई किसी के लिए नहीं रुकता, लोग चले जाते हैं और खुश रहते हैं,

_ अगर आप अभी तक वहीं अटके हैं तो.. यह आपकी व्यक्तिगत दिक्कत है,
_ उसे दोष देने से आपके भाग्य बदल नहीं जाएंगे,
_ आगे बढ़ना सीखिए और किसी को इतना करीब मत आने दें कि आप स्वयं से ही दूर चले जाएं, ध्यान रखें अपना…!!
मुझे जो कहना होता है, कह देता हूं जिसकी वजह से..लोग नाराज हो जाते हैं..
_ पर अच्छा ही है मक्खन लगाकर या काम के लिए लोगों का दिल रख लूं “ये भी तो सही नहीं है ना..”
जब से मैंने अपने जीवन में ‘नो फर्स्ट कॉल’ की नीति अपनाई है, तब से मैं बहुत खुश रहने लगा हूँ.

_ पहले मैं किसी सगे संबंधियों से मिलने के लिए भी वक्त की भिक्षा माँगता था.

_ परन्तु अब न उनका कॉल आता है न मैं करता हूँ, अब रोक लिया खुद को कॉल और मैसेज करने से,

_कुछ वो भूल गए, कुछ मैं भूल गया..

_ अब समझ आता है कि उन्हें कोई जरूरत नहीं थी मेरी, मैं ही उनके पीछे था.

_ मुझे अपने बारे में एक बात से नफरत है कि _मैं उन लोगों पर बहुत अधिक समय बर्बाद करता हूं _जो मेरे सेकंड के लायक नहीं हैं.

_लेकिन जल्द ही, मैं अपनी उस आदत को बदलने जा रहा हूं,

_और फिर मैं खुद को बर्बाद करने के लिए जिम्मेदार नहीं रहूंगा.

बुरा वक्त आना चाहिए, क्योंकि हमारे आसपास की भीड़ छंट जाती है.

_ बुरा वक्त आना चहिए, क्योंकि हमारे भरम टूट जाने चाहिए.
_ हम ऐसे भरम में जीते हैं ..और ऐसे लोगों से मोहब्बत करते हैं ..जो सिर्फ़ अपने मतलब से हमारे साथ हैं….तो अच्छा है कि बुरा वक्त आए ..और वो चले जाएं.
_ बुरा वक्त भी अच्छा होता है, ..वो हमारी नज़र पर से पड़े ..अपनों के जाले हटा देता है.
_ बुरे वक्त की खासियत है, वो अपने साथ गंदगी बहाकर ले जाता है.
_ मतलबी रिश्ते, मतलबी लोग, सब उसके जाने के साथ चले जाते हैं.
_ तो बुरे वक्त में घबराइए मत, बुरा वक्त सबक होता है.
_ बुरे वक्त में सबसे पहले ..वो मूंह मोड़ते हैं ..जिनसे हम समझते हैं कि हौसला मिलेगा.
_ “बुरा वक्त” उतना बुरा भी नहीं होता है ..वो अपने साथ रिश्तों का सच लेकर आता है.
कुछ लोग बदल सकते हैं और बदलते भी हैं.

_ वे अपनी गलतियों से सीखते हैं, वे विकसित होते हैं, और अपने कार्यों से आपको दिखाते हैं कि वे बदल चुके हैं.
_ लेकिन अगर कोई बार-बार वही काम करता है, खासकर जब आपने बार-बार उन्हें बताया हो कि यह आपको कितना दर्द पहुँचाता है;
_ तो अब समय आ गया है कि आप उनके व्यवहार को उनके असली व्यक्तित्व के रूप में देखना शुरू करें.
_ अगर वे आपको बार-बार चोट पहुँचाते हैं, आपके प्रति असम्मान दिखाते हैं, आपको नजरअंदाज करते हैं, आपको निराश करते हैं,
_ और यह नहीं परवाह करते कि इससे आपको कैसा महसूस होता है; तो आपको अपने आप से ईमानदारी से यह सवाल करना होगा कि क्या आप हमेशा ऐसा महसूस करना चाहते हैं ?
_ आप किसी को बदलने के लिए मजबूर नहीं कर सकते, कि वे कैसे हैं, या वे क्या बनना चाहते हैं अगर वे बदलने के लिए तैयार नहीं हैं, या अगर उन्हें अपने कार्यों में कोई समस्या नहीं लगती;
_ लेकिन आप यह चुन सकते हैं कि आप इसे अब और सहन न करें और इसमें हिस्सा न लें.
_ उम्मीद करना बंद करें कि वे बदलेंगे, जब वे आपको बार-बार दिखा रहे हैं कि वे नहीं बदलेंगे.
_ अपनी कद्र जानें और खुद के लिए जो आप लायक हैं, उससे कम पर समझौता न करें !!
एक वक़्त के बाद हर अजीज छोड़ जाता है और हम खुद को ये कह के समझाते हैं कि.. जो होता है वो अच्छे के लिए होता है.. यही नियति है, यही सर्वमान्य है..!!
न पूछा मैंने _ न उन्होंने ख़बर ली..

कुछ यूं _ अपनी जिम्मेदारियों में _ उलझे रहे हम…

मुश्किल और दुःख में फ़र्क करना सीखिए…

_ कुछ लोग रोने के इतने आदी होते हैं कि सिर्फ़ मुश्किलों को दुःख बताकर आँसू बहाने बैठ जाते हैं,

_ उन्हें ये समझाया जाना चाहिए कि रास्ते में पड़े भारी भरकम पत्थर को धक्का देकर हटाना मुश्किल मात्र है,

_ वो दुःख तब है जब धक्का देने के लिए तुम्हारे पास हाथ ही ना हो.

कई बार परिस्थितिओं को ये सोचकर accept कर लेना अच्छा होता है कि जो हो रहा है अच्छे के लिए हो रहा है,

अगर हम इस एक बात को दिल से accept कर लें तो, ज़िन्दगी के बहुत सारे तूफ़ान थम जायेंगे और धीरे-धीरे सबकुछ पटरी पर आने लगेगा.

हम जिंदगी में कड़े फैसले लेने में डरते हैं. हम ऐसा इसलिए नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि हम दूसरों की नाराजगी मोल लेना नहीं चाहते हैं.

इस तरह के डर की वजह से निजी और प्रोफेशनल दोनों लाइफ प्रभावित हो सकती है. कड़े फैसले नहीं लेकर हम समस्याओं का समाधान नहीं करते हैं, उन्हें बढ़ाते हैं.

हमारी इस प्रवृत्ति से छोटी समस्या भी बड़ी हो सकती है. इसलिए जहां जरुरत हो, वहां हमें कड़े फैसले लेने से हिचकना नहीं चाहिए.

कोई चाहे आप पर जितना भी दबाव क्यों न बनाएं, पर निर्णय हमेशा खुद का लो ;

क्योंकि कल कुछ गलत होता है तो जान लो, वही लोग ये जिम्मेवारी नहीं लेंगे आप की ;

आप की अहित का कारण वो लोग हैं, वो अपना पल्ला झाड़ेंगे और बोलेंगे

उस वक़्त तुम ने क्यों नहीं विरोध किया.

यदि कोई आपसे भावनात्मक चोचले करके अपनी बेतुकी या गलत बात मनवाने की कोशिश करे तो उसकी बात कभी न मानें ;

क्योंकि ऐसे लोग आपको अपना गुलाम बनाना चाहते हैं _ और इनकी बातों में आकर इमोशनली ब्लैकमेल हो कर आपके द्वारा लिया गया निर्णय _

आगे चल कर _  आपको बरबाद कर सकता है.

लोगो की जिंदगी में जबरदस्ती घुस जाने से क्या होगा.? और मिलेगा क्या.?

सिवाय तिरस्कार, आत्मग्लानि एवंम नजरअंदाजी के…

कभी कभी हम किसी के बारे में अत्यधिक सोच लेते हैं और बाद में मिलता है

हमे अनोखा दर्द एवंम बेपनाह बुरा तजुर्बा….

” आप सही रहे ” उसके बाद भी लोग आपको न समझ पाएं, तो उनके लिए रोने की कोई जरुरत नहीं,

ऐसे लोगों से कहो – पतली गली पकड़ और निकल ; कोई जरुरत नहीं अब तेरी.

” अपने आप को दुःख देना बंद करो “

अगर आप खुद को दुखी करना चाहते हैं, तो आपको अंतहीन मौके मिलेंगे,

क्योंकि हमेशा कोई न कोई कुछ ऐसा करेगा, जो आपको पसंद नहीं आएगा..

किसको किसको समझाते फिरोगे, सोचने दो जिसे जो सोचना है ;

लोग उतना ही सोचेंगे, जितना उनका मानसिक विस्तार है !!

किसी के लिए एकबार खुलकर रो लो, और आगे बढ़ जाओ,

_ यूं बार बार रोने वालों को ये दुनिया नौटंकी समझ लेती है !

किसी पर ज्यादा नाराज होने से बेहतर है,

की अपने जीवन में उसकी अहमियत को कम कर दो..

कोई मेरा दिल दुखाता है तो मैं चुप रहना ही पसंद करता हूँ,

_ क्योंकि मेरे जवाब से बेहतर वक़्त का जवाब होता है..

मरहम के लालच में अपनी दुखती रग का पता_

_ लोगों को दे देना _ बेवकूफ़ी की आख़री हद है !

हमारी बुज़दिली मशहूर है जमाने मेँ,_ कि

_ हम बदला नहीं लेते, खुदा पे छोड़ देते हैं !!

मिलने को हर शख़्स बड़े आराम से मिला,

_ पर जो भी मिला किसी न किसी काम से मिला..!!

अपनों के लिए उतना ही करो, जितना उनके द्वारा आपके लिए किया जाता है..

_उतना ही करवाओ, जितना आप अपनों का कर सकते हो..!!

जिंदगी भी उसका भरपूर साथ देती है जो अपने विचारों को दूषित नहीं होने देता

और संघर्ष के दम पर दुनिया जीत लेता है.

जितने राजदार कम बनाओगे, उतने ही धोखे कम खाओगे,

क्योंकि हमारी कमजोरियां ही दुश्मनों को ताकतवर बनाती हैं..

समझौते कितने भी कर लो जिंदगी में, जिन्हें नहीं समझना, समझेंगे नहीं,

_तुम्हें दुःख भी देंगे कुछ लोग और अपनी ज़िद से हटेंगे भी नहीं..!!

जब कोई करीबी इंसान अपनी औकात दिखा जाता है न, तो मुझे दुख नही होता

बल्कि खुशी होती है कि, चलो अच्छा हुआ ” छुटकारा मिला “

कुछ रिश्तों का टूटना ही बेहतर था, छूटने वाले का छूटना ही बेहतर था.

एक ही बात उसको कब तक समझाते, रुठने वाले का रूठना ही बेहतर था.

फिक्र है सबको खुद को सही साबित करने की,

जैसे ये जिन्दगी, जिन्दगी नहीं, कोई इल्जाम है..

एक हद के बाद इंसान, सब कुछ छोड़ देता है ;

शिकायत करना, मिन्नते करना, मनाना और फिर दिल ऐसा हो जाता है,

कि कोई बात करें तो ठीक, कि ना करें तो भी ठीक ;

क्योंकि पता लग चुका होता है, कि दुनिया बहुत झूठी और मतलबी है.

हम जितना दुःख के बारे में सोचते हैं, लिखते हैं..उतनी ही मानसिक बेचैनी और अस्थिरता महसूस करते हैं.

_ अब इसीलिए मैं अब खुशियाँ चुनता हूँ.

_ हर छोटी-छोटी चीजों में सकारात्मक कोण ढूँढता हूँ..

..मुझे अब दुःख से लगाव नहीं रहा _क्योंकि दुःख समय द्वारा रचित क्षणिक परीक्षा है ..जो हमे देनी होती है !

सहारे इंसान को खोखला कर देते हैं और उम्मीदें कमज़ोर कर देती हैं, अपनी ताकत के बल पर जीना शुरू कीजिए, आपका खुद से अच्छा साथी और हमदर्द कोई ओर नहीं हो सकता..!!

— ” आप अपना ख़्याल ख़ूब ख़ूब रखना….क्योंकि आप ने अपना ख़्याल नहीं रखा तो आप का ख़्याल रखने कोई नहीं आएगा.!! —“

“–मेरे अपने मुझे मिट्टी में मिलाने आए, तब कहीं मेरे होश ठिकाने आए.!!–“

यहाँ बहुत कुछ देना पड़ता है, मुट्ठी भर लोगों को अपना बनाने के लिए..

_ समय, भावनाएँ, नींद, सोच, इच्छाएँ व कभी-कभी अपनी खुशियां भी..

_ ताने उलाहने अलग से इन सब के साथ जबरन चले आते हैं..

_ चार सदस्यों के परिवार को सहेज के रखने में ही हालत खराब हो जाती है..!!

ज़िन्दगी ऐसे ही बीत जाती है लोगों को पहचानने में,

_ फिर अफ़सोस होता है कि ऐसे लोगों को अपना समझ रहे थे,

_ बस इमोशनल होने के कारण उनकी गुस्ताखियां सह रहे थे,

_ लेकिन सच बहुत सकून मिलता है उनसे नाता तोड़ कर..

मन को खुश करने के लिए जीने वाले लोग, जानवर से भी गए गुजरे होते हैं. _ ये लोग

अपने मन के गुलाम बने रहते हैं और मन, इनकी ज़िन्दगी बरबाद करता चला जाता है..

कभी कभी लाख कोशिशों के बाद भी कुछ ना मिले या लाख जतन से सहेजते संभालते भी कुछ छिन जाए,_

_ तो जीवन कुछ समय के लिए थोड़ा कम सुंदर ज़रूर हो सकता है, __ ” किंतु यह कुरूप कभी नहीं होता “

मन को कंट्रोल करने के लिए सिर्फ ये देखो कि आप कुछ गलत तो नहीं कर रहे,

गलत है तो मत करो और सही है तो मन भर के करो.

जितना आदर्शवादी और संस्कारी होकर अपने रिश्ते में हम प्यार करते हैं और सबको खुश रखना चाहते हैं उतना ही दुख मिलता है और कोई भी दिल की फीलिंग्स को नहीं समझता है. फिर एक तरफा त्याग क्यों करते रहना ??

“जिंदगी अपनी भी होती है और अपनी खुशी को भी जीना चाहिए जैसे भी”, बाकी कोई अपना नहीं होता है चाहे जितना करो.

आपका जीवन आपका अपना है, दूसरे लोग आपसे जो होने की उम्मीद करते हैं, वह बनने की कोशिश में इसे बर्बाद न करें;

हर किसी को खुश करने के लिए अपनी खुशियों का त्याग न करें, जो आप बनना चाहते हो वो बनो..

जिन लोगों को वे आपसे बेहतर समझते थे, उनसे निराश होने के बाद लोग आपके जीवन में वापस आएंगे.

People will come back in your life after they get disappointed by people they thought were better than you.

लेकिन, उन्हें वापस स्वीकार करने में मेरे लिए बहुत देर हो जाएगी, क्योंकि मैं पहले ही अपने जीवन में आगे बढ़ चुका हूं.

But ,it will be too late for me fo accept them back , because I have already moved on with my life.

अगर किसी से आपको तकलीफ है या कोई कष्ट है, कोई आपको प्रेम नहीं कर रहा है तो इतनी भर बात को इतना बड़ा मत बनाओ कि आप अपने ही शरीर और मन को ख़राब करने लग जाओ.

जब हमारा मन दुःखी होगा, तब हमारे शरीर में विषैले तत्व पैदा होते हैं और ये विषैले तत्व हमारे शरीर को मारते हैं.

ज़िन्दगी में हर समस्या का निदान आगे बढ़ने में है.

यदि आप बैठ कर सोचेंगे कि आखिर यह मेरे साथ ही क्यों हुआ,

तो आप और अपने जीवन को स्वयं बर्बाद कर रहे हैं.

हमारी सबसे बड़ी कमजोरी हार मान लेना है,

सफल होने का सबसे निश्चित तरीका है _ एक बार और प्रयास करना..

जब तक आपका सामना आपकी सबसे बड़ी कमजोरी से नहीं हो जाता,

तब तक आपको अपनी सबसे बड़ी ताकत के बारे में पता नहीं चलता..

जिंदगी में कभी कभी ऐसा भी मोड़ आ जाता है, कि हम खुद के बिछाए हुए जाल में खुद ही फंस जाते हैं !

और लाख कोशिशों के बाद भी नहीं निकल पाते !!

किसी सही इंसान के साथ इतना भी ग़लत मत करना कि उसके साथ किए धोखे का पछतावा सारी ज़िन्दगी करना पड़े.
उम्र को दराज में रख दें, उम्रदराज न बनें..

एक दिन शिकायत तुम्हे वक़्त और जमाने से नहीं ….खुद से होगी,

कि ज़िंदगी सामने थी और तुम दुनिया में उलझे रहे…!!!

मैं इस बात पर विश्वास करता हूँ कि चढ़ाई चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हो,

_ आगे के रास्ते को रोशन करने के लिए, रोशनी के एक टुकड़े को अंदर आने का रास्ता हमेशा मौजूद होता है.

जीवन भर लोगों ने मुझे सदैव विकल्प बना कर ही अपने जीवन मे शामिल किया है..

_ जब मन किया मुझे याद किया..मन किया मुझे दरकिनार कर दिया…अब बस हुआ..कब तक दूसरों के मनानुसार चलूंगा..

..अब मैं अलगाव का दर्द सह लूँगा…अकेला रह लूँगा..

_ परन्तु ये ढोंगी लोगों से दूर रहना ही पसन्द करूँगा..!!!

कम से कम मेरे पास ये सुविधा बची रहनी चाहिए कि..

..अगर मैं उदास हूँ तो ..उदास रहने दो.
_ लेकिन लोग चाहते हैं कि ..मैं उदासी में भी जबरन मुस्कराऊं.
_कभी कभी इंसान को संभलने के लिए छोड़ देना चाहिए.
_कोई ख़ामोश है तो ..उसे ख़ामोश रहने का हक बचा रहे.
_इसका मतलब ये नहीं कि ..आप उसकी परवाह न करें..
_ये भी आपके परवाह का हिस्सा ही होगा कि ..आप उससे उसका स्पेस न छीनें ..!!
कठिनाई से प्राप्त होने वाली चीजों का मूल्य एवम महत्व अधिक होता है… इसीलिए जीवन मे भी कठिन बनिए…

_ लोग आपकी सराहना करेंगे…आसानी से उपलब्ध होने पर ही लोग आपको तुच्छ समझ लेते हैं….!!!

गुस्से में कभी भी अपनी जगह न छोड़ें, कोई न कोई आपकी कमी को पूरा कर ही देता है ;

_ फिर वापसी पर आपकी वो अहमियत नहीं रहती _ फिर चाहे वो मकान हो या किसी का मुकाम हो..

यश लूटने में एक बुराई भी है, अगर हम इसे अपने पास रखना चाहते हैं तो हमें अपनी जिन्दगी

लोगों को खुश करने में और यह जानने में बिता देनी होगी कि _ उन्हें क्या पसन्द है और क्या नहीं.

जो चीजें आपको तोड़ती है, कमजोर करती है… आपको जीवन मे आगे बढ़ने नही देती… उसका पीछा करना बंद करो…

वरना ये आपको जीवन मे कभी आगे बढ़ने नहीं देगी…

कई बार आप सही होते हैं, फिर भी लोग आपको सही नहीं समझते हैं.

उस वक्त सबसे जरुरी यह होता है कि आप सही रास्ते पर चलते रहें,

लोगों की गलतफहमियाँ वक्त के साथ खुद- ब – खुद दूर हो जाएँगी.

बहुत कोशिश करता हूँ अपनों को साथ लेकर चलूँ… बहुत हद तक सोचता हूँ ये अपने हैं… कहीं पीछे न छूट जाएं…परन्तु उल्टा वे मुझे ही डसने की कोशिश करते हैं। अब मैं केवल खुद के लिए जीता हूँ… मुझे अब किसी से वास्ता नहीं रखना…!! उन्हें मैं नहीं दिखता… मेरे उपकार नहीं दिखते… वक्त की नज़ाकत पर यक़ीन है मुझे… जब मेरे दिन लौटेंगे, तब सुख में भी मेरे साथ केवल मैं होऊंगा..!!!

” जब रिश्ते अपशब्दों का शोर मचाते हैं, बेहतर है,

कान ढ़क, गहरी चुप्पी ओढ़, दूर निकल लिया जाये…”

जिसने आपको रुलाया हो… आपको जीवन के सबसे न्यूनतम बिंदु पर ला दिया हो…जिसने आपके आँसुओ को महज़ पानी समझा हो…वे आपके अपने कदापि नहीं हो सकते…कभी नहीं…!!!

जब कोई आपका साथ न दे तो .. ख़ुद का साथी खुद बन जाओ..!!
यूँ तो जिंदगी में बहुत से साथ बने, चले भी, कुछ टूटे भी _किन्तु हर साथी कुछ न कुछ समझा गया ;

_इस यात्रा में मुझे जो समझ में आया वह सब गड्ड-मड्ड हो गया _क्योंकि समय बदलने के साथ जो मुझे गलत लगता था _वह सही लगने लगा और जिसे मैं सही मानता था _वह गलत सिद्ध हो गया.

_जैसे बचपन की सिखावन के हिसाब से संयुक्त परिवार की व्यवस्था मुझे सर्वोपयोगी लगती थी _लेकिन मेरे अनुभवों के अनुसार संयुक्त परिवार कर्तव्यनिष्ठ लोगों के लिए यातनागृह और गैरजिम्मेदार लोगों के लिए शानदार ‘हनीमून पैकेज’, यानी खाओ, पियो, ऐश करो और रुआब बताओ.

– लेखक : द्वारिका प्रसाद अग्रवाल

मेरे भीतर वो ताकत ही नहीं रही की मैं टूटते हुए रिश्तों को बचाने के लिए स्वयं को सर्वत्र झोंक दूँ … अब मुझे परवाह ही नहीं किसी की ,,_  इसे अहंकार कहो या जल्दी गिव अप कर देने की कमजोरी..

मगर इन सब में फँस कर मैं स्वयं को दुःख नहीं दे सकता ,,_ बहुत झेला हूँ यार,, _ अब और नहीं ..!!!

“- फरेब की दुनियां मे परायों के बीच अपनेपन के झूठे अभिनय से थककर वास्तविकता को महसूस करने वाला एक आदमी सा हूँ मैं,,,”

मैं दर्द में अकेले रहना ज्यादा पसन्द इसलिए करता हूं क्योंकि…मुझे पता है कि

मेरे पास दर्द का मजाक उड़ाने वालों की भीड़ है समझने वालों की नहीं.

जहां दूसरों को समझाना कठिन हो जाए, वहां स्वयं के मन को समझाकर भावनाओं को खुद तक सीमित कर लेना बुद्धिमानी है.

यदि आपको अपने जीवन में सुकून एवं शांति चाहिए तो लोगों से अपेक्षा कम से कम ही रखिए, और बहुत ज़रूरत पड़ने पर ही उन्हें याद करें..

हद से ज्यादा अपेक्षा और बेवजह की आशाएं आपको जाने-अनजाने में दुःख ही पहुँचाते हैं, इसलिए अपने हिस्से का कर्म करके भूल जाइए और खुश रहें..

जीवन आपकी भावनाओं और वास्तविकता के बीच एक समझौता है, _

_ जीवन के हर पड़ाव पर आपको अपनी भावनाओं को छोड़ना होगा और वास्तविकता को स्वीकार करना होगा..

जब हम अपने जीवन का लछ्य किसी दूसरे के प्रभाव में आ कर चुनते हैं तो,

_ उसी छण हम एक भीड़ का हिस्सा हो जाते हैं !!!!

रुकना है नहीं, _ कभी कुछ बदलने के लिए और कभी खुद को सुधार कर _

_ फिर कुछ करने के लिए..

जरूरी तो नहीं कि जिससे रोज मिल रहे हों, बातें हो रही हो उनसे ये अपेक्षा भी रखी जाए कि वे हमारा सम्मान करें, हमारे मुताबिक़ हर काम करें, हर कार्य मे मेरा साथ दें या हमारे हिसाब से खुद को बदल दे,

ऐसी उम्मीद रखना मूर्खता भरी होगी, क्योंकि उम्मीद टूटने के बाद दुःखी भी केवल हम ही होंगे !

कुछ वर्ष पूव मुझे लगता था कि जीवन में कोई तो बात करने वाला होना चाहिए…जिससे अपनी खुशी, कार्य, दुःख साझा कर सकूँ..परन्तु जैसे जैसे वक्त बीता, लोगों की फितरत बदली..अब ऐसा लगता है कि इस जीवन युद्ध में खुद ही..स्वयं को ही स्वयं का पूरक बनाना होगा..!!
घाव गहरा था बहुत, पर दीखता न था ; दिल भी बहुत दुखता था, पर कोई समझता न था ;

बाद में सब कहते तो हैं कि हमसे कह सकते थे ; पर जब- जब कहना चाहा था ” कोई सुनता न था “

*” मन भी जाने मुझे कितना भटकाता है, कभी तो लगता है किसी से इतनी बातें करूँ कि खुद को पूरा खाली कर दूँ, और कभी मन छुप जाना चाहता है दुनिया से,

_ ना कुछ करने का मन और ना किसी से बोलने का मन, घंटो सोचता ये मन कुछ नहीं सोचते हुए बस गुम होना चाहता है…”

मैंने विगत सालों में एक बात महसूस करी कि जो खुद पर बीतती है, वो दर्द सिर्फ आप महसूस कर सकते हो, इसीलिए मैं अपने इमोशन अथवा दुःख किसी से साझा नहीं करता. क्योंकि ऐसा करने के पश्चात् लोग हमें कमजोर समझ लेते हैं, बेफिजूल का ज्ञान देने लगते हैं, इधर उधर कह डालते हैं, मजाक भी बनाते हैं.. जोकि बाद में काफी आहत करता है, इसलिए अपनी व्यक्तिगत समस्याएं अपने पास ही रखना सबसे बेहतर है..!!!

इसलिए मेरा ऐसा मानना है कि कोई और नहीं सिर्फ आप ही खुद को मोटिवेट करके ऐसी सिचुएशन से बाहर निकालने में हेल्प कर सकते हैं, अच्छे मित्र बनाकर, उन से बात करके, उनके साथ टाइम एक्सपेंड करके, यकीन से नहीं कह सकता कि, ये बहुत आसान होगा, क्यूंकि आपका भरोसा सबसे उठ चुका होता है, तो एक बार फिर किसी पर भरोसा करना बहोत मुश्किल होता है, फिर भी कोशिश करनी चाहिए..

” कुछ भी इंपॉसिबल नहीं है “

ज़िन्दगी में अब तक के मिले अनुभवों के आधार पर मैंने समझा कि एक निश्चित वक्त तक ही हम किसी के लिए अच्छे या मनोरंजक इंसान होते हैं, उसके बाद हम उनकी ज़िन्दगी में गलत या बोरिंग पर्सन बनकर मात्र उनकी आवश्यकता के घटक बनकर रह जाते हैं, जिसे वह अपनी इच्छानुसार ही इस्तेमाल करते हैं.
एक उम्र आता है जब इंसान को सब चीजें एक सी लगती है सही गलत में द्वेष करना भूल जाता हैं, हॉ ठीक है कोई बात नही, छोड़ो जाने दो, जैसी बातों का आदती हो जाता है, निरंतर कुछ खोते जाना है फिर भी आगे बढ़ते रहना है, इस बात से भलीभांति परिचित हो जाता है….हँसकर बातों को टाल देने की आदत विकसित कर लेता है,

ऐसा लगता है जिंदगी का बहाव किसी शांत जलाशय की तरह अपने वेग में चलते जा रहा है, वही शून्यवस्था जिंदगी की परिपक्वता है जहां आप दूसरो से बेहतर नजरिये से जिंदगी को देखते है !!

स्वयं की तलाश में मैं जीवन के उस पड़ाव पर आ गया हूँ..

_ जहाँ अपना-पराया में कोई भेद नहीं दिखता…सभी समान लगने लगे हैं…
_ इन सब में अहमीयत्ता केवल स्वयं की रह जाती है.
_ मौन ताकत बन जाता है और रब सबसे अच्छा मित्र…!!
कुछ लोगो की नजरों में हम नालायक, गिरे हुए, घटिया इंसान हैं..

_ इसी तरह हमारी नजरों में कुछ लोग ऐसे ही हैं,
_ फिर भी जब कभी मिलते हैं तो मुस्कुरा कर मिलते हैं,
_ शायद दुनियादारी इसी तरह से चलती है, खैर !…
_कुछ भी कहिये पर जिंदगी गुलजार है…!!
खुद के जीवन में परेशानियां कम हैं क्या..!

_ जो दूसरों की बातों को दिल से लगाकर बैठ जाऊं ..और सोचने लग जाऊं कि ..उसने मेरे साथ ऐसा क्यों किया, मेरे बारे में ऐसा क्यों कहा..
_ सच कहूं तो ..अब मैं इन सब चीजों से बहुत ऊपर उठ चुका हूं ..और इन सब टुच्ची चीजों पर रत्ती भर भी दिमाग नहीं लगाता हूं.
जैसे-जैसे हम उम्र की सीढ़ी चढ़ते हैं..तब हमें एहसास हो जाता है कि यह दुनिया इमोशन से नही परन्तु प्रैक्टिकल आधार पर चलती है। यहां इमोशनल होकर फैसले नही लिए जाते..ये जिंदगी व्यवहारिक एवम समायोजित होकर जीने के लिए ही मिला है… भावों के सागर में हम केवल अश्रु रूपी मोती ही पाते हैं।

यदि आप जीवन में किसी को खुद से भी अधिक महत्व देना शुरू कर दिए हैं… तो सम्भल जाईए क्योंकि बदले में दर्द, नाउम्मीदी एवमं निराशा के सिवा कुछ नहीं मिलने वाला और अवसाद के गिरफ्त में जाएंगे सो अलग….!!!

उम्र के उस पड़ाव पर हूं कि…अब किसी का साथ नहीं भाता, दरअसल जब कोई साथ होता है तो..जिंदगी बहुत आसान लगने लगती है और जब वो छोड़ जाते हैं. तो हम जीवन की सबसे निचली पायदान पे पहुंच जाते हैं, जहां सिवाय दर्द, बेबसी, अवसाद के कुछ नहीं मिलता,

इसलिए अब मैं एकांत से नाता जोड़ लिया हूं.

उम्र का एक स्टेशन पार कर जाने के बाद _आदमी बेहतरीन बनने की चाह त्याग देता है.. ;

उसे इस बनावटी दुनिया से अधिक मोह नहीं रह जाता, _ क्योंकि वह थक चुका होता है_

_ अतीत में निभाए गए कई रिश्तों से…और उनसे मिले निराशजनक परिणामों से _

_ इसलिए अब वह अपनी ही विचित्र सी धुन में मगन रहने लगता है.

कभी-कभी किसी का रवैया इतना बुरा लग जाता है कि हम उनसे दुबारा बात करना नहीं चाहते…

इसीलिए हम धीरे-धीरे उनके जीवन से निकल जाने का प्रयत्न करने लगते हैं.._ फिर उन्हें भनक लगे बिना स्वतः किनारे हो जाते हैं.

कोई आप को एक बार – दो बार दुःखी कर सकता है. इसके बाद भी यदि

वह इंसान आपको तकलीफ दे रहा है तो, गलती शायद आपकी है.

आप उसे मौका दे रहे हैं, आपको हर्ट करने का ” उस से दूर न हो कर “

“-जब रिश्ते रुलाने लगें _ तब इग्नोर करना सीखो _ जिंदगी आसान हो जाएगी “,,

अक्सर, हम जिन्हें अपना समझकर समर्पित रहते हैं ;

चालाकियां बताती हैं उनकी __ वे समर्पण के काबिल नहीं.

मैं हर पल अपने लोगों को _ खोने से डरता हूँ, लेकिन कभी कभी खुद से _

_ ये पूछ लेता हूँ कि _ कोई है तेरा _ जो तुझे खोने से डरता हो ?

ज़िन्दगी भर उन रिश्तों के, पीछे भागता रहा,_ जो कभी अपने थे ही नही,

जब होश आया तब देखा,_ जो रिश्ते सच मे अपने थे,_ उन्हें तो मैं_ संभाल पाया ही नही..

— हम ऐसे लोगों पर अधिक ध्यान देते हैं ” जो हमें नज़रअंदाज़ ” करते हैं,

और जो हम पर ध्यान देते हैं ” उन्हें हम नज़रअंदाज़ ” करते हैं..—

कोई भरोसा तोड़े तो _ उसका भी धन्यवाद करो _ क्योंकि

वो हमें सिखाते हैं कि _ भरोसा हमेशा _ सोच- समझ कर करना चाहिए..

कभी- कभी थोड़ी दूरी बनाने से लोगों को यह पहचानने में मदद मिलेगी,

कि आप वास्तव में उनके लिए कितना मायने रखते हैं..

ज़िन्दगी में कुछ सीखो या ना सीखो, मगर लोगों को पहचानना जरूर सीखो,

_ क्यूंकि लोग जो दिखते हैं वैसे होते नहीं !!

पहले दुःख भाँप लिया जाता था.

-अब दुःख मापा जाता है.
-उसका दुःख कम मेरा दुःख ज़्यादा..
-इस आधार पर लोगों ने दुःख सुनना _और अपनी संवेदनाएँ देना तय कर लिया है.
-सच कहूँ तो सुन कोई नहीं रहा होता है _और झूठी संवेदनाएँ सबके पास है.
– असल में दुःख बाँटने की अवधारणा इतनी खोखली है _ये कोई जानना ही नहीं चाहता है..
-अनसुने किए गये दुःख, और झूठी संवेदनाओं के इस दौर से ही दुःख का कारोबार अच्छा चल नहीं रहा.
_दुःख बेच तो सब रहे हैं, पर दुःख इस बात का भी है कि _ख़रीदार यहाँ कोई नहीं.
– खुश दिखने वाले चेहरों का यहाँ बेशक़ीमती मोल है.
– दुःख से भरे चेहरों की क़ीमत _कबाड़ी की दुकान में पड़े रद्दी से भी कम है.
_वास्तविकता यही है, मुँह नहीं मोड़िए..
यदि आपके निजी जीवन के द्वन्दों मे कोई दखल दे रहा है, मतलब उसने आपके कमजोरी को भांप लिया है__ यह वक्त है आपके मजबूत होने का और उन लूप होल्स को बन्द करने का जो आपको कमजोर कर रहा है.

यदि किसी भी व्यक्ति को आपकी कमजोरी, आपकी दुर्बलता के बारे में पता चला… तो कोई भी हो, वह आपका सगा-सम्बंधी भी क्यूँ न हो… उसका फायदा जरूर उठाएगा…!!!

बुद्धिमान आदमी मूर्ख बनता हुआ प्रतीत हो सकता है, लेकिन उसे कोई मूर्ख बना दे ये भूल है ;

मूर्ख लोग बनते हैं, जो उसके आगे के प्रोग्राम को समझ नहीं पाते “ बुद्धिमान को मूर्ख नहीं बनाया जा सकता ”

अक्सर लोग इसलिए आप की खुशियां बर्बाद करेंगे, क्योंकि उनके पास कुछ अच्छा करने के लिए नहीं है, या वह अपनी जिन्दगी से नाखुश हैं. इसलिए अपने रुख पर अडिग रहो.

“– खुशखबरी सबको नहीं बतानी चाहिए, क्योंकि हर कोई उस खुशखबरी से खुश नहीं होता.–“

हर व्यक्ति को खुश रखने की कोशिश करने वाला व्यक्ति एक दिन सबसे अकेला हो जाता है. अतः हमें  एक सीमा के बाद अपने मन की ही बात सुननी चाहिए.

हम लाख किसी के लिए अच्छा करते रहें. लेकिन, हमारी एक गलती पिछली सभी अच्छाइयों को धो कर रख देती है. हम लाख किसी की फिक्र करें, लेकिन यदि किसी समय हम किसी एक मौके पर कुछ भूल गए, तो सारा पिछला किया कूड़े के ढेर का हिस्सा बन जाता है. इसलिए आप कुछ भी करके किसी को हमेशा खुश नहीं रख सकते या यह कहें कि आप कुछ भी करके सबको खुश भी नहीं रख सकते. क्योंकि, लोगों की आपसे अपेछाओं का कोई अंत नहीं है. जैसे ही आप उनकी एक अपेछा पर खरे उतरे, आपके लिए तुरंत एक नयी शर्त उनके मन में तैयार हो जायेगी. इसलिए, अपना काम पूरी ईमानदारी और निष्ठां से करते रहें और आगे बढ़ते चलें,

क्योंकि हमेशा सबको खुश रख पाना पूरी तरह असंभव है.

अपने सपनों का पीछा करें और उन्हें पूरा करने की कोशिश करें. अगर आप ऐसा करेंगे, तब आप बहुत अच्छा जीवन जिएंगे. जो लोग अपनी पसंद का काम करते हुए जीवन व्यतीत करते हैं, वह अपने लाइफ को इन्जॉय करते हैं और ऐसे लोग ही खतरा उठाने का साहस भी करते हैं.
अपने आप को अपने लिए समय दें. काम और आराम के बीच संतुलन खोजें. ” जाओ दुनिया की सैर करो,”

ऐसे लोगों को खोजें, जो आपको महत्व देते हैं. अतीत में मत जियो, तुम्हारे पास देखने के लिए और भी बहुत कुछ है.

वहां जाएं जहां आप सबसे ज्यादा जीवित महसूस करते हों.

जो व्यक्ति दूर दृष्टि रख कर चलता है अर्थात आगे की ओर सोच कर कदम रखता है, जिस व्यक्ति में योजनाबद्ध तरीके से चलने की आदत है, जिसने अपने आपको पूरी तरह व्यवस्थित किया हुआ है, अपने ह्रदय को आनन्द से भरने की आदत है, जो महापुरुषों की तरह जीवन जीता है, किसी के सामने जिसके हाथ नहीं फैलते, जो दूसरों को आदर देना जानता है लेकिन स्वयं आदर पाने की कामना नहीं करता, जिस व्यक्ति का ह्रदय विशाल है, जिसको प्रेम बाँटना आता है – ऎसी सारी परिभाषा को जोड़कर मनुष्य का स्वस्थ होना कहलाता है.
आप करते कुछ और हैं, बोलते कुछ और हैं, दिखाते कुछ और हैं, सोचते कुछ और हैं, _

_ लेकिन आप की हकीकत कुछ और हैं ;

इतने सारे चेहरे ले कर ज़िंदगी में ख़ुशी और सफलता की तलाश तो क्या, उम्मीद भी मत करना..

जिंदगी बहुत छोटी है. यह केवल उन लोगों के लिए लंबी है, जिनकी हालत दयनीय है. इंसान के पास जो विशाल संभावना है उसको देखते हुए हमें जो जिंदगी दी गयी है, वह बहुत ही छोटी है.

लेकिन, उसमें भी लोग बोर हो जाते हैं और इस जीवन की सरलता को जाने बिना ही अपने आप को खत्म कर लेते हैं.

क्योंकि लोगों के शारीरिक और मानसिक नाटक_ जीवन के अस्तित्व की वास्तविकता से_ कहीं ज्यादा बड़े हो जाते हैं.

जब आप अपने घर की सफाई को ले कर इतने ज्यादा सतर्क रहते हैं, तो फिर अपने दिमाग को ले कर क्यों नहीं ? क्यों आप किसी व्यक्ति को अपने दिमाग में कूड़ा भरने की इजाजत देते हैं ?

…………….इस बारे में सोचें, ताकि आप का दिमाग बेहतर काम कर सके.

कई लोग यह समझ नहीं पाते कि किसी की बुराई, गॉसिप, नकारात्मक विचार दरअसल दिमाग के लिए कूड़ा ही है. ये न केवल आपकी कार्यछमता कम करते हैं, बल्कि लोगों से आप को दूर भी करते हैं.

……………………….इसलिए दिमाग में न जमा होने दें, विचारों का कूड़ा.

जब हम अपने घर की साफ सफाई और रंग रोगन आदि करते हैं तो हमारी दिनचर्या अस्त व्यस्त हो जाती है और हमें कई परेशानियाँ होती है. _ लेकिन कार्य पूरा होने के बाद बहुत सुकून मिलता है.

इसी प्रकार जीवन की उठा पटक भी अंततोगत्वा सुकून देती है, क्योंकि इस उठा पटक मे हमारे जीवन का बहुत सा कचरा साफ हो जाता है.

जिस दिन मैं दुनिया से चला जाऊंगा उस दिन लोग मुझे याद करेंगे, अगर आप ऐसा सोचते है तो ये आपकी गलतफहमी है, आपके आस पास बहुत से लोगो की मौत हुई है आप किसको याद करते हो ? लोग केवल इंसान के अच्छे कर्मों को याद करते है. इसलिए इस गलतफ़हमी में न रहे कि आपके चले जाने से किसी को कोई फर्क पड़ेगा.

इसलिए सिर्फ अच्छे कर्म करें और अपने लिए जीना शुरू करें। लोगों की ज्यादा परवाह न करें, या किसी बात के लिए दुःखी न होयें. एक दिन सबको चले जाना है. जीने पर ध्यान दें न की चिंता, तनाव, दुःख और काम चोरी पर.

कुछ लोग इतने सताये हुए महसूस करते हैं इस दुनियाँ में _ जैसे उनके आस – पास सब दुश्मन ही भरे पड़े हैं !_ जबकि ऐसा होता नहीं, _ बस मन का वहम होता है, _ और ज़िंदगी भर इस भ्रम में जीते रहते हैं..

अगर इंसान किसी के साथ दो पल बैठ कर हंसी मज़ाक न करे और बातें ना करे, __ अकेले – अकेले रह कर ज़िंदगी गुजारे , _ तब उसको ये सारी दुनियाँ मतलबी और दुश्मन ही नजर आती है..!!

जीवन में हर समस्या के अंदर एक उपहार होता है.. इसलिए जब आप समस्या का सामना करें तो परेशान न हों _

_ इसका अंत आपकी अपेक्षा से अधिक सुंदर हो सकता है.

आप किसी इंसान का दिल तब तक दुखा सकते हैं, _

_ जब तक वो आप से प्रेम करता है ..

शायद मुझे अब तक सब से अधिक गलत समझा गया है लेकिन इसका मुझ पर कोई असर नहीं ;

कारण केवल इतना है कि, मुझे सही समझे जाने की जिज्ञासा नहीं,

यदि वे सही नहीं समझते तो यह उनकी समस्या है, यह मेरी समस्या नहीं है,

यदि वे गलत समझते हैं तो यह मेरी नहीं उन की समस्या है, उन का दुःख है ;

मैं अपनी नींद नहीं खराब करूँगा, यदि वे मुझे गलत समझ रहे हैं..

बुरे वक्त में किसी से कोई आस मत रखिये.._ सभी एक से एक बहाने बना कर निकलने की कोशिश में रहेंगे…

_ आपकी मदद करने के लिए आप स्वयं पर्याप्त हैं…केवल रब से जुड़े रहें, _ सब अच्छा होगा…!!!!

मैं इस सच को स्वीकार कर चुका हूँ, कि मैं अकेला हूँ, मेरे साथ कोई नहीं है ;

इन सालों में मैंने बहुत कुछ देख लिया है, और बहुत कुछ सीख लिया है ;

अगर आप कुछ हैं तो ही आप के अपने भी आप के साथ आएंगे, आप के काम आएंगे, वरना कोई नहीं ;

कमजोरों का साथ कोई नहीं देता है, भले ही वह अपने ही क्यों ना हों, सगे ही क्यों ना हो ;

जब साथ देने की बात आती है तो वह कमियां गिनाने लग जाते हैं ;

कमियां मुझ में थीं, इस कारण आप ने मेरा साथ नहीं दिया, कमियों के बाद भी मेरा साथ देते, तभी तो अपने होते ;

लोगों का साथ दिया दुनिया का साथ दिया, लेकिन मेरा साथ आप ने कभी नहीं दिया ;

मैं इस बात को स्वीकार कर चुका हूं, कि मैं अकेला हूं, मेरा कोई नहीं है ;

यह बात अपने आप से पूछो, कि दिखावा करने के लिए आप ने बाहर बहुत कुछ दान दिया ;

लेकिन अपने घर में जिनको जरुरत थी, लेकिन आप ने उनको नहीं दिया ;

मैं इस सच को स्वीकार कर चुका हूँ, कि मैं अकेला हूँ, मेरे साथ कोई नहीं है..!!

“जिन्होने खुशियाँ देनी थी मुझे, क्यूँ उनसे दुख मैने पाए थे,

_मैं किससे फरियाद करता अपनेपन की, लोग सभी पराए थे.!!”

‘नक़ाब का सही मतलब, रिश्तेदारो से ही बेनकाब होते हैं, _ कहने को अपने होते हैं, पर जानें कब गैरों में शामिल होते हैं ,_ मीठी छुरी से क़त्ल कर के झुठे आंसू बहाने में माहिर.. ये दो चेहरे रख, _ उसे बखूबी निभाने वाले ये _ बेवफाई का सही वक्त, चुनने का हुनर कोई इनसे सीखे _

‘ घर होते हुए, बेघर बनाना कोई इनसे सीखे ‘

” जो रिश्तेदार और लोग आप की सबसे बड़ी खुशखबरी में भी खुश न हुए हों, _

_ ऐसे रिश्तेदारों और लोगों को आगे से कोई ख़ुशख़बरी मत देना “

मैंने बड़ी मश्क्कत के साथ ‘ना’ कहना सीखा है ; खास कर उन लोगों को जिन्हे मैं अपना समझता था, क्योंकि मेरे पीठ पीछे उन्होंने ही गन्दगी मचाई,

_ अब मैं आसानी से उन लोगों को ‘ना’ बोलकर अपनी धुन में रहता हूँ..

किसी का खास होना और किसी को अपना खास मानना, ये दो भ्रम बेहद खतरनाक है_ याद रखना आपका अच्छा बुरा सब कुछ आपको अकेले ही भोगना है तो बेहतर है भीड़ में भी अकेला बन के रह लिया जाए !!

बहुत समझदार होने की सबसे बड़ी दिक्कत यही होती है कि हर शख्स आपको अपनी परिस्थिति समझा के बच निकलता है और आप क्या महसूस कर रहे किसी को बता नही पाते !!

हम सबसे अधिक मूर्ख तब होते है जब हम भावनात्मक होते है !! और इस दुनिया में मूर्खों के लिए कोई सम्मान नहीं !!

जिस दिन आप लोगों के साथ वही करेंगे जो वो आपके साथ करते हैं उस दिन उनके लिए आप दुनियाँ के सबसे बुरे इंसान बन जाएँगे।

सामने वाला आपसे जो सुनना चाहता है उसे वही सुनाओ चाहे वो लाख गलत हो आप उसके सबसे खास लोगो मे से एक बन जाओगे ….

जरुरी नहीं कि सभी आप से खुश हों, मानसिक रूप से मजबूत बनना है तो _

_ कभी – कभी खुद को लोगों की नजर में अलग और बुरा भी बनाना पड़ता है..

कितनी ज्यादा गलतफहमी होती हैं ना हमे कि हम किसी के खास है

पर हकीकत तो कुछ और ही होती हैं
हमे लगता है हमारा प्यार करना, हमारा नाराज होना ये सब सामने वाले पर असर करता है पर नही
वो सिर्फ एक दिखावा होता है वो सिर्फ एक झूठ होता है
जो हमे ये यकीन दिलाने k लिए बोला जाता है कि हम खास है
उन्हें कोई फर्क नही पड़ता कि आप दर्द में हो या किसी मुसीबत में उन्हें बस अपने मतलब से मतलब होता है
अगर आप खुश हैं तो वो आपसे प्यार भरी बातें करते हैं
और अगर आप दर्द में है तो फिर उनके पास खुद उनकी कई समस्या है उनके पास खुद के लिए टाइम नही
तो आपके दर्द को सुनने का कैसे होगा
इस दुनिया मे सब अपने मतलब से ही किसी न किसी के करीब जाते हैं
कोई किसी का खास नही होता
सब वक्त की बात होती है
अगर वक्त अच्छा है तो आप लोगों की जान है
और अगर आपका वक्त खराब है तो आप लोगों के लिए अंजान
ये ही दुनिया की हकीकत है..
आप किसी को अपना समझ कर अपने दिल की बात बताते हैं और वो आप से बोर हो जाते हैं, इसलिए वो आप से बचते हैं,

_ दुनिया मतलबी है ” मेरे यार “

कोई नहीं देखता आपने उनके लिए कितना किया,

_ वो तो बस ये देखते हैं कि “आपने उनके लिए क्या नहीं किया”

मुसीबत आने पर ग़ैरों से क्या गिला, _

_ जब अपने खून के रिश्तेदार व भरोसे वाले दोस्त तक किनारा कर लेते हैं !!

“- खूनी रिश्ते और दोस्तीयापा ..इन दोनो का बहुत कटुक अनुभव रहा है मेरा तो…..इसलिए मन में फोबिया बैठ चुका है..!!”

“–तमाशा मेरी ज़िन्दगी का हुआ, और कलाकार सब अपने निकले.”

हमारे जीवन के कार्यों का मूल्यांकन भी जब दूसरे करते है तब गणितीय विधि से उत्तर नहीं आते ;

_ अंक गणित में 2 और 2 = 4 होता है लेकिन वास्तविक जीवन में वह 22 भी हो सकता और 0 भी..!!

_ जिन्हें आप अपना समझते हैं या वे जो अपने हैं, भले ही उनके लिए आपने कितना भी किया हो, वे भी आपसे पूछ सकते हैं, ‘आखिर किया क्या आपने हमारे लिए ?’

लोग जब ये कहकर ताना मारें कि बहुत एटीट्यूड है तुममें, _

_ उनकी बातों की परवाह ना करना, _ क्योंकि बिना एटीट्यूड के तुम्हारी कीमत रद्दी से भी सस्ती हो जाएगी,

_ इसलिए जिन्दगी में एटीट्यूड का होना जरूरी है, सबको खुश रखकर चलना मुश्किल है _

_ क्योंकि आप यहाँ अपनी शख्सियत को बनाने आएं हैं, किसी का मनोरंजन करने नहीं,

_ लोगों की मदद करिए, सलाह दीजिए, केवल तब _ जब आपसे मांगी जाए, _बिन मांगे कुछ भी दिया तो अपनी तवज्जो खो बैठोगे,

_ लोगों की भीड़ में उन जैसे बनने की जगह ” अकेला रहकर विशेष बने रहना ज्यादा श्रेष्ठ है ! “

हमारे दुख का एक बड़ा कारण यह भी है कि हम खुद को अपनी नजरों में खुद को छोटा देखते हैं और दूसरे लोगों को ज्यादा मानते हैं..

_ आप अपना दुख सोच समझकर किसी दूसरे को सुनाएं _ क्योंकि अगर सामने वाला आप को नहीं समझ पा रहा है तो आपके दुख की धज्जियां उड़ने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा..!!

” – आप के साथ जो भी हुआ उस के लिए आप पूरी तरह ज़िम्मेदार नहीं हैं, लेकिन आप इस चक्र को तोड़ने के लिए ज़िम्मेदार हैं, इसलिए अपनी जिम्मेदारियां अपनाएं, अपना भविष्य खुद लें ;

यदि आप अपने वर्तमान को अपने अतीत द्वारा नियंत्रित करने देंगे तो आप अपने भविष्य को कभी भी नियंत्रित नहीं कर पाएंगे.

कल जो हुआ वह आपकी ज़िम्मेदारी नहीं हो सकता है, लेकिन आज आप कैसा व्यवहार करते हैं_ ये आपकी ज़िम्मेदारी है.-“

कई बार किसी को बार बार सफाई देने से, बेहतर होता है उससे दूर हो जाना ! बस शर्त ये है कि आप अपनी जगह निष्पक्ष रूप से सही हों, अकसर सबको अपना पक्ष ही सही लगता _ सारी दिक्कत यहीं से शुरू होती है ! समझदार लोग हमेशा दूर होने से पहले दूसरे को केवल एक बार अपना पक्ष रखने का अवसर जरूर देते हैं, _ जिससे उसकी परिस्थितियों को भी अनुभव किया जा सके और सही और गलत जाना जा सके. वो बात को समझने की क्षमता रखते हैं, लेकिन मूर्ख बिना सोचे – समझे और किसी को बिना सुने _ अपना फैसला सुना देते हैं और इसे वो so called self respect का नाम देते हैं. जिन्दगी में ऐसे मन्दबुद्धियों से हमेशा बचकर रहें ! स्वस्थ रहें मस्त रहें और अपनी कद्र करते रहें क्योंकि ये कोई तभी देगा जब खुद की वेल्यू पता हो ! बाहर कभी जीवन में अपनी कमियां मत बताओ बल्कि आत्मविश्वास दिखाओ, _ ऐसा आत्मविश्वास जो अभिमान से दूर लेकिन सन्तुलन के करीब हो.

“– कुछ लोगों में इतनी काबिलियत भी होती है, आप जितना भी अच्छा काम करें वो उसमें भी कमी खोज ही लेते हैं. ऐसे लोगों को कभी सफाई देने में अपना समय व्यर्थ ना करें, और ये वही लोग होते हैं जो खुद साधारण जीवन जी रहे होते हैं.–“

जरा इस बात पर भी सोचिए !!

लोग आप को आसानी से भूलने का इंतजार कर रहे हैं,

फिर आप किस के लिए दौड़ रहे हो ? और आप किस के लिए चिंतित हो ?

आप अपने जीवन के अधिकांश भाग यानी तकरीबन ८०% _ इस बारे में सोचते हैं कि आप के रिश्तेदार और पड़ोसी आप के बारे में क्या सोचते हैं ;

क्या आप उन्हें संतुष्ट करने के लिए जीवन जी रहे हैं ? जो किसी काम का नहीं !!

सबसे पहले प्राथमिकता खुद को दीजिए, उसके बाद सब कुछ है… अपना ख़याल रखिए !!

* ज़िन्दगी एक बार ही मिलती है, बस इसे जी भर के जी लो *..

ये जो अपने होने की आड़ में लोग हमारी जिंदगी में दखल देते हैं,_ इनके जीवन को जरा गौर से देखना _ ये वही लोग हैं जो खुद बहुत ग्लानि में जी रहे होते हैं _

_ ये स्वयं के ही बहुत बड़े विरोधी हैं_ वो तुम्हारा समर्थन क्या करेंगे_खैर मरने से पहले जग जाओ _

_ दोनों बाहें फैला के समेट लो अपनी जिन्दगी को__ बाद में वो भी खाक तुम भी खाक..

“– पहले ये लोग आपके बारे में अच्छा बोलेंगे उसके बाद आपके करीब आने की कोशिश करेंगे, _ फिर जब आप उन्हें अपना समझ उन्हें अपने करीब आने देंगे _ तो फिर आपके बारे में सब कुछ जानने की कोशिश करेंगे ; _ _आपकी हर बात हर चीज को पसंद करेंगे _ फिर एक दिन आपकी किसी छोटी सी बात का बुरा मान आप को छोड़ देंगे “

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लोग अक्सर पूछते हैं कि उन्होंने अपनों के लिए अच्छा ही अच्छा किया, लेकिन बदले में उन्हें अच्छा नहीं मिला और अन्त में उन्हें यह बताया गया कि उन्होंने किया ही क्या है या जो उन्होंने किया वो तो हर कोई करता है,

_ तो अब वो उनके लिए अच्छा करें या बुरा ; तो मेरा मानना है कि हमें तो अपना अच्छा ही करना है __ बुरा तो वो लोग स्वयं अपने लिए कर ही रहे हैं..

रिश्ते बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, बहुत प्यारे भी ..लेकिन ज़िन्दगी उससे भी ज़्यादा कीमती..

_ किसी रिश्ते को निभाने की कीमत ज़िन्दगी नहीं हो सकती है.
_ रिश्ते को उस हद तक निभाने की कोशिश करिए _ जहां तक आप खुद को ना मिटा पाएं.
_ जितना खुद को संभालकर रिश्ता निभा सकते हैं निभाएं.
_ लेकिन कोई मजबूरी ना बनाएं.
_ अगर नहीं समझ आ रहा है तो _कई दफ़ा दूरियां बेहतरीन इलाज करती हैं.
_ ज़िन्दगी से प्यार करिए और अपने रिश्तों से भी…
_ लेकिन रिश्ते को निभाने के बोझ में.. खुद को ख़त्म ना करें…. वक़्त दें खुद को भी और सामने वाले को भी… दिमाग को आराम दें _ और इत्मीनान से सवाल करें _ अपने आप से..
_ आपको अपने उलझे रिश्तों को सुलझाने का सिरा मिल जाएगा… और अगर नहीं मिले तो _ ज़िन्दगी का सिरा छोड़ने से बेहतर है _बाहर निकल आएं ऐसे रिश्ते से…
_ क्योंकि ज़िन्दगी छूटी तो वापसी के तमाम रास्ते बंद हो जाते हैं..
_ मरने की आपके पास एक वजह होगी _लेकिन जीने की हज़ार वजहें हो सकती हैं.!!
अब वे अनजान बन गए हैं..

_ जो कभी मेरे खासमखास की सूची में शामिल रहे थे,
_ किसी के खो जाने के बाद उसके लौट आने की, मिल जाने की आशा तब तक बनी रहती है..
_ जब तक हम खो जाने/चले जाने को स्वीकार नहीं लेते..
_ हम कुछ लोगों को खोने से डरते हैं..
_ जबकि सामने वाले को आपकी, आपसे अपनी जान-पहचान की, आपके अस्तित्व की रत्ती भर भी परवाह नहीं होती.!!
जीवन में स्वार्थी एवम ईर्ष्यावान लोगों को खोने से कभी मत हिचकिये…

_ ये जीवन को निराशा से अधिक कुछ नहीं देते..
_ परन्तु अपने खास एवमं शुद्ध रिश्तों को पहचाने और सुनिश्चित करें की कोई भी कीमत पर उन्हें न खोया जाय.!!
धोखा, फरेब से टूटे हुए, बिखरे हुए लोग बहुत मुश्किल से किसी पर दोबारा ऐतबार कर पाते हैं. _वो कह नहीं पाते हैं अपनी तकलीफ़ को, वो बोल नहीं पाते हैं अपने एहसास को. _वो घुटते रहते हैं अकेले ही अकेले और खो जाते हैं अपनी ही बनाई दुनिया में.

_ ऐसे बहुत से लोग हैं जो घुटन में जी रहे हैं, उनके पास कोई दरीचा नहीं है जहां से उन्हें कोई उम्मीद नज़र आए. _ऐसे में ग़र कोई अपनी तकलीफ़, दर्द कह रहा है तो उसको अगर आप सुन नहीं सकते, उसे आस नहीं बंधा सकते तो कम से कम किसी की तकलीफ़ पर हंसिए तो मत.

_ इस भागती, दौड़ती दुनिया में शायद मोहब्बत होना किसी को बेवकूफ़ी लगे, शायद किसी के लिए आंसू बहाना बेकार लगे, लेकिन ऐसे लोग होते हैं. _मोहब्बत के नाम पर फ़रेब खाए हुए लोगों के लिए उम्मीद का रास्ता बनिए. _ठीक है सब अपनी अपनी दुनिया में मस्त हैं, तो रहिए अपनी दुनिया में मस्त लेकिन जो टूटा हुआ है उसका मज़ाक बनाकर उसे चकनाचूर तो मत कीजिए.

_ हो सकता है कि मैं बेहद जज़्बाती बातें कर रहा हूं, हां क्योंकि मैं जज़्बाती हूं. मैं समझ सकता हूं किसी की तकलीफ़ को. _ ख़ुदा के वास्ते लोगों के जज़्बातों की खिल्ली मत उड़ाइए. ये टूटे बिखरे हुए लोग हैं बस पनाह चाहते हैं थोड़ी सी.

जहाँ तक मैंने अपने लोगों को आजमाया है तो ऐसा कोई अपना नहीं दिखा जो स्वार्थ एवम ईर्ष्या से न भरा हो.

केवल काम निकालने तक और अपने सुविधा अनुसार हर कार्य करने तक ही साथ रहा है.

ख़ैर; मुझे अफ़सोस है _ केवल अपना कीमती वक्त को उनके साथ जाया किया _ जो नहीं करना था…!!!

ऐसा क्यों होता है कि कोई अपना सगा भी किसी की तरक्की की खबर से जल उठता है ?

_ जिनके साथ सालों-साल रहा, वो भी मेरी तरक्की की खबर से खुश होने की जगह दुखी हो गए.
_ बात सोचने की है.
_ कोई क्यों किसी की खुशी में खुश नहीं है ?
_ ‘मैं हैरान होता हूं. ___ कोई कैसे किसी दोस्त या रिश्तेदार की तरक्की से जल सकता है ?
_ कोई कैसे अपने परिवार में किसी की कामयाबी पर बद नज़र लगा सकता है ?
_ और जो जल सकते हैं, बद नज़र लगा सकते हैं, उनसे कैसी दोस्ती ? कैसी रिश्तेदारी ?
— लेकिन क्यों ?
_ क्या हम इतनी बुरी दुनिया में जी रहे है कि कोई अपना सगा भी होते काम पर नज़र लगा दे ?
_ वो दिल से चाहे कि हे भगवान, इनका ये काम बिगड़ जाए ?
_ अगर ऐसा है तो वो रिश्तेदार कैसे ?
_ और वो दोस्त दोस्त ही क्या जो आपकी तरक्की पर खुश होने, पार्टी देने और लेने की जगह जल उठे ?
_ लानत है ऐसे दोस्तों पर..
_ लानत है ऐसे रिश्तेदारों पर..
— जो लोग आपकी तरक्की का मातम मना रहे हैं, उनसे तत्काल प्रभाव से दूर हो जाइए.
_ ये जलनखोर लोग, आपकी शिकायत करने वाले लोग ..आपके कभी थे ही नहीं.
_ बेशक आपकी ज़िंदगी में एक भी दोस्त, रिश्तेदार न बचें, लेकिन कभी नकारात्मक लोगों के साथ मत रहिए.
_ वो दोस्त हों, रिश्तेदार हों, चाहे दुनियादारी आड़े आ जाए, ऐसे लोगों को पहचान कर तत्काल प्रभाव से उनसे दूर हो जाइए.
— आजमाए हुए को दुबारा नहीं आजमाना चाहिए.
_ वो बाद में लाख चाह लें, आप उनसे दूर हो जाइए.
_ फोकस कीजिए अपने काम पर और उन्हें दिल से निकाल दीजिए.
“गहरी मार कबीर की, दिल से दिया निकाल”
— अच्छी तरह से रिश्ते् निभाने का सर्टिफिकेट लेने के बदले अपने आत्म सम्मान, मानसिक शांति व शारीरिक स्वास्थ्य की बलि चढ़ाना कौन सी बुद्धिमानी है;
_ मेरे भी कुछ रिश्तेदार हैं ..जो मेरी हर बात से जलते हैं,
_ पिछले कई वर्षों से मैं उनके तानों, हर अच्छे काम में मीन मेख निकालने की आदत से परेशान था.
_ उन्होनें कभी मेरी इज्जत नहीं की..
_ हमेशा चाहा कि मैं तरक्की ना कर सकूं,
_ जब जब हो सका मेरी राह में कांटे ही बिछाए,
_ रिश्ता इतना करीबी था की छोड़ना संभव नहीं था, लेकिन धीरे-धीरे इसने मुझे बीमार करना शुरू कर दिया.
_ आखिर में एक बार ..जब बात हद से बाहर हो गई तो ..कड़ा निर्णय लेते हुए ..मैंने उनसे दूर रहने का निर्णय ले लिया ;
_ खैर मैंने कभी नहीं चाहा था कि ..ऐसा हो ..पर सड़े हुए अंग को आखिर काटना ही पड़ता है ..तो काट दिया.
_ अब मैं खुश हूं ना किसी की सुनना, ना किसी को सुनाना,
_ हंसता हूं, गाता हूं, वॉक पर जाता हूं, दिन भर काम करता हूं, घर में शांति है, मन में खुशी है.
_ जलन करने वालों की बुरी नज़र से बचा हुआ हूं.
— जी हां, जब यह सब हो रहा था तब बुरा लग रहा था,
_ खुद पर भी संदेह हुआ कि मैंने सही किया या गलत..
_ पर आज घर में और अपनी सोच व सेहत में आए सुखद बदलाव देख कर लगता है ..जो हुआ अच्छा ही हुआ.
_ कुछ निर्णय तात्कालिक विरोध का कारण बनते हैं, लेकिन आगे के लिए वो अच्छे होते हैं.
लोग मुझसे बात भी अपने मूड एवम सहूलियत के अनुसार करते हैं,

_ मैं बेवजह अपना मूल्यवान समय उन्हें दे देता हूँ,
_ मुझमें और उनमें एक फर्क है,
_ वो अपना जरूरी काम निपटाने के बाद मुझसे बात करते हैं..
_ और मैं अपने महत्वपूर्ण कार्य को स्थगित करके बात करता हूँ,
_ लेकिन अब आगे से मुझे भी ध्यान रखना होगा.!
— मैं एक बात समझ गया कि हमारी जिन्दगी में अक्सर ऐसे लोग आएंगे जायेंगे..
_ जो कि हमारा कीमती समय और हमारी ऊर्जा को अपनी बेहूदा हरकतों से मिसयूज करने की कोशिश करेंगे _ लेकिन आपकी चाभी आपके हाथ में है..!!
_ जीवन में एक बात सीख लो कि आप, आपका समय, आपकी ऊर्जा, आपका शब्द, आपके विचार, बहुत कीमती हैं, इसको बचा के रखें..
_ और सही समय पर सही लोगों के सामने ही इसका इस्तेमाल करें..!!
जड़ों से उखाड़कर नई जमीन में पौधे को लगाकर पुनर्जीवित करना बेहद कठिन होता है,

_केवल धान का पौधा ही ऐसा है जो उखड़ने के बाद फिर रोपे जाने के बाद पनपता है..

_..लेकिन बाकी उखड़ते ही अधमरे हो जाते हैं या मुर्झा कर प्राणविहीन हो जाते हैं.

_केवल उनके प्राण बचते हैं _जिनकी जिजीविषा-शक्ति अत्यंत प्रबल रहती है.

_ पूरी दुनिया के लोग भटकते हैं, कोई रोजगार-व्यापार के लिए, कोई नौकरी के लिए, कोई आसरे के लिए, कोई पढ़ने के लिए, कोई कुछ जानने के लिए, कोई घूमने के लिए तो कोई अपना मुंह छुपाने के लिए..

_अपने घर को छोड़कर दूसरी दुनिया में जाने का निर्णय लेने वाले या तो अपने हालात से मजबूर होते हैं या वे दुस्साहसी होते हैं.

_ऐसा देखा गया है कि जिसने अपना घर-परिवार छोड़ा, किसी नई जमीन में जाकर बस गया, वह एक-न-एक दिन खुद को साबित कर देता है.

_गर्म-रेतीले रेगिस्तान में भटकता इंसान पानी और छांह की तलाश में अनवरत चलते रहता है,

_क्योंकि उसके पास और कोई विकल्प नहीं रहता.

अगर आपको लगता है कि सिर्फ आपकी समस्या ही सबसे बड़ी समस्या है… या आपका पावर ही सबसे बड़का पावर है तो वो सिर्फ हमारे भेजे के अंदर है.

एक तरह के माहौल मे रहने पे लगने लगता है कि आप जितना जानते और देखते हैं, वही सब कुछ है, पर वो होता एक रत्ती भर भी नही है.

आप हम एक ठो इतिहास, एक ठो सोच, एक ठो विचारधारा को लेकर जी रहे है तो खुद ही बीमार हैं, हमको और कोई बीमारी नही दे सकता. मर जाएंगे इसी बीमारी मे.

अगर हम किसी बड़े घर को देखते हैं तो हमें अपना घर छोटा लगता हैं ; लेकिन बड़े घर के अंदर हम जाएं और वहां कलेश हो, तनाव हो, अशांति हो तो हमें लगता है कि ..नहीं ..हमारा ही घर सही है ;

वैसे ही बहुत से लोगों को देखता हूँ जो दूसरे के जैसा बनना चाहते हैं ; लेकिन दूसरों को भी अगर ध्यान से देखें _उनके बर्ताव को, उनके स्वभाव को तो फिर लगेगा कि नहीं हम ही सही हैं..!!

ज़िन्दगी में महत्वपूर्ण लोग आते हैं और चले जाते हैं, और यह ठीक है.

दुर्भाग्य से, आपके जीवन में सबसे महत्वपूर्ण लोग रातोंरात अजनबी बन सकते हैं.

सौभाग्य से, कुछ अजनबी रातों-रात आपके जीवन में सबसे महत्वपूर्ण लोग बन सकते हैं.

यह प्रक्रिया दर्द देती है, लेकिन अगर इसे स्वीकार कर लिया जाए, तो यह आपके जीवन में लोगों की गुणवत्ता और उपयुक्तता में सुधार करने का काम करती है.

दर्द, वेदना, कष्ट, पीड़ा ये सभी दुःख भरे शब्द है, जो हर किसी के जीवन में कभी न कभी आते ही हैं। जब कभी भी ये हमारे जीवन में आते हैं, तो हम असहज हो जाते हैं और तड़पने लग जाते हैं.

_ये कभी अच्छे नही होते, मगर जो इन्हें अपने जीवन में अधिक सह लेता है, वह भविष्य में आने वाली छोटी-बड़ी मुसीबतों से उतना नहीं घबराता _जितना एक सुखी जीवन व्यतीत करने वाला घबराता है.

_हम सभी सामर्थ्य से भरे होते हैं, लेकिन हम अपने सामर्थ्य को तब तक नहीं जान पाते, जब तक कोई हमें बुरी तरह से दर्द या पीड़ा न पहुंचाए. _लेकिन दुनिया में हमें ये सब मिलता ही रहता है.
_जब भी हमें कोई दर्द या पीड़ा दे तो हमें उसमें कभी खो नहीं जाना चाहिए, क्योंकि यही दर्द और पीड़ा एक दिन हमारा इलाज बन जाता है.
_कभी-कभी हमें जानने-समझने के लिए ठोकरें खानी पड़ती हैं, आगे बढ़ने के लिए थोड़ा पीछे भी जाना पड़ता है और पाने के लिए कुछ खोना भी पड़ता है, तब कहीं जाकर हम जीवन का सबसे बड़ा सबक सीख पाते हैं और एक जौहरी की तरह बन जाते हैं, जो हीरा परखता है.
_लेकिन असली जौहरी वही होता है जो हीरा नहीं बल्कि किसी की पीड़ा परख सकता हो..
हम में से जो भी लोग धन पद प्रतिष्ठा या अपनी शानोशौकत की अकड़ रख कर चलते हैं,

_मैं उनसे पूछना चाहूँगा कि यह अकड़ किस लिए, ऐसा क्या है उनके पास _जो पहले इस धरती पर किसी और के पास नहीं रह चुका..
__और मेरा मानना है कि अकड़ वाले लोग जब भी इस धरती को छोड़ कर गए हैं, बड़ी बैचेनी और व्याकुलता में गए हैं,
_और जिनके पास रती भर भी अकड़ नहीं थी, वही इस धरती से शांति और तृप्ति लेकर गए हैं.
_जब भी अकड़ और एटीट्यूड [ मनोदृष्टि ] जरूरत से ज्यादा आ जाए तो एक बार हॉस्पिटल ज़रूर घूम आना..
_क्या अमीर क्या गरीब सबके चेहरे पर शिकन एक सी..जिंदगी की जद्दोजहद एक सी..
_फिर भी एटिट्यूड ना जाए तो शमशान भी घूम आना..!!
लोग अजीब हैं…!
यदि आप किसी की प्रशंसा करते हैं, तो वे सोचते हैं कि इसमें आपका अपना हित होना चाहिए. यदि आप प्रशंसा नहीं करते हैं, तो वे आपको ईर्ष्यालु कहते हैं ! यदि आप किसी की अतिरिक्त देखभाल करते हैं, तो उन्हें लगता है कि आप उनसे प्यार करते हैं.
यदि आप परवाह नहीं करते हैं, तो वे आपको स्वार्थी कहते हैं ! यदि आप नियमित रूप से अपने मित्र को संदेश भेजते हैं, तो वे आपको चिपचिपा कहते हैं. कुछ दिन बात न करो उनसे तो वो आपको गुरूर कहते हैं !
आप सारे संसार को कभी भी सुखी नहीं कर सकते, इसलिए केवल अपने रब को प्रसन्न करने का प्रयास करें, क्योंकि वही एक है जो आपके छोटे से अच्छे कर्म पर भी आपकी प्रशंसा करता है और आपकी वापसी की प्रतीक्षा करता है…!
“कौन कितने पाने में” _ यह बात सुनी सुनी सी लगती है..
_ पर यह बहुत कम सुना होगा, “मैं स्वयं कितने पानी में”
_ ऐसा इसलिए खुद को जांचने जानने वाले बहुत कम हैं और दूसरो को जांचने _ जानने वाले बहुत ज्यादा..!!
_ दूसरों को जानने से क्या लाभ, जब तक खुद को न जाने..
_ क्या कभी सोचा है कि खुद को जाने बगैर अगर जीवन व्यर्थ चला गया तो..
_ जीवन की भागा दौड़ी में इतना उलझ गया है इंसान कि _ उसे अब होश ही कहां रहता है..!!
अपना मुंह बंद रखें !!! एक घर खरीदना हो ?

अपना मुंह बंद रखें !!🙊एक नई कार खरीदना हो ?
अपना मुंह बंद रखें !!🙊शादी होना ?
अपना मुंह बंद रखें !! 🙊छुट्टी पर जा रहे हैं ?
अपना मुंह बंद रखें !! 🙊कोर्स करने जा रहे हैं ?
अपना मुंह बंद रखें !! 🙊पद्दोनती हुई ?
99% मामलों में हमारे सपने/दृष्टांत सच नहीं होते हैं, क्योंकि हम गलत समय पर गलत लोगों के लिए बहुत जल्दी अपना मुंह खोल देते हैं.
हम अपनी परियोजनाओं/सफलताओं को उन लोगों के साथ साझा करने में गलत थे, जो “दोस्त” होने का दावा करते हैं ;
नीची ईर्ष्या _लोगों के लिए पर्याप्त हैं, उसे खाने और फाड़ने के लिए, _इससे पहले कि ऐसा होता भी है, इसलिए … अपना मुंह बंद रखें !!!
आपके अधिकांश “दोस्त”, आपको अच्छा करते देखना चाहते हैं लेकिन _उनसे बेहतर कभी नहीं !!
और सिर्फ एक रिमाइंडर ! यहाँ तक कि परिवार के कुछ सदस्यों में भी छिपी ईर्ष्या होती है !!!
लेकिन, वे उसे रोक नहीं सकते जो परमेश्वर ने आपके लिए रखा है !
इसलिए अपना मुंह बंद रखें !!! “बुद्धिमान के लिए एक शब्द ही काफी है”
मेरे मरने के बाद…..

कुछ नहीं बदलेगा…. सब कुछ ऐसे ही रहेगा
ये रातें तो ऐसे ही रहेंगी बस जागने वाला मैं किसी गहरी नींद में सो चुका होऊंगा
ये कमरा, ये दीवारे ऐसे ही रहेंगी बस इनसे बातियाने वाला मैं अब मौन हो चूका होऊंगा हमेशा के लिए
ये कीबोर्ड, और माउस, टेबल कुर्सी सब ऐसे ही रहेंगे बस इन पर कौतुहल करने वाली मेरी उँगलियाँ अब निष्क्रिय हो चुकी होंगी।
ये लैपटॉप तब भी ऐसे बैटरी लो बताएगा लेकिन तब इसे चार्ज लगाने वाला डिस्चार्ज हो चूका होगा इस दुनिया से।
ये बिखरी पड़ी किताबें जिन्हे रोज मै समेटता था आज मुझे लोग समेटेंगे
और दूर कहीं ले जाकर मुझ पर लकड़ियाँ सजायेंगे लकड़ियों के नीचे मुझे दबाया जायेगा साथ ही दब जाएगी मेरी सारी ख्वाहिशे(नीली आंखों की) मेरे ड्रीम्स और मेरी वो पोस्ट भी जो मैंने फेसबुक पे ओनली मी कर के रखी है
फिर जलाया जाऊंगा मैं
मेरे साथ जल जाएँगी वो सारी बेहूदा लेख भी जो मै भविष्य में लिखता अगर जिन्दा रहता …
मेरे साथ मेरी वो भावनाये भी आग में दफन जाएँगी जो कभी व्यक्त न हुई
वो बातें जो मीठा सा रहस्य बनी हुयी थी मेरे ह्रदय में वो सब उन आग की लपटों में उड़ जाएँगी
कुछ फोर्मेलटीस होगी मेरे अपने सम्बन्धियों द्वारा
मेरे फोटो पे RIP लिखा जायेगा , मुझे टैग किया जायेगा….
स्क्रीनशॉट लेकर शायद वो स्टैट्स लगाएंगे जो कभी रिप्लाई भी न करते
मेरा फोन चेक किया जायेगा किसी को मेरी डायरी मिलेगी…किसी को ये पेज
फिर बातों का दौर चलेगा। मुझसे घृणा करने वाले लोग भी अच्छी बात करेंगे, लोग कहेंगे बोलता कम था लेकिन अच्छा बोलता था ; _ ये सारी बातें महज कुछ दिन तक चलेगीं फिर सब कुछ वैसा का वैसा.
कुछ भी नहीं बदलेगा….
मेरे मरने के बाद भी सूर्य ऐसे ही निकलेगा, ऐसे ही सबेरा होगा
वो दूध वाला भी ऐसे ही रोज की तरह आया करेगा बस , उसे अब मैं नहीं दिखूंगा _ जो रोज यहीं मैडिटेशन किया करता था.
सब ऐसे ही खुश रहेंगे …… कुछ नहीं बदलेगा सब कुछ ऐसे ही
अनवरत चलता रहेगा…….
भूल जाना सीखो साहब, एक दिन दुनिया तुम्हारे साथ यही करने वाली है..
“मैं पल दो पल का शायर हूँ _ पल दो पल मेरी कहानी है”
— “एक दिन सब घर वापस लौटेंगे ; _ मुझे हमेशा के लिए अलविदा कहकर”

मस्त जीवन कैसे जीना चाहिए ? – 2018

कौन बताएगा आपसे ? कि जैसे आप जी रहे हो ‘ उसे जीना नहीं कहते ‘
अकारण प्रसन्नता का नाम मस्ती है…!

मस्तों का आधार सूत्र है कि, दूसरों से अपने सुख को मत जोड़ो..!!

मस्त होने का अर्थ होता हैः मन को खोना..

_ मस्त होने का अर्थ होता हैः नियंत्रण खोना..
_ मस्त होने का अर्थ होता हैः अपने अहंकार से थोड़े नीचे उतर आना,
_ मस्त होने का अर्थ होता हैः फिर से हो गए बालक जैसे निर्दोष;
_ फिर से भर गए जीवन के आश्चर्य से; फिर से वृक्षों की मस्ती और फूलों की सुगंध और हवाओं का नृत्य अर्थपूर्ण हो गया.
_ खो दी मन की, गणित की क्षमता..
_ वह जो तर्क का सतत जाल है, वह जो तर्क का सतत फैलाव है भीतर,
_ उसे तोड़कर क्षणभर को बाहर निकल आए;
_ जैसे कोई कारागृह से बाहर आ जाए..
_ बंद दीवारें और बंद दीवारों के भीतर की बंद हवा,
_ थोड़ी देर को जैसे कोई छोड़कर बाहर आ जाए…..!!
मैंने उन्हीं लोगों को खुश और मस्त देखा है,

_ जो फोन पर किसी से बात भी करेंगे तो तीस सेकंड से एक मिनट ;
_ तड़क भड़क वाली जिंदगी से बच कर.. वो सरल रहना पसंद करेंगे,
_ ना किसी से शिकायतें रखेंगे ना किसी को शिकायतों का मौका देंगे,
_ ना लोगों से जलते हैं और हमेशा फ्रेश मूड में रहते हैं ;
_ कोई उनके पास आए जाए.. वो भी उनसे फ्रेश हो कर जाता है,
__ और मुझे समझ में नहीं आता कि सबको ऐसा बनने में मुश्किल क्या है ?
जीवन का आनंद भरपूर उठाइये,

_ मस्ती में ‘ उसकी ‘ मगन हो जाइये..
_ और हो सके तो फिर.. ‘ उसके ‘ ही गुण गाइये..छोड़कर सब कुछ, फूल से हल्के होकर..
– ” सदा ही बस खिलखिलाइये,”मुस्कुराइये और फिजाँओं में, खुशबू की तरह बिखर जाइये..
जिंदगी में कुछ तो कमी है, जिसे पूरा कर लेना.. मेरा मकसद होना चाहिए.!!

_ बहुत प्यार है मुझे अपने स्पेस से, अपने सपनों से, अपनी आजादी से..!!

हम खुद को मस्त कैसे रख सकते हैं ?

यारों अगर हमें जीवन में कुछ बड़ा करना है तो सबसे पहले अपने कान बंद करने होंगे, _ क्योंकि हम क्या हैं और हम क्या कर सकते हैं वह सिर्फ हम जानते हैं.

_ दुनिया सिर्फ हमें बाहर बाहर से जानती हैं । हमारे अंदर क्या प्रतिभा है और हम कैसे दुनिया को बदल सकते हैं वो सिर्फ हम जानते हैं.

_ इसीलिए अगर हमने जीवन में खुश रहना है तो सबसे पहले खुद को समझें, खुद से प्यार करे, रोज सुबह उठकर योग और व्यायाम करें, अपने कंफर्ट क्षेत्र से बाहर निकले, अपने अंदर की प्रतिभा को जानें, खुद की कभी भी दूसरों से तुलना ना करें, अपने फोन से थोड़ी दूरी बनाकर रखें, खुद से बातें करें इत्यादि, _

_ जीवन में कुछ खुद को महत्व (importance) देना सीखो और अपनी खुशियों को खुद हासिल करो.

“_ जैसे दुनिया तुम्हें देखना चाहती है, वैसे बिलकुल भी मत बनना ;

जैसा तुम खुद को देखना चाहते हो, वैसा बनने के लिए जी जान लगा देना._”

जब आप किसी ऐसे मुकाम पर पहुंच जाते हैं, जहां आपको किसी को प्रभावित करने की जरूरत नहीं होती,__ तो आपकी आजादी शुरू हो जाएगी..

“- आप की समझ बढ़ जाने के बाद आप लोगों के डिफरेंस को स्वीकार करने लगेंगे, _उन डिफरेंस की इज्जत करेंगे, उन्हें जज नहीं करेंगे.-“

अगर हम अपना विश्वास अपने भीतर खो चुके हैं तो उसे वापस ला सकते हैं ; बस प्रण लेना होगा कि अब से मैंने अपने जीवन में अच्छा ही अच्छा करना है ; फिर दुनिया चाहे हम पर विश्वास करे या ना करे, हमें अच्छा कहे या न कहे ; हमने अपने पथ से हिलना नहीं है तो, एक समय ऐसा आता है _

_ जब हम अपने ही भीतर आत्मविश्वास से भरपूर हो जाते हैं और फिर कोई हमारा साथ दे या ना दे, हमें कोई फर्क नहीं पड़ता _ हम अपने में मस्त रहते हैं..!!

जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पाठों में से एक है स्वतंत्रता को सीखना, स्वतंत्रता को समझना ; _ इसका अर्थ है आसक्तियों से, परिणामों से, मतों से और अपेक्षाओं से स्वतंत्रता !!

आसक्तियों को तोड़ने से स्वतंत्रता मिलती है, लेकिन आसक्तियों को तोड़ने का मतलब एक प्यारे और सार्थक रिश्ते को त्यागना नहीं है,

एक ऐसा रिश्ता जो आपकी आत्मा का पोषण करता है ; _ इसका अर्थ है किसी व्यक्ति या वस्तु पर निर्भरता समाप्त करना ;; ” प्रेम कभी भी किसी पर निर्भर नहीं होता “

आज़ादी सर्वोपरि होती है, _ आज़ाद व्यक्ति अपनी इच्छा से अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकता है, खा-पी सकता है, कहीं घूम – फिर सकता है तथा विचारों को अभिव्यक्त कर सकता है.

गुलामी का जीवन कष्टमय होता है_ … अतः आज़ादी को सँभालकर रखना हम सभी का दायित्व है.

“–हम एक ऐसी दुनिया में रह रहे हैं जिसमें कोई भी आजाद नहीं है, _जिसमें शायद ही कोई सुरक्षित है, _ ऐसा लगता है कि इसमें ईमानदार रहना और जीवित रहना लगभग असंभव है.–“

आप स्वतंत्र होने के लिए स्वतंत्र हैं; लेकिन यदि आप स्वतंत्र होने से इनकार करते हैं, तो कोई भी आपको स्वतंत्र नहीं कर सकता.

You are free to be free ; but if you refuse to be free, nobody can make you free.

अपने अस्तित्व की स्वतंत्रता को त्याग कर हालातों से समझौता करके घुटन के साथ जीना उचित है या फिर अपने अस्तित्व की स्वतंत्रता के साथ जीना ??
आज़ादी से ज्यादा मूल्यवान इस जगत में कुछ भी नहीं, _

_ जिन्हें ये स्वाद लगा, वो फ़िर कैद में नहीं रहते …!!

-आज़ाद खयाल होना गलत नहीं, _ बस सबको अपनी हद मालूम होनी चाहिए..

किसी को बाँध सकूँ ये हक़ तो नहीं मेरा,

_ खुद को आज़ाद कर लूँ ये फैसला ले लिया..!!

जब आप वास्तव में परवाह नहीं करते हैं कि कोई आपके बारे में क्या सोचता है,

_ तो आप स्वतंत्रता के एक अद्भुत स्तर पर पहुंच गए हैं.

When you truly don’t care what anyone thinks of you, you have reached a awesome level of freedom.

” स्वतंत्रता और समर्पण ” दो विपरीत शब्दों की तरह लगता है, _ लेकिन जब तक मैं इतना जी चुका हूं और जितना अधिक जी रहा हूं, मुझे लगता है कि इन दो शब्दों का एक ही स्रोत और अर्थ है.
जो बदला जा सके उसे बदलो, जो बदला ना जा सके _ उसे स्वीकारो, और जो स्वीकारा ना जा सके _ उससे दूर हो जाओ –

– लेकिन स्वयं को खुश रखो !

अधिकांश लोग वास्तव में स्वतंत्रता नहीं चाहते हैं, क्योंकि स्वतंत्रता में जिम्मेदारी शामिल होती है_

_ और अधिकांश लोग जिम्मेदारी से डरते हैं..

जिंदगी में मन की शांति बहुत जरुरी है _ इसलिए लाइफ में खुद को खुश रखने का तरीका ढूंढिए और जो चीजें आपके मन को अशांत करती हैं _ उससे जितनी जल्दी हो सके दूर हो जाएं_

– ” जिंदगी बहुत खूबसूरत है इसे खुश हो कर जीएं “

हर पल तृप्ति है तो माथे पर शांति, चेहरे पर प्रसन्नता, वाणी में माधुर्य होगा और आपका व्यक्तित्व चुंबकीय – आकर्षक बनेगा.
जीवन एक यात्रा है.

_ हर मुसाफिर का अपना गंतव्य है.
_ किसी को जहां तक आपके साथ चलना है, वह वहीं तक साथ चलेगा.
_ जो जाएगा, उसे जाने दीजिए.
_ जो सच्चे होंगे, वे साथ बने रहेंगे.. उनकी कद्र कीजिए.
_ जो नया आएगा, उसका स्वागत कीजिए.
_ यही जीवन का नियम है.
कभी भी किसी खास मौके के लिए कुछ भी सेव न करें. जीवित रहना विशेष अवसर है.!!

Don’t ever save anything for a special occasion. Being alive is the special occasion.

” बुद्धिमानी का कुल मतलब इतना है के, _ आप “मौज़” कमाना सीख गए,”
जीवन यात्रा में हर पल स्वयं को तलाशते रहिए.. तराशते रहिए..!
जीवन में कुछ लोग इतना कुछ झेल चुके हैं कि उन्हें कुछ अच्छा भी एक सेट अप जैसा लगता है.
एक बार लोगों को समझने में महारथ हासिल करने की देर है,

_ फिर कोई भी आपका फ़ायदा नहीं उठा सकता.!!

मानसिक शांति भंग करने वाले हर नकारात्मक तत्व से दूर रहना है मुझे…

_ चाहे वह कितना भी अजीज हो, इस के लिए उसे भी त्याग दूँगा….••

“– जो स्वयं को जोखिम में डालने को तैयार नहीं है, _वह जीवन के रहस्योद्घाटन को कभी नहीं देख सकता..–“

जीवन का अर्थ है आंतरिक शांति प्राप्त करना और यह आंतरिक शांति धन – दौलत से प्राप्त नहीं होगी, इसे बाजार से ख़रीदा नहीं जा सकता, _यह तो तभी प्राप्त होगी, जब आपके जीवन में रचनात्मक गुण हों.

_ काश हम सब “चीजें और सामान” जमा करने में कम समय बिताना सीखें _और यादें बनाने में अधिक समय व्यतीत करें.!!

आपको बिना किसी हिचकिचाहट के _उन चीजों पर खर्च करना चाहिए _जो आपके लिए सबसे ज्यादा मायने रखती हैं _और उन चीजों पर जमकर कटौती करनी चाहिए _जो आपके लिए मायने नहीं रखती हैं.

_कुछ चीजें हैं _जो पैसे से भी अधिक महत्वपूर्ण हैं !!

“- जो आपके पास नहीं है _उसकी इच्छा करके +जो आपके पास है _उसे बर्बाद मत करो.”

दुनिया के सबसे खुशहाल लोग वो नहीं होते, जिनके पास सबकुछ सबसे बढ़िया होता है, _ पर वे होते हैं, जिनके पास जो होता है बस उसका सबसे अच्छे से यूज़ करते हैं.

_एन्जॉय करते हैं और भरपूर जीवन जीते हैं ! सादगी से जियो ; सबसे प्रेम करो ; सबकी केअर करो. _जीवन का आनन्द लो, यही असली जीना है..

हमेशा उन चीजों के लिए समय निकालें _ जो आपको जिंदा रहने में खुशी का अनुभव कराती हैं.

— ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो आपको खुश कर सकती हैं, _ उन चीजों पर ज्यादा ध्यान न दें जो आपको दुखी करती हैं —

” जीवन एक लंबी यात्रा है इसे उन लोगों के साथ सही ढंग से बिताएं _ जो आपके लिए मुस्कुराते हैं और आपसे प्यार महसूस करते हैं.”

जिंदगी के लिए जो बेहद जरुरी है, वो तो थोड़े से प्रयास से ही मिल जाता है,_

_ लेकिन जो कतई जरुरी नहीं, उसके लिए यहां अथक प्रयास किया जाता है.

“– एक ईमानदार जीवन जीने के लिए बहुत सी चीजों की आवश्यकता नहीं होती है.”

जैसे एक पौधे को खिलने के लिए एक महंगे गमले की नहीं, एक अच्छी मिट्टी की आवश्यकता होती है, वैसे हीअच्छा जीवन जीने के लिए हमें महंगे साधनों की नहीं _ सरलता की, सहजता की और अच्छी समझ की जरुरत पड़ती है..!

जिन चीज़ों की आपको वास्तव में आवश्यकता है _वे कम हैं _और आसानी से मिल जाती हैं;

_लेकिन जिन चीज़ों की आप कल्पना कर सकते हैं कि आपको ज़रूरत है _वह अनंत हैं, _और आप कभी संतुष्ट नहीं होंगे.

“- जब आप संतुष्ट होते हैं और अत्यधिक इच्छाओं से मुक्त होते हैं, तो जोड़-तोड़ करने वाले व्यक्तियों को शोषण करना या हस्तक्षेप करना मुश्किल लगता है.”

जिंदगी मिली है तो जिंदगी के हर अनुभव को सीख कर आगे बढ़ना ही जीना ही कहलाता है..

_ हारो तो उसे जिंदगी का पाठ समझो _ जीतो तो जिंदगी का इनाम..

अपना काम अच्छे तरीके से करने के बाद संतुष्ट और मस्त हो कर आराम कीजिए,

_ दूसरे आपके बारे में क्या बात करते हैं, ये उन्हीं पर छोड़ दीजिए !!

ज़िंदगी में जरूरी नहीं सब कुछ हमारे ही हिसाब से हो, जब लाख प्रयास के बाद भी _

_ आप के हिसाब से सब कुछ न हो तो _ समझो जो हो रहा है _ वही होना था..

जीवन उसी का मस्त है, जो स्वयं के कार्य मे व्यस्त है ; _

_ परेशान वही है जो दूसरों की खुशियों से त्रस्त है !!

-हर व्यक्ति का अपना सफ़र है, अपनी मंज़िल है _ हम साथ चलकर भी अपने-अपने सफ़र के मालिक हैं-

मेरा सफ़र अकेला है ,,,! पर मंज़िल तक पहुँचने के लिए, कुछ महान हस्तियों के, मार्गदर्शन की बहुत जरुरत होती है !!

न तुम मुझे बांधो, _ न मैं तुम्हें बांधू _ क्योंकि आकाश में साथ साथ तो उड़ा जा सकता है _ लेकिन बंधे हुए नहीं..
जिंदगी अब तुझे और समझना नहीं, क्योंकि जितना समझना चाहता हुँ _ और उलझता जाता हुँ..
चल जिंदगी ! नई शुरुआत करते हैं, _ जो उम्मीद औरों से की थी, वो अब खुद से करते हैं….!
जीवन में आज़ादी असुरछा से घिरी होती है, इसलिए अधिकांश लोग पिंजरे में जीवन जीते हैं.
आजादी संसार की सबसे सुंदर चिज है, इसे पकड़ लो _ चाहे इसके लिए जो भी छूट जाए..!
जिंदगी को बेहतर तरीके से जीना है, तो दूसरों की नहीं खुद की सुनिए ..
मैं अपनी आजादी का हकदार हूँ, _ किसी की अनुमति का मोहताज नहीं..
असली सफलता वही है जिसमे हम खुद को किसी के साथ तुलना करना बंद कर देते हैं…!!!
केवल एक ही सफलता है – अपने जीवन को अपने तरीके से व्यतीत करने में सक्षम होना..
” खुद से प्यार करो ” और जितने के आप लायक हो _ उससे कम पर समझौता मत करो.
सामान्य ज्ञान एक ऐसा फूल है _ जो हर किसी के बगीचे में नहीं उगता..
आपके जीवन की ख़ुशी _ आपके विचारों की _ गुणवत्ता पर निर्भर करती है.

The happiness of your life depends on the quality of your thoughts.

ज्ञान पाकर, अज्ञान दूर करें_ यदि कोई सोचे कि ‘ ज्ञान नहीं मिला तो क्या फर्क पड़ता है ?

” इसका जवाब __” ज्ञान से मिलनेवाली _ आज़ादी का आनंद ” महसूस करने के बाद ही मालूम पड़ता है.

दूरदर्शिता का गुण दुर्लभ होता है, बहुत कम लोगों में यह पाया जाता है, _ जिन थोड़े- से लोगों में यह होता है,

_ वे मनन के ज़रिए भावी संभावनाओं को पहले से ही जान लेते हैं.

अगर आपकी लाइफ में चैलेंजेज हैँ, बाधाएं हैँ तो उन्हें कोसते मत रहिये, कहीं ना कहीं ये आपको fresh and lively बनाये रखती हैँ,

इन्हेँ accept करिये, इन्हे overcome करिये और अपना तेज बनाये रखिये.

मेरे चेहरे पर मुस्कान का मतलब यह नहीं है कि मेरी जिंदगी परफेक्ट है, _

_ इसका मतलब है कि मेरी चुनौतियों के बावजूद, मैं अपनी खुशी और जीवन के सर्वोत्तम क्षणों पर ध्यान केंद्रित करना चुनता हूं.

“जीवनयापन का उपाय तलाशना और सार्थक जीवन जीना अलग-अलग बात है”
अपने पिछले अनुभवों को कभी भी अपने भविष्य को नुकसान न पहुंचाने दें _

_ आपका अतीत बदला नहीं जा सकता और आपका भविष्य सजा के लायक नहीं है..

बस सबसे अच्छा बनने की कोशिश करो, जो आप हो सकते हैं ;

कभी भी सबसे अच्छा बनने की कोशिश करना बंद न करें, _ यह आप की शक्ति है..

उन लोगों, स्थानों और परिस्थितियों से दूर जाने के लिए तैयार रहें_

_ जो आपको आपकी पूरी क्षमता तक पहुँचने से रोकते हैं..

अगर आप किसी चीज को पाना चाहते हैं, तो पहले देख लें कि _

_ उसे पहले से हासिल करने वाले इंसान खुश हैं या नहीं ..

जीवन में कई बार हम बड़ी परेशानियों से यूं निकल जाते हैं,_

_ मानो कोई है जो हमारा साथ दे रहा है.

जीवन की नाव को पार लगाने में..

_ सांस उखड़ जाती है अच्छे अच्छों की.!!

कल्पना कीजिए कि आप क्या चाहते हैं, अपने अंदर की खुशी को महसूस करें,_

_ और आकर्षण का नियम आपके लिए इसे प्राप्त करने का सही तरीका खोज लेगा..

आप अपनी भावनाओं को तुरंत बदल सकते हैं .. कुछ आनंददायक सोचकर, या कोई गीत गाकर,

_ या एक सुखद अनुभव को याद करके..

जिस व्यक्ति में ज्ञान और कुछ सीखने की भूख होती है, वह हमेशा तरोताजा अवस्था में रहता है,_

_ उसके पास विचारों का व्यापक दृष्टिकोण है और इसके साथ ही वह अंततः महान उपलब्धियां हासिल करता है..

जीवन की त्रासदी यह नहीं है कि यह इतनी जल्दी समाप्त हो जाता है,_

_ बल्कि यह है कि हम इसे शुरू करने के लिए इतना लंबा इंतजार करते हैं..

बुद्धिमान को खुश करने के लिए कुछ चीजों की जरूरत होती है,_

_ लेकिन मूर्ख को कुछ भी संतुष्ट नहीं करता है; और यही कारण है कि इतनी सारी मानव जाति दुखी है.

होशियार व्यक्ति दुनिया को अपनी मर्जी से चलाने की कोशिश करता है _

_ बुद्धिमान व्यक्ति खुद को दुनिया के अनुरूप बना लेता है.

कोई नामुमकिन सी बात को, मुमकिन कर के दिखा _

_ खुद पहचान लेगा ज़माना, भीड़ से तू अलग चल कर दिखा !!

लोग हमेशा कहते थे कि यह असंभव है, _ लेकिन सच्चाई यह है कि यह दुनिया उन लोगों द्वारा बनाई गई है, _

_ जिन्होंने ऐसे काम किए जिन्हें लोग असंभव समझते थे..

जब आप की समझ बढ़ जाती है तो ; आप जीवन में परिवर्तन देखते हैं ; यहां तक ​​​​कि सबसे छोटा परिवर्तन भी देख पाते हैं _

अमूमन जहाँ किसी का ध्यान नहीं जाता है, और आप कभी भी संबंध नहीं खोते हैं..

सफलता की गिनती इस बात से नहीं होती है कि व्यक्ति कहाँ पहुँच गया है_

_ बल्कि इस बात पर निर्भर करता है कि उसने वहाँ पहुँचने के लिए कितनी बाधाओं को पार किया है..

अगर हमारा मन कठिनाइयों को झेलने के लिए तैयार हो जाता है, _

_ तो कठिनाइयां हमें दुखी नहीं बना सकतीं..

अपने बारे में लोगों को समझाना बंद करें और लोगों को सब कुछ कहने दें,

_ आप जो करते हैं, उसके बारे में किसी को कोई स्पष्टीकरण नहीं देना है_ आपका जीवन आपका है, _ उनका नहीं..

कभी भी किसी को अपने जीवन में अपने लिए जगह बनाने के लिए मजबूर न करें,

_ क्योंकि अगर वे आपकी कीमत जानते हैं, तो वे निश्चित रूप से आपके लिए एक जगह बनाएंगे.

अगर आपकी सफलता आपकी शर्तों पर नहीं है, अगर यह दुनिया को अच्छी लगती है _

_ लेकिन आपके दिल को अच्छी नहीं लगती है, तो यह सफलता बिल्कुल नहीं है.

आश्वस्त और दृढ़ रहें; अपने रास्ते में आने वाली किसी भी बाधा के बावजूद _ कभी हार न मानने वाला रवैया विकसित करें –

_ ” कोई समस्या नहीं है, केवल चुनौतियाँ और समाधान हैं”

कभी – कभी आपको कठिनाइयों का सामना इसलिए नहीं करना पड़ता कि आप कुछ गलत कर रहे हैं,

बल्कि इसलिए कि आप कुछ सही कर रहे हैं..

आपको मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए, _

_ मानवता एक सागर है; सागर की कुछ बूंदे गंदी हो जाए तो सागर गंदा नहीं होता..

हर दिन बस चुटकी भर सीख भी मिल जाये काफी है..
मैं गिरा, रोया, उठा, फिर हँसा..

तुमने देखा, बस हँसे, और गिर गए…

टूटना, बिखरना सदैव पीड़ा बनकर नहीं रहता… ‌ किसी पतझड़ का पीछा करते हुए तुम…

स्वयं को एक दिन _ फूलों के बगीचे में पाओगे….

दुनिया को विज्ञान कितना भी विकसित और सुखद बना दे,

लेकिन मानसिक शांति आज भी प्रकृति की गोद में ही मिलती है.

संसार के दुःखो को दूर करने के लिए, स्वयं को पहले सुखों से संपन्न बनाना पड़ेगा,

जो रब की याद से संभव है…

अपने जीवन का आनंद लें, अपने सपने देखें, _

_ अपनी मेहनत से खुद को साबित करें और अपना जीवन बदलें..

” जिंदगी शुरू करने का सबसे पहला सूत्र याद रहे, कि,

क्रिया की प्रतिक्रिया होती है, ” सुखद की सुखद और दुखद की दुखद “

हम हैं उलझे हुए उनमें क्यूँ बेवजह, जो जरुरी नहीं जिंदगी के लिए !

_ एक सुकूँ से भरी जिंदगी है बहुत, चाहिए कुछ नहीं और ख़ुशी के लिए !!

कड़वा है, मीठा है, फीका है, शिकवा क्या कीजिए,

जीवन समझौता है, घूँट – घूँट पीजिए …!!

दौलत -ए- दर्द को दुनिया से छुपा कर रखना,

आंख में बूंद ना हो _ दिल में समन्दर रखना..

मन खुश है तो _ एक बूंद भी बरसात है…

दुखी मन के आगे _ समंदर की भी क्या औकात है..

मैं मानता था कि प्रार्थना चीजों को बदल देती है, लेकिन अब मुझे पता है कि _

_  प्रार्थना हमें बदल देती है _ और हम चीजों को बदल देते हैं..

जो आसानी से मिल जाए वो हमेशा तक नहीं रहता,

_ जो हमेशा तक रहता है वो आसानी से नहीं मिलता..

  •  
  • “- किसी को आसानी से मत मिल जाना, _ लोग सस्ता समझने लगते हैं -”
हो सकता है कि आप कई चीजों में परिपूर्ण न हों, लेकिन आपके बिना कई चीजें परिपूर्ण नहीं हो सकतीं,_अपने छोटे-छोटे तरीकों में खास रहें.
दुनिया में सबसे खुश,,वो लोग रहते हैं, जो ये जान चुके हैं कि _ दूसरों से किसी भी तरह की उम्मीद करना व्यर्थ है..
चीजों को आसान बनाएं, जीवन आसान है _ हम इंसान इसे जितना जटिल बना रहे हैं उतना ही जटिल बना रहे हैं.
किसी दूसरे के बुरे व्यवहार में इतनी ताक़त नहीं होनी चाहिए — कि वो आपके मन की शांती को खत्म कर दे,,,
” बाधाएं वे चीजें हैं जो एक व्यक्ति तब देखता है _ जब वह अपने लक्ष्य से अपनी आंखें हटा लेता है “
जिसके पास बुद्धि है वह कभी दुखी नहीं हो सकता _ और न ही कोई दूसरा उसे ऐसा बना सकता है..
जब से मैंने स्वयं को प्रसन्न रखने का निर्णय लिया है, _ तब से मेरे लिए कोई समस्या नहीं रही .!
जब आपका अपने विचारों पर नियंत्रण होता है, _ तो आपका अपने जीवन पर नियंत्रण होता है.
खुशी हमेशा उस दरवाजे में छिप जाती है _ जिसके बारे में आपने नहीं सोचा था कि _ वह खुला है..
वक्त के साथ चलना कोई जरुरी नहीं, _ सच के साथ चलिए, एक दिन वक्त आपके साथ चलेगा.
एक बुद्धिमान व्यक्ति न केवल सलाह लेना जानता है, _ बल्कि उसे अस्वीकार करना भी जानता है..
आप अपने जीवन से कुछ भी नहीं सीखते हैं _ यदि आपको लगता है कि आप हर समय सही हैं.
असलियत से जुड़ जाना ही मन को शान्ति देने का ढंग है, _ कृत्रिमता मन को अशान्ति देती है.
दुनिया की महत्वपूर्ण चीजें उन्हें मिली हैं _ जिन्होंने आशा न होते हुए भी _ प्रयास जारी रखा..
बहुत दूर का देखने की कोशिश व्यर्थ है, एक एक कदम चलते चलो, _ रास्ता मिलता जाएगा.
हम जिस रस्ते से गुजरते हैं _ उस रस्ते से हमेशा के लिये गुजर जाना ही _ बेहतर समझते हैं.
दूसरों के साथ अपने जीवन की तुलना न करें, _आपको पता नहीं है कि उनकी यात्रा क्या है.
अगर आपका रास्ता सबसे अलग है, तो _ इसका मतलब यह नहीं कि आप खो गए हैं…
जो हो रहा है उसे होने दो, _ उसने तुम्हारी सोच से भी बेहतर तुम्हारे लिए सोच रखा है..
यदि आप अपना दिमाग ठीक कर लें,_ तो आपका शेष जीवन सही हो जाएगा.!
हम भीतर से जो हासिल करते हैं,  _ वह बाहरी वास्तविकता को बदल देगा..
सब्र करो.. _ जिसके काबिल हो, ज़िंदगी वो हर चीज़ देगी तुम्हें !
स्वस्थ जीवन जीने के लिए कम से कम आवश्यक ज्ञान प्राप्त करना चाहिए..
सिर्फ जन्म लेने से आपको जीवन नहीं मिलता, _ इसे सही तरीके से जीना होगा.
“हम बहुत आभारी हैं कि हमें मनुष्य के रूप में जीवन जीने की अनुमति दी गई”…
अच्छी तरह से जीना, पूरी तरह से जीना, जीवन का उद्देश्य है, कोई दूसरा उद्देश्य क्यों पूछें ?
ख्वाहिशों की आदत भी कितनी बेतुकी है…! _ मुकम्मल होते ही फिर से बदल जाती है..!!
अपने आप को याद दिलाएं कि आपको वह नहीं करना है _ जो बाकी सभी कर रहे हैं.
जब आप ज्ञान से प्रबुद्ध होते हैं, तो आप भौतिकवादी दुनिया में कभी नहीं खोते हैं..
त्याग दो अपने बीते हुए कल को, क्योंकि उसका प्रभाव आने वाले कल को दूषित कर जाएगा.
” आपका समय सीमित है, इसलिए इसे किसी और का जीवन जीने में बर्बाद न करें “
जिस चीज़ के लिए आप तैयार हो जाते हो, _ वह चीज़ आपके जीवन में आती है.
इंसान ज़िन्दगी बनाने के चक्कर में, _ ज़िन्दगी जीना भूल जाता है .!!
जो हो जाय, उससे प्रसन्न रहो, _ जो होना होगा, वो, होके ही रहेगा..
हर कोई इस बात से अनजान है कि _ वो खुद कितना क़ीमती है !!!
” जिंदगी हल्की महसूस होगी ” _ अगर दूसरों से कम उम्मीद और खुद पर ज्यादा भरोसा हो तो ..!!
आप क्या महसूस करते हो, ये सिर्फ आप महसूस कर सकते हो, _ और दूसरा कोई नहीं..
सबसे समझदार व्यक्ति वह होता है जिसके आँख कान तो खुले हों _ परंतु मुंह बंद हो..
सबसे ज्यादा गरीब वह है, _ जिसकी खुशियाँ दूसरों की अनुमति पर निर्भर करती है..
बात जब फूलों से करना आ गया .._.. ज़िंदगी में रँग भरना आ गया.
किसी ने भी आपकी खुशी का ठेका नहीं ले रखा है _ सिवाय आपको छोड़कर ,,
साधारण चीजें ही सबसे ज्यादा असाधारण होती हैं, और केवल बुद्धिमान लोग ही उसे देख पाते हैं.
तुम रास्ता बनाओं, मंज़िल तुम्हें मिल जायेंगी _ हिम्मत और लगन हो, तो कोशिश रंग लायेंगी..
जब हम खुश रहतें हैं, _ तब हमारी कार्यशैली सर्वोत्तम अवस्था में होती है.
अपनी कामयाबी को कभी छोटा मत समझो, ये सबको प्राप्त नहीं होती.
कोशिश में कोई कमी ना रखना, _ नतीजे तो आए दिन बदलते रहते हैं.
प्रसन्न वो हैं, जो अपना मूल्यांकन करते हैं _ परेशान वो हैं जो, दूसरों का मूल्यांकन करते हैं..
बुद्धिजीवी व्यक्ति का दिमाग हर वक़्त खुद के दिमाग की तरफ ध्यान देता है.
जब आप शांत हैं या नहीं, इस बात पर परेशान नहीं होते हैं तो यही शांति है.
यकिन रखिए ऊपर वाले का फैसला हमारे फैसलो से बहुत अच्छे होते हैं.
हर स्थिति में अच्छाई देखने के लिए अपने दिमाग को प्रशिक्षित करें
आप चिंतन तो करके देखिए, चिंता करने की आवश्यकता ही न होगी !
किसी के अंदर इतना भी मत झांको कि अपनी नाक को कपड़े से ढकना पड़े.
चिंता का दिन एक हफ्ते के काम से ज्यादा थका देने वाला होता है.
जीवन एक बार का ऑफर है, इसे अच्छी तरह से उपयोग करें..!!
चिंता करना हमारी आदत बन चुकी है, इसलिए हम दुखी हैं.
ज्ञानी चिंता सहित भी चिंता रहित होता है.
सुख को बांटने वाला दुखी हो ही नहीं सकता..
जीवन में महत्वपूर्ण बात यह है कि आप अंदर से क्या हैं न कि बाहर से..
ऐसे बहुत से लोग हैं _जो आपके पास है _उसकी कामना करते हैं.
जीवन एक प्रश्न है _ और हम इसे कैसे जीते हैं _ यह हमारा उत्तर..
इंसान ने सब कुछ खोज लिया, _ सिवाय इसके की जीना कैसे है.
जीवन तो सबको मिल जाता है,_ जीना बहुत कम को आता है.
” जैसे तैसे ” गुजरने वाली को उम्र कहते हैं ” जिंदगी नहीं “
चलो बिखरने देते हैं जिंदगी को, सम्भालने की भी एक हद होती है.
जो थोड़े से तृप्त हो जाता है _ उसके लिए इस संसार के सारे कष्ट आसान हो जाते हैं.
ज़िन्दगी के कुछ और पैमाने तय करो.._..बस जी लेना ही तो जिन्दगी नहीं..
ज़िंदगी कह रही थी “आ जी ले ” __ मुझसे इतना सा काम भी न हुआ..
जिंदगी तो प्यार के लिए भी कम है और लोग इसे नफरतों में गवा देते हैं.
जिसे संभाल न पाओ, उसे बिखेरा न‌ करो.
जीवन यात्रा है, इस यात्रा में जीवन जीने का ढंग महत्वपूर्ण है.
जैसे जैसे आप अधिक जागरूक होते जाते हैं _ इच्छाएं गायब होती जाती हैं !
जब हमारी चाहतें कम होती हैं _ तब जीवन जीने का मजा दोगुना हो जाता है..
समय की बर्बादी एक छोटे से जीवन को और भी छोटा कर सकती है..
हम हैं उलझे हुए उनमें क्यूँ बेवजह, जो जरुरी नहीं ज़िंदगी के लिए..
अपनी आवश्यकताएं सीमित रखना सुखी जीवन का मूलमंत्र है.
अशांत तुम इसलिए हो _ क्योंकि _ गैर ज़रूरी के पीछे पड़े हो..
सिर्फ *सुकून* ढूँढिये…._ *जरूरतें* तो कभी खत्म *नही* होंगी.
ज्ञानी कभी कुछ त्यागता नहीं, _ जो व्यर्थ है वह छूट जाता है.
नकली लोगों के नाटक में क्यों फंसें_जब आप अपने जीवन को उन लोगों के साथ साझा कर सकते हैं_जो वास्तव में आपकी परवाह करते हैं.
अपने आप से पूछें कि वास्तव में क्या महत्वपूर्ण है और फिर अपने उत्तर के आसपास _ अपना जीवन बनाने का साहस करें.
जिसे जीने की कलाकारी आ गई,_ वह जीवन के रंग मंच पर कभी असफल नहीं होता.

_ वह जीवन में उतनी हीं जरूरतें जोड़ता है _ ताकि जीवन ना घटे,

_ इस यात्रा पर निकला वह यात्री ज्य़ादा खुश है _ जिसके पास कम सामान है.

“– जीवन में ज्यादा जरूरी है कि अधिक धन अज॔न कि बजाय अधिक जिया जाए.–“

रुई का गद्दा बेचकर मैंने दरी ख़रीद ली,_

_ ख़्वाहिशों को कुछ कम किया मैंने और ख़ुशी ख़रीद ली.

एक खुशहाल जीवन के लिए थोड़े की जरुरत होती है _ यह सब आपके अंदर है _ आपके सोचने के तरीके में.

“-एक बार जब आप एक निश्चित उम्र तक पहुँच जाते हैं, तो आप बहुत सी चीज़ों से स्थायी रूप से अप्रभावित हो जाते हैं.”

अमीर वह नहीं जिसके पास बहुत है; _ अमीर वह है जिसकी आवश्यकताएं बहुत कम हैं !
योजना बना कर चलना अच्छी बात है, मगर _ योजनाओं के नाम पर चिन्तायें पालना ठीक नहीं.
आपके पास जो भी है, उसमें खुश रहें _ ज्यादा की कामना कर के दुःख को आमंत्रित ना करें.
अगर आप मेहनत से काम करेंगे तो.. _ तब आपको लगेगा की ” यह जीवन बहुत खूबसूरत है “
तब ये बिलकुल भी नहीं पता था ” क्या चाहिए ” _ मगर ये पता था ” क्या नहीं चाहिए “
बुद्धिमान वह है _ जो जीवन में आवश्यक और अनावश्यक चीजों के बीच अंतर कर सके.
– ख़ुद को ख़ुश रखने के तरीके ढूँढें,__ क्यूँकि तकलीफें तो आपको ढूँढ ही रही हैं.

” – जो खुद में खुश रहता है _ उसके लिए सभी परिस्थितियाँ अच्छी होती हैं..”

इबादत एक मुकाम तक ले जाती है, _ आगे दीवानगी रास्ता दिखाती है..
कई जरिये हैं कुछ कहने के, उनमें से एक जरिया है ” कुछ न कहना “
मैं भी हूँ सौदागर कैसा, __ ख़ुशियों का सौदा गम से कर रहा हूं…
उन चीजों को हासिल करें _ जो आपके लिए मायने रखती हैं.
ख्वाब, ख्वाहिश और लोग _ जितने कम हों _ उतना अच्छा..
जो बातें मैं कभी नहीं कहता, _ वे मुझे कभी परेशानी में नहीं डालतीं..!
न कोई उम्मीद…न कोई चाह.., _ बस चलता रहता हूँ…अपनी राह…!
हर कोई _ इस बात से अनजान है की _ वो खुद कितना कीमती है !!!
ज़िन्दगी चलने मेँ _ सुख और दुख _ दोनों पैरों की जरुरत है !!
शांति की इच्छा हो तो…_ पहले इच्छा को शांत करो..
उम्मीदें डरती है मुझसे, _ मैं वास्तविकता का हाथ थामें रहता हूँ..!!!
अपने शौक को कभी भी खत्म न होने दें, बल्कि उनको एक आकार दें .!!
बहुत कुछ होता है जिंदगी में _ जिसके लिए कभी भी समझौता _ मत करना..
जरुरी है कि बिना प्रयास किए, असफलता स्वीकार न की जाए.
जब आप दूसरों पर निर्भर होते हैं, _ तो आप अपना जीवन स्वयं नहीं जी सकते.
अपनी ज़िंदगी को सजाने संवारने की जिम्मेदारी _ आपकी खुद की है.
अगर आप ख़यालों में कैद हो, तो आप की हर आजादी बेकार है..!!
जब जीवन आपको समय देता है, आराम करें और इसका आनंद लें.
” दुनिया में सबसे बड़ी संपत्ति आपकी मानसिकता है “
मुझे वह लोग पसंद हैं जो अपनी मौज में रहते हैं,

साज़िशें नहीं करते, नफ़रतें नहीं फैलाते, ” मगर कम होते हैं ऐसे लोग !!! “

ज़िंदगी से बडा़ कोई मज़हब नहीं होता,_ और अपने जिस्म से सगा कोई दूजा नहीं होता,

तो सबसे पहले ज़िंदगी की परवाह होनी चाहिये,”

जीवन कठिन तब लगता है, जब हम स्वयं को बदलने की बजाय दूसरों को बदलने का प्रयास करते हैं.
अपने विकास का हर दिन हिसाब रखना सबसे अच्छा होता है, क्या आप दिन प्रति दिन पहले से अच्छा,

_ ज्यादा खुश, और ज्यादा समझदार होते जा रहे हैं.

कुछ लोग अपने बारे में खुद फैसला लेने से डरते हैं, उन्हें लगता है कि कुछ गड़बड़ हुआ, तो जिम्मेदारी भी उन्हीं की होगी. इससे अच्छा है दूसरे के कहे अनुसार चलो, असफल होने पर कह सकते हैं कि मैंने अपनी मर्जी से कुछ नहीं किया.

अपनी जीवन की गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर किसी और को नहीं बैठने देना चाहिए. किसी और को बैठाने वाले जिम्मेदारियों से भागते हैं.

उन चीजों पर ध्यान देना जो लोगों ने कहा है कि आपको ” करना चाहिए ” आपकी खुशी को मार देगा ;

_ हर कोई अलग है, और आपकी खुशी का भी कोई रास्ता होगा.

वाकई हम सब इस तरह से पले बढ़े हैं कि अपनी खुशी की चाबी भी दूसरों को दे देते हैं, ;

अपनी किसी भावना का कोई एहसास ही नहीं रहता है, _ किसी एक खुशी को बताने के लिए सामने वाले पर इतने निर्भर हो जाते हैं कि उसके मूड के आगे अपनी खुशी गम उधार पर दे देते हैं.

जब हम खुद में खुशी ढूंढ लेते हैं तो दूसरे पर बोझ नहीं उसके साथी होते हैं, __ एक दूसरे की खुशी साझा करने बढ़ाने के लिए साथ होते हैं “

जिंदगी को अपने स्वाभाविक लय में जीने का अलग ही सुख है. यह दिमाग को शांत रखता है, जिससे जिंदगी का सुख जुड़ा हुआ है. अगर आपने अब तक केवल दूसरों की बुराइयां गिनने में समय गुजारा है, तो अब स्वयं में बदलाव लायें. यह कठिन नहीं है, बस केवल आत्मानुशासन की जरुरत है.

एक लंबे अंतराल के बाद पता चलता है कि हमने जिंदगी उस काम में गुजार दी, जिसमें खुद अपना ही अहित हुआ, तो आनेवाले समय में इस बात का ख्याल रहे कि अच्छे और नेक काम में समय बीते. यही जिंदगी का फलसफा है.

जीवन का मजा जीवंत रहने में है, इसलिए अपने स्वभाव के अनुसार जीवंत बने रहिए.

ये जो ((( नकल ))) से भरा हुआ जीवन है, जो दूसरे जैसा होने की चाहत है !

_ ये जो हमारा दिखावटी नकली और झूठा जीवन है, यही है गुलामी,
_ यही है जो हमें हमारे वास्तविकता से दूर रखता है, और यही है जो हम पर बोझ है,
_ यही है जो हमें आजाद और सुंदर नहीं होने देता,
_ तुम कमाल हो, बस समाज ओर लोगों के (( पैरामीटर)) मापदंड से खुद को देखना बन्द करो,,
_ फिर तुम कमाल हो _ तुम्हें किसी से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं।।
” मैं भग्यशाली हूँ ” क्यूंकि मुझे अपने अनुसार जीवन जीने का अवसर मिला..

_ सोसाइटी की नजर में तोपचंद बनने से अपना दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं,
_ वो अमीरी मुझे महा गरीबी लगती है _ जिसमे गुलामी होती है मजबूरी होती है..
_ चाहे दुनिया का सबसे बड़ा काम करो _ मगर आजादी नहीं तो _ सब व्यर्थ..
_जीवन से मृत्यु तक का सफर मगर _ ” उसके पहले जी लो जिंदादिली से “
 
दूसरों को पूरी आजादी के साथ जीवन की खूबसूरत यात्रा जीने की इजाजत दें..
 
_ मुझे दूसरों की आजादी पर रोक लगाना पसंद नहीं है या मैं इसमें रुकावट बनना नहीं चाहता..!!
सब कुछ सुधारने की ज़िम्मेदारी आप की नहीं है जो नियंत्रण से बाहर हो, उसे आज़ाद कर दो..

_ “चाहे हालात हों, या फ़िर इंसान”

सोसाइटी का ताना बाना ही ऐसा है..Ignore करना ही बेहतर है.. क्योंकि सोसाइटी बाज़ आयेगी नहीं _बस आप प्रभावित होना बंद करेंगे _तभी आज़ादी का अनुभव करेंगे.. कुछ लोगों को किस्मत ही कहेंगे कि आज़ाद जीवन जी पाते हैं..

_मगर बहुत सारा प्रतिशत ऐसा भी है _ ख़ुद की आजादी के लिए इंसान को आजीवन जूझना होता है.. ऐसे में आप सिर्फ़ इग्नोर करें या सक्षम हैं तो वह जगह ही छोड़ दें _बट यहां मुझे नहीं लगता कोई ऐसी जगह बनी होगी _जहां सुकून मिले _सुकून भी अब छीनने वाली चीज़ बन गई है..

नैतिक अनैतिक के बोझ के तले इंसान अपने पसंदीदा शख़्स से दुःख, दर्द, तकलीफ़ नहीं बांट सकता.

_ लोग क्या सोचेंगे, ज़माना क्या कहेगा, रिश्ते सवाल उठाएंगे, अपने मुंह मोड़ लेंगे बस यही सोच सोच कर इंसान एक जिंदा लाश बनकर जीता है.

_इस सोसइटी को हंसते, मुस्कुराते, खुश लोग पसंद नहीं, वो ज़िंदा लाशों को सर माथे पर बैठाता है.

टॉक्सिक लोगों को उंगली करने में मजा आता है.

_लेना देना कुछ नहीं होता _बस आपका कोई दुख जान जाएं तो _कुरेद कुरेद कर जीना हराम कर देते हैं.

_अब सोसाइटी का क्या कहें _ऐसे ही लोग मिलकर सोसाइटी बनाते हैं _जहां किसी की निजता का कोई मूल्य नहीं..

_सोसाइटी के so called मापदंडों पर यदि आप खरे नहीं उतरते _ तो जीना मुश्किल कर देंगे ये लोग..!!

_ जिस दिन सोसइटी को ठीक से जान जाओगे, उस दिन सोसइटी से सम्मान पाने की चाहत और बदनामी का डर दोनों मिट जाएगा, फिर जी उठोगे !!

ज्यादातर मैं लोगों में घुल मिल नहीं पाता…

_ वास्तव में मैं उनके जैसा नहीं बनना चाहता…

_ वे उम्मीद करते हैं कि मैं भी उनके जैसी सोच रखूं…जो कभी सम्भव नहीं है…

_ जो मैं हूँ, जैसा मैं हूँ.. हु-ब-हु वैसा ही रहना चाहता हूँ…

“मुझे लोगों से मिलनसार न होने का दोष नहीं लगता,

_ हालाँकि मुझे कभी-कभी इसका पछतावा हो सकता है..

_ लेकिन जब मैं सोसाइटी या दुनिया में आता हूँ..

_ यह एक नैतिक पतन जैसा लगता है- वेश्यालय में प्यार ढूँढ़ने जैसा..!!”

हम इंसान है सामाजिक प्राणी हमें तो समाज में ही रखना है खुद को, ताकि आज से झूठा बेहतर कल की कोशिश की तलाश में, ताकि अपने आसपास खुद को सर्वश्रेष्ठ महसूस करा सकें और उस झूठी सम्मान की तलाश कर सकें, _जो वास्तविक रूप से आपके व्यक्तित्व से जुड़ी ही नहीं है,

_क्यूंकि हम सब एक चादर ओढ़े मन में कुंठा लिए खुद को बचाने की कोशिश करते रहते हैं और जब सम्मान उस चादर का है तो _जिस दिन चादर हटेगा वो सब अपने साथ ले जाएगा _जो हम सबने उस चादर के भरोसे कमाये हैं.

मैंने उन बातों को आज़माया है, जिसे सोसाइटी ने हमेशा मना किया है

_ एक ही तो जीवन है,
_ उसमें भी उलजूलूल फालतू की रोक टोक और पाबंदी, इन सबका कोई मोल नहीं,
_ क्योंकि अब तक जितने भी रोक टोक पाबंदी मैंने देखें है,
_ वो सब केवल जीवन को बर्बाद करते थे,
_ जीवन जब उबाऊ होने लगे, कोई मजा न आए
_ तो हमें हर उन कारनामों को करके देखना चाहिए
_ जिनसे जिंदगी में नयापन आ सकें,
_ हो सकता है, ये हमारे जीवन जीने का वास्तविक तरीका हो..
_ पाबंदियों के पीछे छुपी है “एक खूबसूरत दुनिया,”
_ मुझें उसे भी एक्सप्लोर करना है.. “अब परवाह नहीं कोई फिक्र नहीं..”
 
जो सोसाइटी आपको रोने के लिए कंधा नहीं दे सकता, वो एक दिन आपसे आपके एकान्त में बहने वाले आँसू भी छीन लेगा.
_ मन में दुःख लिए, औरों के लिए मुस्काते रहना आपकी ज़िम्मेदारी बिल्कुल नहीं है.
_ जितना ज़ियादा उनके के हिसाब से ढलेंगे, उतना ही ज़ियादा दोहन आपका होता रहेगा और इसके बदले में आपको कोई सांत्वना पुरस्कार भी नहीं मिलना.
_ सकारात्मकता, सोसाइटी का रचा हुआ एक प्रपंच है.
_ खुद पर दबाव न डालिए, खुद को साँस लेने दीजिए.
_ खुद से कहिए कि आप ठीक हैं और मुस्कुराकर संघर्ष कर रहे हैं —
_ क्योंकि यही है वो रास्ता, जिस पर चलकर आपको सुकून मिल सकता है.!!
मैं मेरे जीवन का हर फैसला खुद लेता हुँ _ इस पर किसी का हस्तक्षेप मुझे कतई नहीं पसंद, वो चाहे कोई भी हो_

_ अपना सिम्पल सा फंडा है ” जिओ और जीने दो ” _ छोटी ही सही मगर जिंदगी ” अपने नाम होनी चाहिए “

एक तरफ पुरे परिवार का डिसीजन, दूसरी तरफ मेरा खुद का डिसीजन ;

ना वो मुझे गलत ठहरा रहें ना मैं, खुद को सही बता रहा,

वो अपना काम कर रहे हैं, मैं अपना काम,

हम दोनों ही एक दूसरे का मान रख रहे हैं, बिना एक दूसरे को आरोपित किये

_ बिलकुल खामोशी से..

” यदि आप परिवर्तन की राह पर चलते हो तो, आपके विरोध की शुरुआत सबसे पहले आपके घर परिवार से होगी.”

आज़ाद छोड़ रखा है घर वालों ने क्योंकि,

_ मुझे अपनी हदें और मर्यादा अच्छे से मालूम है !!

अपना कंधा मजबूत करो _ और अपने जीवन के हर निर्णय स्वयं लो ..
मैं अपनी जिंदगी अपनी शर्तों पर जीता हूं, _ अपव्यय पर समय बर्बाद करने का समय नहीं…

I live my life on my conditions, _ No time to waste on wastage…

अपनी जिंदगी का जो भी फैसला लेना है, _ खुद से लें,

_ क्योंकि आपकी जिंदगी बर्बाद करके _ दूसरों को थोड़ा सा भी फर्क नहीं पड़ेगा !

“– हम लोगों के फैसलों के बारे में बहुत सोचते हैं, हम भूल जाते हैं कि _ ये हमारी जिंदगी है और फैसला लेने का हक भी हमारा है.”

मुझको ना रोकिए, ना नजराने दीजिए..

_ मेरा सफर अलग है, मुझे जाने दीजिए..
_ ज्यादा से ज्यादा होगा ये कि मै हार जाऊंगा..
_ किस्मत तो मुझे अपनी ख़ुद आजमाने दीजिए..!!
 
कभी कभी लगता है कि यहां लोग कैसे जी रहे हैं, जीवन चल कैसे रहा है ?
_ कदम कदम पर हर दूसरी तीसरी खोपड़ी या तो भूसे से भरी है या धूर्तता से,
_ या तो व्यक्ति को होश ही नहीं कि उसके साथ कितनी बड़ी ठगी हो रही है या ठग वह स्वयं ही है.
_ ढोंग तो यहाँ की परम्परा ही है, लोग भावनाओं में बहकर कुछ भी कर लेते हैं…!
 
“मैं बेफिक्र हो गया, बहुत राहत मिली”
_ गुलामी भरी जिंदगी नहीं जीनी है, आजाद जिंदगी जीना है..
_ इस भागदौड़ वाली दुनिया में हर कोई जिम्मेदारी का भार उठाए गुलामी की जिंदगी जी रहा है,
_ जबकि सबको पता है कि जिंदगी मिली है जीने के लिए.. फिर भी लोग जी रहे हैं मरने के लिए..!!
_जीवन जीना है, अपने हिसाब से जिएँ !
_ किसी और के अनुसार जिया, जिया, “क्या जिया”
अपने निर्णय उन लोगों की सलाह पर न लें _ जिन्हें परिणामों से निपटना नहीं है..
हम सभी अपने विचार लिखने और व्यक्त के लिए आजाद हैं.. लेकिन हमें प्रत्येक व्यक्ति से उसके अनुभव के अनुसार तर्क सुनने और उससे बात करने के लिए भी तैयार रहना होगा..!
” आज़ाद पंछी बनने का मज़ा ही अलग है, अपनी शर्तों पर जीने का ….नशा ही अलग है..!!”

— आजादी कोई बजार की वस्तु नहीं जिसे कुछ भाव में खरीदा जा सके, ये वो चीज है जिसके लिये बहोत बड़ी कीमत अदा करनी पड़ती है, इसके काबिल बनना पड़ता है, और इस बात को केवल आजाद इंसान ही समझ सकता है, मजे की बात की इसे पाने के बाद भी इसके छिन जाने का खतरा नहीं जाता..

“अपनी शर्तों पर ज़िंदगी जीने के लिए एक बड़ी क़ीमत चुकानी पड़ती है ;_

_ कभी- कभी सोचता हूँ खुद को लानत दूँ या प्राउड करूँ समझ में नहीं आता.!!’

“-स्वतंत्र व्यक्ति होने के लिए हमें स्वयं के लिए पूरी ज़िम्मेदारी लेनी होगी, _साथ ही उस ज़िम्मेदारी को अस्वीकार करने की क्षमता भी होनी चाहिए _जो वास्तव में हमारी नहीं है.”

कोई मुझे दुःख नहीं दे सकता, _ यदि मैं न लेना चाहूँ,,

खुद की खुशी को दूसरों की मोहताज मत बनाओ _ खुद फैंसले करो और आगे बढ़ो..

जीवन को अपने ढंग से जीना ही जीवन है, दूसरों के लिए जीना यानी दूसरों के ढंग से जीना..

मैं चीजों को अपने हिसाब से करना अधिक पसन्द करता हूँ..!!

” — मैं साधारण जीवन के बजाय जूनून के साथ जीना पसंद करता हूँ –“

जीवन में कुछ निर्णय अत्यंत ही महत्वपूर्ण होते हैं,

क्योंकि उन पर आगे की राह निर्भर करती है.

मशीन जैसे चले जा रहे हैं, एक अनजानी दौड़ में जनाब, _

_ ये ज़रूरतों की मोहताज, हमारी ज़िंदगी अब कहीं खो गई है ?

भीड़ हमेशा आसान रस्ते पर चलती है, जरुरी नहीं वो सही है ;

अपने रास्ते खुद चुनिए, आपको आपसे बेहतर और कोई नहीं जानता..

भीड़ इक्क्ठा करने के लिए _ भीड़ की पसंद से जीना आसान है,

अपनी सोच अनुसार जीवन जीना _ सब के बस की नहीं..

मैं जिस रस्ते पर चल रहा हुँ, उसमें चमकदार नुकीले कांटे _ बिखरे हुये हैं_

_ना मैं रुकता ना कांटे चुभना बंद करते हैं..

ध्यान से विचार करें, आप जिस तरह से _ अपना जीवन जीना चाहते हैं _

_ उसे जीने से आपको क्या रोकता है..

हमारा आधा जीवन तो ये सोचने में निकल जाता है कि हमारे पास क्या है ?

_ जबकि जो होता है उसका लाभ भी नहीं ले सकते ..

सूर्य कभी ढलता नही, रोशनी कभी जाती नही,,,

_ हम ही नही देख पाते, वरना पतझड़ के बाद पत्ते आ ही जाते हैं,,,

हम हुँकारा तो खूब भरते हैं.. लेकिन खूँटे से बंधी अपनी नावें नहीं खोल रहे.!!
दुनिया मे आये हैं तो हर वो genuine काम जरूर करके देख लेना चाहिए, जो आपको अन्तर्मन की खुशी देता हो और आजादी का अहसास दिलाता हो, _

_ जिससे जीवन के आख़िरी समय में कोई कसक न बाक़ी रह जाए ..

आजकल जीने लगा हूं जिंदगी, जब से छोड़ा है करनी लोगों की बंदगी ;

हां अब छोड़ दी है परवाह करना लोगों की, और जीने लगा हूं खुद की जिंदगी..

नौकरी के लिए डिग्री की आवश्यकता हो सकती है,

लेकिन जीवन में पास होने के लिए अनुभवों से सीखने के अलावा कोई डिग्री नहीं है.

काश तुम्हें पता हो कि तुम्हें क्या चाहिए … तो बात पूरी हो जाए.

तुम्हारी असफलता और दुख का कारण _ तुम्हारी किस्मत या कम श्रम नहीं, _ तुम्हारी चाहत है..

क्योंकि तुम जानते ही नहीं कि तुम्हें क्या चाहिए, _ और तुम चुनने और जांचने निकल जाते हो.

यही कारण है कि तुम्हारी न केवल रोज़ चाहतें बदलती हैं _ बल्कि तुम अपने मन की करने के बाद भी दुखी लौटते हो.

अपनी वास्तविक चाहत को बिना जाने जीना दुख है _ और उसे जान लेना परम आनंद..

“– यदि आप अपने तुच्छ मामलों में उलझे रहते हो, तो आप अपनी विशालता का एहसास कैसे करोगे ?

मेरा जीवन और मेरी ऊर्जा को तुच्छ मामलो में बेकार क्यो जाने दूँ ?–“

जितने अधिक लोगों से मैं मिला, उतना ही मुझे पता चला कि एक इंसान जो दिखता है वह इसके बिल्कुल विपरीत है ; उनकी मुस्कान झूठ है ; उनकी खुशियाँ और मनोरंजन के खिलौने नकली हैं ; वे जो शब्द बोलते हैं _ वे झूठ हैं और उनका हृदय घोर अन्धकार में पीड़ा से भर गया है _ और मैं उन्हें हताशा में भागते हुए देखता हूं,

_ वे तुरंत उस सारे दर्द से छुटकारा पाना चाहते हैं और अंत में और नीचे डूब जाते हैं ; लगभग हर कोई तत्काल संतुष्टि की तलाश में है.

जीवन आसान और सुंदर हो सकता है ; ” वास्तव में आसान और सुंदर ” अगर हम स्वीकार करते हैं कि हम वास्तव में क्या चाहते हैं और केवल वही लेते हैं जो हम वास्तव में चाहते हैं और कम के लिए समझौता नहीं करते हैं और प्रतीक्षा करते हैं और प्रतीक्षा करते हैं.

जीवन में हम जो कुछ भी करते हैं, उसमें से अधिकांश में हम जो आसान होता है उसे लेते हैं ; चाहे वह काम हो, जुनून हो, रिश्ते हों, लक्ष्य हों या तलाश ; _  कुछ बिंदु पर, हम उस मानक की तलाश करना बंद कर देते हैं जो हमें लगता है कि हमारे पास है ;  और अपने आप को नीचा देखने से बुरा क्या है.

मेरे पास हमेशा अपने लिए उच्चतम मानक हैं ; मैं वही चाहता हूं जो मैं चाहता हूं और मैं खुद से वादा करता हूं कि मैं कभी भी कुछ कम नहीं करूंगा.

सुकून से जीने के लिए दुनिया भर के साधन सुविधाओं की जरूरत नहीं _ फिर भी यहाँ

_ हर इंसान मशीन बनने में लगा हुआ है,_ इस भ्र्म में कि _ आज मेहनत करुँगा कल सुकून से जीऊंगा.

हमारी आवश्यकताएं बहुत थोड़ी हैं और जो भी व्यक्ति ठीक से पहचान ले क्या है आवश्यकता, उसे मैं बुद्धिमान कहता हूँ.

सार्थक वही है जो तृप्ति देता हो और तब तुम निश्चित पाओगे कि जिंदगी में चैन की बांसुरी बजने लगी.

अगर लोग आवश्यकताओं से जीएं तो दुनिया में कोई कमी नहीं है.

तुम्हारी प्यास से पानी बहुत ज्यादा है, _ तुम्हारी भूख से भोजन बहुत ज्यादा है, _ तुम्हारे तन को ढंकने से बहुत ज्यादा कपड़े हो सकते हैं, कोई अड़चन नहीं है.

नहीं है ख्वाहिश इस दिल को किसी बड़े आशियाने की,

थकान तो बस _ कुछ लम्हे _ सुकून के चाहती है.

ढूंढ लिया है खुद में ही सुकून…! _ये ख्वाहिशें तो खत्म होने से रही.
खुशियां बहुत सस्ती हैं इस दुनिया में, _ हम ही ढूंढ़ते हैं उसे महंगी दुकानों में..
बीत जाती हैं जिंदगी ये ढूंढ़ने में, कि ढूंढ़ना क्या है ;

जब कि मालूम नहीं ये भी, कि जो मिला है, उस का करना क्या है..

जाने कितना ही वक़्त खोजते हुए खर्च कर दिया,

” पर जो ढूँढ़ लिया ” उसे संभालने का समय नही मिला.

बहुत सारी हसरतें मत पालिये, _

_ जो मिला है, उसे संभालिये…

यह मायने नहीं रखता कि आपके पास कितने साधन हैं,

जब तक कि आपको उनका उपयोग करना ही नहीं आता..

इच्छाओं की सड़क तो बहुत दूर तक जाती है,

बेहतर यही है कि हम ” जरूरतों की गली में मुड़ जाएं ” !!

एक सीमा से अधिक साधनों को इकट्ठा करना और overplan करना भी

कभी कभी हमारी जिंदगी दूभर कर देता है.

जितना कम सामान रहेगा, उतना सफ़र आसान रहेगा.

जितनी भारी गठरी होगी, उतना तू हैरान रहेगा..

जिसकी जरुरत नहीं है उसको खरीदो मत,

नहीं तो जिसकी जरुरत है उसे बेचना पड़ेगा..

दूसरों की जिंदगी में इंटरेस्ट दिखाना बंद कर दें, ये आदत आपको उलझन में डाल सकती है ;

इसलिए अपने काम से काम रखें..

एक दिन शिकायत हमें वक़्त से नहीं बल्कि खुद से होगी,

कि एक खूबसूरत जिंदगी सामने थी और हम दुनियादारी में उलझे रहे..

अपने कामो में रत रहना और मौन रहना बहुत सारे विवादों से बचाता है !!!
इतना भी कोई दुःख नहीं है तुम्हारे जीवन में, तुम केवल सोच सोच कर उसे बड़ा बना रहे हो ;

जो होना था हो गया, अब उठो और आगे बढ़ो..

एक दिन आप पीछे मुड़कर देखेंगे, और महसूस करेंगे कि,, आप उन चीजों के बारे में

बहुत ज्यादा चिंतित थे, जो वास्तव में मायने रखती ही नहीं थीं,,!!

अच्छा – बुरा ! जो भी किया !! सब मजाक था !!!

कुछ इसी तरह हमने जीवन को आसां रखा !!!!

इतना समझ आ जाय कि जीवन के लिए क्या जरुरी है और क्या गैरजरूरी _तो समझ लो तुम्हे जीवन जीना आ गया..

भौतिक संपत्ति कभी भी हमारे दिल की गहरी लालसाओं और जुनून को संतुष्ट नहीं कर सकती ; _इसीलिए, चाहे हम कितना भी जमा कर लें, हम हमेशा और अधिक की इच्छा करते हैं.

जिन चीज़ों की हमें ज़रूरत नहीं है उन्हें खरीदने की तुलना में और भी अधिक मूल्यवान चीज़ें हैं, _जिन्हें हम अपने पैसे से पूरा कर सकते हैं.

अक्सर औकात यह महसूस किया है मैंने,

उम्र- भर जी के भी जीना नहीं आया मुझको..

मानसिक शांति का आनंद प्राप्त करने के लिए _ मन को व्यर्थ बातों में उलझने मत दो !!!
जीवन के स्वर को केवल वे ही सुन सकते हैं _ जो बड़ी गहरी फुर्सत में हैं..
थोड़ा कम ही सही मगर जो भी हो, अपनी मेहनत का हो.
ख्वाइशों के बोझ में तू क्या क्या कर रहा है ?

_ इतना तो जीना नही जितना तू मर रहा है !!!

” अपनी आंतरिक आवाज सुनें “

याद रहे कमाना ठीक है मगर आप कमाने वाली मशीन नहीं हैं.

आप के पास क्या है ये मायने नहीं रखता, बल्कि आपके पास जो भी है _

_ आप उससे कितने सन्तुष्ट हैं, ये बहुत मायने रखता है..!!

मेरा दिल ये सोच कर रो दिया कि _ ऐसा क्या पाना था मुझे..

जो मैंने खुद को ही खो दिया…

जीवन का सच जानने के बाद आप की हिम्मत ही नहीं पड़ेगी भेड़चाल चलने की,

फिर भले ही अकेले चलने में आप को हजारों मुसीबतो का सामना क्यू न करना पड़े,

” आपको रास्ता सुखद ही लगेगा “

कुछ भी करने से पहले यदि हम उसके कारण को जान लें, उसके अर्थ को समझ लें,

तो हम अनर्थ होने से बचा सकते हैं.

“जिस दिन से समझा है मैंने ख़ुद को, दुनिया को समझ में नहीं आता हूँ ;

कुछ इस तरह सबका होकर भी उनसे दूर हुआ जाता हूँ !”

तुम दुनिया को समझने लगो और दुनिया को तुम समझ में आना बंद हो जाओ ;

_ तो जान लेना कि _ ज़िन्दगी सही दिशा में जा रही है..!

जीवन मे खुश रहना चाहते हो न साहब,

तो सब से पहले उन्हें भूल जाना, जो आपको भूल गए,

“भूल नही पा रहे ” यह बहाना मत बताना,

खुद के लिए भी जी सकते हो, यह खुद को साबित कर के दिखाना..

चीजों के बेहतर होने का इंतजार न करें, जीवन हमेशा जटिल रहेगा.

वर्तमान में खुश रहना सीखो, नहीं तो तुम्हारा समय समाप्त हो जाएगा.

खिलने की आदत फितरत में होनी चाहिए, फिर देखो कमाल..

मौसम – माहौल – वक़्त _ कैसा भी ,,,_ किसी की क्या मजाल…

चाहो तो खुशबू ले लो…💐

हम तो महके ही हैं …गुलशन से..

मिज़ाज़ अपना कुछ ऐसा बना लिया हमने,

किसी ने कुछ भी कहा बस मुस्करा दिया हमने.

ख़ुदा ने जो बख्शा है वही हुस्न बहुत है,

फूल अपने बदन पर जेवर नहीं रखते जनाब..

जब कोई आपका साथ ना दे, तो समझ जाना ;

आप कुछ सबसे अलग कर रहे हैं..

हर ख़बर से बे-ख़बर हूँ आजकल, उड़ रही है ये ख़बर मेरे ख़िलाफ़.

मैं भी मैं हूँ ! कौन सा मर जाऊँगा ? होने दो सब हैं अगर मेरे ख़िलाफ़.

” दिल बहुत कीमती है ” कोशिश करें की इसमें वो ही रहें,

जो इसमें रहने के क़ाबिल हों, दिखावा करने वाले नहीं !

माना कि गिराने वाले लाख हैं, पर बचाने वाला भी इसी जहां में है.
जुदा होना ही मंजूर किया हमने ___गलती थी नही, तो मानी भी नही.!
आपका बुरा वक्त ही तय करेगा किस से वास्ता रखना है और किस से नहीं….!!
उन्हें खोने से हम डरते रहे, जो कभी हमारे थे ही नही.
मैं अपने लिए जीता हुँ और ये बात सब को हजम नहीं हो पाती.
मुझे हद में रहना पसंद है…और लोग उसे ग़रूर समझते हैं..!!
मुकाम वो हासिल करो, जब चाहो माहौल बदल सको !!
समस्या है तो हल है,_ हल है तो क्या मुश्किल है !
जीवन मेरा सरल था, न जाने कितनों को चुभ गया.
जो हो ! जैसे हो, उसमें ही मगन हो जाओ….!
जिसे चाहो _ _ उससे कुछ मत चाहो..
मैं दूसरों की दृष्टि में क्या हूं, यह महत्वपूर्ण नहीं है ;

महत्वपूर्ण यह है कि मैं अपनी स्वयं कि दृष्टि में क्या हूं !

” किसी हीरे से कम नहीं मेरे जीवन की दास्तां

हसीन है कितना मगर गिना पत्थर में जाता है ”

मेरे ज़ख्मों को हरा ही रहने दो,

ये वो सबक़ है जो ज़िंदगी ने दिये थे..

सोचने दे ज़माने को जो सोचता है,

अगर तेरा दिल सच्चा है तो नाज़ कर खुद पर..

जज़्बा रखो सच और झूठ को परखने का,

कानों में ज़हर घोलना तो जमाने का काम है.

शौक ही नहीं रहा कि, अब खुद को साबित करूं..

अब तो आप जो समझो वही हूं मैं…

दूसरों की शर्तों पर सुल्तान बनने से कई गुना ज्यादा बेहतर है, _

_ अपनी ही मौज का फ़क़ीर बने रहना..

” फकीरी ” ला देती है…. हुनर, ” चुप ” रहने का,,

” रशुख “और अमीरी जरा सी भी हो तो, ” शोर ” बहुत करती है…??

“अपनी मौज़ की सबसे बड़ी वजह रही,

हम अपने को बादशाह जानते रहे, और दुनिया फ़क़ीर, “

हम फकीरों से दोस्ती कर लो.. _ गुर सिखा देंगे शहंशाही के..
सलामत रहे गुरुर उनका, _ हम तो यू भी फकीर ठहरे ..
मिला किसी को है क्या सोचिये अमीरी से,

दिलों के शाह तो अक्सर गरीब होते हैं !

ख्वाहिशें बादशाहों को गुलाम बना लेती हैं,

पर सब्र गुलाम को बादशाह बना देता है…!!!

किसी की हैसियत से हमें क्या ताल्लुक,

खुद की दुनिया के बादशाह हैं हम..

हम तो फकीर थे जो जमाने से मांग रहे थे,

तूने अपनी रहमत से हमें बादशाह बना दिया.

जिसकी ख़ातिर दुनिया की हज़ार ठोकरें सहीं,

आँख बंद करी तो पाया मुझे उसकी ज़रूरत नहीं.

मैं भी बहुत अजीब हूँ इतना अजीब हूँ कि बस ;

ख़ुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं ..!!

बे-फिक्रीयों में भी जीना सीखिए जनाब,

ये फिक्र अक्सर जिंदगी का मजा छिन लेती है..!!

ज़िंदगी समुद्र की तरह है, ये कभी शांत नहीं होगी, _

_ आप को इसमें तैरना सीखना होगा ..!!

हर किसी को मैं खुश रख सकूं वो सलीका मुझे नहीं आता…!!

जो मैं नहीं हूँ वो दिखाने का तरीका मुझे नहीं आता..!!

रिश्तों का ठप्पा पाने के लिए मत कूदो _ जरा खुद से पूछो तो सही

क्या बैलेंस बना पाओगे जिनसे जुड़ने जा रहे हो ?

ना दुखी था वो अपने हालातों से इतना,

जितना ये सोचकर था की ” दुनिया क्या कहेगी “

जीवन को समझने के लिए, हमें अपने ढंग से जीना होगा,

चार लोग या जीवन दोनों में से, किसी एक को चुनना होगा.

जिंदगी जीने के लिए मिली है,

इसे “लोग क्या कहेंगे” यह सोचने में बर्बाद मत कीजिए..

हम लोगों के फैसलों के बारे में बहुत सोचते हैं, हम भूल जाते हैं कि

ये हमारी जिंदगी है और फैसला लेने का हक भी हमारा है.”

हम लोगों को हिम्मत करनी चाहिए कि दुनिया क्या कहेगी इसकी चिंता न करें, और अपने पंख फैलाकर उड़ने की कोशिश करें…

हो सकता है कि शायद हम एक नए तरीके की दुनिया बना पाएं.

लोग क्या कहेंगे, पहले दिन हसेंगे, दूसरे दिन मजाक उड़ाएंगे और तीसरे दिन भूल जायेंगे,,,

इसलिए लोगों की परवाह मत करो ……करो वो जो उचित हो, जो तुम चाहते हो, जिसमें तुम खुश हो….

याद रखना….. जिंदगी तुम्हारी है, लोगों की नहीं….

अक्सर मेरी पसंद और नापसंद पर हमेशा सवाल उठाये जाते रहे हैं,

_ मैं हमेशा जवाब देता हूं सब को कि.. हम सभी आजाद हैं.. अपनी पसंद चुनने के लिये,

_ लेकिन हमे तैयार रहना होगा उसपे ताने सुनने और पछतावा करने के लिये..!!

बाहरी जीवन को ठीक करने में इतना समय लग जाता है कि मनुष्य को अपना आंतरिक जीवन को ठीक करने का मौका ही नहीं मिलता..

_ अगर उसे मौका मिलता भी है तो रुचि की कमी के कारण वह भीतर को ठीक नहीं कर पाता है,
_ बल्कि अपना कीमती समय केवल सतही मनोरंजन में ही बर्बाद कर देता है..!!
ये गलत कहा किसी ने, कि मेरा पता नहीं…!!

मुझे ढूंढ़ने की हद तक कोई ढूंढ़ता ही नहीं…!!

हम क्या हैं वो सिर्फ हम ही जानते हैं !

लोग तो सिर्फ हमारे बारे में ” अंदाज़ा ” लगा सकते हैं,,,,

हर कोई रखता है खबर मेरे खामियों की ;

_अजब फितरत है, कोई आईना नही रखता !!

पास रहने पर कदर नहीं, दूरियों से शिकायत है,,

_ बदला है जो मूड मेरा, अपनों की मेहरबानी के कारण..!!

सारी चमक हमारे पसीने की है जनाब,

विरासत में हमें कोई तोहफा नहीं मिला..

तसल्ली से पढ़े होते तो समझ में आते हम,

ज़रूर कुछ पन्ने बिना पढ़े ही पलट दिए होंगे.

झरने जैसी ही तो है मेरी ज़िंदगी __मौज में बहती, थोड़े से शोर के साथ..

लोगो को अपने पास बुलाती__ और किसी को डरा कर दूर करती.

अपना ढंग बदलो ! अपने आसपास जीवन को सुंदर बनाओ !

सभी को यह महसूस होने दो कि तुम्हारे साथ होना एक उपहार है.

दुनिया के झमेले को जो समझ गया कि ‘झमेला’ है..

_हर मौसम में उसके आसपास खुशियों का मेला है..!!

अपने इस जीवन में हम भले ही बड़े- बड़े काम न कर सकें, _

_ किन्तु छोटे- छोटे कार्यों को बड़े प्यार से तो कर सकते हैं..

जीवन को इतना शानदार बनाओ, की आपको याद करके_

_किसी निराश व्यक्ति की आंखों में भी चमक आ जाए ,,!!

अपनी ऊर्जा को एक रचनात्मक उद्देश्य के लिए समर्पित करने के बजाय _

_ एक विनाशकारी उद्देश्य के लिए बर्बाद करना बुद्धिमानी नहीं है.

“सही क्या है गलत क्या है, इस बारे में अपना सफर तो कभी शुरू हुआ ही नहीं,

_ मुझे किसे दुःख मानना है किसे नहीं, यह भी मैं नहीं बल्कि सोसाइटी ही तय करती है.!!
_ सोसाइटी ऐसी है जहां लोग दिखावा पसंद करते हैं, रंग रूप धन देखते हुए व्यक्ति की परख करते हैं,
_ तो ऐसे में निश्छल मन का क्या करूं मैं ? बस एकांत रह जाऊं और प्रतीक्षा भर करूं…!

“दिखावे का जीवन जीना बहुत कष्टदायक होता है ;

_ क्यूंकि इंसान कीवास्तविकता कुछ और होती है, और वो दुनिया को कुछ और दिखाना चाहता है.
_ “ये जो((( नकल )))से भरा हुआ जीवन है, जो दूसरे जैसा होने की चाहत है !
_ यही नर्क को जन्म देता है,
_ ये जो हमारा दिखावटी नकली और झूठा जीवन है,
_ यही है गुलामी, यही है.. जो हमें हमारी वास्तविकता से दूर रखता है,
_ और यही है.. जो हमारी आत्मा पर बोझ है,
_ यही है.. जो तुम्हे आजाद और सुंदर नहीं होने देता,
_ तुम कमाल हो, बस सोसाइटी ओर लोगों के (( पैरामीटर)) मापदंड से खुद को देखना बन्द करो,,
_ फिर तुम कमाल हो.. तुम्हें किसी से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं।।
“ न हारेंगें हम हौंसला, इस बात की तसल्ली रखिये, _

_ जो यूँ ही मिट जाना होता, तो कब के मिट गए होते “

तू दिन- रात कोशिशें करता है, किनारा ढूँढने की.

हम तो समुद्र में डुबकियाँ लगा कर ही, जीने का मजा लेते हैं.

समझदार व्यक्ति भीतरी विकास कर आनन्द मे रहता है,

मूर्ख व्यक्ति बाहरी दुनिया को दोष दे दुख मे रहता है..

यूँही, वो आसमान से इश्क नहीं लड़ाते हैं,

कभी खुल के … चाँद को छू के देख !

खुश रह अपनी दुनिया में _ तू खुद एक तूफान है..

माना दुनिया में अनेक बुराइयाँ है _ यूँ अपने आंसू के मोतियों को बर्बाद ना कर..

मुझे कभी भी ये गलत फहमी नहीं हुई कि अगर कोई मुझे छोड कर गया तो, वो पछताएगा…

मैने अभी तक यही सीखा है कि लोगों को, लोग मिल जाया करते हैं…

जिदंगी रुकती नहीं किसी के लिए भी, चलती रहती है…

किसी दूसरे के भाव अब मुझे प्रभावित नहीं करते,, अब मैंने संयम रखना सिख लिया है.

चाहे कोई नज़रअंदाज़ करे या मुझसे दूर हो जाए, मुझे फ़र्क नहीं पड़ता.

” मेरी जीवन की वरियता अब मेहनत है..”

” जीवन एक नदी की तरह है “

यदि आप एक वांछित लक्ष्य की ओर पैडल नहीं मार रहे हैं, तो समाज आपको उस दिशा में धकेल देगा जिसकी आपने योजना नहीं बनाई थी और आपको शायद मंजिल पसंद नहीं आएगी.

एक आदमी या तो अपनी दृष्टि का निर्माण कर रहा है, या किसी और का निर्माण कर रहा है ;अपना भविष्य सुरक्षित करो.

Life is like a river.

If you’re not paddling toward a desired goal, then soceity will push you in a direction you didn’t plan for.And you probably won’t like the destination.

A man is either building is own vision, or building someone else’s.Secure your future,

किसी को भी अपने ऊपर अधिकार करने का मौका न दें ; _ लोगों को आपको शीर्ष पर पहुंचाने के सपनों और आकांक्षाओं से अपने आपको मूर्ख मत बनने दें. _

_ हेरफेर आपके दिमाग से शुरू होता है फिर यह उन चीजों की ओर बढ़ता है जो आपको नियंत्रित करने के लिए आपके सिर पर लटकी होंगी.

Don’t let anyone get the chance to wield power over you. Don’t let people fool you with dreams and aspirations of them getting you to the top.

Manipulation starts with your mind then It moves to things that will be dangled over your head to control you.

जो इंसान अपनी मर्जी से, अपने ढंग से, अपने जीवन को जीता है ; उसके जीवन में नजदीकियों जैसा कोई दूसरा रिश्ता नहीं होता और वो जैसे जीता है, उसी में राजी हो कर जीना सीख जाता है,

_ क्योंकि उसे कहीं ना कहीं मालूम होता है कि अपने ढंग से जी कर ही वो अपने वजूद को पा सकता है ; अगर वो किसी दूसरे के ढंग से जीना शुरू करेगा तो दूसरा उसका वजूद उससे पहले छीन लेगा..

मान्यताओं के इतने गुलाम मत बनो कि जीवन में घुटन महसूस होने लगे…

_ यह भी एक गुलामी है, इससे भी खुद को मुक्त करो.!!

मत सोचो कि कोई आपकी सफलता से खुश हैं, _

_ वे उन लाभों पर प्रसन्न होंगे _ जो आप से प्राप्त हुए हैं.

खुद को दर्द देना भी किसी गुनाह से कम तो नही, _

_ यह ज़िन्दगी इतनी भी कठिन तो नही….

थोड़ा डूबूंगा मगर, मैं फिर तैर आऊंगा, __ ” ए जिंदगी तू देख, मैं फिर जीत जाऊंगा “
“खुद को खुद में ढूँढने की कोशिश… _

_ लिखना बस बहाना है… इसी ख्वाहिश को पूरा करने का…!”

लोग रोये बिछड़ने वालों पर और हम खुद को ढूंढ कर रोये..
मैंने सब कुछ देखने के लिए _ अपनी आंखेँ बंद कर लीं..
आप अच्छे दिखना चाहते हैं या अच्छा महसूस करना चाहते हैं ?

_ आप अपने अंदर कितना शानदार महसूस करते हैं, यही सबसे महत्वपूर्ण है.

खुशी सिर्फ दूसरों को दिखाने के लिए नहीं, _

_ बल्कि अपनी तसल्ली के लिए होनी चाहिए.

” इंसान का इंसान के अलावा कुछ भी और होना, _

_ उसके इंसान होने में सब से बड़ी गिरावट है,”

तारीफें, मोहब्बत, दर्द सब जी के देख लिया, _

_ अब वो सुकून चाहिये _ जिसमे कोई ना हो !

ये जो बेचैनी है तेरी, कुछ नहीं, इक हड़बड़ी है, _

_ देख, _ शायद सोचने में ही तेरे, कुछ गड़बड़ी है.

साजिशों के हम भी शिकार हो गए, _ जितना दिल साफ रखा उतने ही गुनाहगार हो गए…
खुश होना है तो बेवजह हो जाइए जनाब.. _ वजहें आजकल महँगी हो गई हैं..!!
खुद को खुद ही खुश रखिये.. _ ये जिम्मेदारी किसी और को न दिजिए..
अपने आप में खुश रहो, _ फिर तुम्हे कोई दुख नहीं दे पाएगा !!
ज़िन्दगी में जिसे लोगों की पहचान करनी आ गयी…

उसकी जिंदगी में तकलीफें बहोत कम हो जाती हैं.

उन्हें कामयाबी में सुकून नज़र आया वो दोड़ते गए,

हमें सुकून में कामयाबी दिखी तो हम ठेहर गए.

पुलक हो तो ही जीवन जीने में आता है,

_ वर्ना तो ऊब में क्या ख़ाक जीया जाता है ?

हर बार रफ्तार सही नही होती,

कई बार धीरे चलने पर भी मंजिल मिल जाती है.

राजा की तरह जीने के लिए,

पहले गुलाम की तरह मेहनत करनी पड़ती है.

“मैं बिखर कर हर बार टूट जाता हूँ,

जितना भी टूटूं, फिर खुद ही ऊठ जाता हूँ !

ये कैसा जूनून है मुझमे, गिरकर सँभलने का,

खुद को मात देकर, खुद से ही जीत जाता हूँ”.

अगर वास्तविकता का एक दाना भी कमा लिया जाए तो वह इतना कीमती होगा कि

दुनिया की सारी दौलत उसके सामने व्यर्थ हो जाएगी..

ख़्वाबों के पीछे जिंदगी उलझा ली इतनी,

कि हकीकत में रहने का सलीका ही भूल गए हम.

सब – सा दिखना छोड़कर, खुद – सा दिखना सीख.

संभव है सब हों ग़लत, बस तू ही हो ठीक..

खुलती है.._ पढ़ी जाती है, _ रद्दी हो जाती है …

ऐ जिंदगी.._ तू भी कुछ – कुछ किताब सी है.

सीख ले ए यार _ अपने आप से यारी का फ़न..

वरना तेरा ज़िंदगी से फ़ासला हो जाएगा…

तू बेशक हीरा है _ लेकिन सामने वाला _ तेरी कीमत _

अपनी औकात, अपनी जानकारी और अपनी हैसियत से लगाएगा..

आपके जीवन में कुछ ऐसे नियम जरूर होने चाहिए,

जिनसे आप किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेंगे.

आज हमारे पास वो सब है, जो पैसे से खरीद सकते हैं.

लेकिन वो चीज खो दी है, जो पैसे से नहीं खरीदी जा सकती..

” हमेशा सही का चुनाव करो, संपदा आए ना आए,

लेकिन सुकून जरूर आता है, और सुकून सबसे कीमती है,”

–” अगर लगन सच्ची है तो बस वो करो जिस से मन को सुकून मिलता है.–“

अपनी मंजिल का रास्ता _ दूसरों से पूछोगे तो _ भटक जाओगे, क्योंकि _

_ आपके मंजिल की अहमियत _ जितनी आप जानते हो _ उतनी और कोई नहीं जानता..

यार सफ़लता के पीछे भागने पर दिन, महीने, साल कब बीत जाते हैं पता नहीं चलता…

_ इसीलिए लम्हों के साथ चलो…ज़िन्दगी भी जी लोगे और सफ़ल भी हो जाओगे…!!!

यदि मंजिल की है खबर तो रास्ते की फिकर न कर.

यदि रास्ते में है मजा तो मंजिल की फिकर न कर, ” दोनों हालत में जीत तुम्हारी है “

जिन्दगी की यात्रा, खाक से खाक तक..

या इसके अतिरिक्त भी कुछ कमाना है _ _ प्रयास और केवल, प्रयास.

अच्छा लगता है मुझे उन लोगों से बात करना.!

जो मेरे कुछ भी नहीं लगते, पर फिर भी मेरे बहुत कुछ हैं..!!

अपना जीवन सही निर्णय और गलत निर्णय चुनने में मत लगाइए !

जब आप संतुलित, स्पष्ट और खुश हों तो तब कोई निर्णय लीजिए… और

ईमानदारी से अपना जीवन उसमें लगा दीजिये ; कुछ न कुछ शानदार होगा ..!!

ऐसी कोई चीज / व्यक्ति जीवन में न हो, जिसके न मिलने पर मन विचलित हो !

जैसे ही लगे की कोई चीज / व्यक्ति आदत बन रहा है, खुद को उससे दूर कर दो !!

औरों की नकल उतारना आसान है..

..पर उनकी तरह निजता का सम्मान करना,

_अपने काम से काम रखना ..हम नहीं सीख पाये..!!

कर्म भूमि पर फल के लिए श्रम सब को करना पड़ता है,_

_ रब सिर्फ लकीरें देता है _ रंग हमको भरना पड़ता है..

यदि कोई ऐसा सोचता है कि पैसे से सुख को खरीद सकते हैं तो वह ख़रीदी हुई खुशी सच्ची नहीं है, _

धन को बहुत महत्व दिया जाता है और सरल चीजें _ जो हमें सच्ची खुशी देती हैं हम अक्सर उनकी अनदेखी कर देते हैं,_

खुशी देने वाली चीजों में से एक प्रेम है, _ इसमें कुछ भी खर्च नहीं होता है _ लेकिन आपकी जिंदगी खुशी से भर सकती है.

किसी इंसान की आर्थिक स्थिति भले ही कितनी भी अच्छी हो लेकिन

_ जीवन का सही आनंद उठाने के लिए मानसिक स्थिति का बेहतर होना बहुत जरूरी है..!!!

आप कम प्रतिक्रिया करके बहुत सी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं.

You can solve a lot of problems by reacting less.

बहोत कुछ है जिसे बदलना अति अति अति आवश्यक है,

धीमी गति से ही सही मगर खुशी की बात है काम जारी है..

कई बार यह जानकर भी कि हमारा नजरिया गलत है, _

_ हम उसे सुधारने की कोशिश नहीं करते..

“–दुनिया में किन्हीं भी दो लोगों को कभी एक- सा आसमान नहीं दिखता, _

_ हम सब को अपना- अपना आसमान दिखता है..–“

आप अपनी जिंदगी से भले खुश ना हों,

पर कुछ लोग ऐसे भी हैं _ जो आप जैसी जिंदगी जीने के लिए तरसते हैं..

सुख यदि बिना दुख के आए तो सुख की महत्ता नहीं रह जाती ;

_ प्रयास करें कि दोनों का सामंजस्य ऐसा बने की समानता बनी रहे ;

_ ” सुख और दुख का पलड़ा स्थिर रहे “

आप जो भी करते हैं, लोग आपकी आलोचना करने का तरीका ढूंढ ही लेते हैं:

एक ब्रेक लें – वे आपको आलसी कहते हैं.

कड़ी मेहनत करो – वे आपको जुनूनी कहते हैं.

जो उनके पास नहीं है उसे पा लो – वे तुम्हें स्वार्थी कहते हैं.

इसे समझो और जो चाहो करो.

Whatever you do, people find a way to criticize you :Take a break – they call you lazy.Work hard – they call you obsessed.Get what they don’t have – they call you selfish.Realize this and do whatever you want.

अगर आपको कुछ पसंद नहीं है, तो उसे बदल दें ; यदि आप इसे नहीं बदल सकते हैं, तो इसके बारे में अपने सोचने के तरीके को बदल दें.

If you don’t like something, change it. If you can’t change it, change the way you think about it.

यदि आप किसी भी चीज़ के लिए समझौता कर लेते हैं, तो आप कभी नहीं जान पाएंगे कि आप वास्तव में किसके योग्य हैं.

If you settle for just anything, you’ll never know what you’re truly worthy of.

जीवन में, आपको वही मिलता है जो आप डालते हैं,; सब कुछ वापस आ जाता है.

In life, you get what you put in. Everything comes back around.

कभी हमने जो खूबसूरत ख़्वाब देखे थे, उसे हकीकत में हम तभी बदल सकते हैं, जब उस के लिए कोशिश करें,

_ न कि जिंदगी से जो मिल जाए, उसी में संतुष्ट हो जाएं, _

हमें अपनी खुशियों को खोजने की जरुरत है कि वो कहाँ और कैसे मिल सकती है..

“–सच्ची ख़ुशी तो वह करने में है, जिसे दिल करना चाहता है, _

_सच्ची ख़ुशी उन सपनों को पूर्ण करने में है जिसे दुनिया पागलपन कहती है.–“

शांत बहना अच्छा है, बजाये तैरने के ;

अच्छा हो मनुष्य भोजन, कपड़े, और घर से ही राजी हो जाये !

मन की इच्छाओं का कोई अन्त नहीं है !

उनका त्याग तत्काल शांति लाता है ;

और शांति का जीवन ही वास्तव में जीवन है.

हम इस धरती पर पैसे कमाने और चीज़ें ख़रीदने नहीं आए हैं ; इसमें और भी कुछ होना चाहिए ; आइए जानें कि वह क्या है ?

जीवन हमें पैसा बनाने और संपत्ति जमा करने के लिए नहीं बल्कि छोटी चीजों में अर्थ खोजने के लिए दिया गया है.

अपने आप से एक प्रश्न पूछें, क्या आप अपने जीने के तरीके से प्यार कर रहे हैं ? यदि नहीं, तो इसके बारे में कुछ करने का समय आ गया है ; आपको और मुझे दोनों को कुछ छोड़ने और जीने की जरूरत है.

मैंने सीखा है कि कम संपत्ति वाले लोग अधिक खुश और अधिक संतुष्ट रहते हैं ; _ वे दयालु हैं और अजनबियों की मदद करने से नहीं डरते.

मैंने सीखा है कि जीवन आसान है, हम इसे कठिन बनाते हैं.

“पैसे के लिए हमें जो कीमत चुकानी पड़ती है, _वह कभी-कभी स्वतंत्रता होती है.”

हमें पैसे का सम्मान करना और उसका सदुपयोग करना सीखना होगा,

__तभी हम वास्तविक संपन्नता को उपलब्ध हो सकते हैं,
_जिसमें आध्यात्म के वास्तविक फूल खिलते हैं..!!
_ पैसा ठीक है, लेकिन उसे ही उद्देश्य मत बनाइए, बस बाइप्रोड्क्ट की तरह आने दीजिए,;
_ पैसे की जरूरत है लेकिन पैसा सब कुछ नहीं है, उस से भी बड़ी चीज कुछ होती है._ आनंद और मौज के लिए काम कीजिए,
_ और फिर देखिए कितनी खुशियाँ बिना मोल चली आती हैं, उनसे भला क्यों चूकना ?
“बेवजह खरीदारी ने जीवन पर खराब प्रभाव _”कर्ज और तनाव” उत्पन्न किए हैं.!!
_लोग चीजों को ठीक नहीं करना चाहते हैं, बस नई खरीदना चाहते हैं.!”
_ “मैंने सीख लिया है कि किराने का सामान या आवश्यक वस्तुओं के अलावा दुकानों पर नहीं जाना चाहिए ;
_इसीलिए मैं कर्ज मुक्त हूं.!!”
_ काम को खेल बना लीजिए, उसे स्पोर्ट्स की तरह खेलिए और उसका मजा लीजिए, __ यह प्रयोग हर काम के लिए किया जा सकता है,
__ हर काम एक चुनौती है ; उसे आनंदमय ध्यान बनाया जा सकता है.
 
— इस दुनिया में कम पैसों पर सरल जीवन कैसे जियें ?
_ 1. जीवन में अरमान कम रखिए..
_ 2. दूसरों से अपनी तुलना मत कीजिए विशेष रूप से आर्थिक क्षेत्र में..
_ 3. सीमित किन्तु जीवित संबंध रखिए..
_ 4. पैसे का बेहतर प्रबंधन कीजिए..
_ 5. फालतू की चीजें कम खरीदिए..
_ 6. आवश्यकता हो तभी कोई वस्तु खरीदें..
_ 7. कृत्रिम के बजाए प्राकृतिक जीवन अधिक से अधिक बिताने का प्रयास कीजिए..

सही जीवन कैसे जीना चाहिए ? – 2017

हमें स्वयं जैसा बनने का साहस करना होगा, भले ही वह स्वयं कितना भी भयावह या अजीब साबित हो. – May Sarton

We have to dare to be ourselves, however frightening or strange that self may prove to be. – May Sarton

हॉलीवुड अभिनेत्री सोफ़िया लोरेन द्वारा लिखित सुंदर शब्द…

_ “जब मुझमें पर्याप्त आत्मविश्वास आया, तो मंच चला गया था…
_ जब मुझे ‘हार’ का यकीन था, तो मैं ‘जीत’ गई…
_ जब मुझे लोगों की सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी, उन्होंने मुझे छोड़ दिया…
_ आँसुओं को सुखाना सीखा तो रोने को कंधा मिला…
_ जब नफ़रत का हुनर ​​आ गया, कोई दिल की गहराइयों से चाहने लगा मुझे…
_ और घण्टों रोशनी के इंतज़ार में जब मैं सो गई, सूरज निकल आया…
_ यही जीवन है..!!!
— सोफ़िया लोरेन

जो सही है _ वह हमेशा लोकप्रिय नहीं होता और _ जो लोकप्रिय है _वह हमेशा सही नहीं होता.

What is right is not always popular and what is popular is not always right.

क्या हमें जीना नहीं सीखना चाहिए ?

_जैसे बाकि सारे काम _जैसे खाना बनाना, ऑफिस में काम करना सीखते हैं..!!

अधिकतर लोग जो चीज़ कर रहे हैं, उसे ना करके.. जो सही है

..वो करना ..हर किसी के बस की बात नहीं होती है.!!

ध्यान दो — जीवन बह रहा है, आप उसे जीने में व्यस्त हो या समझने में ?

जीवन में अपना व्यक्तित्व शून्य रखिए, ताकि कोई उसमें कुछ भी घटा न सके..

_ परंतु जिसके साथ खड़े हो जाए, उसकी कीमत दस गुना बढ़ जाए.!!

सही जीवन कैसे जीना चाहिए ?

अपनी पसंद या जूनून का अनुसरण करें और हमेशा अपने अंतरात्मा की सुनें: आप हमेशा केवल वो ही कार्य करें जिसको आप दिल से करना चाहते हैं, सिर्फ पैसे या दिखावे के लिए कोई कार्य ना करें, जीवन में कई बार ऐसे अवसर आते हैं, जहां आप ये तय कर सकते हैं की वास्तव में आप जिन्दगी में क्या करना चाहते हैं.

” जीवन कठिन नहीं है _ हमारे जीने का तरीका गलत है _ इसलिए हमें जीने का तरीका बदलना होगा “

— “जब भी आप निराश महसूस करते हैं, आपको बस इतना करना है कि बाहर जाएं और महसूस करें कि आप किसी कारण से मानव रूप में ढाले गए हैं ; अभी आप धरती पर कहीं हैं _जहां आप फिर कभी नहीं हो सकते.–

क्या आप जिस तरह से जीना चाहते हैं, _उसे खोजने और वैसा करने का ईमानदार प्रयास कर रहे हैं ?

मैं जिन सबसे शांत लोगों से मिला हूं, वे _वे हैं _जिनके अपने लक्ष्य हैं.

वह जो जानता है कि _वे जीवन में क्या करना चाहते हैं, न कि _केवल उस तरह जीना चाहते हैं _जैसा दुनिया उन्हें बता रही है.

कई बार जो चल रहा होता है, वही हमारे लिए ठीक होता है.

_ मगर ज्यादा पाने के चक्कर में हम अपना सुख चैन गँवा बैठते हैं.
_ फिर दिल चाहता है काश फिर से पहले जैसा हो जाए,, मगर होता नहीं..!!

तनाव इस बारे में होना चाहिए कि आप सही तरीके से जी रहे हो या नहीं,

_ इस बारे में नहीं कि कौन आपसे बात नहीं कर रहा है !!

जीवन ख़त्म होने को आया ‘तब जीना आया’

_किन्तु इसमें जीवन का कोई कसूर नहीं है.. _बल्कि मुझे ही जीना देर से आया.!!

“ज़िंदगी आपकी है”

_ इसे दूसरों के मुताबिक़, चलने में बेकार मत कीजिए,,

_ जिस बात पर माने न मन, उससे इंकार कर दीजिए..!!

हमेशा वो मत देखिए.. जो आपको दिखाया जा रहा है,

_ बल्कि वो देखने कि कोशिश कीजिए..  जो आपसे छुपाया जा रहा है.!!

यार देखो जिंदगी एक ही मिली है हमें विस्तार क्यों नहीं करना चाहिए………?

_ जो काम मुझे खुशी देता है, वही कर के मैं खुश रहुंगा, अब अगर मैंने और कुछ कर लिया, तो क्या जरूरी है जीवन भर खुश रह पाऊं ;
_ मेरा एक ही फंडा है यार अगर जीवन जीना है तो पसंद का काम करो,
_ और अगर गुजारना है तो अनेकों काम हैं दुनियां में..
_ तो जियो ना यार एक ही जिंदगी है.

जो इंसान अपनी शर्तों और उसूलों के साथ जीता है,

_उन्हें जल्दी हर कोई पचा नहीं पाता..!!

अंत में जब कुछ न रह जाए पछताने को, _तो समझ जाना तुम,

___ जीवन सही गुजरा है..!!

जीवन अपने आप को अपने तरीके से प्रकट करता है.

_यदि हम जीवन को पूर्ण उपस्थिति और मनःस्थिति के बिना घटित होने दें, तो आपको एहसास होगा कि कुछ भी अच्छा या बुरा नहीं होता है.

_यह बस एक नाटक है, जिसमें हमारा मनोरंजन करने के लिए अलग-अलग अभिव्यक्तियाँ हैं _न कि हमें खुशी या दर्द देने के लिए..

ज्यादातर झूठे और बेईमानों के होने के बावजूद भी मुझे ये दुनिया सरगम जैसी दिखती है ;

_ अंधेरों में एक उजाले की बाती लिए..

_ फिर मैं अफ़सोस क्यों करूँ, दुनिया के बुरा होने का..

_ मेरा एक जीवन है, और इसी दुनिया में सरगम जैसे किसी इंसान को चुन ही लूंगा मैं..

जीवन में सबसे कीमती क्या है ?

वो पल, जिसे आप जी रहे होते हैं.

उसके बाद क्या ?

मेरा मानना है कि जीवन में न कुछ अच्छा होता है, न कुछ बुरा,

_जो होता है वो बस वो पल होता है, जिसे हम जी लेते हैं, “सिर्फ उतना ही” _जीवन भी उतना ही है.

_हम पर दुनिया का दवाब इतना होता है कि हम सब कुछ _उसकी मर्जी से करने लगते हैं.

_जबकि सत्य ये है कि आपकी खुशी सिर्फ आपके हाथ है.

_क्योंकि जहां कदम कदम पर लोग भरोसा न कर के, दिखावे का जीवन जी रहे हों तो _उन्हें किसी के सहज प्यार पर कैसे भरोसा होगा..!!

आपको केवल एक ही बार जिंदगी मिलती है, किंतु यदि आप इसे सही तरीके से जीते हैं तो _यह एक बार ही पर्याप्त है.

You only live once, but if you do it right, once is enough.

बहुत से लोग दूसरों की सोच को खुद पर हावी होने देते हैं और उनके हिसाब से जिंदगी जीते हैं ; _लेकिन आपको ऐसा नहीं करना _ बल्कि आपको इस भीड़ भरी दुनिया से हटके सोचना है, _

_ अपने दिल की सुननी है और आप अपने जिंदगी में क्या करने वाले हो _ ये आपको खुद से decide करना है _ तभी आप सबसे अलग कहलाओगे.

_ क्योंकि आपका शरीर और दिमाग लगातार दूसरे लोगों से ऊर्जा ग्रहण कर रहा है ; यदि आप किसी के साथ अच्छा महसूस नहीं करते हैं तो उनसे दूर रहें..!! और अपने आप पर भरोसा करें..!!

_ जब आप किसी को अपनी जिंदगी से काट देते हैं, _ वे कभी भी लोगों को पूरी कहानी नहीं बताएंगे, वे उन्हें केवल वह हिस्सा बताएंगे _ जो आपको बुरा और उन्हें निर्दोष बनाता है.

_ “कभी-कभी आपको जीवन में कष्ट उठाना पड़ता है, इसलिए नहीं कि आप बुरे थे, बल्कि इसलिए कि आपको यह एहसास नहीं था कि कब, और कब अच्छा होना बंद कर देना चाहिए.”

जिंदगी एक ऐसी चीज है जिसका पूरा नियंत्रण हमारे ऊपर होता है ; अब बात यहां पर आती है कि, हम अपनी जिंदगी को कैसे व्यतीत कर रहे हैं, _ आपके रोज़मर्रा के फैसले कैसे हैं, _ आपकी जिंदगी उस पर निर्भर करती है.

मान लिया जाए कि आपकी जिंदगी में दुख बहुत है, _ लेकिन कभी आपने यह सोचा है कि, आपने भूतकाल में जो भी फैसले लिए थे उसका ही फल आपके पास है..

_ आज हमारी पसंद या तो हमें उस जीवन के करीब ले जा रही है जो हम चाहते हैं, _ या वे हमें उसी स्थिति में फंसाए रख रहे हैं _ जिसमें हम हमेशा से रहे हैं.

_ हम इस बात का ठीक से अनुमान नहीं लगाने के कारण बहुत दुखी रहते हैं _ कि हमें किस चीज़ से खुशी मिलेगी.!!

जिन्दगी की सबसे बड़ी खूबसूरती ये है कि सुख हो या दुख, यह हमेशा इंसान को संवारती है, हमेशा आगे बढ़ने का हौसला देती है ;

_ यह कहती है, लड़ने की तो तुम ठानो, एक दिन हर जंग जीत जाओगे !!

“.. क्या आप समझते हैं कि सुख के साथ-साथ, बिल्कुल समान अनुपात में, मनुष्य को दुख की भी आवश्यकता होती है.”

मुझे लगता है कि हर किसी को दुनिया में किसी भी चीज से ज्यादा _ अपनी जिंदगी से प्यार करना चाहिए’ ‘जीवन को उसके अर्थ से अधिक प्रेम करो ?’

” मैं वास्तव में एक ऐसे महान व्यक्ति की कल्पना नहीं कर सकता जिसने कष्ट न सहा हो.”

हर किसी में हजारों खामियां होती हैं, _मगर मुझे उनकी खूबियां भी नजर आती हैं,

_उनकी इन खूबियों और गुणों की भी देखभाल होनी चाहिए..

” हमेशा हर चीज की तैयारी करें “

__ उचित तैयारी आपको अधिक आत्मविश्वासी बनाती है ; _ तैयारी आपके डर को कम करती है और आप को वह सब कुछ करने के लिए सशक्त बनाती है जिसकी आप को आवश्यकता है.

आत्मसंयम ही ताकत है. शांति ही निपुणता है. आपको उस बिंदु तक पहुंचना होगा _जहां आपका मूड किसी और के महत्वहीन कार्यों के आधार पर न बदले..

_ दूसरों को अपने जीवन की दिशा को नियंत्रित करने की अनुमति न दें, अपनी भावनाओं को अपनी बुद्धि पर हावी न होने दें.!!

Self-control is strength. Calmness is mastery. You have to get to a point where your mood doesn’t shift based on the insignificant actions of someone else. Don’t allow others to control the direction of your life. Don’t allow your emotions to overpower your intelligence.

जब आप किसी कठिनाई का सामना करते हैं और उससे पार पाते हैं, तो आपको आंतरिक शांति और आत्म-संतुष्टि का अनुभव होता है.

When you face difficulty and get through it, you feel the inner peace and self-satisfaction.

लाइफ में करना क्या है, कितना हम अपने हिस्से का कर सकते हैं वो सब समय सीमीत है, लाइफ कुछ पलको का बसेरा मात्र सा है.

अपने आप मे बहुत बेसीक चीजो पे बने रहना बहुत कठिन होता है… छोटी छोटी चीजे हैं जो मुझे आती है.

क्या रह जाएगा हमारे पीछे और क्या दे जाएंगे जो हम इतनी रफ़्तार से भाग रहे हैं..

हम जब अपनी जिन्दगी से सवाल नहीं करते, तो कुछ वक्त बाद जिन्दगी हमसे सवाल करने लगती है ;

_ वह जिन्दगी जो किसी मजबूरी को नहीं मानती, सिर्फ खुलकर जीना जानती है.

ज़िन्दगी में हम कुछ नया इसलिए भी नहीं कर पाते, _ क्योंकि हमें लगता है कि दूसरे नहीं कर रहे, तो हम कैसे कर सकते हैं !!

-” यदि आप आश्वस्त दिखते हैं तो आप कुछ भी कर सकते हैं – भले ही आपको पता न हो कि आप क्या कर रहे हैं.”

वह करो जो आवश्यक है फिर वह करो जो संभव है अचानक आप वह कर रहे होंगे जो असंभव है.

Do what is necessary Then do what is possible Suddenly you will be doing impossible.

“आपकी ज़िन्दगी में सबसे हसीन पल वो होते हैं,

_ जिन्हें आप कैमरे में क़ैद नहीं करते !”

जब आप अपने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो आप बढ़ते हैं !

_ जब आप गंदगी पर ध्यान देते हैं तो गंदगी बढ़ती है !!

आप एक बुरे नज़रिये के साथ अच्छा दिन नहीं बिता सकते, _

_ और एक अच्छे नज़रिये के साथ बुरा दिन नहीं बिता सकते..

जब हम खुद को बदलते हैं, तो सब कुछ बदल जाता है.

_और जब सब कुछ बदल जाता है, तो ज़िंदगी आसान हो जाती है..!!

जिंदगी के हर पल की कीमत है, कहीं ठगा मत जाना यार मेरे,

_ सोच समझ कर खर्च करना..

जिंदगी आपको केवल तब समझ में आएगी,

_ जब आप ख़ुद को समझने का प्रयास करोगे..!!

अपने आप को उन लोगों के विचारों में डुबो दें..

_ जो दुनिया को अलग तरह से देखते हैं.!!

जीवन में सबसे ज्यादा राग – रंग, विविधताएं, सुन्दरता और संघर्ष वहीँ है,_

_ जिसे हम साधारण जीवन या साधारण जीवन स्थितियां कहते हैं.

ज़िन्दगी एक कैनवास है — उसमे खुशियों के रंग हैं तो परेशानियों के बादल भी हैं, इन बादलों को बारिश की ठण्डी फुहार में बदलें _

_ ताकि, आपके आस पास वालों की ज़िन्दगी में भी ख़ुशी की इस बारिश के छीटें पड़े.

ज्ञान के पथ पर आपके पास सब कुछ है. _ आपके पास सुन्दर ज्ञान है, _ जिसमे जीवन के सभी रंग हैं – – विवेक, हँसी, सेवा, मौन, गाना, नाचना, विनोद, उत्सव, यज्ञ, सहानुभूति

_ और अधिक रंगीन बनाने  के लिए शिकायतें, समस्याएँ, जटिलताएँ तथा गोलमाल ! ! ! जीवन कितना रंगीन है.

” दुनिया की सारी ख़ूबसूरती जीवन के लिए है, अगर जीवन ही नहीं रहेगा तो ख़ूबसूरती के क्या मायने ?”

अपने आप को एक रंग के रूप में देखें,_ आप हर किसी के पसंदीदा नहीं हो सकते हैं, लेकिन एक दिन आप किसी ऐसे व्यक्ति से मिलेंगे,

_ जिसे अपनी तस्वीर को पूरा करने के लिए आपकी आवश्यकता होगी.

अपनी तुच्छ इच्छाओं को जीवन का लछ्य मत बनाइए. _ अगर एक इनसान के तौर पर, एक जीवन के तौर पर _

_ आप खुद को बड़ा बनाते हैं, तो फिर आप कहीं भी रहेंगे, आप मस्त और शानदार महसूस करेंगे.

अब हमें मौलिक स्वभाव के लोग कहाँ मिलते हैं ? और कहाँ है वह मनुष्य _

_ जो सच्चा रहने कि, जैसा वह है वैसा ही स्वयं को दिखाने कि शक्ति रखता हो ?

“___ दो चार नहीं मुझे सिर्फ एक दिखा दो, _ वो शख्स जो अंदर भी बाहर जैसा हो…”

“___ इस नकली दुनिया में असली को ढूंढना मुश्किल है..”

✔ क्यां आप सच में सुखी होना चाहते हैं ?

तो उन रास्तों का त्याग क्यूं नहीं करते… जिन रास्तों से दुःख आता है…?

आप के सुख की चाह तो ठीक है_ पर राह ठीक नहीं…!

आप की दशा नहीं… दिशा बिगड़ी है… सुख के लिए दौड़ना काफी नहीं है… अपितु__ सही मार्ग पर दौड़ना जरुरी है…?

तुम खोल दों अपने-आप को_ कहने दो लोग क्या कहते हैं_ सोचने दो लोग क्या सोचते हैं _ उसे_ स्विकार कर लो…?

_ उसी क्षण __ और… वहीं से तुम्हारी यात्रा शुरू होती है_?

__ ऐसी यात्रा… जिसमें _ रास्ता भी हम हैं __राहीं भी हम हैं _ और __ मंजिल भी हम हैं ✔ क्यूं भरोसा… _ करते हो गैरो पर _ _ जबकि तुम्हें चलना है _ खुद के पैरों पर…

जिंदगी में सकारात्मक आदमी को खोजते रहिए… वो आपको बदल देगा, _ जिस दिन ऐसा आदमी आपको मिलेगा _ आप उसे अपनी याददाश्त से निकाल नही पाएंगे.. कम से कम 15 दिन तो उसी में खोए रहेंगे,

” जीवन में एक बार आप किसी ऐसे व्यक्ति से मिलते हैं, जो सब कुछ बदल देता है.”

जिस दिन आपकी खोज पूरी हुई आप बदल जायेंगे, कम से कम खुद को बदलने का प्रयास जरूर करेंगे…

एक दिन, आप किसी ऐसे व्यक्ति से मिलेंगे _ जो आपकी कहानी को समझेगा और आपकी रक्षा करेगा ; _ क्योंकि वो नहीं चाहेगा कि आप फिर से वही दर्द सहें.

Life में किसी के ऊपर depend मत रहो जो भी करना है अपने दम पर करो _इससे

आपका self confidence बढ़ेगा और आपके अंदर से एक positive attitude आएगा.

ज़िन्दगी बहुत छोटी है इसलिए उन लोगों के साथ ज्यादा वक़्त बिताओ _ जो आपको हर वक़्त ख़ुशी और प्यार देना चाहता हो ; _

ऐसे लोगों को जगह दें जो जीवन में हमारे किसी भी लक्ष्य में हमारा समर्थन करेंगे और जो वास्तव में हमारे परिश्रम का फल देखकर खुश होंगे..!!

यह कभी न भूलें कि जब आपको हार मानने का मन हुआ था तो _किसने आपको आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित किया..!! __ वे असली हैं इसलिए उन्हें पकड़ो और उन्हें ढेर सारा प्यार दें..

“_जो लोग जीवन की छोटी-छोटी बाधाओं में आपके साथ बने रहते हैं, _वे ही सबसे कठिन दिन आने पर आपका साथ देने के लिए मौजूद रहेंगे.”

“अपने आप को ऐसे लोगों से घेरें जो अपने दृष्टिकोण, विचारों और सपनों के बारे में बात करते हैं, न कि उन लोगों से जो दूसरों के बारे में बात करते हैं.”

“उसे मत चुनो जो दुनिया के लिए खूबसूरत है _बल्कि उसे चुनें _जो आपकी दुनिया को खूबसूरत बनाए.”

ऐसे व्यक्ति को कभी हल्के में न लें जो आपके लिए आपकी जरूरत के समय में आपके साथ खड़ा हो ; _ उनके प्रयासों की सराहना करें और उन्हें दिखाएं कि आप उनके आभारी हैं..!!

” ज़िन्दगी में हजारों लोग आवाज़ देंगे, लेकिन वहीँ बैठना _ जहाँ बैठ कर अपनेपन का एहसास हो !!”

” — चिंता न करें, सही लोग आपके साथ बने रहने का प्रयास करेंगे–“

“– जो सहेज कर रख सके तुमको _ उसके पास ठहरो __खुश रहोगे-“

“– कुछ ऐसे भी लोग कमाए हैं मैंने, जब कुछ नहीं था तब वो साथ थे.-“

मैं अब न ही अपने दुखों को बयान और न ही इसकी बात करता हूँ, ऐसा नहीं कि मेरे जीवन में दुःख नहीं है या मुझे दूसरों से जख्म नहीं मिले ;

लेकिन पहली समझ मुझमें ये आ गयी कि दुखों के पीछे कहीं न कहीं मैं भी कारण हूँ और दूसरी समझ कि जहां से मुझे जख्म मिले हैं, __उन्हें बता कर, समझा कर, मुझे कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है..!!

_सभी के प्रति कृतज्ञ रहें ; क्योंकि हर कोई आपके रूपांतरित होने के लिए जगह बना रहा है – यहां तक ​​कि वे भी _ जो सोचते हैं कि वे आपको बाधित कर रहे हैं, यहां तक ​​कि वे भी जिन्हें आप दुश्मन समझते हैं.

अपने आप को सकारात्मक लोगों से घेरें जो बारिश होने पर आपका समर्थन करेंगे, न कि सिर्फ चमकने पर..

Surround yourself with positive people who will support you when it rains, not just when it shines.

  • ” कुछ लोगों को छोड़ना इसलिए भी ज़रूरी होता है, _

_ अगर आप उन्हें नहीं छोड़ेंगे तो _ वो आप को कहीं का नहीं छोड़ेंगे ! “

  • कभी-कभी आपको लोगों का साथ छोड़ना पड़ता है ; _ इसलिए नहीं कि आपको परवाह नहीं है_ बल्कि इसलिए _क्योंकि उन्हें परवाह नहीं है.!!
  • मैंने छोड़ दिए वो टॉक्सिक लोग, जिन्होंने मुझे समझना नहीं चाहा,
    _ मैंने छोड़ दी वो परिस्थिति, जिसने मुझे कमजोर बनाने की कोशिश की..
    _ क्योंकि अगर मैं इन्हें नहीं छोड़ता तो ज़हर मुझे अपना लेता..
    _ इसलिए मैंने जीवन त्यागने से बेहतर इन सब का त्याग करना चुना.!!
  • ” कुछ खत्म करना भी जरुरी था, _ कुछ नया शुरू करने के लिए..”
  • “– कभी-कभी उन लोगों को खो देना जिन्हें आप खोने के लिए तैयार नहीं हैं, _उन्हें खो देना ही आपके बढ़ने का एकमात्र तरीका है.”
  • खामोशी में लोगों को माफ करना और शायद उनसे दोबारा बात नहीं करना ..आत्म देखभाल का एक रूप है.
  • “–जितने लोग फालतू में अपने होने का नाटक करते हैं, वे पहले ही छूट जाएँ तो जीना आसान हो जाएगा.”
  • “हकीकत तो यह है कि हम अपनों का नकाब ओढ़े बहुत से टॉक्सिक लोगों से घिरे हुए हैं !!”
  • “– टॉक्सिक रिलेशन को शीघ्रता से समाप्त करें, _ आपकी शांति _ उनके नाटक से अधिक मूल्यवान है.”
  • वक़्त रहते टॉक्सिक लोगों से दूर हो जाओगे तो अच्छा रहेगा, वरना वो आपका सुख-चैन सब छीन लेंगे !!
  • टॉक्सिक लोगों को आपको पीछे छोड़ना पड़ता है, लेकिन यह अपने लिए एक अच्छा कदम है, उनके लिए नहीं..!!
  • अपने आसपास से, टॉक्सिक लोगों से मुक्ति पायें, जो आपको लगता है कि समस्या है और कचरा है.
  • –“टॉक्सिक लोगों से दूर हो जाना ही बेहतर होता है, जो हमारा दम घोंट देते हैं.”
  • कुछ लोग आपको खो देने के पछतावे के ही लायक़ होते हैं, आपके साथ के नहीं.!!
  • कई बार हम टॉक्सिक लोगों से दूर नहीं हो सकते, पर ख़ुद के लिए एक बाउंड्री जरूर खींच सकते हैं, कि एक सीमा के बाद हम नहीं झेलेंगे.!!
  • कई बार लोगों को छोड़ना पड़ता है.. क्योंकि उन्हें यह वहम होता है कि वे आपके साथ कितना भी गलत कर लें, आप उन्हें नहीं छेड़ेंगे.
  • आगे बढ़ने के लिए, हमें उन लोगों के साथ संबंधों को काटने का दर्द सहना चाहिए _ जो हमें बढ़ने से रोकते हैं..!!
  • टॉक्सिक लोग आपकी सफलता पर तारीफ़ जरूर करेंगे, पर चुपचाप इंतज़ार करेंगे आपकी हार का !!
  • अपनी मानसिक शांति के लिए उन तमाम टॉक्सिक लोगों से दूर रहें, जो बेईमान है, जो धोखा दे रहे हैं, जहां प्रेम खोखला है.!!
  • मैंने कभी किसी का न बुरा किया ना चाहा, _ लेकिन जो मेरे दिल से उतरा ..उससे ऐसे किनारा किया कि ..मेरे लिए वो एक्सिस्ट [exist] नहीं करता जैसे..!!
  • मेरी अब तक की सबसे बड़ी गलती यह है कि _कई लोगों को _उनकी योग्यता से कहीं अधिक समय तक _मेरे जीवन में रहने दिया.!!
  • मैं कुछ छोटी सोच वाले और ईर्ष्यालु व्यक्तियों को मेरे प्रयासों को विफल करने की संतुष्टि देने के लिए तैयार नहीं हूं, _ये लोग मेरे लिए एक भयानक बीमारी के रोगाणुओं से अधिक कुछ नहीं हैं.
  • मैनें उन टॉक्सिक लोगों को छोड़ दिया, जो औरों को खुश करने के लिए मुझे तकलीफ देते थे.!!
  • जो टॉक्सिक लोग मेरे साथ ग़लत करते आ रहे हैं, उनके बुरे रवैये के लिए दूरियां ही श्रेष्ठ है.!!
  • वे आपको पसंद नहीं करते हैं, लेकिन वे अभी भी आपके द्वारा की जाने वाली हर चीज को देखने का समय निकाल लेते हैं.!!
  • जिस खास के लिए आप खास नहीं हैं, तो उसे आम कीजिए और किस्सा तमाम कीजिए..!!
  • आपके जीवन में वह समय आएगा जब लोगों को पछतावा होगा कि _उन्होंने आपके साथ गलत व्यवहार क्यों किया.!!”
  • “अपने और उन लोगों के बीच दूरी रखें _ जो नाटक करते हैं _और आपकी आंतरिक शांति के साथ खिलवाड़ करते हैं. _ दूर जाने से थोड़ी देर के लिए चोट लग सकती है, _ लेकिन अंत में आपका दिल ठीक हो जाएगा.”
  • टॉक्सिक लोगों से बात करना और समय खर्च करना खुद को ज़लील करने जैसा है, इसलिए ऐसों से पाला ना पड़े कभी !!
  • पहले मेरी सोच थी कि मेरे बहुत से अपने हैं, लेकिन अब मुझे विश्वास है कि.. मैं बस बहुत से लोगों को जानता हूँ !!
  • यह बहुत अच्छा है, जब टॉक्सिक लोग आप से बात करना बंद कर देते हैं, __ यह ऐसा है – “जैसे कचरा अपने आप बाहर निकल गया” !!
  • अच्छे लोग हमेशा अच्छे लोगों से जुड़ना चाहते हैं ताकि उनका मानसिक विकास हो.. टॉक्सिक लोगों से वह दूरी ही बना कर रखते हैं.!!
  • दूसरों की सुविधा के लिए इतना भी एडजस्ट न हो जाएं कि _आपकी असुविधा का उन पर कोई फर्क ही न पड़े.
  • ” आप किसी और की खातिर खुद को नष्ट नहीं कर सकते ; _ आपको अपनी भलाई को प्राथमिकता देनी होगी !!_ चाहे इसका मतलब किसी ऐसे व्यक्ति से रिश्ता तोड़ना हो _ जिसकी आप परवाह करते हैं,  _ परिवार के किसी सदस्य को दूर से प्यार करना, _ किसी दोस्त को छोड़ना,या खुद को ऐसी स्थिति से दूर करना जो दर्दनाक लगती है – आपको छोड़ने और अपने लिए एक सुरक्षित स्थान बनाने का पूरा अधिकार है..!!”
  • जब आप शांति चुनते हैं, तो यह ढेर सारी अलविदा के साथ आती है ; __ अपने जीवन को बेहतर बनाने के निर्णयों का अर्थ _ अक्सर उन लोगों से संबंध तोड़ना होता है _ जो आपकी पसंद का समर्थन नहीं करते हैं..!!
  • हम उन टॉक्सिक लोगों के बारे में सोच-सोच कर अपने जीवन का कीमती समय और एनर्जी बर्बाद कर देते हैं, जिन्होंने हमारे जीवन को कभी नरक बनाया था ; _अगर हम आज भी वही कर रहें हैं तो हम उन लोगों के उद्देश्य को ही पूरा कर रहे हैं, अपने जीवन को नरक बना कर… इसलिए उन पर अपना समय और एनर्जी न लगाएं.!!
  • टॉक्सिक लोगों द्वारा दिया गया धोखा मजबूत लोगों को तोड़ता नहीं है—यह उन्हें रूपांतरित करता है.
    _ जिसने आपको धोखा दिया, उसने एक वफादार व्यक्ति को खो दिया, लेकिन आप ?
    _ आपने उस व्यक्ति को खो दिया.. जो आपको डिजर्व नहीं करता था..
    _ और यह कोई नुकसान नहीं है—यह एक आशीर्वाद है.!!
  • मैंने उन टॉक्सिक लोगों को जीवन से विदा कर दिया जो मेरा सारा मीठा पानी पी जाते थे और अपना खारापन छोड़ जाते थे..!
  • टॉक्सिक लोग आपसे इसलिए भी नाराज़ हैं, क्योंकि आप उस तरह से कष्ट नहीं उठा रहे हैं.. जैसा उन्होंने सोचा था.!!
  • लोगों को खोने से मत डरो ; _अपने आसपास के सभी लोगों को खुश करने की कोशिश में खुद को खोने से डरें.
  • लोग मुझे आसानी से खो सकते हैं, _मैं उन लोगों पर नहीं अटकता.. जो मेरे लायक नहीं हैं.
  • जब आप सच्चे बने रहते हो, तब आप उन लोगों को खो देते हो, जो आपके लायक नहीं होते !!
  • “सावधान रहें, जिन्हें आप अपने से दूर धकेलते हैं, _क्योंकि असली लोग वापस नहीं आते !!”
  • -“कुछ गलत लोगों से वो हमें दूर कर देता है, ताकि हमारी जिंदगी खराब न हो !!”
आप कुछ भी करिए लेकिन सही तरीके से..

_ मेरे साथ बुरा कर के कुछ करना….ये तरीका सही नहीं.!!
उन लोगों से दूर ही रहा करो, जो ख़ुद से नई- नई मुसीबतों को पैदा करके..
_ फिर बेचारे होने का नाटक करते हैं.!!
कुछ लोगों को खोने के बाद आपका अंतर्मन बोलेगा_ ” चलो, अच्छा हुआ ! बला टली “
_ हाँ, मैं उन खोए हुए में से एक हूँ !!
“दूरियाँ बना लेना उनके साथ” ग़लत करने वालों के लिए एक बेहतरीन जवाब है,
_क्योंकि कई बार बहस की बजाए ख़ुद को, उस जगह से हटा देना ही बेहतर होता है.
अपने आप को ऐसे लोगों के साथ रहने के लिए मजबूर न करें, जो आपको हमेशा ऐसी स्थिति में डालते हैं;

_ जहां आप खुश, सुरक्षित और आरामदायक महसूस नहीं करते हैं.
_ आपके पास हमेशा उनसे दूरी बनाने का अधिकार है,
_ खासकर जब आपको एहसास हो कि वे वास्तव में आपके लिए अच्छे नहीं हैं.
_ उनकी बुरी संगति को सहन न करें.
_ और दुख की बात है कि ऐसे लोग भी हैं, जो नहीं जानते कि कैसे बदलाव लाया जाए या कैसे बेहतर हुआ जाए.
_ इसलिए, खुद को उनसे बचाएं.
उन लोगों के साथ अपना समय बर्बाद न करें,

_जिन्होंने आपको दिखाया है कि..वे वास्तव में आपके लिए अच्छे नहीं है.
हमें लोगों की ज़िंदगी में उतना ही शामिल होना चाहिए और उतना ही करना चाहिए जितना कि उनसे अहमियत मिलती है, _ वरना आप अपनी ख़ुद की नज़रों में गिर जायेंगे.!!
उन लोगों से दूर हो जाओ, जिनके जैसा आप ख़ुद को बनते हुए देखना नहीं चाहते हो !!
मैंने जीवन में जो कुछ भी करने का निश्चय किया था, उसे हासिल किया है.
_ मैंने उन लोगों की बात नहीं सुनी जो सोचते थे कि मेरे सपने झूठे थे..!!
काँटों पर भी दोष कैसे डालूँ, पैर मैंने रखा था.. वो अपनी जगह पर थे..!!
ज़रूरी नहीं कि हम ख़ुद को जिसकी ज़िंदगी में बहुत इंपॉर्टेंट मान रहे हों,

_ उतने ज़रूरी हों भी.!!
खुद में ऐसा बदलाव न लाएं कि लोग आप को पसंद करें ;_आप स्वयं बनें और सही लोग आपसे वास्तविक प्रेम करेंगे.!!
कोई खुशफहमी हो _उसके टूटने पर दुख होता है.._ पर समय बीतने के साथ साथ आप एक स्वतंत्रता का अनुभव करते हैं कि _ भली भई मोरी गगरी फूटी.. मैं पनिया भरन से छूटी..

_ आप किसी के जीवन में कहां और कितने महत्त्वपूर्ण हैं _ इससे ज़्यादा ज़रूरी यह जानना है कि _ आपके जीवन में कौन और कितना महत्त्वपूर्ण है..

जिन लोगों का आपके जीवन में कोई अस्तित्व ही नहीं,

_तो उसकी बातों का अस्तित्व क्यों होना चाहिए ? ..उन्हें Ignore करो..!!

उन लोगों को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता..!

_ जो हमारे कठिन वक्त को अपनी हरकतों से हमारे लिए और भी कठिन बना देते हैं.!!

मुझे ऐसा बनना है जो दिखावा नहीं करता..!!

मैं नहीं चाहता कि कोई मुझसे दिखावा करवाए.!!!
_ और मैं चाहता हूं कि मुझे उस स्थिति से हटा दिया जाए ;
_ जहां मुझे दिखावा करने की जरूरत है.
_चुप रहने या हार जाने में कोई समस्या नहीं है..!!

बात यह है कि 99% लोगों को परवाह नहीं है कि आपके जीवन में क्या हो रहा है, _यदि आपको लगता है कि वे 99% ऐसे कार्य करते हैं जैसे वे आपकी परवाह करते हैं, _तो वे आपके बारे में फैलाने के लिए केवल जानकारी एकत्र कर रहे हैं…

“मैंने जो सबसे अच्छा काम किया है वह _लोगों को यह बताना बंद करना है कि _मेरे जीवन में क्या चल रहा है.”

“जिस चीज का मैं हकदार नहीं था, उसे झेलने के लिए मुझे खुद से सबसे बड़ी माफी मांगनी होगी.”

हर कोई आप को पसंद नहीं करेगा.!!

_ हाँ, कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप एक व्यक्ति के रूप में कितने अच्छे हैं,
_ फिर भी कोई ऐसा है _ जो आप को बुरा समझता है या कुछ भी नहीं समझता है ;
_ यदि आप को कई लोग पसंद करते हैं, तो कुछ लोग कुछ कारणों से भी आप से नफरत कर रहे हैं;
_ आप उनके लिए कभी अच्छे व्यक्ति नहीं बन पाएंगे.
_ अगर वो आप को बुरे इंसान के रूप में देखते हैं, तो उन के लिए आप बुरे इंसान हैं.
_ तो, आप को यह उम्मीद करनी चाहिए कि आप उन से आश्चर्यचकित न हों.
_ और सबसे अच्छी बात जो आप कर सकते हैं _ वह है _ उन्हें अनदेखा करना..
_ और अपनी ऊर्जा / समय को उनसे बहस करने या प्रसन्न करने में बर्बाद न करें __जो वे आप से करवाना चाहते हैं..!!
_ इसके अलावा, अपना ध्यान उन लोगों पर केंद्रित करें _ जो वास्तव में आप की सराहना करते हैं..
_ और अपना समय उन लोगों या आप पर विश्वास नहीं करने वालों के लिए बर्बाद न करें ; .. कोई भी सही नहीं है.
_ तो, बस अपने आप में रहो और खुश रहने का प्रयास करो !

-कुछ लोगों को यह दिखावा करना पड़ता है कि _आप बुरे व्यक्ति हैं _ताकि वे आपके साथ किए गए घटिया कामों के लिए _खुद को दोषी महसूस न करें.!!

Some people have to pretend you’re the bad person so that they don’t feel guilty about the shitty things they did to you.

“कभी किसी आदमी को यह न बताएं कि _आप उसे पूरी तरह से पढ़ सकते हैं; _अधिकांश लोग पहेली बने रहना पसंद करते हैं.”- George Townshend

“Never tell a man you can read him through and through; most people prefer to be thought enigmas.” -George Townshend

स्वयं के अनुकूल जो जीएगा, सुख में जीएगा _  स्वयं के प्रतिकूल जो जीएगा, वह दुख में जीएगा, _ दुख की तुम इसे परिभाषा समझो ..

_ अगर जीवन में दुख हो, तो जानना कि तुम स्वभाव के प्रतिकूल जी रहे हो, _  दुख केवल सूँचक है..

_ दुख केवल खबर देता है कि कहीं कुछ भूल हो रही है..

जैसा दूसरे आप को देखना चाहते हैं, अगर ख़ुद को वैसा बनाने की कोशिश की तो

_ आप अपना मूल स्वरुप भी खो बैठेंगे..!!

कुदरत अच्छे लोगों को अधिक दुख इसलिए देती है ताकि वो दुखों का सामना करते करते इतना मजबूत हो जाए _

_ और दुबारा उस तरह के दुखों का सामना आसानी से कर सके.

जीवन इतना कीमती है कि इसे बिना हर पल का आनंद लिए, _

_ फिसल जाने नहीं दिया जा सकता..

मैं तो सारा का सारा लूंगा जीवन..

_”कम से कम” वाली बात न मुझसे कहिए..!!

हम इतना कठिन जीवन जी रहे हैं,_

_ फिर भी आश्चर्य है कि हम समझते क्यूँ नहीं हैं..!!

अगर आपकी ज़िंदगी में डर और चिंता नहीं है तो, _

_ तो आपका इस दुनिया में आना सफल रहा है..!!

“जिन्दगी बहुत छोटी है” इसलिए उनके साथ वक्त बिताओ,_

_ जो आपकी खुशी और जिन्दगी की परवाह करता हो.

चल जिंदगी ! नई शुरुआत करते हैं, _

_ जो उम्मीद औरों से की थी, वो अब खुद से करते हैं….

“ ज़िंदगी चल तुझे जी ही लेते हैं,” _

_ अमृत मिले या विष, इसे पी ही लेते हैं..

जो भी सही और होशपूर्वक नहीं जीएंगे..!

_चांद को घर में लाने वाले दिन में तारे देखेंगे.!!

अदब से बिताई तो क्या किया..??

_ “गुस्ताखियाँ ” _ ज़िंदगी को जीने का सही अंदाज़ है !!

कुछ लोग जिंदगी में कभी – कभी अच्छा अहसास एवमं ऐसी सकारात्मक ऊर्जा दे जाते हैं,

_ जिनके बारे में हम कभी सोचते भी नहीं हैं

हमेशा अकेले रहने के लिए तैयार रहें ; _ कुछ लोग अचानक बदल जाते हैं.

_ आज आप उनके लिए महत्वपूर्ण हैं, कल आप उनके लिए कुछ भी नहीं हैं और यही वास्तविक जीवन है.

अगर कोई अकेला है तो इसका मतलब यह हरगिज़ नहीं कि उसको कोई पसंद नहीं करता_

_ बल्कि वो अकेला इसलिए है क्योंकि उसने दुनिया की औकात जान ली..

अकेला होना मनुष्य का स्वभाव है..जब तक अकेले होने को स्वीकार न करोगे, __ तब तक बेचैनी रहेगी.

— ” यदि आप अकेले सहज महसूस करते हैं, तो आप एक शक्तिशाली व्यक्ति हैं ” —

अकेले रहना खूबसूरत है, _ अकेले रहने का मतलब अकेला होना नहीं है ; _

_ इसका अर्थ है कि मन समाज से प्रभावित और दूषित नहीं है..!!!

मैं अकेला तो हूं परंतु एक सकारात्मक बात यह है कि मुझे किसी के छोड़ जाने का भय नहीं है, _ और न ही किसी से कोई अनावश्यक उम्मीदें ,,_

_ मेरा संपूर्ण समय मुझे ख़ुद के ग्रोथ, शारीरिक मजबूती, मानसिक शांति और लक्ष्यों को अर्जित करने में लगाना है, यही मेरा वर्तमान जीवन का मुख्य उद्देश्य हैं…!!!

  • कोई नहीं साथ देता जब आप अकेले लड़ रहे होते हो, __ जहां तक कि लोग आपकी दयनीय स्थिति पर हँसते ही हैं_ ” यही सत्य है…!!!”

अपनी विशिष्टता का सम्मान करें, _ और तुलना छोड़ें ; _अपने अस्तित्व में मस्त रहें ..

आप अपने व्यवहार के प्रति Honest रहो.. सिवाय ये सोचने के कि सामने वाला क्या सोचेगा..!

_ सामने वाले को उसके हाल पर छोड़ दो, वो जो भी सोचेगा.. ये उसकी समस्या है आपकी नहीं..!!

जीवन एक नाटक के समान है,_

_ लम्बे अभिनय के स्थान पर उत्कृष्ट अभिनय का ही इसमें महत्व है.

कभी दुनिया से कृतज्ञता की उम्मीद मत करना ! बस अपना फर्ज निभाकर आगे बढ़ जाना.

Never expect gratitude from the world ! Just do your duty and move on.

जीवन में एक बात जल्दी सिख चुका हूँ कि कभी भी अपने लिए कोई रूल या नियम कानून मत बनाओ… _ अक्सर हम दुःखी अपने कृत्यों से ही रहते हैं.._ जिसकी वजह भी हम और सजा भी हमें ही मिलती है ; _ जीवन को हर दिन नए चुनौती के रूप में लेना है न कि एक दिन पहले बनाये हुए नियम और योजनाओं के अनुसार चलना है.

I have learned one thing early in life that never make any rule or rule for yourself… _ Often we are sad because of our actions.._ for which we get the reason and punishment too; Life is to be taken as a new challenge every day and not according to the rules and plans made the day before.

“अभ्यास के माध्यम से हम अपने दुखों को कम कर सकते हैं और अपने सुख के स्तर को बढ़ा सकते हैं”

“Through practice we can reduce our suffering and increase our level of happiness”

चिंता और अंतर्ज्ञान के बीच का अंतर यह है कि जब आप अपने अंतर्ज्ञान के खिलाफ जाते हैं तो आप 24/7 चिंता का अनुभव करेंगे ; आपकी चिंता आपकी अति सोच है.

आपका अंतर्ज्ञान केवल एक आंत की भावना है जो आपको सच बताती है, और इसके खिलाफ जाने से आपको  चिंता होती है.

अपना ख्याल रखने में बिताया गया समय कभी नष्ट नहीं होता,_

_ बल्कि ऊर्जा के रूप में आपके पास वापस आ जाता है..

मेरे पास तुम्हारी समस्याओं का केवल यही हल है,_

_कि तुमको समस्याओं से लड़ना सिखा दूँ ..

हो मर्ज़ी तो आसमाँ को उछल कर छू लूँ मैं ;

_ और मर्ज़ी न हो तो जमीं तक को ख़बर ना हो..!!

अगर आपने मुझसे झूठ बोला और मुझे सच पता चल गया ;

_ तो मैं आप को कभी भी एक जैसी नजर से नहीं देखूंगा..!!

आप कभी भी लोगों की सोच को अपने प्रति नहीं बदल सकते, _

_ इसलिए अपनी जिन्दगी को मज़े से जीयो..

क्यों खुल के नहीं जीते,, यहां दोबारा थोड़ी आओगे,

_ तुम इंसान हो यार पहाड़ा नहीं, जो दोहराए जाओगे.

क्या जीवन के आघातों ने हमें इतना गहरा घाव दिया है कि _

_ हम जीवन के कोमल स्पर्श को महसूस नहीं करते हैं ?

‘सब सही हो रहा है’ गलत इसलिए लग रहा है,

_ क्योंकि आपके हिसाब से नहीं हो रहा है..!!

मत ढूँढो. कि दुनियाँ में ख़ूबसूरत कौन है,

_ देखना है तो.. उसे देखो.._ जिसके होने से आप की दुनिया सुंदर है..

आप कभी दूसरे व्यक्ति को नहीं बदल सकते, आप को सिर्फ अपने ऊपर ध्यान लगाना चाहिए _ खुद को बदलने में,

अगर आप खुद को असल में बदलते हैं _ तो लोग क्या परिस्थिति भी अपने आप बदल जाएगी..

अपने बारे में लोगों कि बातों पे ध्यान ना दें, वो अनजान होते हैं _ आपकी निजी ज़िंदगी से _ इसलिए हमेशा सही नहीं होते _ और उससे हमारी ज़िंदगी में कोई फर्क नहीं आना चाहिए..

आप अपने जीवन के साथ जो चाहते हैं वह करें _ लेकिन अगर आप एक बेहतर जीवन बनाते हैं तो लोग आपकी सराहना जरूर करेंगे.

जीवन इतना आसान हो जाता है जब आप खुद के बारे में लोगों को समझाना बंद कर देते हैं, _और वही काम करते हैं जो आपके लिए है.

मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता _ ये दुनिया कैसी है,_ इस दुनिया के लोग कैसे हैं _ मुझे तो बस हर परिस्थिति को मैनेज करना आना चाहिए…

कभी-कभी हमारे जीवन में घटित होने वाली बुरी चीजें _ हमें सीधे उन सर्वोत्तम चीजों की राह पर ले जाती हैं _ जो हमारे साथ कभी भी घटित होंगी.

वह व्यक्ति जिसे वो सब मिल जाता है जो वो चाहता था, _ वह हमेशा शांति और व्यवस्था के पक्ष में होता है.

लोगों से ज्यादा उम्मीद मत रखा करो, वरना हमेशा उदास रहोगे _ और लोगों को जरा भी फ़र्क नहीं पड़ेगा..

” जिस दिन से तथ्य और सत्य समझ़ में आने लगते हैं, _ उसी दिन से जीवन में मौज़ भी आने लगती है,”

जिंदगी छोटी है _ याद रखें, _ जो मायने रखता है उस पर ध्यान केंद्रित करें और जो नहीं है उसे जाने दें.

खुश रहने के लिए आपको वह करने की ज़रूरत नहीं है _जो बाकी सभी कर रहे हैं _या जिस तरह से हर कोई रह रहा है.!!

ऊँच-नीच ही जीवन का सौंदर्य है, _ इसलिए सकारात्मक रहें, शानदार रहें !

The highs and lows are the beauty of life itself. So stay positive, stay awesome !

जीवन कितना अजीब है ; _आराम छोड़ना पड़ता है आराम पाने के लिए..

थोड़ी सी तू अस्त – व्यस्त है….! फिर भी..,”ज़िंदगी”….,,तू ज़बरदस्त है..

ज़िन्दगी तुझमें कशिश तो है, _ ये कशिश जो मुझे तेरी तरफ़ खींचती है.

ख्वाब, ख्वाहिश और तनाव, _ ज़िंदगी में जितने कम हों, उतना बेहतर है.

क्या कहूँ ज़िन्दगी के बारे में, _ एक तमाशा था, _ उम्र भर देखा !

जिसे चाहो, उससे कुछ मत चाहो, कभी रोने की नौबत नही आएगी..!!

खुद को समझदार समझकर घमंड करने से बेहतर है, _

_बेवकूफ दिखकर समझदारी वाले काम करना..

आप के पास जो है आप के हिसाब से कम है,

_लेकिन किसी दूसरे की नज़र से देखो, तो आप के पास बहुत कुछ है.

अगर आप अपने जीवन को बेहतर बनाना चाहते हैं, _

_  _ तो लोगों के मन की नहीं ” अपने मन की सुनो “

  • “- सबसे पहले दिल की सुनिए, दिल सा अपना दूजा ना है, _

_ दिल कहता, सच ही कहता है, _ बाक़ी सब बातें बेमानी. -“

” – अपने दिल की सुनो, _ ओर फिर वही करो _ जो वो कह रहा है ..

_ ये जिंदगी आप की है, _ और किसी की नहीं ..- “

” — जब तक आप अपने दिल की नहीं सुनेंगें, तब तक आप कभी मानसिक शांति प्राप्त नहीं कर पायेंगें.–”

मेहनत ही अपने हाथ में होती है, बाकी तो रब जाने, _

_पर जो अपने हाथ में है, उसे कम नहीं किया जा सकता ;

__ इसी में सुख है, इसी में सहजता है..

पीछे लौट कर जीवन को समझा जा सकता है. _ परन्तु जीवन जीने के लिए आगे बढ़ना आवश्यक है.

जैसे- जैसे हम लोगों को समझने लगते हैं, वैसे-वैसे हमारी ज़िन्दगी में लोग कम होने लगते हैं.

कोई भी व्यक्ति जो सुंदरता को देखने की योग्यता को बनाए रखता है, _ वह कभी भी वृद्ध नहीं होता.

“मैं मंज़िल तक पहुंच जाऊंगा ये उम्मीद है मुझको, _ न तो ठहरा हुआ हूं मैं न ही भटका हुआ हूं मैं…”

मुझे कुछ भी साबित नहीं करना ; _ ” बस अपनी जिंदगी की किताब का “_ लेखक खुद बनना है…

हम भी जानते हैं, मशहूर होने के तौर तरीके, _ पर दिल को जिद्द है,, ” अपने ही अंदाज़ से जीने की “

जा दिखा दुनिया को, मुझको क्या दिखाता है गुरुर.. _ तू समंदर है तो हो, मैं तो मगर प्यासा नहीं…

भागती फिरती थी दुनिया जब तलब करते थे हम, _ छोड़ दिया है इसको – तो बेक़रार आने को है..

अपने आप में और निजी रहें, _ कम महत्वपूर्ण बनें _ विनम्र रहें _ आप सुखी जीवन व्यतीत करेंगे.

“जीवन बहुत नाजुक है, लेकिन आप इसे केवल एक बार जीने देते हैं _ इसलिए सही चुनाव करें “

तेरा ग़म तुझे ही झेलना है, ये दुनिया है ही ऐसी, _ यहाँ कभी आग से तो कभी बर्फ़ से खेलना है !

तुमको क्या पसंद आता है _ इससे तय हो जाता है कि _ तुम्हारी हस्ती झूठ पर खड़ी है या सच पर..

” आप हैं क्या ??? पहले सच्चे से तय कीजिए, _ फिर जैसे भी हो, अपने आप को प्रस्तुत कीजिए,,,,,

_ एक रास्ता यह भी है, मौज़ की मंजिल का “

अपनी मंजिल खुद तलाश की तो जाना, _

_ हम तो कभी कमजोर थे ही नहीं…

कहा था ज़िंदगी को चार ही दिन का सफ़र जिसने,_

_ यक़ीनन उस मुसाफ़िर का सफ़र आसां रहा होगा ..

हजारों हादसे हर वक्त, दिल पर वार करते हैं…

_ तुझे ऐ ज़िंदगी, हम फिर भी कितना प्यार करते हैं..

जिंदगी कोई समस्या नहीं है, _ जिसे सुलझाया जाए, _ यह एक यथार्थ है जिसे जिया जाए ..

मन तो चाहता है जीया जाये अपने हिसाब से, _ जिम्मेदारियां कहती हैं वक्त बर्बाद बहुत होगा..

जो सही है उसके लिए खड़े रहें, तब भी जब _ इसका मतलब _ आपको अकेले खड़ा होना पड़े.

आसान नहीं है उस शख्स को समझना ; _ जो जानता सब कुछ हो ; पर बोलता कुछ भी नहीं…

बादलों में हर किसी के वास्ते है _ कोई बूंद ; _ शर्त ये है_ उतनी शिद्दत से कोई प्यासा तो हो.

बहुत से सवालों के हमें जवाब नहीं चाहिए _ ” सुकून चाहिए ज़िंदगी का ” हिसाब नहीं चाहिए.

आपके जीवन में जो कुछ भी अच्छा हुआ है, वह इसलिए हुआ _ ” क्योंकि कुछ बदल गया “

अपनी योजना के अनुसार अपना जीवन जिएं, _ न कि उस अनुसार जो दूसरे आपसे चाहते हैं.

आप जीवन में तब सफल हो सकते हैं _ जब आप जो चाहते हैं उसमें रुचि लेना शुरू कर दें…

कई बार जिंदगी में कोई समस्या होती ही नहीं, _ और हम “विचारों” में उसे बड़ा बना लेते हैं.

आप अपने विचारों को बदलकर,  _ अपने आम जीवन को अहम बना सकते हैं..

” खुश रहना और संतुष्ट रहना,” _ सौन्दर्य बढ़ाने और युवा रहने के श्रेष्ठ तरीके हैं..

न जियो फ़िर भी गुज़र जाती है, _ यह ज़िंदगी बड़े ही कमाल की चीज़ है ..!!

यदि आप अपने को हमेशा सर्वश्रेष्ठ मानते हैं तो, _ जरूर आप एक दिन सर्वश्रेष्ठ होंगे..

समाज तेरी यही कहानी ; _ ज़िंदगी घुट घुट कर बितानी, _ लेकिन नई राह नही अपनानी !

थोड़ी सी ज़िन्दगी अपने लिए बचा के रखना _ ना जाने कब मौत आ जाय !!

जीवन जीने में मज़ा तभी आता है _ जब बाहर का कुछ भी _ तुम पर हावी नहीं हो पाता है.

अगर तुम सच में ही फूलों के प्रेमी हो, _ तो तुम कांटों से भी निबाह करना सीख लोगे..!!

भीड़ में शामिल होना आसान है, _ लेकिन अकेले खड़े होने के लिए बहुत हिम्मत चाहिए.

एक उबाऊ जीवन जीना बंद करें, _ एक महत्वाकांछी जीवन जीना शुरू करें ..

— ” मूल रूप से जीवन का आनंद लें, Enjoy life to the core.–“

हमेशा सिर्फ सही गलत के बारे में ही सोचते रहेंगे तो जिन्दगी कब जीयेंगे ?

अगर जिंदगी में किसी तरह का कोई संघर्ष नहीं है, _ तो समझिए की तरक्की भी नहीं है.

सांचे में हमने औरों के ढलने नहीं दिया, _ दिल मोम का था फिर भी पिघलने नहीं दिया.

दायरा हर बार बनाता हूं ज़िंदगी के लिए, _ लकीरें वहीँ रहती हैं _ मैं खिसक जाता हूं..

“सच्चाई और अच्छाई का फल सदैव शुभ एवं सुखद ही होता है, _ नियम भी यही है “.

“सच बोलने की आदत” _ हमें किसी भी परिस्थिति का सामना करने का साहस देती है.

ये जिंदगी, तमन्नाओं का गुलदस्ता ही तो है, _  कुछ महकती है, और कुछ मुरझाती है.

मेरी एक औऱ दुनिया है, _ जहां मैं खुद लिखता हूँ, पढ़ता हूँ, औऱ खुश भी रह लेता हूँ..

जिसे कभी जीना आया नहीं, तुम उसी की बातें करते रहो _ “मैं प्रेम वश सुनता रहूंगा”

अधिक ध्यान उस पर दें, जो आपके पास है, _ उस पर नहीं जो, आपके पास नहीं है.

हमें खुद अपने सितारे तलाशने होंगे, _ ये एक जुगनू ने समझा दिया चमक के मुझे..

एक ऐसा जीवन बनाएं जो अंदर से अच्छा लगे, न कि ऐसा जो बाहर से अच्छा लगे.

मेरे हालात तय नहीं करेंगे की मैं कैसा हूँ, _ मैं तय करूँगा की मेरे हालात कैसे होंगे..

जो अपनी जिंदगी में संतुष्ट नहीं है, _ वही दूसरों की जिंदगी में ताक झाँक करता है..

जीवन के प्रति हमारा रूख ही जीवन का रूख, _ हमारे प्रति निर्धारित करता है.

अपने दिल की सुनिए _ उसे पता होता है की _ आप सच में क्या बनना चाहते हैं.

जो जीवन को पढ़ना जानता है, _ उनके लिए जीवन स्वयं सत्य उजागर करता है.

दिमाग से मत हारना _ फिर ना कोई घटना तोड़ सकेगी _ ना कोई हरा पायेगा…

किसी चिन्ता को दूर करने के लिए किसी फैसले पर पहुँचना बहुत जरुरी होता है.

कोशिश ऐसी करनी चाहिए की हारते हारते, _कब जीत जाओ पता भी ना चले.

जो व्यक्ति थोड़े में भी खुश रहता है _सबसे अधिक ख़ुशी उसी के पास होती है.

कुछ गलत लोगों से तू खुद हमें दूर कर देता है, ताकि हमारी ज़िंदगी खराब न हो.

खो देते हैं,..फिर..’खोजा’ करते हैं….यही खेल हम, ज़िन्दगी भर खेला करते हैं!

अपने आप से प्यार करें, जीवन की हर हलचल का आनंद लें, जीवन अद्भुत है.

बहुत कुछ खोना पड़ता है जिंदगी में, _ तब जाकर खुद से मुलाकात होती है..

जमाने में उसने बड़ी बात कर ली.._ खुद अपने से जिसने मुलाकात कर ली…

ज़िन्दगी वो नहीं जिसमें ऐशो आराम हों, _ ज़िन्दगी वो है जिसमें संतुष्टि हो.

जिंदगी में कुछ भी डरने के लिए नहीं है, _ इसमें सब कुछ समझने के लिए है..

हमेशा दूसरों के लिए सोचना बंद करें, _ अपनी खुशियों के लिए जीना सीखें !

दूसरों से बेहतर होने की चिंता न करें, _ खुद को बेहतर बनाने पर ध्यान दें.

जीवन वास्तव में सरल है, _ लेकिन हम इसे जटिल बनाने पर जोर देते हैं.

जिस दिन जीवन सपना मालूम पड़ता है, _ उसी दिन चित शांत हो जाता है.

मैं जीवन से प्यार करता हूँ, _ क्योंकि इसके अलावा और है ही क्या !!

भीड़ से भागा हुआ हूं साहब, _ बड़ी मुश्किल से जाना कि मैं _ कौन हूं .!

अपना मार्ग स्वयं तय करना, _ मतलब जीवन को जीवंतता से भर देना.

उगते हुए सूरज से मिलाते हैं हम निगाहें, _ बीते हुए कल का मातम नहीं मनाते..

ज़िंदगी बहुत छोटी है यारों _ इसे और छोटी बनाने की जरुरत क्या है !

जब कोई कुछ अच्छा और उचित कार्य करता है तो _जीवन कितना अच्छा होता है !!

ज़माने में सब ज़िन्दगी यूँ गुज़ारें, _ गुलिस्तां में रहती हैं जैसे बहारें ..

आपने जो कुछ भी खोया है, _ उसके लिए आपने कुछ और पाया है.

ज्यादा दूर देखने की चाहत में, _ बहोत कुछ पास से गुज़र जाता है !!

जीवन एक आइसक्रीम है, _ पिघलने से पहले इसका पूरा आनंद लें.

ज़िन्दगी बड़ी तुनुक मिज़ाज है, _ छोटी-छोटी बातों पर रूठ जाती है.

छोटी सोच संदेह को जन्म देती है, _ और बड़ी सोच समाधान को !!

सफल होने के लिए नहीं _ बल्कि मूल्यवान बनने का प्रयास करें.

अपने अतीत को भुला दो, _ वर्तमान को तुम्हारी अधिक ज़रूरत है…!!!

समझ जितनी उच्चतम होगी, _ जिंदगी उतनी ही हसीन होगी..!!

जीवन सरल और सुन्दर है, _ जब तक हम स्वयं इसे उलझा न दें.

आगे का इतना भी मत सोचो कि _ अब का मज़ा ना ले पाओ !!

अतीत से ज़ख्म नहीं लिए जाते, _ अतीत से सीख ली जाती है.

बाहर से शांत दिखने के लिए _ अंदर से बहुत लड़ना पड़ता है !

अब हम जो सोचते हैं, _ वही तय करेगा कि हम कहां पहुंचेंगे..!

रुठ जाते हैं बे’वजह ख़ुद से, _ ज़िन्दगी कब उदास करती है !!

आप बदले तो कुछ नहीं बदला, हम बदलेंगे तो माहौल बदल देंगे !!

छिप-छिप के जीते हैं लोग, आप जैसे हैं वैसे क्यों नहीं जीते ?

जीवन में सरल चीजों का आनंद लेने के लिए समय निकालें..

मिट्टी का तन मस्ती का मन, _ छण भर जीवन मेरा परिचय…

” कल उन लोगों का है _ जो आज इसकी तैयारी करते हैं “

कितना सरल हो जाता है जीवन, _ जब विकल्प नहीं रहते..

सिर्फ अपना ख़याल रखना था, _ ये भी ना हो सका हमसे..

एक दिन सच बोलना पड़ेगा _ नहीं तो दम घुट जाएगा…

” खुद को खुश रखिए,” यह भी एक बड़ी जिम्मेदारी है…

जैसी हमारी सोच होती है, _ वैसा ही हम जीवन जीते हैं..

तार तार को _ सितार बनाने के हुनर का नाम ज़िंदगी है.

चैन की सांस लेना ही सही और वास्तविक जीवन है.!!

धीमे चलें और जीवन में साधारण सुखों का आनंद लें.

थोड़े में भी पूरी तरह से जीना _ सबसे बड़ी दौलत है…

अच्छे के साथ बुरा भी_ उसके अच्छे के लिए होता है.

स्वयं को जीतना ही पहली और सबसे अच्छी जीत है.

ज़िन्दगी खूबसूरत है, _ तुम जीने की तो ठानो …!!!

ज़िंदगी जी लीजिए, _  _वरना गुजर जाएगी …!!!!

हर सुख अपने साथ _ अपने ढंग का दुख लाता है !

महंगी है ये ज़िंदगी _ अब कोई छोटा सौदा नहीं…

जो अन्दर से साफ है, _ वही बाहर से चमकता है..

” अच्छी चर्चा करना _ धनवान होने के समान है “

जीवन …… मन जहाँ से रम जाये _ वही जीवन….

ज़िन्दगी आसान नहीं है, लेकिन खूबसूरत जरूर है.

वाकई दुखी होते हम, _ तो दुख छोड़ न देते ?

जीवन में, जीवन ढूंढ़ते, जीवन बीत चला !!

ज़िन्दगी है जी लो, _ वरना गुजर जायेगी !!

“जिंदगी खूबसूरत है लेकिन… शर्त लागू”

Life is beautiful but… Condition Apply

सच्चे लोग अपनी सरलता और पवित्रता में संतुष्ट रहते हैं, वे किसी को भी_

_प्रभावित करने की कोशिश नहीं करते, _ ” क्योंकि वे जानते हैं कि वे कौन हैं “

-“सरलीकरण का अर्थ है _ जो मायने रखता है उसके लिए जगह बनाना.”

जब हम खुद अपनी जिंदगी को बेशकीमती समझेंगे _ तभी यह दूसरों की नजर में भी मूल्यवान होगी..!!!

दूसरे शब्दों में – जब जीवनमूल्य निर्धारण स्वयं के हाथ है तो फिर क्यों न इसे अमूल्य समझा जाय…!!!..??

यदि हम अपने आप को केवल आजीविका के लिए तैयार करते हैं तो, _हमारे जीवन का

_ कोई मतलब ही नहीं रह जाता, जीवन को समझना कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है.

ये जो बुद्धि आज इतने रास्ते खोजती है, ये मन जो आज इधर – उधर भाग रहा है, यह शरीर जिसकी सजावट रोजाना की जा रही है ; _ एक दिन सब जवाब दे जाएंगे, _

_ यह जानते हुए भी अगर तुम इन पर कार्य नहीं करते हो तो यह आश्चर्य की बात है ..

कहां ” टिकना ” है कहां ” अटकना ” है और कहां ” छटकना ” है ;

_ ये पता चल जाए तो जीवन में कभी ” भटकना ” नहीं पड़ेगा !!

अगर हम अपनी समझ से जीवन नहीं जी रहे हैं तो हम_

_ अपने जीवन का अपमान कर रहे हैं ..

अब हार तुम सकते नहीं, यह नियति को संदेश दे दो _

_ हारेगा अब से ” हार ” भी, तुम ऐसा संकल्प ले लो !!

रोजमर्रा की छोटी – छोटी बातों में खुशियां ढूंढना सीखो, _

_ क्योंकि खुशी की बड़ी वजहें आसानी से नहीं आतीं ..

जज़्बातों में बह कर खुद को किसी के अधीन मत कीजिए,

खुदा और खुद के अलावा _ किसी पर यक़ीन मत कीजिए..

रास आ जाए जिस पंछी को _ सोने के पिंजरे का जीवन _

उन पंखों के लिए _ कोई आकाश नहीं होता है..

मैं रोज़ रोज़ _ तबस्सुम { मुस्कान } में छुपता फिरता हूँ,

उदासी है कि मुझे रोज़ ढूंढ लेती है..

जब भी मिलती है मुझे, अजनबी लगती है __

ज़िन्दगी रोज़ नए रंग _ बदलती है ..

ज़िन्दगी वही है, जो जी रहे हैँ ; _

_ ये करेंगे वो करेंगे, ये तो ख्वाब हैँ !!!

तुम अगर खुश हो तो शोर मत मचाओ.,_

_ क्योंकि उदासियाँ _ कच्ची नींद सोती हैं..

स्वस्थ और बुद्धिमान लोग हमें कम ही मिलेंगे,

हम ऐसे लोगों के साथ घिरे हुए हैं, जो एक नशे में जीवन को जी रहे हैं.

” ऊपर वाला जो करता है अच्छे के लिए ही करता है,”_ ये बात हमे

तब महसूस होती है, जब हमारे साथ बुरा होने के बाद अच्छा होने लगता है.

” – कभी कभी कुछ काम का न होना _ कुछ अच्छे का होना होता है, _ काम न होना भी शुभ है -“

जब रब को आपसे प्रेम होता है ना, तो वो उन तमाम लोगों को

आपसे दूर कर देता है,,,……जो आपके काबिल नहीं होते…

तुझे सब पता होते हुए भी … यार

फिर क्यों मिलवाता है _ _ दर्द देने वालों से !!!

जिंदगी बहुत छोटी है… लेकिन आपको इसे मीठा बनाना होगा !

Life is so short…but you have to make it sweet !

यदि एक छोटा सा बीज एक बड़े से पेड़ को जन्म दे सकता है, तो जरा सोच कर देखो कि

हमारा एक छोटा नेक विचार हमारे जीवन में कितनी खुशियों को जन्म दे सकता है.

जब आप सुबह उठते हैं, तो सोचें कि जीवित रहना कितना कीमती विशेषाधिकार है – सांस लेना, सोचना, आनंद लेना, प्यार करना.

When you arise in the morning, think of what a precious privilege it is to be alive – to breathe, to think, to enjoy, to love.

खुद को बदलने का सबसे तेज तरीका है, उन लोगों के साथ रहना _

_ जो पहले से ही उस रस्ते पर हैं, जिस पर आप जाना चाहते हैं.

-” जिनकी संगति से जीवन कीमती बने उनकी संगति करनी चाहिए “

जिंदगी को समझो तो खुशियां_ नही तो गम का दरिया है,_

_ सुख और दुख कुछ भी नही _अपना अपना नजरिया है..

थोड़ी सी ज़िन्दगी में, कैद ना किया कर, ख़ुशियों के बादल ;_

_ वजह,,,,,बेवजह,,,,,, खुल के मुस्कुराया कर !!!!

घोंसला बनाने में….हम यूँ मशगूल हो गए …!

की उड़ने को पंख भी थे…. ये भी भूल गए…!!!

छोटी छोटी बातों में.. जीने का मज़ा छुपा होता है…

ख्वाहिशें तो बस ___ जीना दुश्वार करती हैं….

कभी कभी _ मन को मना लेना ही बेहतर होता है..

हर जिद _ हमें खुशी नहीं देती..

लगी है प्यास _ चलो रेत निचोड़ी जाए..

अपने हिस्से में _ समन्दर नहीं आना वाला…

आज थोड़ी बिगड़ी है _ कल फिर संवार लेंगे ;

_ ” ज़िंदगी है “, जो भी होगा _ संभाल लेंगे ..

रुला ले जितना रूला सकती है ए जिंदगी, _

_ हमने भी तुम्हे हँस कर गुजारने की ज़िद ठानी है !!

आपकी जिन्दगी बहुत ही अनमोल और सुन्दर है, _

_ इसे फालतू और बेकार बातों में नहीं गवाएं ..

खुशियां उगे न खेत में, मिले न हाट बाजार ..!

अपने अंदर ढूंढ लो, भरा अतुल भण्डार …!!

सही गलत के फेर में _बेवजह मत उलझिए,,

_ औरों की छोड़ चिंता_ पहले ख़ुद तो सुलझिए !!

छोड़ दिया किसी और के खयालो में रहना,

हम अब लोगों से नहीं _ खुद से इश्क़ करते हैं .!

जिस नजर से आप दुनिया को देखोगे, _

_ आपको दुनिया वैसी ही नजर आएगी ..

तासीर एक सी रहे, बस मौसम बदलते रहें..

_ ये वो हुनर है, जो बड़ी मुश्किल से आता है..!!!

ज़िंदगी अपने हिसाब से जियो यारों ;

लोगों के हिसाब से जियोगे तो _ ना अपने रहोगे _ ना लोगों के !

जीवन उसी का मस्त है, जो स्वयं के कार्य मेँ व्यस्त है ;_

_ परेशान वही है जो, दुसरों की ख़ुशियों से त्रस्त है !!

दुनिया वाले आपका सब कुछ छीन सकते हैं _ लेकिन आप का खुश रहना नहीं

_ क्योंकि यह समझ आपके पास है !!

*- जीवन में दर्द मिलना तो स्वाभाविक है लेकिन दुखी होना न होना आप के हाथ में है.!

अपनी उपस्थिति का एहसास कराने के लिए मत जियो, अपनी अनुपस्थिति का एहसास कराने के लिए जियो..!!

Don’t live to make your presence noticed, live to make your absence felt.

उन्हीं यादों को सहेजिए,, _ जो आँखों में चमक पैदा करे ..

_ उन्हें नहीं _ जो चेहरे पर _ शिकन पैदा करे..

आते हैं हर किसी के दिन बेहतर, _

_ जिंदगी के समुद्र में हमेशा तूफ़ान नहीं होते.

जो तराशता है उसे खूबी दिखेगी..

जो तलाशता है उसे कमी दिखेगी !!

हमने खुद को, _ खुद ही तराशा है..

वर्ना _ बीत जाती ज़िंदगी,_ जौहरी को ढूँढने मे….!!

अपने – आप को, ‘ मुकम्मल, कर लो तो,_

_ फिर सब ‘ मुकम्मल, हो जाता है “

ज़िन्दगी वह नहीं जो तुम्हें मिली है, _

_ ज़िन्दगी वो है जो तुमने बनाई है !!!

तू हँस, तू मुस्कुरा और रोना कम कर दे, –

_ ज़िंदा है तू, ज़िन्दगी की नाक में दम कर दे !

रुकने की भूल बन न सकी हार का सबब _

_ चलने की धुन ने राह को आसान कर दिया..

मेरे जीवन की कमाई बस इतनी सी है, _

_ जब कभी चुनाव की बात आई, _ मैंने सदा अपने जीवन को चुना..!!

“एक ही जीवन हम दो बार जीते हैं” दूसरी बार तब जीना शुरू करते हैं..

_ जब एक दिन अचानक यह महसूस होता है कि अरे, हमने तो यह जीवन जिया ही नहीं..!!

जो व्यक्ति फालतू की बहस करता है और करता रहता है,

_ उससे हम कहते हैं, ‘दिमाग क्यों खा रहे हो ?’
_ असल में जिसके पास अपना दिमाग नहीं होता, वही दूसरे का दिमाग खाता है.

कायनात का अपना एक संगीत है, उनके लिए जो इसको सुन सकते हैं.

“Earth” has music for those who listen.

जिंदगी में कुछ चीजों को, कुछ बातों को और कुछ लोगों को जाने दीजिए,

तभी तो अच्छी चीजों, अच्छी बातों और अच्छे लोगों के लिए जगह हो पाएगी.

जीवन के सारे दुःखों की जड़ ‘चाह’ है. ‘चाह’ नजर बाहर घुमाने से पैदा होती है,

यानी जिसकी नजर सिर्फ अपने पर बनी हुई हो वह कभी दुःखी नहीं होता.

टेढ़े – मेढें रास्तों पर चलकर अहमियत मंजिल की समझ में आती है

_ जो हासिल हो सरल रास्तों से उसकी कीमत कब आंकी जाती है .!!

“आप जानते हैं कि आप किससे प्यार करते हैं _

_ लेकिन आप यह नहीं जान सकते कि कौन आपसे प्यार करता है..

जो सोचते हैं वो हो नहीं पाता, _

_ क्योंकि जो जरुरी है _ वो कोई समझ ही नहीं पाता !!

जीवन की कश्ती को पार लगाने में, _

_ सांस उखड़ जाती है अच्छे अच्छों की !!

रात कि मुट्ठी में एक सुबह भी है, _

_ शर्त यह है पहले अंधेरा तो देख ..

यदि आप फूल उगाने की जगह… _ काँटे साफ करना चुनोगे…

तब भी आप _ संसार को उतना ही सुंदर बनाओगे….

ज़िंदगी ने तो बहुत मौके दिए, दौलत के पहाड़ खड़े करने के,

लेकिन मेरी ज़िद थी, खुद की गहराइयों में उतरने की,”

इतनी उम्र बीतने के बाद मुझे यह समझ में आ गया है कि परिवर्तन को रोका नहीं जा सकता,

_ अगर वह अच्छे के लिए हो रहा है, _ तो हमें बाहें फैला कर उसका स्वागत करना चाहिए..

साहसी मनुष्य की पहली पहचान यह है कि_ वह इस बात की चिन्ता नहीं करता_

_ कि तमाशा देखने वाले लोग उसके बारे में क्या सोच रहे हैं.

गलतियाँ, असफलताएँ, अपमान, निराशा, अस्वीकृति और प्रगति विकास का हिस्सा हैं, _

_ इनका सामना किए बिना _ किसी ने कुछ भी हासिल नहीं किया है ..

हम खुशियां मनाने के लिए त्योहारों का इंतजार क्यों करते हैं. आज जब मैं अपने आस- पास की दुनिया देखता हूँ, मेरी उम्र के लोग या बाकि भी लोग पुराने नियम- कानूनों में सिमटे रहना चाहते हैं.

ये लोग हर बदलाव को डर की नजर से देखते हैं. लेकिन होना ये चाहिए कि हमें जिन्दगी के हर पल का लुत्फ उठाना चाहिए.

यह कभी मत सोचो कि तुम दूसरों की तरह क्यों नहीं हो, _ इस तरह जियो कि तुम दूसरों को यह सोचने पर मजबूर कर दो कि

_ वे तुम्हारे जैसे क्यों नहीं हैं_ ” यही जीवन जीने का वास्तविक दृष्टिकोण है “

“” हमें अक्सर यह महसूस होता है कि हमसे ज्यादा दूसरो का जीवन !!!अच्छा है !!!

_ !!! किन्तु हम ये भूल जाते हैं कि दूसरो के लिए हम भी दूसरे ही होते हैं “”

उस आदमी को कोई नहीं हरा सकता _ जो अकेले, आत्मविश्वास के साथ,

_ बाधाओं, गरीबी, दुर्भाग्य और कठिनाइयों के खिलाफ संघर्ष करने के लिए तैयार है.

आपके सिवाए आपकी खुशियों का नियंत्रण किसी और के पास नहीं है, _

_ इसलिए आपके पास खुद की किसी भी स्थिति को परिवर्तन करने की शक्ति है ..

जिंदगी एक खूबसूरत रेलगाड़ी की तरह है,_ मीलों का सफर और यादों से भरी _

_ कुल्हड़वाली चाय की तरह, _ ” जिसका जायका जिंदगी नहीं भूलती “

मेरे मन में जीवन पर सवाल उठता है कि कहीं हम बड़ी बड़ी चीजों के लिए उन सारी छोटी चीजों को नज़रअंदाज़ तो नहीं कर रहे हैं, जिनका महत्व बड़े के बराबर ही है..

इसमें संदेह नहीं कि ज़िन्दगी मुश्किलों से भरी है ;

लेकिन इसकी मेहरबानियाँ भी कम नहीं _  ” शुक्रिया करते चलो इसका “

ज़िंदगी अपनी ख़ुद की है, इसे तो पूरी शिद्दत से जीना चाहिये.

लोगों का आना-जाना लगा रहता है,_  ख़ुद के साथ रहना आना चाहिये.

यह दुनिया बिलकुल वैसी ही है, जैसा आप देखना चाहते हैं..

_ चाहें तो कीचड़ में कमल देख लो, चाहे देख लो चाँद पर दाग.

“*- कोई मुद्दा सही गलत नहीं होता, बस ताल मेल का होता है..”

आप जो नहीं हैं उसके लिए खुद से नफरत करना बंद करें _

_ और जो कुछ भी आप पहले से हैं _ उसके लिए खुद से प्यार करना शुरू करें.

आपकी अपनी खुशी का कारण कोई नहीं है – आपके अलावा, आप स्वयं हैं _

_ बाहर की दुनिया में शांति, संतोष और आनंद की तलाश में अपना समय और प्रयास बर्बाद न करें.

कभी भी दो भिन्न व्यक्ति और दो विभिन्न परिस्थितियां एक जैसी नहीं होतीं ;

कहीं ऐसा न हो कि, कल की सोचते-सोचते और तुलना करते – करते _

_ हम अपने आज को ही खो दें और फिर कल इसी आज को याद करें ;

इसलिए जिस हाल में हैं… जैसे हैं… प्रसन्न रहें __ आप मुस्कुराइए, जिंदगी मुस्कुराएगी.

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आनंद क्या है ?

जब मन पर न सुख हावी है, न दुख हावी है, तब मन का जो निर्बोझ होना है, जो ख़ालीपन है उसे ‘ आनंद ‘ कहते हैं

” आनंद सदैव न हो तो आनंद नहीं है ” _ दुख आता है, जाता है। सुख भी आता है, जाता है।

” जो न आता कभी और जो न कभी जाता है, उसका नाम ही आनंद है ” जो हमारा स्वभाव है, स्वरूप है.

और जो व्यक्ति भी इस भीतर के स्वरूप में थिर हो जाता है, आनंद को उपलब्ध हो जाता है, स्वयं में स्थित हो जाता है.

” आनंद क्या है ” ? स्वयं से मुक्त होने पर मन का उत्सव.

_ “जो आनंद में है, वह किसी का नहीं, सबका है.”

“आनंद कहीं बाहर नहीं है ; _ यह हमारे ध्यान को ठीक करने में, स्वभाव की स्थिरता में, और हमारे मन की वापसी में है ; _ जो लोग इस रहस्य को जानते हैं _ उन्हें खुशी की तलाश बाहर नहीं करनी चाहिए !!

“बूंद के पीछे सागर फैला है, सागर बूंद को सहारा देता है ; _ बूंद को सागर का बोध करा देना, यही सब यथार्थ है !!

– लालाजी

“Happiness is not anywhere outside. It is in our fixing the attention, in the steadiness of disposition, and in the withdrawal of our mind. Those who know this secret need not search for happiness outside.” “Behind the drop the sea extends, The sea supports the drop. To make the drop realise the ocean, is all the Reality.” – Lalaji [ Heartfulness ]

मज़ेदार बात समझो !

एक बार तुमने इस बात पर ध्यान देना बंद कर दिया कि _ ” सुख मिल रहा है कि दुःख, “

उसके बाद न सुख मिलता है न दुःख.

उसके बाद वो मिलता है , _ जिसे तुम सच्ची खुशी कहते हो,

समझने वाले जिसे आनंद कहते हैं.

यदि हम सोचते हैं कि _आनंद केवल मानवीय रिश्तों से ही निकलता है तो _हम गलत हैं ;

_रब ने इसे हमारे चारों ओर रखा है… और हमें बस उस तक पहुंचना है.

“यदि आप अपने आनंद का पालन करते हैं, तो आप अपने आप को एक तरह के ट्रैक पर रख देते हैं, जो हर समय वहाँ रहा है, आपकी प्रतीक्षा कर रहा है, और जिस जीवन को आप जी रहे हैं, वह आप जी रहे हैं.

जब आप यह देख सकते हैं, तो आप ऐसे लोगों से मिलना शुरू करते हैं जो आपके आनंद के क्षेत्र में हैं, और वे आपके लिए द्वार खोलते हैं.

अपने आनंद का पालन करें और डरो मत, और दरवाजे खुल जाएंगे जहां आप नहीं जानते थे कि वे होने जा रहे हैं. यदि आप अपने आनंद का अनुसरण करते हैं, तो आपके लिए ऐसे द्वार खुल जाएंगे जो किसी और के लिए नहीं खुले होंगे.

“बस खुश रहना अच्छा है, यह जानना थोड़ा बेहतर है कि आप खुश हैं; लेकिन यह समझने के लिए कि आप खुश हैं और यह जानने के लिए कि क्यों और कैसे और फिर भी खुश रहें,

_ अस्तित्व और ज्ञान में खुश रहें, यह खुशी से परे है, यही आनंद है.

ज़ब व्यक्ति स्वयं क़ो अस्तित्व क़ो सौंप देता है तो..सम्पूर्ण अस्तित्व उस पर परम् आशीष बनकर बरस जाता है.. _ तब ना अपेक्षा ना उपेक्षा ना आकर्षण ना विकर्षण सिर्फ पूर्ण समर्पण.. __ मूल्यवान छोड़कर अमूल्य का आनंद ही परम् आनंद है.🌹💐🌹

जिसे कोई भी सुख दुःख नहीं दे सकता, वही व्यक्ति आनंद में स्थापित हो जात्ता है.

*आनंद* तब आता है जब आप अपने जीवन के साथ _इतने तालमेल से फिट हो जाते हैं, कि *आप जो भी करते हैं वही आपका आनंद होता है*

अगर आप उस काम से प्यार करते हैं जो आप कर रहे हैं, अगर आप अपने जीने के तरीके से प्यार करते हैं, तो आप स्वाभाविक रूप से ध्यान की अवस्था में हैं ;

प्रकृति ने आपके जीवन को एक उत्सव के रूप में डिजाइन किया है !! लेकिन _ जब आप दुखी होते हैं, तो आप *दुख को चारों ओर फेंक कर ब्रह्मांड को प्रदूषित करते हैं..!!

आनंद का अर्थ है, – निष्प्रयोजन मुस्कान

कोई वजह नहीं है तब भी मुस्कुरा रहे हैं, _ कोई कारण नहीं रहता लेकिन फिर भी मूड अच्छा अच्छा सा रहता है.

किसी ने हमें कुछ दे नहीं दिया, फिर भी मन में बड़ा अनुग्रह है, _ ग्रेटीटयूड की भावना है,

पता नहीं किसको मन करता रहता है धन्यवाद देने का – कि तूने इतना कुछ दे दिया..

आनंद से संतुष्टि मिलती है और संतुष्टि से आनंद मिलता है,, परन्तु फ़र्क बहुत बड़ा है ; _

_ ” आनंद ” अल्प समय के लिए और ” संतुष्टि ” जीवन भर के लिए आनंद देती है.

*एक दिन बिना**आनंद के बीते,* *तो आपने जीवन का एक दिन गवाँ दिया ;

_ और एक दिन आनंद में बीता तो एक दिन आपने कमा लिया है, यह ध्यान में रखें..*

“अपने अंदर एक ऐसी जगह ढूंढो जहाँ आनंद हो, और आनंद दर्द को जला देगा”

“Find a place inside where there’s joy, and the joy will burn out the pain.”

मनुष्य होने का आनंद सृजनात्मकता में मिलता है, उपभोग में नहीं.!!

The joy of being human is found in creativity, not consumption.

मनुष्य को ज्ञात दर्द के साथ जीना ठीक है लेकिन अज्ञात आनंद से दूर भागना है.

Humans are okay to live with known pain but run away from unknown joy.

जीवन इतना कीमती है कि इसे बिना हर पल का आनंद लिए,

_ फिसल जाने नहीं दिया जा सकता..

इंसान जब अपने आंतरिक गरिमा से दूर होता है, तब सस्ती ख़ुशी उस के लिए बहुत बड़ी चीज हो जाती है ;

” – आनंद और ख़ुशी में भेद कर पाने का विवेक पैदा करो — “

प्रकृति में हर ओर आनन्द ही आनन्द फैला पड़ा है,

लेकिन हमारा ध्यान केवल अपने अभावों और दूसरों की समृद्धि पर लगा रहता है.

जिस जीवन में आप बहे जा रहे हैं, अगर वहाँ आनंद उपलब्ध नहीं होता है,

_ तो जानना चाहिए _ आप गलत बहे जा रहे हैं.

” सुख दुःख साझ़ा किया जा सकता है _ आनंद साझ़ा कभी नहीं होता,

_ आनंद तो पूर्णतः व्यक्तिगत अनुभूति है, “

जो सुख की तरफ जाता है _ वह दुख पाता है,

_ जो आनंद की तरफ जाता है _ वह सुख पाता है..

यदि आप कोई काम कर रहे हैं और आपको उस काम में, _

_ आनंद नहीं आ रहा तो आप उस काम के लायक नहीं हैं ..

ज़िन्दगी के बेहतरीन पलों का आनंद लें जिन्हें आपने अपने लिए चुना है, _

_ हममें से बहुतों में ऐसा करने की हिम्मत या इच्छाशक्ति नहीं है..

जब आप की ऊर्जा आप के ही भीतर घूमती है और आप में ही लीन हो जाती है _

तब _ आप की शक्ति भी नहीं खोती और आनंद भी उपलब्ध होता है..

“जब तक कोई वर्तमान में पूरी तरह से जीने में सक्षम नहीं होता है, तब तक भविष्य एक धोखा है ; _ ऐसे भविष्य के लिए योजना बनाने का कोई मतलब नहीं है _ जिसका आप कभी आनंद नहीं उठा पाएंगे !!”

_ जब आपकी योजनाएँ परिपक्व होंगी, तब भी आप किसी और भविष्य के लिए जी रहे होंगे !!!

सफलता वो है _ जो दुनिया देखती है ;

सुफ़लता वो है _ जिसमें आप आनंदित होते है _ भले दुनिया को दिखे या न दिखे ;

लेकिन प्रफुल्लता वो है _ जिसमें आप का आनंद अंदर और बाहर दोनो तरफ़ बहता है.

दुख को देख न पाना आनंद नही हैं, _ बल्कि आनंद है_ जो दुःख को दुःख और ख़ुशी की तरह देख सके और उसके निदान का प्रयास करे.

” धन ” अकेला आनंद नहीं खरीद सकता, हालांकि यह मदद कर सकता है ; आनंद एक कला है.. _ और एक ऐसा कौशल _ जिसके लिए हमारे पास बहुत कम प्रतिभा या ऊर्जा है”

जब कोई कहता है कि उसका जीवन अच्छा है, तो इसका मतलब है कि वह उन बुनियादी चीजों तक पहुंच बना सकता है जो उसे आराम और आनंद देती हैं.

_ एक अच्छे जीवन को आत्म-संतोषजनक और आत्म-संतुष्ट करने वाला के रूप में वर्णित किया जा सकता है.!!

सबसे अधिक दिखाई देने वाला आनंद _ केवल तभी हमारे सामने प्रकट हो सकता है _ जब हम इसे अपने भीतर रूपांतरित कर लेते हैं.

“अपने आनंद का पालन करें और ब्रह्मांड आपके लिए दरवाजे खोल देगा जहां केवल दीवारें थीं”

खुशी बाहरी परिस्थितियों पर निर्भर है- लेकिन आनंद आत्मा का एक गुण है और हमारे भीतर है- इसकी अभिव्यक्ति है या नहीं, यह हम निर्धारित करते हैं.

मैं आपके सबसे आंतरिक अस्तित्व के आनंद के संपर्क में रहने की सलाह देता हूं ; _खुशी बहुत बड़ी है और मैं इसका आनंद ऐसे लेता हूं जैसे मैं ग्रेवी का आनंद लेता हूं, लेकिन मैं इस पर निर्भर नहीं हूं.

“आनंद अपने ही भीतर पाया जाता है.”

हम सभी इस दुनिया में इधर-उधर खुशियां ढूंढ रहे हैं, लेकिन हमें यह महसूस करना चाहिए कि खुद से और खुद के लिए खुश रहना ही खुशी की कुंजी है ; _ आप ही एकमात्र व्यक्ति हैं जो खुद को खुश कर सकते हैं, हमेशा याद रखें कि आपके लिए कोई नहीं है, हर कोई अपनी समस्याओं से निपटने के लिए संघर्ष कर रहा है, इस व्यस्त दुनिया में कोई भी स्वतंत्र नहीं है.

अगर आपको लगता है कि कोई आएगा और आपको खुश करेगा, तो इसका मतलब है कि आप खुद से झूठ बोल रहे हैं, _ क्योंकि यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप अपने लिए काम करें, किसी और की नहीं ; _ इसलिए हमेशा अपने भीतर खुशी की तलाश करें.

आनंद में रहने का मेरा निर्णय _ दुखी होकर अपने जीवन का एक मिनट भी बर्बाद नहीं करना है ;

_ आनंद लेने और सराहना करने के लिए हमेशा कुछ न कुछ होता है ;

_ मैं उन चीजों पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं, जो सही और अच्छी हैं _ न कि _ उन चीजों पर _ जो मुझे परेशान करने वाली या अप्रिय लगती हैं..!!

_ *एक गाजर के दो टुकड़े करें ; _ एक को चीनी की चासनी में और दूसरे को नमक लगा कर रख दें..!!

_ *कुछ दिन बाद एक टुकड़ा मुरब्बा और दूसरा टुकड़ा अचार बन जाएगा. _गाजर वही है लेकिन नतीजा अलग-अलग..

_ इसलिए जो कुछ बनना चाहते हैं, वैसे माहौल के लोगों में बैठें..!!

हम हमेशा बेहतर कल के लिए काम करते हैं ; _ लेकिन जब कल आता है तो _ आनंद लेने की बजाय _ हम फिर से बेहतर कल के बारे में सोचने लगते हैं ! आइए आज का दिन बेहतर बनाएं !!

We always work for a better tomorrow. But when tomorrow comes, instead of enjoying, we again think of a better tomorrow! Let’s have a better today.

आपका उद्देश्य उन छोटी-छोटी चीजों में पाया जाता है जो आप सहजता से करते हैं _और जो आपकी आत्मा को अधिक आनंद देती हैं.

सत्य के साथ जीते हो तो फिर धन कम हो या ज्यादा _ आप उसमें आनंदित रहना सीख जाते हो..

अगर आप खुद ही आनंद के स्त्रोत बन जाते हैं, तो आपके जो भी रिश्ते होंगे, वो शानदार होंगे..!!

यदि आप नेक दिल हैं तो _ आपके आस- पास के लोग अवश्य ही आनंद का अनुभव करेंगे.

जो व्यक्ति अपने साथ बहुत आनंद अनुभव करता है, _ दूसरे उसके साथ बड़ा आनंद पाएँगे.

“एक व्यक्ति जो अभी का आनंद लेता है _उसे खुशी के लिए यादों से चिपके रहने की जरूरत नहीं है”

आनंद बहुत बहुत बहुत महंगा था और आश्चर्य !! इसे वही खरीद पाए,

__ जिनके पास कुछ भी नहीं था..!!

आनंद पहली अच्छाई है. यह हर पसंद और हर नापसंद की शुरुआत है ;

_ यह शरीर में दर्द और आत्मा में परेशानियों का अभाव है.!!

खुद से बोलिये : मैं खुश हूँ, मैं स्वस्थ हूँ ;

_मेरा जीवन खुशियों से भरा हुआ है और मैं उसे आनंद के साथ जी रहा हूँ..!!

आनंद से हमारा तात्पर्य उस अवस्था से है ;

_जिसमें शरीर दर्द से और मन चिंता से मुक्त होता है.!!

वास्तविक आनंद मन की वह अवस्था है,_ _जिसमें आनंद का ख़याल भी नहीं रहता.

जो स्वयं में आनंदित होगा _ उसे किसी की भी पीड़ा बहुत जल्द दिखाई पड़ती है.

हर एक इंसान का नजरिया अलग होता है, _ पर तलाश तो आनंद ही होता है..

कुदरत ने तो…आनंद ही आनंद दिया था,  __ दुःख तो…हमारी खोज है.

आनंद कदम – कदम पर है,_ बात बस इतनी कि हम कैसे जीते हैं.

जो इंसान आनंद में है _ वह अस्तित्व के उद्देश्य को पूरा कर रहा है.

आनन्द में ज्ञानियों ने या तो ऊंची उड़ान भरी थी या फिर मौन में चले गए थे.!!

वास्तविक आनंद मन की वह अवस्था है, जिसमें सुख का भी खयाल नहीं रहता..

मुझे लगता है कि आनंद, पवित्रता के निकट आने पर उत्पन्न होने वाली तरंग है..!!

“जीवन से आनंद उठाओ…जितना हो सके ; _ आनंद से कभी कोई नहीं मरा..”

खुशी देखकर दूसरों की, आनंदित होना भी, स्वस्थ मन की पहचान है !!

“आनंद एक नृत्य है _जिसमें कलाकार और दर्शक एक होते हैं”

सभी संवेदनाएँ सत्य हैं; आनंद हमारा स्वाभाविक लक्ष्य है.

जो आदमी आनंद में है _ वह सुख नहीं चाहता है.

आनंद है स्वभाव तुम्हारा, है उत्सव तुम्हारी जात ;

अनहद में है विश्राम तुम्हारा, बस इतना रखना याद ;

यह जीवन है एक सराय, नहीं करना रुकने की बात ;

मृत्यु जीवन से अलग नहीं, ये है जीवन का भाग ;

बंधो न तुम, न बांधो किसी को, बस इतना सा तुम कर लो ;

हर पीड़ा को हर लूंगा मैं, तुम मुझको अपना कर लो.

समय समय पर मन मेरा मुझे यात्रा, कहीं घूम आऊं – की तैयारियों और आने वाले अद्भुत आनंद की प्रतीक्षा में उलझाए हुए रहता है _ और मैं निकल भी जाता हूँ _

_ लेकिन पूरी यात्रा के दौरान एक बात हमेशा खटकती रहती है कि जिस आनंद के लिए इतनी तकलीफें उठाई, वही आनंद घर पर भी अधिक सुगमता से पाया जा सकता था.

पहाड़ पर मन घर की सोचता है और घर पर पहाड़ की, __ आनंद न दृश्य में है और न ही दर्शक में वरन दृष्टा भाव में ही शाश्वत आनंद है.

यही है ज़िन्दगी ??

यही तो है जिंदगी तो इसका आनंद.. कब कहां कैसे क्या होता है ! हम क्या सोचते हैं, और क्या हो जाता है.

जिंदगी में अक्सर हम कुछ लोगों को इतना करीबी मान लेते हैं _ जैसे उनके बिना जिंदगी संभव नहीं ; _ लेकिन वक्त और जीवन का फलसफा कुछ और ही है मेरे यार !

कब कहां किस मोड़ पर जिंदगी बदल जाए, हाथों से हाथ छूट जाए, लोगों का पलायन हो जाए,

जो सोच न सके कि कभी ऐसा हो जाता है.. यही है ज़िन्दगी और उसकी रीत,

और जीवन के रंगमंच में कठपुतली सा दिल और उसकी संजीदगी !

हमारे लिए समय बहुत कम है और यदि हम जीवन में इस समय का आनंद नहीं लेते हैं तो शायद हमारा जीवन अधूरा होगा,

_इसलिए मैं सोचता हूं कि इसमें थोड़ा समय बिताया जाए ;

_मेरा मानना ​​है कि_ हजारों व्यस्त जीवन में हर किसी को बाहर जाना चाहिए और जीवन का आनंद लेना चाहिए..!!

जीवन की अंधी दौड़ में भागने और नए नए चेहरों से मिलने से जो फुर्सत कभी मिल जाए तो कभी ख़ुद भी ख़ुद से मुलाकात करने के लिए बैठिए..

_ एक शाम, खुली हवाओं में ख़ुद के साथ..
_जहाँ ना काम की चिंता हो ना दुनियादारी की बातें, ना लुक्स का मैटर हो ना रिश्तेदारों की खुराफातें,
_ बस हो एक अनकहा अहसास…!
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