सुविचार 4361
” मैं असंभव को भी संभव बना सकता हूं, और आप भी,
_ और उसका एक ही परम मंत्र है, प्रयास प्राप्ति तक, और विधि है, परिपूर्ण प्रकिया,”
_ और उसका एक ही परम मंत्र है, प्रयास प्राप्ति तक, और विधि है, परिपूर्ण प्रकिया,”
खुशी का रहस्य है अपने आशीर्वादों को गिनना जबकि दूसरे अपनी परेशानी बढ़ा रहे हैं.
जिसका खुद के सिवा कोई गवाह ना हो !!
_ जैसे वो जी कर किसी पर एहसान कर रहे हों, “
लोग समझने लगे मुझे तकलीफ नहीं होती..