सुविचार 4556
मुस्कान और मदद, दो ऐसे इत्र हैं, जिन्हें आप जितना अधिक, दुसरो पर छिड़केंगे,
उतने ही आप स्वयं सुगन्धित होगें.
उतने ही आप स्वयं सुगन्धित होगें.
ये वो ही लोग है जो ज़िन्दगी समझते हैं..
_ अपने कार्य को निर्धारित समय से करना और उसे अच्छी तरह जानना ही कार्य कुशलता है.!!
हम हर मोड़ पर लफ्ज़ो की निशानी छोड़ जाएंगे….
बजाए उस समस्या में ही अपने आप को सदैव उलझाए न रखें…!!!
कुछ तो बर्दाश्त किया होगा मैने..
जो हमारे बिना खुश हैं….उन्हें आजाद करते हैं,…!! ..