सुविचार 4474
‘कर्म” के पास न कागज़ है, न किताब है;
लेकिन फिर भी, सारे जगत का हिसाब है.
लेकिन फिर भी, सारे जगत का हिसाब है.
उनकी भी एक याद बनी रहती है जीवन में..
_ जिस समय हम गलतियों का स्वीकार कर लेते हैं, उस समय परिवर्तन प्रारम्भ हो जाता है.
बिना बताए किसी को सो जाता हूँ….!!
_ आपका घर तो सिर्फ़ रास्ते में आया था”
_ ऐसे लोगों से दूर रहने में ही आपकी भलाई है.!!
तो आप कभी वास्तविकता को नहीं जान पाएंगे.
वरना ! उदासी उन्हें भर देती हैं..
” बुरे दिन आपको अच्छे दिनों के लिए काम करने के लिए प्रेरित करते हैं “