सुविचार 4487
*कुछ “परेशानी” अपने साथ बहुत कुछ “अच्छा” भी लाती है !*
*और “बहुत” कुछ “सिखा” कर भी “जाती” है !*
*और “बहुत” कुछ “सिखा” कर भी “जाती” है !*
दूसरों में तो सिर्फ उलझनें मिलेंगीं..
उच्च सकारात्मक विचारों को चुनकर, आप अपनी वास्तविकता में जो देखते हैं और अनुभव करते हैं उसे बदल सकते हैं.
मैंने तुम्हारे बगैर जीना सीख लिया है…!!
जबकि हम अपनी बड़ी खुशियों को अक्सर नज़रअंदाज़ कर देते हैं..
_ तम से लड़ने के लिए खुद आज जलना है हमें.!!
तैयार हुआ तो मौसम बदल चुका था..
पर जब लेना शुरू करती है, तो प्याज़ के छिलके की तरह उतार लेती है..