सुविचार – शांत – शान्त – शांति – शान्ति – अमन – चैन – सुकून – 092

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ज़िंदगी को नए सिरे से ठीक करने के लिए कोई मौका दे तो ..क्या मांगा जाए ?
_ वैसे आप क्या मांगते एक सुकूनदेह ज़िंदगी के लिए ? ?

” शान्ति ” _ वह सब कुछ, जो अच्छा है, उसकी जननी है.

” शांति का आगमन ज्ञान से ही होता है, _ और शांति आनंद को आश्रय देती है,”

जिसके पास मन की शांति है _वह न तो खुद को परेशान करता है _और न ही दूसरे को.!!

कुछ लोग यह नहीं समझते कि अपने घर में अकेले शांति से बैठना, नाश्ता करना और अपने काम से काम रखना अमूल्य [ Priceless ] है.
दूसरों की प्रशंसा करें, इस से उन्हें मानसिक शांति मिलेगी,

_ दूसरों से यह उम्मीद न करें कि, वे आप कि प्रशंसा करेंगे,

_ इस से आप को मानसिक शांति मिलेगी !!

शाश्वत शांति की प्राप्ति के लिए शांति की इच्छा नहीं,

_ बल्कि आवश्यक है इच्छाओं की शांति !!

दूसरों के व्यवहार को अपने मन की शांति को नष्ट करने का अधिकार न दें.

दूसरों से ईर्ष्या करने वाले मनुष्य को _ कभी मन की शांति नहीं मिलती.

मन की शांति दुनिया की किसी भी दौलत से बढ़कर होती है.

मन को तो तभी चैन मिलता है, _ जब ह्रदय शान्त हो.

” सुकून की फिजा में ही, _ मौज़-ए- बहार आती है,”
लोगों की राय से ज्यादा अपनी शांति को महत्व दें.

साधन खरीद सकते हैं, _ सुकून नहीं..

हम शान्ति के बिना रचनात्मक नहीं हो सकते.
केवल न्यायप्रिय व्यक्ति ही मन की शांति का आनंद लेता है.
जब मन एकदम शांत हो जाता है, तब आप की बुद्धि मानवीय सीमाओं को पार कर जाती है..
अत्यधिक उम्मीदों को विराम दो, मन की शांति फिर से वापिस लौट आएगी..!!
जो अपने को शान्त रखना नहीं जानता, _कभी अच्छा नहीं बोल सकता.
“खुशियाँ तो मिलती रहीं, पर दिल सुकून के लिए तरसता रहा.”
ढूंढ लिया है खुद में ही सुकून…! ये ख्वाहिशें तो खत्म होने से रही।।
जो अच्छा था उसने सुकून दिया.. _ जो ख़िलाफ़ था..

_ उसने मज़बूत बनने में मदद की..!!

यह एहसास कि वर्तमान क्षण ही सब कुछ मायने रखता है, _ तो हमें आंतरिक शांति मिलेगी _और हम प्रत्येक दिन की सुंदरता और खुशी की सराहना करेंगे..!!
1 दिन मृत्यु तो सभी की होनी है इसका यह मतलब नहीं कि जीना छोड़ दे

सुख शांति से परिवार के साथ वक्त बिताएं.

अशांति से हमें मुक्त होना है, क्योंकि अशांति के कारण मन में कंप पैदा होता रहता है, यह कंप बड़ा तकलीफ देता है ;_ क्योंकि कंप में हम प्रसन्न नहीं हो सकते, _

_ अशांति के इस दुष्प्रभाव से, कंप से हमको बचना होता है, ” हमें शांति की दिशा में यात्रा करनी चाहिए “

इस दुनिया में शांति से रहने के दो ही उपाय हैं – एक उपाय तो ये है कि अपनी आवश्यकताओं को कम कर दिया जाए ;

_ और दूसरा उपाय है कि परिस्थितियों से तालमेल बैठाने का प्रयास किया जाए. ऐसा करने से जिंदगी आसान हो जाती है.

लोग आप क़े साथ ईमानदार नहीं हैं, लोग पाखंड से प्यार करते हैं ; _ जब आप

खुद क़े प्रति ईमानदार होते हैं तो आप को आंतरिक शांति का मार्ग मिल जाता है.

” सुकून खोता हो, और सल्तनत मिलती हो तो ठोकर मार देना सल्तनत को, _

_ और सुकून को संभाल लेना, _ यही सच्ची दौलत है,”

बहुत से लोग सोचते हैं कि उत्साह ही खुशी है; _लेकिन जब आप उत्साहित होते हैं तो आप शांत नहीं होते.

_ सच्चा सुख शांति पर आधारित है.

Many people think excitement is happiness. But when you are excited you are not peaceful. True happiness is based on peace.

जब मन शान्त होगा तब आप हर समस्या का आसानी से हल ढूंढ पाओगे ; तब आप किसी भी परिस्थिति में अपने मार्ग से विचलित नही होओगे..!!
यदि आपके पास उन चीजों के बारे में चिंता करने का समय है, जिन्हें आप वैसे भी नियंत्रित नहीं कर सकते हैं, तो आप विचलित हैं.

” मन की शांति सही चीजों पर केंद्रित होने से आती है.”

जो हमसे नफ़रत करता हो, हमें हिकारत की नजर से देखता हो

_उसके लिए सबसे बेह्तरीन अमल है _उसे इग्नोर कर देना, उसे माफ़ कर देना.

ऐसा करने से हम शांति और सुकून में रहते हैं और वो बेचैन.

बैर रखने वालों के सामने से मुस्करा कर निकल जाना _सबसे मज़ेदार होता है.

करके देखिए अपने दिल को सादा और सरल बना लीजिए, _सुकून में रहेंगे.

जो लोग बार बार आपकी शांति भंग करें, उनकी जिंदगी से बेहद शांति से निकल कर, उन्हें भी शांति की तलाश के लिए छोड़ दें..!!
शांत रहना सिख जाओ…

_ क्योंकि अधिक बोलने वालों को दुनिया उतनी गम्भीरता से नहीं लेती…!!!

जितना शांत आप ख़ुद को रखते हैं,

_ उतना ही अच्छे से आप दूसरी चीज़ों के बारे में सोच सकते हैं.!!

यदि किसी भी चीज से आपकी शांति नष्ट होती है, तो यह बहुत महँगा है.
शांत रहें, क्यूंकि कुछ भी हमेशा के लिए नहीं रहता ; वक्त बदलता जरूर है.
अपनी आंतरिक स्थिरता, शांति और आनंद की दशा को फैलने दीजिए.
जीवन इतना अभिशप्त नहीं होना चाहिए कि उसे शांति से जी ही न सकें..!
दूसरों के काम में रुचि न लेने से अधिक शांतिपूर्ण कुछ भी नहीं है.
ढूढों तो सुकून खुद में ही है, दूसरों में तो बस उलझनें ही मिलेगी !!
महापुरुषों ने महल को त्याग दिया शांति की तलाश में…..

_ और हम शांति को त्याग रहे हैं महलों की तलाश में….

सुकून के पल धन दौलत से नहीं ख़रीदे जा सकते, _

_ अगर ख़रीदे जाते तो आज कोई बेचैन नहीं रहता ..

शांति से किया गया विचार हमें भीतर से मजबूत बनाता है ;

_वहीँ शोर से उठी हुई बातें हमें कमज़ोर बनाती हैं..!!

आप लोगों को जितना कम जवाब देंगे ;

_ आप का जीवन उतना ज्यादा शांतिपूर्ण रहेगा..!!

आपकी ज़िन्दगी में जो कुछ चल रहा है, उसके बारे में हर किसी को बताना छोड़ दीजिए,

_ “आप ज्यादा सुकून से रहोगे “

जिंदगी से जितना लोगो को कम कर दोगे, उतना ही ज्यादा सुकून महसूस करोगे.

_ खुद से ज्यादा कोई महत्वपूर्ण नहीं..!!
हम शांति नहीं सुख से रहते हैं, सुख और शांति में बड़ा अंतर है,

_ परंतु ज्यादातर समय सुख ही शांति लगती है पर होती नहीं है…
_ बात यह है कि सुख व्यक्ति से लेकर सामाजिकता तक जाता है पर शांति वैयक्तिक है…
_ अब क्योंकि समाज सुखमय दिखता है _जिससे वातावरण शांत दिखता है, पर वह शांत शांति नहीं है…
हम उन लोगों की प्रशंसा करते हैं जो फिल्मों में हीरो लड़ता है, बचाता है और बचाव करता है.

लेकिन एक तरह से यह अजीब है. हम उन लोगों की प्रशंसा क्यों नहीं करते_ जो क्रोध, द्वेष और दूसरों को हानि नहीं कर रहे हैं ?

_ जो शांति स्थापित करने की कोशिश करते हैं ?

जो कोई भी मन की शांति और स्वास्थ्य को महत्व देता है, _वह हर संभव सर्वोत्तम जीवन जीएगा.!!

_मन की अच्छी व्यवस्था का नाम ही शांति है.!!
_हम जो कहते और करते हैं, उनमें से अधिकांश आवश्यक नहीं है ;
_ यदि आप इसे समाप्त कर सकते हैं, तो आपके पास अधिक समय और अधिक शांति होगी.
_ हर क्षण अपने आप से पूछो, ‘क्या यह आवश्यक है ?’
सिर्फ दुनिया में अमन, चैन और सुकून की दुआ कीजिए,

_ किसी का समर्थन किसी का विरोध करने से कुछ हासिल न होगा,
_ क्योंकि इंसानियत से बढ़ कर कुछ नहीं है..
_ और जब इंसानियत ही नहीं हमारे अंदर ..तो हम कुछ भी नहीं हैँ.
_ इस जिंदगी की कब शाम आ जाए और कब अंधेरों में गुम हो जाए किसी को नहीं पता…
_ इसलिए मुश्किल वक्त में सभी के लिए दुआएं कीजिए,
_ जो गलत राह पर हैं ..उन्हें सही राह पर चलने की दुआ कीजिए…
_ हर इंसान को अपने कर्मों का फल इसी दुनिया में ही मिलना है…
_ बेशक रब सब जानता है…
अगर जीवन में खुश रहना है तो.. “जो मिला है उसको समझो ज्यादा”

_ वरना दौड़ कभी खत्म नहीं होगी..
_ और अगर दौड़ खत्म नहीं होगी तो कभी सुकून प्राप्त नहीं होगा.!!
मैं जिस किसी से भी मिलता हूं,

_ वह किसी न किसी बात को लेकर दुखी और निराश दिखता है;
_ ऐसा महसूस होता है जैसे किसी के पास जो कुछ भी है.. उससे वह खुश नहीं है.
_इससे मुझे आश्चर्य होता है कि हमें पहले ये अधूरी भावनाएँ क्यों दी गईं ?
_ और यदि दिया गया है, तो किसी को वह क्यों नहीं मिल रहा जो वह चाहता है..
_इंसानों को हमेशा कुछ शांतिपूर्ण खोजने के लिए खो जाना पड़ता है,
_ लेकिन जीवन के अंत में उन्हें हमेशा एहसास होता है कि _शांति हमेशा उनके बगल में किसी चीज़ या किसी ऐसे व्यक्ति के रूप में मौजूद थी _जिसकी उन्होंने सराहना नहीं की थी.
_ मैं हर किसी पर प्रतिक्रिया करने और जवाब देने में इतना समय बर्बाद कर देता था कि मेरे जीवन की कोई दिशा ही नहीं रह जाती थी.
_ अन्य लोगों का जीवन, समस्याएँ और इच्छाएँ मेरे जीवन की दिशा निर्धारित करती हैं.
_ एक बार जब मुझे एहसास हुआ कि मैं जो चाहता हूं उसके बारे में सोचना और पहचानना मेरे लिए ठीक है,
_तो मेरे जीवन में उल्लेखनीय चीजें घटित होने लगीं.
शांति के बारे में सबसे बड़ी बात यह है कि जब आपके पास यह होती है, तो आपकी आत्मा स्थिर और अडिग होती है, ; जब आपके पास शांति होती है, तो कोई भी चीज आपके दिल को हिला नहीं सकती, ; आप ऐसे लोगों के साथ व्यवहार कर सकते हैं जो आपको पसंद नहीं करते हैं और फिर भी उनकी आत्मा से प्रभावित नहीं होते हैं.

The great thing about peace is that, when you have it, your soul is anchored and unwavering. When you have peace, nothing can rock your core. You can deal with people who don’t like you and still not be influenced by their spirit.

“कोई भी आपकी अनुमति के बिना आपकी भावनाओं को ट्रिगर नहीं कर सकता है। शांत रहना सीखें और कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपके बाहर क्या हो रहा है.”

“Nobody can trigger your emotions without your permission. Learn to be calm and centered no matter what’s happening outside of you.”

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